सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई हाईपावर कमेटी सोमवार को खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिली। मुलाकात के बाद कमेटी के चेयरमैन पूर्व जस्टिस नवाब सिंह ने कहा, ‘हमने डल्लेवाल को मेडिकल सुविधा लेने के लिए निवेदन किया है। हम प्रार्थना करते हैं कि वह जल्द ठीक हों। वह जब भी चाहेंगे, हम हाजिर हो जाएंगे। केंद्र से सीधा बातचीत कराने की हमारे पास अथॉरिटी नहीं है। हम पिछले 4 महीने से किसानों से बातचीत के प्रयास में लगे हुए हैं। हमने शुरुआती इश्यू कोर्ट के सामने रखे थे। अभी तक रिपोर्ट फाइल नहीं की है। हम जल्दी रिपोर्ट पेश करेंगे। रिपोर्ट अलग-अलग फेज में होगी। इस मुद्दे पर एक नई मीटिंग होगी। कमेटी एक पॉजिटिव ब्रिज बनाएगी।’ इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पंजाब सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पेश हुए। यहां उन्होंने दावा किया कि किसान नेता जगजीत डल्लेवाल कोर्ट की बनाई कमेटी से मिलने के लिए राजी हो गए हैं। सिब्बल ने सुनवाई कुछ समय बाद करने की अपील की। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार (10 जनवरी) के लिए तय कर दी। इससे पहले, डल्लेवाल ने कमेटी अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह को चिट्ठी लिखकर कहा था कि उनका प्रतिनिधिमंडल 4 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से मिला था लेकिन कमेटी को शंभू और खनौरी बॉर्डर आने का टाइम नहीं मिला। क्या वे मेरी मौत का इंतजार कर रहे थे। तब डल्लेवाल ने कहा था कि हम सिर्फ केंद्र सरकार से बात करेंगे। संबोधन के बाद डल्लेवाल को लगी थी उल्टियां
शनिवार को महापंचायत में 9 मिनट के संबोधन के बाद डल्लेवाल को चक्कर और उल्टियां होने लगीं। उनका ब्लड प्रेशर काफी कम गया। जिसके बाद सेहत विभाग ने एक टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है। वहीं उल्टियां होने की वजह से डल्लेवाल ने अब पानी पीना भी छोड़ दिया है। उनकी सेहत काफी कमजोर हो गई है। शंभू बॉर्डर खोलने का मामला सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुंचा, 5 पॉइंट्स 1. फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून को लेकर 13 फरवरी 2024 से शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है। इसके अलावा खनौरी बॉर्डर पर भी किसान आंदोलन पर बैठे हैं। 2. 10 जुलाई 2024 को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर को खोला जाए। इसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। 3. 12 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एंबुलेंस, सीनियर सिटीजन्स, महिलाओं, छात्रों के लिए शंभू बॉर्डर की एक लेन खोलने के लिए कहा। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई। जिसे सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता करनी थी। 4. सुप्रीम कोर्ट की यह कमेटी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई। जिसमें पूर्व डीजीपी बीएस संधू, कृषि विश्लेषक देवेंद्र शर्मा, प्रोफेसर रंजीत सिंह घुम्मन, कृषि सूचनाविद डॉ. सुखपाल सिंह और विशेष आमंत्रित सदस्य प्रोफेसर बलदेव राज कंबोज शामिल हैं। 5. कमेटी ने 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। जिसमें उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वाले किसान बातचीत के लिए नहीं आ रहे। किसानों से उनकी सुविधा के अनुसार तारीख और समय भी मांगा गया था लेकिन उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इसके बाद की मीटिंग में किसानों ने शामिल होने से इनकार कर दिया। डल्लेवाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 24 दिन में 7 सुनवाई हो चुकीं 1. 13 दिसंबर को कहा- तत्काल डॉक्टरी मदद दें
डल्लेवाल 26 नवंबर को अनशन पर बैठे थे। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में जगजीत डल्लेवाल के आमरण अनशन को लेकर सुनवाई हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को कहा कि डल्लेवाल को तत्काल डॉक्टरी मदद दें। उन्हें जबरन कुछ न खिलाया जाए। आंदोलन से ज्यादा उनकी जान जरूरी है। इसके बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव और केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने खनौरी बॉर्डर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। 2. 17 दिसंबर को कहा– पंजाब सरकार को कुछ करना चाहिए
इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती। आपको हालात संभालने होंगे। 3. 18 दिसंबर को कहा- बिना टेस्ट 70 साल के आदमी को कौन ठीक बता रहा
इस सुनवाई में पंजाब सरकार ने दावा किया कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है? आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं? जब उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 4. 19 दिसंबर को कहा- अधिकारी अस्पताल में भर्ती करने पर फैसला लें
इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट में क्यों नहीं कराती है। यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिर स्थिति सुनिश्चित करना पंजाब सरकार की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी निर्णय लेंगे। 5. 28 दिसंबर को कहा- केंद्र की मदद से अस्पताल शिफ्ट करें
यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के 19 दिसंबर के आदेश को लागू न करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर हुई। इसमें कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं। 6. 30 दिसंबर को पंजाब सरकार को 3 दिन की मोहलत ली
इस सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा अगर केंद्र सरकार पहल करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। 7. 2 जनवरी को कहा– हमने अनशन तोड़ने को नहीं कहा
इस सुनवाई में कोर्ट ने कहा– जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। इस केस में डल्लेवाल की दोस्त एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते।” हमने कमेटी बनाई है, किसानों से उसी कमेटी के जरिए बात करेंगे। ——————– किसान आंदोलन से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… केंद्रीय मंत्री खट्टर बोले- किसानों का मुद्दा पंजाब का, किसान बोले- कमेटी में शामिल लोग जिम्मेदारी नहीं लेते करनाल में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों का मुद्दा पंजाब सरकार का है। हरियाणा में ऐसा कुछ नहीं है। खट्टर ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों से बातचीत करने की कोशिश की है, और दो-तीन बार बातचीत का ऑफर भी दे चुकी है, लेकिन कोई भी किसान उस कमेटी से मिलने नहीं आया। (पढ़ें पूरी खबर) डल्लेवाल के डॉक्टर बोले– उनके शरीर में सिर्फ हडि्डयां बचीं, साइलेंट अटैक का खतरा बढ़ा हरियाणा–पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 41वें दिन आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल के शरीर में अब सिर्फ हडि्डयां बचीं हैं। उनके किडनी–लिवर, फेफड़ों में खराबी आ चुकी है। उन्हें कभी भी साइलेंट अटैक आ सकता है, यह कहना है उनकी देखरेख कर रहे प्राइवेट डॉक्टरों की टीम के लीडर डॉक्टर अवतार सिंह का। पूरी खबर पढ़ें… सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई हाईपावर कमेटी सोमवार को खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से मिली। मुलाकात के बाद कमेटी के चेयरमैन पूर्व जस्टिस नवाब सिंह ने कहा, ‘हमने डल्लेवाल को मेडिकल सुविधा लेने के लिए निवेदन किया है। हम प्रार्थना करते हैं कि वह जल्द ठीक हों। वह जब भी चाहेंगे, हम हाजिर हो जाएंगे। केंद्र से सीधा बातचीत कराने की हमारे पास अथॉरिटी नहीं है। हम पिछले 4 महीने से किसानों से बातचीत के प्रयास में लगे हुए हैं। हमने शुरुआती इश्यू कोर्ट के सामने रखे थे। अभी तक रिपोर्ट फाइल नहीं की है। हम जल्दी रिपोर्ट पेश करेंगे। रिपोर्ट अलग-अलग फेज में होगी। इस मुद्दे पर एक नई मीटिंग होगी। कमेटी एक पॉजिटिव ब्रिज बनाएगी।’ इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। पंजाब सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पेश हुए। यहां उन्होंने दावा किया कि किसान नेता जगजीत डल्लेवाल कोर्ट की बनाई कमेटी से मिलने के लिए राजी हो गए हैं। सिब्बल ने सुनवाई कुछ समय बाद करने की अपील की। जिस पर कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार (10 जनवरी) के लिए तय कर दी। इससे पहले, डल्लेवाल ने कमेटी अध्यक्ष रिटायर्ड जस्टिस नवाब सिंह को चिट्ठी लिखकर कहा था कि उनका प्रतिनिधिमंडल 4 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट की कमेटी से मिला था लेकिन कमेटी को शंभू और खनौरी बॉर्डर आने का टाइम नहीं मिला। क्या वे मेरी मौत का इंतजार कर रहे थे। तब डल्लेवाल ने कहा था कि हम सिर्फ केंद्र सरकार से बात करेंगे। संबोधन के बाद डल्लेवाल को लगी थी उल्टियां
शनिवार को महापंचायत में 9 मिनट के संबोधन के बाद डल्लेवाल को चक्कर और उल्टियां होने लगीं। उनका ब्लड प्रेशर काफी कम गया। जिसके बाद सेहत विभाग ने एक टीम को अलर्ट मोड पर रखा गया है। वहीं उल्टियां होने की वजह से डल्लेवाल ने अब पानी पीना भी छोड़ दिया है। उनकी सेहत काफी कमजोर हो गई है। शंभू बॉर्डर खोलने का मामला सुप्रीम कोर्ट कैसे पहुंचा, 5 पॉइंट्स 1. फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून को लेकर 13 फरवरी 2024 से शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन चल रहा है। इसके अलावा खनौरी बॉर्डर पर भी किसान आंदोलन पर बैठे हैं। 2. 10 जुलाई 2024 को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि एक हफ्ते में शंभू बॉर्डर को खोला जाए। इसके खिलाफ हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। 