हरियाणा के सिरसा में विधायक गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा को गांव नारायण खेड़ा में जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। वे चुनाव को देखते हुए जनसंपर्क करने पहुंचे थे। ग्रामीणों के भारी विरोध के चलते उनको बैरंग लौटना पड़ा। बता दें ककि गोविंद कांडा ने ऐलनाबाद उप चुनाव भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। गोपाल कांडा की हरियाणा लोक हित पार्टी (हलोपा) भी भाजपा को समर्थन देती रही है। गोबिंद कांडा के विरोध का वीडियो भी वायरल हुआ है। जानकारी अनुसार सिरसा सीट से हलोपा के गोपाल कांडा विधायक हैं। विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू होने के बाद गोबिंद कांडा शनिवार शाम को गांव नारायण खेड़ा में जनसंपर्क के लिए पहुंचे थे। ग्रामीणों वहां उनके विरोध में उतर आए। ग्रामीणों ने गांव की समस्याओं और विकास कार्य के बारे में उनसे सवाल किए। गोबिंद कांडा के साथ पुलिस और उनके खुद के सुरक्षा कर्मी भी थे। गोबिंद कांडा वोट मांगने के उद्देश्य से गांव पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने अपनी बात शुरू की तो ग्रामीणों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि गांव में कई गंभीर समस्याएं हैं, जिनमें फसलों की बर्बादी, बढ़ती लड़ाइयां, नशे से होने वाली मौतें और पानी की किल्लत शामिल हैं। इन समस्याओं को लेकर ग्रामीण कई बार प्रदर्शन और धरना दे चुके हैं, लेकिन न तो सरकार और न ही नेताओं ने इन मुद्दों पर कोई ध्यान दिया। ग्रामीणों ने कांडा के सामने सवाल उठाया कि चुनाव के समय ही नेता गांव का दौरा क्यों करते हैं। जबकि गांव की समस्याओं का समाधान करने में उनकी कोई रुचि नहीं होती। बढ़ते विरोध और नाराजगी को देखते हुए गोबिंद कांडा को बिना जनसंपर्क किए ही गांव से वापस लौटना पड़ा। हरियाणा के सिरसा में विधायक गोपाल कांडा के भाई गोबिंद कांडा को गांव नारायण खेड़ा में जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। वे चुनाव को देखते हुए जनसंपर्क करने पहुंचे थे। ग्रामीणों के भारी विरोध के चलते उनको बैरंग लौटना पड़ा। बता दें ककि गोविंद कांडा ने ऐलनाबाद उप चुनाव भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। गोपाल कांडा की हरियाणा लोक हित पार्टी (हलोपा) भी भाजपा को समर्थन देती रही है। गोबिंद कांडा के विरोध का वीडियो भी वायरल हुआ है। जानकारी अनुसार सिरसा सीट से हलोपा के गोपाल कांडा विधायक हैं। विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार शुरू होने के बाद गोबिंद कांडा शनिवार शाम को गांव नारायण खेड़ा में जनसंपर्क के लिए पहुंचे थे। ग्रामीणों वहां उनके विरोध में उतर आए। ग्रामीणों ने गांव की समस्याओं और विकास कार्य के बारे में उनसे सवाल किए। गोबिंद कांडा के साथ पुलिस और उनके खुद के सुरक्षा कर्मी भी थे। गोबिंद कांडा वोट मांगने के उद्देश्य से गांव पहुंचे थे, लेकिन जैसे ही उन्होंने अपनी बात शुरू की तो ग्रामीणों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों का आरोप था कि गांव में कई गंभीर समस्याएं हैं, जिनमें फसलों की बर्बादी, बढ़ती लड़ाइयां, नशे से होने वाली मौतें और पानी की किल्लत शामिल हैं। इन समस्याओं को लेकर ग्रामीण कई बार प्रदर्शन और धरना दे चुके हैं, लेकिन न तो सरकार और न ही नेताओं ने इन मुद्दों पर कोई ध्यान दिया। ग्रामीणों ने कांडा के सामने सवाल उठाया कि चुनाव के समय ही नेता गांव का दौरा क्यों करते हैं। जबकि गांव की समस्याओं का समाधान करने में उनकी कोई रुचि नहीं होती। बढ़ते विरोध और नाराजगी को देखते हुए गोबिंद कांडा को बिना जनसंपर्क किए ही गांव से वापस लौटना पड़ा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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राव इंद्रजीत ने 7 विधानसभा सीटें मांगी:5 पर केंद्रीय नेतृत्व सहमत, पैनल में समर्थित नेताओं के नाम न होने पर भड़के थे
