हमीरपुर जिले के सुजानपुर में हेल्पिंग हैंड संस्था द्वारा आयोजित पांचवें रक्तदान शिविर में 112 लोगों ने रक्तदान कर मानवता की मिसाल पेश की। संस्था के संस्थापक गोल्डी राजपूत ने बताया कि 26 जनवरी 2021 से शुरू हुई इस पहल के तहत अब तक 900 से अधिक यूनिट रक्त एकत्रित किया जा चुका है, जिसका उपयोग जरूरतमंद मरीजों के लिए किया गया। शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में सैनिक स्कूल सुजानपुर की प्रिंसिपल ग्रुप कैप्टन रचना जोशी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में सभी रक्तदाताओं को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। गोल्डी राजपूत ने बताया कि हर वर्ष 26 जनवरी को संस्था द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति कर सकता है रक्तदान रक्तदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि एक यूनिट रक्त किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है। स्वस्थ व्यक्ति जिनकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच है, वे रक्तदान कर सकते हैं। पुरुष तीन महीने में एक बार और महिलाएं चार महीने में एक बार रक्तदान कर सकती हैं। संस्था का यह प्रयास निरंतर जारी रहेगा ताकि किसी भी जरूरतमंद को रक्त की कमी का सामना न करना पड़े। हमीरपुर जिले के सुजानपुर में हेल्पिंग हैंड संस्था द्वारा आयोजित पांचवें रक्तदान शिविर में 112 लोगों ने रक्तदान कर मानवता की मिसाल पेश की। संस्था के संस्थापक गोल्डी राजपूत ने बताया कि 26 जनवरी 2021 से शुरू हुई इस पहल के तहत अब तक 900 से अधिक यूनिट रक्त एकत्रित किया जा चुका है, जिसका उपयोग जरूरतमंद मरीजों के लिए किया गया। शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में सैनिक स्कूल सुजानपुर की प्रिंसिपल ग्रुप कैप्टन रचना जोशी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में सभी रक्तदाताओं को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। गोल्डी राजपूत ने बताया कि हर वर्ष 26 जनवरी को संस्था द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है। कोई भी स्वस्थ व्यक्ति कर सकता है रक्तदान रक्तदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि एक यूनिट रक्त किसी व्यक्ति की जान बचा सकता है। स्वस्थ व्यक्ति जिनकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच है, वे रक्तदान कर सकते हैं। पुरुष तीन महीने में एक बार और महिलाएं चार महीने में एक बार रक्तदान कर सकती हैं। संस्था का यह प्रयास निरंतर जारी रहेगा ताकि किसी भी जरूरतमंद को रक्त की कमी का सामना न करना पड़े। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सुंदरनगर बहुतकनीकी संस्थान में हुआ पूर्व छात्र मिलन समारोह:तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने की अध्यक्षता, मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की प्रतिमा का किया अनावरण हिमाचल के औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने रविवार को राजकीय बहु तकनीकी संस्थान सुंदरनगर के सभागार में आयोजित पॉलिटेक्निक पूर्व छात्रसंघ (एसपीएसए) की तृतीय पूर्व छात्र मिलन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। कार्यक्रम में सुंदरनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राकेश जम्बवाल ने विशेष अतिथि के रूप में भाग लिया । इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने भारत रत्न इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की प्रतिमा पर पुष्प माला पहना कर अनावरण किया तथा दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र मिलन समारोह बहुत महत्वपूर्ण है। ऐसे कार्यक्रमों से पूर्व छात्रों को सालों बाद शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों से मिलने का अवसर उपलब्ध होता है। साथ ही पिछले वर्षों में कॉलेज में हुए विभिन्न परिवर्तनों को देखने का भी मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र संघ से जुड़े जो वरिष्ठ नागरिक हैं, उन्होंने समाज की समस्याओं का समाधान में सहयोग किया है तथा वे हिमाचल के विकास के लिए जीवन भर सेवाएं दे रहे है। किसी भी संस्थान के लिए पूर्व छात्र ब्रांड एंबेसडर होते हैं। उन्होंने कहा कि बहुतकनीकी संस्थान सुंदरनगर हिमाचल का सबसे पुराना संस्थान है। यहां के छात्र विभिन्न पदों पर देश और विदेश में अपनी सेवाओं से प्रदेश का नाम रोशन कर रहें हैं। पूर्व छात्र संघ बहुतकनीकी संस्थान सुंदरनगर की बेहतरी के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है। उन्होंने नए छात्रों से आग्रह किया कि वे भी संघ से जुड़ कर संस्थान को निरंतर प्रगति की राह पर ले जाएं। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र संघ विभिन्न सामाजिक कार्य भी कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने हाल ही में मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष के लिए 2 लाख 50 हजार रुपए भेंट किए।उन्होंने बताया कि पॉलिटेक्निक पूर्व छात्र संघ सुंदरनगर के विकास कार्यों के लिए लगभग 5 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। बता दें, कि सुंदरनगर बहुतकनीकी संस्थान वर्ष 1959 में शुरू हुआ था तथा यह संस्थान एनएएसी एक्रिडिएट संस्थान है। यहां से निकले हुए छात्रों ने पिछले 65 साल में चाहे वो इंजीनियरिंग का क्षेत्र हो, शिक्षा का या राजनीति का हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है।
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लाहौल-स्पीति की 6 पंचायतों के अनशन का 7वां दिन:चंद्रभागा नदी के तटीकरण की मांग से जुड़ा मामला, विधायक अनुराधा पहुंची लोगों को मनाने लाहौल स्पीति जिला के जाहलमा नाला और चंद्रभागा नदी के तटीकरण के लिए 6 पंचायतों के लोगों का अनशन आज 7वें दिन में प्रवेश कर गया है। लाहौल स्पीति की विधायक अनुराधा राणा अनशन पर बैठे लोगों को मनाने का प्रयास कर रही हैं मगर अभी तक सफल नहीं हो पाई है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह ने तटीकरण के लिए 2 करोड़ की राशि जारी कर दी है, उसके बावजूद धरना जारी रखना वाजिब नहीं है। भूस्खलन से प्रभावित हुए कई इलाके लाहौल स्पीति में चंद्रभागा नदी के तटीकरण की मांग काफी पहले से ही उठती रही है। पिछले 4 सालों में लिंडूर गांव के नीचे भूस्खलन के कारण चंद्रभागा तट के साथ भारी भूस्खलन हुआ है, जिस कारण जोबरंग, जाहलमा, हालिंग, फूड़ा, जसरथ, जुंडा और ताडंग की जमीनों का भारी नुकसान हुआ है। लिहाजा उक्त पंचायतों के लोग महिला मंडलों सहित सुदर्शन जस्पा की अगुआई में पिछले 6 दिनों से सांकेतिक धरने पर बैठे हैं, जिसका रविवार को 7वां दिन है। आंदोलनकारी बोले- इतनी राशि पर्याप्त नहीं शनिवार को जाहलमा में सांकेतिक धरने के बीच विधायक अनुराधा राणा ने दूसरी बार अनशनकारियों से मिलकर सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों से उन्हें अवगत करवाया। उन्होंने ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने जाहलमा नाला और चन्द्रभागा नदी के तटीकरण के लिए दो करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी है। उन्होंने आंदोलनकारियों से अपील की कि आंदोलन छोड़ कर सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों में साथ दें। मगर आंदोलन से जुड़े लोगों का कहना है कि यह राशि पर्याप्त नहीं है। लोगों से अनशन खत्म करने की अपील
दो करोड़ की रुपए की राशि जारी होने के बाद प्रभावित पंचायतों जाहलमा, गौहरमा, नालडा, जोबरंग व जुंडा के प्रतिनिधियों ने भी वीडियो जारी कर अपने क्षेत्र के लोगों से अनशन खत्म करने की अपील की है। वहीं आंदोलन के अगुआ सुदर्शन जस्पा का कहना है कि पंचायत के प्रतिनिधि आंदोलन का हिस्सा ही नहीं बने। जब वे आंदोलन में साथ ही नहीं हैं, तो 2 करोड़ मिलने के बाद उनका आंदोलन समाप्त करने का आह्वान तर्कसंगत ही नहीं है। अनुराधा राणा ने कहा कि राज्य सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार को लगभग 25 करोड़ की DPR भेजी गई है। इसके लिए जल्द वह एक प्रतिनिधि मण्डल के साथ दिल्ली भी जाने की तैयारी में हैं। उधर सांकेतिक अनशन के संयोजक सुदर्शन जस्पा ने कहा कि जब तक सरकार राहत कार्य के लिए पर्याप्त बजट का प्रावधान नहीं कर लेती है यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा डीपीआर 40 लाख के करीब की है, उसके अलावा अन्य स्थानों की अलग डीपीआर तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन किसी तरह की राजनीति से प्रेरित नहीं है बल्कि प्रभावित लोगों के हकों की लड़ाई है। उन्हें उम्मीद है कि राज्य और केंद्र सरकार प्रभावित क्षेत्र के लिए पर्याप्त बजट जल्द जारी करेगी । आंदोलन खत्म होने पर आमरण अनशन पर बैठेंगे जस्पा सुदर्शन जस्पा ने आरोप लगाया कि आंदोलन को राजनीतिक रंग देने के प्रयास किए जा रहे हैं। आंदोलन में जुड़ी महिलाओं के बारे में झूठ फैलाया जा रहा है कि उन्हें बहला फुसला कर आंदोलन में लाया गया है। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या जिला में सिर्फ एक महिला के अलावा बाकी सभी महिलाएं मूर्ख हैं, जिन्हें बहला कर अनशन के लिए लाया जा सकता है? उन्होंने कहा अनशन के दौरान सभी राजनीतिक दलों ने लाहौल की समस्या को समझते हुए आंदोलन का समर्थन किया है। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मांगे पूरी नहीं होती। अगर आंदोलन बीच में बिना मांगे पूरी किए खत्म किया गया तो वे अकेले आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।