3. 12 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एंबुलेंस, सीनियर सिटीजन्स, महिलाओं, छात्रों के लिए शंभू बॉर्डर की एक लेन खोलने के लिए कहा। इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी बनाई। जिसे सरकार और किसानों के बीच मध्यस्थता करनी थी। 4. सुप्रीम कोर्ट की यह कमेटी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस नवाब सिंह की अध्यक्षता में बनाई गई। जिसमें पूर्व डीजीपी बीएस संधू, कृषि विश्लेषक देवेंद्र शर्मा, प्रोफेसर रंजीत सिंह घुम्मन, कृषि सूचनाविद डॉ. सुखपाल सिंह और विशेष आमंत्रित सदस्य प्रोफेसर बलदेव राज कंबोज शामिल हैं। 5. कमेटी ने 10 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। जिसमें उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वाले किसान बातचीत के लिए नहीं आ रहे। किसानों से उनकी सुविधा के अनुसार तारीख और समय भी मांगा गया था लेकिन उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इसके बाद की मीटिंग में किसानों ने शामिल होने से इनकार कर दिया। डल्लेवाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 24 दिन में 7 सुनवाई हो चुकीं 1. 13 दिसंबर को कहा- तत्काल डॉक्टरी मदद दें
डल्लेवाल 26 नवंबर को अनशन पर बैठे थे। 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में जगजीत डल्लेवाल के आमरण अनशन को लेकर सुनवाई हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और केंद्र सरकार को कहा कि डल्लेवाल को तत्काल डॉक्टरी मदद दें। उन्हें जबरन कुछ न खिलाया जाए। आंदोलन से ज्यादा उनकी जान जरूरी है। इसके बाद पंजाब के डीजीपी गौरव यादव और केंद्रीय गृह निदेशक मयंक मिश्रा ने खनौरी बॉर्डर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। 2. 17 दिसंबर को कहा– पंजाब सरकार को कुछ करना चाहिए
इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। ढिलाई नहीं बरती जा सकती। आपको हालात संभालने होंगे। 3. 18 दिसंबर को कहा- बिना टेस्ट 70 साल के आदमी को कौन ठीक बता रहा
इस सुनवाई में पंजाब सरकार ने दावा किया कि डल्लेवाल की तबीयत ठीक है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल को सही बता रहा है? आप कैसे कह सकते हैं डल्लेवाल ठीक हैं? जब उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 4. 19 दिसंबर को कहा- अधिकारी अस्पताल में भर्ती करने पर फैसला लें
इस सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट में क्यों नहीं कराती है। यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। डल्लेवाल के स्वास्थ्य की स्थिर स्थिति सुनिश्चित करना पंजाब सरकार की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी निर्णय लेंगे। 5. 28 दिसंबर को कहा- केंद्र की मदद से अस्पताल शिफ्ट करें
यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के 19 दिसंबर के आदेश को लागू न करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर हुई। इसमें कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं। 6. 30 दिसंबर को पंजाब सरकार को 3 दिन की मोहलत ली
इस सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा अगर केंद्र सरकार पहल करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। 7. 2 जनवरी को कहा– हमने अनशन तोड़ने को नहीं कहा
इस सुनवाई में कोर्ट ने कहा– जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। इस केस में डल्लेवाल की दोस्त एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते।” हमने कमेटी बनाई है, किसानों से उसी कमेटी के जरिए बात करेंगे। ——————– किसान आंदोलन से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… केंद्रीय मंत्री खट्टर बोले- किसानों का मुद्दा पंजाब का, किसान बोले- कमेटी में शामिल लोग जिम्मेदारी नहीं लेते करनाल में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों का मुद्दा पंजाब सरकार का है। हरियाणा में ऐसा कुछ नहीं है। खट्टर ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों से बातचीत करने की कोशिश की है, और दो-तीन बार बातचीत का ऑफर भी दे चुकी है, लेकिन कोई भी किसान उस कमेटी से मिलने नहीं आया। (पढ़ें पूरी खबर) डल्लेवाल के डॉक्टर बोले– उनके शरीर में सिर्फ हडि्डयां बचीं, साइलेंट अटैक का खतरा बढ़ा हरियाणा–पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 41वें दिन आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल के शरीर में अब सिर्फ हडि्डयां बचीं हैं। उनके किडनी–लिवर, फेफड़ों में खराबी आ चुकी है। उन्हें कभी भी साइलेंट अटैक आ सकता है, यह कहना है उनकी देखरेख कर रहे प्राइवेट डॉक्टरों की टीम के लीडर डॉक्टर अवतार सिंह का। पूरी खबर पढ़ें… पंजाब | दैनिक भास्कर