राव इंद्रजीत ने 7 विधानसभा सीटें मांगी:5 पर केंद्रीय नेतृत्व सहमत, पैनल में समर्थित नेताओं के नाम न होने पर भड़के थे हरियाणा के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) में घमासान मचा हुआ है। BJP के गढ़ कहे जाने वाले अहीरवाल बेल्ट में इसका असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। यहां के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने टिकट वितरण के मामले में खुद को पूरी तरह एक्टिव किया हुआ है। राव इंद्रजीत सिंह की अहीरवाल की 11 सीटों पर खुद की पकड़ है, जिसके बलबूते राव 7 सीटों पर खुद के समर्थकों का हक जता रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व 5 सीटों पर उनकी रजामंदी से कैंडिडेट उतारने के लिए तैयार है, लेकिन राव अपने उन राजनीतिक धुर विरोधियों को निपटाने के लिए कुछ और भी शर्तें रख रहे हैं। BJP शीर्ष नेतृत्व जिन्हें मजबूत कैंडिडेट मानकर चुनावी मैदान में उतारने के लिए तैयार है वह अहीरवाल की 3 सीटें हैं। इन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह चाहते हैं कि उनकी पसंद और संगठन दोनों को तवज्जो मिले। अहीरवाल बेल्ट से विरोधियों को निपटाना है असली लड़ाई
राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी की पहली वजह उनकी बेटी आरती राव की टिकट को लेकर मानी जा रही थी, लेकिन हकीकत ये है कि पार्टी नेतृत्व ने शुरू से ही आरती राव को टिकट देने में कोई संकोच नहीं रखा। राव इंद्रजीत सिंह की असली लड़ाई अहीरवाल बेल्ट में अपने राजनीतिक विरोधियों को निपटा कर ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की रही है। BJP से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगर राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी नहीं होती तो 27 या 28 अगस्त को ही कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी हो सकती थी। कई सीटों पर राव ने दी जीत की गारंटी
राव की नाराजगी को BJP ने पहले से ही भांप लिया था। उसके बाद राव को तवज्जो दी गई। सूत्र ये भी बताते हैं कि जिन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह ने अपने समर्थकों के लिए टिकट मांगी उन पर उन्होंने जीत की गारंटी भी पार्टी नेतृत्व को दी है। अहीरवाल बेल्ट की 2 सीटें उनकी साख का सवाल बनी हुई हैं। इनमें एक पटौदी और दूसरी बावल सीट है। ये दोनों ही सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं और इन पर रामपुरा हाउस यानी राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का दबदबा रहा है। इन चार सीटों में राव की खास रुचि
नारनौल, बावल, कोसली, पटौदी ऐसी सीट हैं, जहां पर मौजूदा विधायकों की टिकट कटना लगभग तय ही माना जा रहा है। राव इंद्रजीत सिंह की इन चारों ही सीटों पर खास रुचि है। पिछले दिनों गुरुग्राम में हुई BJP की मीटिंग में 90 सीटों के कैंडिडेट को लेकर लंबी चर्चा हुई थी, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह अपने समर्थकों का पैनल में नाम ही नहीं होने से नाराज हो गए थे। जिसके बाद पूरे मामले में शीर्ष नेतृत्व ने हस्ताक्षेप किया। वीटो का इस्तेमाल कर पैनल में शामिल कराए नाम
राव इंद्रजीत सिंह ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर न केवल अपने समर्थित नेताओं के नाम पैनल में शामिल कराए बल्कि एक दिन पहले केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन नामों पर चर्चा भी हुई। BJP की तरफ से हरियाणा की 90 सीटों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार के नाम लगभग फाइनल कर लिए गए हैं। इनमें अहीरवाल बेल्ट में राव इंद्रजीत सिंह की पसंद के कुछ कैंडिडेट भी शामिल हैं। हालांकि उम्मीदवारों की लिस्ट को अमित शाह की रैली के चलते रोका गया है। बादशाहपुर में सुधा टॉप पर
गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट भी अहीरवाल बेल्ट में ही आती है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और वर्तमान सीएम नायब सैनी के सबसे करीबी राव नरबीर सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा खट्टर के पूर्व OSD जवाहर यादव, मनीष यादव भी टिकट मांग रहे हैं, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह इस सीट पर खुद के समर्थक नेता को चुनावी मैदान में उतारने के मूड में हैं। गुरुग्राम में 4 दिन पहले हुई बैठक में BJP पार्लियामेंट्री बोर्ड की सदस्य और पूर्व सांसद सुधा यादव द्वारा सीनियर नेताओं के सामने राव नरबीर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग उठाना उनके लिए काफी फायदेमंद रहा। BJP सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व सुधा यादव को बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ाना चाहता था, जिस पर राव इंद्रजीत सिंह ने भी किसी भी तरह का विरोध नहीं किया। इससे साफ ही कि राव नरबीर का टिकट काटकर BJP सुधा यादव को बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ा सकती है। 