सिरसा नगर परिषद में भाजपा चेयरमैन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कारण है कि नगर परिषद में भाजपा समर्थित पार्षद ही चेयरमैन के विरोध में उतर आए हैं। पार्षदों ने आरोप लगाए हैं कि नगर परिषद के चेयरमैन की कुर्सी की पावर बेटे के हाथ में है। चेयरमैन का बेटा ही सारे काम कर रहा है। सिरसा में वार्ड नंबर छह से पार्षद गोपीराम सैनी ने बयान जारी कर आरोप लगाया कि चेयरमैन का बेटा ही अधिकारी और पार्षदों को बीच मीटिंग से ही अलग कमरे में बुलाता है और उनसे गुफ्तगू करता है। चेयरमैन का बेटा सीधा पार्षदों से पूछता है कि क्या काम है, कोई गली बनवानी है क्या। वहीं शुक्रवार को परिषद कार्यालय में हंगामा भी हुआ। वार्ड नंबर 25 के पार्षद प्रतिनिधि सुशील सैनी चेयरमैन वीर शांति स्वरूप पर आरोप लगाते हुए बोले कि अगर बेटे को ही पावर देनी थी तो खुद क्यों चुनाव लड़ा। बेटे को ही चुनाव लड़ा देते। पार्षद प्रतिनिधि सुशील सैनी आरोप लगाते हुए बोले कि जब भी चेयरमैन के पास किसी काम के लिए जाते हैं। चेयरमैन वीर शांति सीधा बेटे के पास भेज देते हैं। इस बात पर पार्षदों में विरोध है। पार्षदों का कहना है कि चेयरमैन के बेटे के पास ऐसी कोई पावर नहीं है कि वह सीधा उनसे बात करें। सिरसा में विकास नहीं विनाश होगा
पार्षद गोपीराम सैनी ने आरोप लगाया है कि सिरसा में जगह-जगह गड्डे खुदवाकर छोड़े जा रहे हैं। यह सड़कें नहीं बनेगी। लोगों को झांसे में लेकर सड़के बनाने का वादा किया जाता है। मगर यह सड़कें नहीं बनेगी। सिरसा में विकास नहीं विनाश होने वाला है। जब भाजपा के पार्षद ही उनके खिलाफत में उतर आए हैं। सैनी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधान खुद भ्रष्टाचार में लिप्त है। धौंस जमाने को रखी हैं 2 गाड़ियां
पार्षद प्रतिनिधि सुशील सैनी ने आरोप लगाया कि चेयरमैन वीर शांति सुबह खुद स्कूटी लेकर आते हैं। बाद में दो-दो पुलिसकर्मी और दो-दो गाड़ियां सुरक्षा के नाम पर रखते हैं। यह शहर और पार्षदों में धौंस जमाने का काम किया जा रहा है। पहले भी चेयरमैन की पावर गोबिंद कांडा के हाथ में थी और आज भी गोबिंद कांडा कंट्रोल कर रहा है। ताजा उदाहरण है कि चेयरमैन से पहले गोबिंद कांडा गलियों का उद्घाटन कर रहा है। इसी नतीजे के कारण गोबिंद कांडा चुनाव हार गया था। आज फिर दोहरा रही भाजपा पार्षद गोपीराम सैनी ने बताया कि जब-जब भाजपा की सिरसा में छोटी शहरी सरकार बनी थी और 2016 में प्रधान सीमा सहगल बनी थी। उस समय भाजपा नेता कहते थे कि उनका बेटा मीटिंग नहीं आएगा। आज फिर वहीं दोहराया जा रहा है। अहंकार की सत्ता पावर में बैठी है। चेयरमैन का बेटा अधिकारियों को साइड में ले जाकर मीटिंग लेता है और उनसे बात करता है। चेयरमैन के बेटे के पास क्या अधिकार है कि उनसे बात करें। कमेटी में घोटाला किया जा रहा है। सिरसा नगर परिषद में