सिरमौर में बैंक घोटाले को लेकर सड़क पर उतरी जनता:प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी; जांच में तेजी लाने व पैसा वापस करने की मांग

सिरमौर में बैंक घोटाले को लेकर सड़क पर उतरी जनता:प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी; जांच में तेजी लाने व पैसा वापस करने की मांग

हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के नौहराधार को-ऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक द्वारा किए गए करोड़ों के गबन मामले ने तूल पकड़ लिया है। मामले की जांच में देरी के खिलाफ स्थानीय व्यापार मंडल के आवाहन पर लोग सड़कों पर उतर गए है। क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोगो ने शुक्रवार को ​​​​​​नौहराधार बाजार में घोटाले के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली। इसमें विभिन्न पंचायतों से बैंक खाता धारक शामिल हुए। इस दौरान लोगों ने बैंक प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। गुस्साई भीड़ ने “बैंक प्रबंधन होश में आओ” जैसे नारे लगा लगाए। लोगो को घबराने की आवश्यकता नहीं वहीं जिला सिरमौर बैंक प्रबंधक प्रिया दर्शन पांडे ने जनता से माफी मांगते हुए कहा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि जिन लोगों का पैसा हड़प लिया गया है, उन्हें बैंक की ओर से पैसे वापस किए जाएंगे। अब तक 7 कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है। 10 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बैंक का पूरा स्टाफ भी बदल दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। घोटाले की जांच में तेजी लाएं प्रबंधन प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन के माध्यम से मांग की कि उनका सारा पैसा वापस दिलाया जाए और घोटाले की जांच में तेजी की जाए। उन्होंने कहा कि मामले की जांच में देरी हो रही है, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ रहा है। व्यापार मंडल ने संगडाह से नौहराधार को-ऑपरेटिव बैंक पहुंचे एसडीएम सुनील कायथ के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है, जिसमें घोटाले की उच्चस्तरीय एजेंसी से जांच कराने का आग्रह किया गया है। एसडीएम ने घोटाला को बताया निंदनीय वहीं पुलिस ने कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए संगडाह पुलिस थाना से अतिरिक्त पुलिस बल भी मौके पर तैनात किया गया था। ताकि कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके। एसडीएम सुनील कायथ ने कहा कि बैंक में इतना बड़ा घोटाला होना चिंताजनक है और सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि लोगो ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है इसको मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा। जानिए क्या है पूरा मामला बता दें कि को-ऑपरेटिव बैंक का यह बहुचर्चित घोटाला 4.02 करोड़ रुपए का है, जो 3 अगस्त को सामने आया था। पहले हफ्ते में बैंक प्रबंधन ने जांच की और 10 अगस्त को संगडाह पुलिस थाना में मामला दर्ज कराया। हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के नौहराधार को-ऑपरेटिव बैंक के सहायक प्रबंधक द्वारा किए गए करोड़ों के गबन मामले ने तूल पकड़ लिया है। मामले की जांच में देरी के खिलाफ स्थानीय व्यापार मंडल के आवाहन पर लोग सड़कों पर उतर गए है। क्षेत्र के बड़ी संख्या में लोगो ने शुक्रवार को ​​​​​​नौहराधार बाजार में घोटाले के खिलाफ आक्रोश रैली निकाली। इसमें विभिन्न पंचायतों से बैंक खाता धारक शामिल हुए। इस दौरान लोगों ने बैंक प्रबंधन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। गुस्साई भीड़ ने “बैंक प्रबंधन होश में आओ” जैसे नारे लगा लगाए। लोगो को घबराने की आवश्यकता नहीं वहीं जिला सिरमौर बैंक प्रबंधक प्रिया दर्शन पांडे ने जनता से माफी मांगते हुए कहा कि कानूनी प्रक्रिया के तहत आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि जिन लोगों का पैसा हड़प लिया गया है, उन्हें बैंक की ओर से पैसे वापस किए जाएंगे। अब तक 7 कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है। 10 कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बैंक का पूरा स्टाफ भी बदल दिया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। घोटाले की जांच में तेजी लाएं प्रबंधन प्रदर्शनकारियों का प्रदर्शन के माध्यम से मांग की कि उनका सारा पैसा वापस दिलाया जाए और घोटाले की जांच में तेजी की जाए। उन्होंने कहा कि मामले की जांच में देरी हो रही है, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ रहा है। व्यापार मंडल ने संगडाह से नौहराधार को-ऑपरेटिव बैंक पहुंचे एसडीएम सुनील कायथ के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है, जिसमें घोटाले की उच्चस्तरीय एजेंसी से जांच कराने का आग्रह किया गया है। एसडीएम ने घोटाला को बताया निंदनीय वहीं पुलिस ने कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए संगडाह पुलिस थाना से अतिरिक्त पुलिस बल भी मौके पर तैनात किया गया था। ताकि कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके। एसडीएम सुनील कायथ ने कहा कि बैंक में इतना बड़ा घोटाला होना चिंताजनक है और सिस्टम के साथ छेड़छाड़ करना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि लोगो ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है इसको मुख्यमंत्री के पास भेजा जाएगा। जानिए क्या है पूरा मामला बता दें कि को-ऑपरेटिव बैंक का यह बहुचर्चित घोटाला 4.02 करोड़ रुपए का है, जो 3 अगस्त को सामने आया था। पहले हफ्ते में बैंक प्रबंधन ने जांच की और 10 अगस्त को संगडाह पुलिस थाना में मामला दर्ज कराया।   हिमाचल | दैनिक भास्कर