2019 के चुनाव में भी BJP ने राव नरबीर सिंह की टिकट काट दी थी। नरबीर सिंह उस वक्त मनोहर लाल की कैबिनेट में तीसरे नंबर के पावरफुल मंत्री थे। नरबीर सिंह के समर्थकों ने टिकट कटवाने का आरोप राव इंद्रजीत सिंह पर लगाया था। 2019 में भी इस्तेमाल की थी वीटो पावर राव इंद्रजीत सिंह 2014 में BJP में शामिल हुए थे। विधानसभा चुनाव में BJP की पूर्ण बहुमत से सरकार बनने के बाद मनोहर लाल से उनके रिश्तों में खटास बनी रही। 2019 के विधानसभा चुनाव में मनोहर लाल खट्टर जिन्हें चुनाव लड़ाना चाहते थे, उन पर वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने उनकी टिकट ही कटवा दी थी। इसमें बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह, रेवाड़ी से रणधीर सिंह कापड़ीवास, अटेली से संतोष यादव के अलावा कुछ अन्य नेता थे। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी पसंद के मुताबिक रेवाड़ी और बादशाहपुर में प्रत्याशी उतारे, लेकिन इन दोनों ही सीट पर BJP को हार मिली। केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज राव राव इंद्रजीत केंद्र में तीसरी बार केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं। वह खुद भी कह चुके हैं कि मैं इतिहास में ऐसा नेता हूं, जिसने केंद्र में राज्य मंत्री बनने का रिकॉर्ड बना दिया है। राव इंद्रजीत को मोदी 3.0 सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। इसके बाद से उनकी नाराजगी कई मौकों पर सामने आ चुकी है।
हरियाणा में बनेगा इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर:1 लाख युवाओं को रोजगार मिलने का दावा, हिसार एयरपोर्ट के पास 2988 एकड़ जमीन चिह्नित
हरियाणा में बनेगा इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर:1 लाख युवाओं को रोजगार मिलने का दावा, हिसार एयरपोर्ट के पास 2988 एकड़ जमीन चिह्नित केंद्र और राज्य सरकार हरियाणा में बड़े पैमाने पर औद्योगिक गतिविधियां शुरू करने जा रही है। इसके लिए हिसार एयरपोर्ट से सटी 1605 एकड़ जमीन में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने की योजना है। इससे बड़ी कंपनियां यहां निवेश करेंगी, जिससे न सिर्फ औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी बल्कि हरियाणा के युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा। हरियाणा सरकार का दावा है कि इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनने से 1 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी। यह काम नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनआईसीडीसी) के तहत किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 4694.46 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एयरपोर्ट पर बनने वाले ड्राई पोर्ट से ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री बढ़ेगी। यहां बनने वाले सामान को दूसरी जगहों पर पहुंचाने के लिए बड़े कंटेनर और ट्रक का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए नजदीकी डीएफसी स्टेशनों का इस्तेमाल किया जाएगा। अंबाला हिसार से पूरब में 208 किमी दूर है, रेवाड़ी पश्चिम में 156 किमी दूर है, लॉजिस्टिक्स हब/ड्राई पोर्ट और आईसीडी कापसहेड़ा 182 किमी दूर है, आईएमएलएच नांगल चौधरी 189 किमी दूर है और कांडला समुद्री बंदरगाह 1055 किमी दूर है। इंटरफेस कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी ज्ञातव्य है कि पीएम गतिशक्ति योजना के तहत 21 जून 2024 को आयोजित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 73वीं बैठक में गैस पाइपलाइन, हाई स्पीड रेल और ओएफसी के प्रावधान पर सहमति बनी थी तथा भारतीय रेलवे नेटवर्क और डीएफसी के बीच इंटरफेस कनेक्टिविटी विकसित करने के संबंध में बातचीत हुई थी। ऐसे शुरू होगा काम नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित मास्टर प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि फेज 1 में कुल 1605 एकड़ भूमि में से 980.20 एकड़ और 61% भूमि उद्योग और लॉजिस्टिक्स के लिए, 39.02 एकड़ और 2% वाणिज्यिक उपयोग के लिए, 48.60 एकड़ और 3% सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक के लिए, 34.90 एकड़ और 2% आवासीय के लिए, 28.50 एकड़ और 2% सेवाओं के लिए, 242.52 एकड़ और 15% हरित और जल निकाय के लिए और 