भाजपा चेयरमैन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कारण है कि नगर परिषद में भाजपा समर्थित पार्षद ही चेयरमैन के विरोध में उतर आए हैं। पार्षदों ने आरोप लगाए हैं कि नगर परिषद के चेयरमैन की कुर्सी की पावर बेटे के हाथ में है। चेयरमैन का बेटा ही सारे काम कर रहा है। सिरसा में वार्ड नंबर छह से पार्षद गोपीराम सैनी ने बयान जारी कर आरोप लगाया कि चेयरमैन का बेटा ही अधिकारी और पार्षदों को बीच मीटिंग से ही अलग कमरे में बुलाता है और उनसे गुफ्तगू करता है। चेयरमैन का बेटा सीधा पार्षदों से पूछता है कि क्या काम है, कोई गली बनवानी है क्या। वहीं शुक्रवार को परिषद कार्यालय में हंगामा भी हुआ। वार्ड नंबर 25 के पार्षद प्रतिनिधि सुशील सैनी चेयरमैन वीर शांति स्वरूप पर आरोप लगाते हुए बोले कि अगर बेटे को ही पावर देनी थी तो खुद क्यों चुनाव लड़ा। बेटे को ही चुनाव लड़ा देते। पार्षद प्रतिनिधि सुशील सैनी आरोप लगाते हुए बोले कि जब भी चेयरमैन के पास किसी काम के लिए जाते हैं। चेयरमैन वीर शांति सीधा बेटे के पास भेज देते हैं। इस बात पर पार्षदों में विरोध है। पार्षदों का कहना है कि चेयरमैन के बेटे के पास ऐसी कोई पावर नहीं है कि वह सीधा उनसे बात करें। सिरसा में विकास नहीं विनाश होगा
पार्षद गोपीराम सैनी ने आरोप लगाया है कि सिरसा में जगह-जगह गड्डे खुदवाकर छोड़े जा रहे हैं। यह सड़कें नहीं बनेगी। लोगों को झांसे में लेकर सड़के बनाने का वादा किया जाता है। मगर यह सड़कें नहीं बनेगी। सिरसा में विकास नहीं विनाश होने वाला है। जब भाजपा के पार्षद ही उनके खिलाफत में उतर आए हैं। सैनी ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधान खुद भ्रष्टाचार में लिप्त है। धौंस जमाने को रखी हैं 2 गाड़ियां
पार्षद प्रतिनिधि सुशील सैनी ने आरोप लगाया कि चेयरमैन वीर शांति सुबह खुद स्कूटी लेकर आते हैं। बाद में दो-दो पुलिसकर्मी और दो-दो गाड़ियां सुरक्षा के नाम पर रखते हैं। यह शहर और पार्षदों में धौंस जमाने का काम किया जा रहा है। पहले भी चेयरमैन की पावर गोबिंद कांडा के हाथ में थी और आज भी गोबिंद कांडा कंट्रोल कर रहा है। ताजा उदाहरण है कि चेयरमैन से पहले गोबिंद कांडा गलियों का उद्घाटन कर रहा है। इसी नतीजे के कारण गोबिंद कांडा चुनाव हार गया था। आज फिर दोहरा रही भाजपा पार्षद गोपीराम सैनी ने बताया कि जब-जब भाजपा की सिरसा में छोटी शहरी सरकार बनी थी और 2016 में प्रधान सीमा सहगल बनी थी। उस समय भाजपा नेता कहते थे कि उनका बेटा मीटिंग नहीं आएगा। आज फिर वहीं दोहराया जा रहा है। अहंकार की सत्ता पावर में बैठी है। चेयरमैन का बेटा अधिकारियों को साइड में ले जाकर मीटिंग लेता है और उनसे बात करता है। चेयरमैन के बेटे के पास क्या अधिकार है कि उनसे बात करें। कमेटी में घोटाला किया जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