231.26 एकड़ और 15% सड़कों और उपयोगिताओं के लिए उपयोग की जाएगी। इतने एकड़ में स्थापित होगा यह उद्योग इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के पास मेटल इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक्स, कॉटन और टेक्सटाइल, कृषि में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योग पहले से ही स्थापित हैं। यह आईएमसी के लिए सकारात्मक बात है। प्रस्तावित आईएमसी में एयरोस्पेस और डिफेंस के लिए 343.20 एकड़, फूड प्रोसेसिंग के लिए 172 एकड़, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन के लिए 289.80 एकड़, रेडीमेड गारमेंट्स के लिए 92.20 एकड़, कॉमन रेडी शेड्स के लिए 12.73 एकड़, लॉजिस्टिक्स पार्क के लिए 70 एकड़ जमीन निर्धारित की गई है। ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई है, जमीन चिह्नित कर ली गई नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर के लिए अब तक की गई तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार की ओर से एसएचए-एसएसए ड्राफ्ट को मंजूरी मिल गई है। क्लस्टर के लिए 100 फीसदी जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। एनपीजी की संस्तुति मिल गई है। मास्टर प्लान पीडीआर और लागत अनुमान तैयार कर लिया गया है। मास्टर प्लान को कभी भी अधिसूचित किया जा सकता है। बिजली और पानी के लिए राज्य सरकार से आवश्यक मंजूरी मिल गई है। हिसार शहर को विश्व मानचित्र पर अलग पहचान दिलाने के लिए इंटीग्रेटेड मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तैयार है।
हिसार एयरपोर्ट के लिए केंद्र ने दिए 1811 करोड़ रुपए:नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता बोले- इंटीग्रेटेड मार्केटिंग क्लस्टर तैयार होगा
हिसार एयरपोर्ट के लिए केंद्र ने दिए 1811 करोड़ रुपए:नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता बोले- इंटीग्रेटेड मार्केटिंग क्लस्टर तैयार होगा हरियाणा के पहले हिसार हवाई अड्डे के लिए केंद्र सरकार ने 1181 करोड़ रुपए जारी किए हैं। यहां 2988 एकड़ जमीन पर इंटीग्रेटेड मार्केटिंग क्लस्टर तैयार किया जाएगा और इनमें से 1300 एकड़ जमीन पर वर्ल्ड पोर्ट, मेगा कार्गो पोर्ट स्थापित किया जाएगा। नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने यह जानकारी दी। वह यहां बैठक को संबोधित कर रहे थे। डॉ. कमल गुप्ता ने बताया कि इंटीग्रेटेड मार्केटिंग क्लस्टर विशुद्ध रूप से डिफेंस और एयरोस्पेस केंद्रित होगा। इसमें विश्व की बड़ी कंपनियों को उद्योग स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (NICDC) ने औद्योगिक विकास के लिए हरियाणा सरकार द्वारा दिया गया प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। NICDC की तरफ से हरियाणा सरकार को केंद्र सरकार की इक्विटी के तौर पर 1811 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इसके परिणाम स्वरुप अंतरराष्ट्रीय मार्केट में महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट की अलग पहचान बनेगी। हिसार एयरपोर्ट के लिए अगले 30 साल की कार्य योजना तैयार कर ली गई हैं। 7200 एकड़ जमीन पर हिसार एयरपोर्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। अमेरिका की कंपनी तकनीकी सहायता देगी डॉ. गुप्ता ने बताया कि अमेरिका की ट्रेड एंड डेवलपमेंट एजेंसी इंटीग्रेटेड एविएशन हब बनाने के लिए तकनीकी और आर्थिक सहायता देगी। इससे एयरपोर्ट पर माल लाने और भेजने की सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। यह एविएशन हब देश के निर्यात को बढ़ाकर आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत करने का कार्य करेगा। एयरपोर्ट के तीन फेज के कार्यों में से दो फेज के कार्य पूरे हो चुके हैं। पुराने टर्मिनल को विस्तारित किया : सत्यपाल आर्य महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट के प्रोटोकॉल अधिकारी सत्यपाल आर्य ने बताया कि महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट हिसार पर 10000 फीट की हवाई पट्टी, रात्रि सुविधा के लिए कैट आई, हवाई जहाजों के ट्रैफिक कंट्रोल के लिए बनी एटीसी टावर की बिल्डिंग, जीएससी एरिया, पीटीटी, लिंक टैक्सी, जहाज खड़े होने की जगह एप्रन, फ्यूल रूम, बेसिक स्पिट पैरामीटर रोड और बरसाती ड्रोन बनाने का कार्य पूरा हो चुका है। पुराने टर्मिनल को विस्तारित करके 150 लोगों की क्षमता का बना दिया गया है।