मेरठ में दिल्ली-देहरादून हाईवे की सुभारती यूनिवर्सिटी के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (एनएसईआईटी) सेंटर पर चल रही सीएसआईआर नेट की ऑनलाइन परीक्षा के दौरान एसटीएफ ने अचानक रेड डाली। एसटीएफ ने यहां नकल कराते हुए तीन कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। नकल गैंग में शामिल 15 सदस्य
नेट सीएसआईआर की परीक्षा ऑनलाइन सॉल्व कराने के कांड में बड़ा नकल गिरोह सक्रिय है। एसटीएफ का मानना है कि इसमें 15 मेंबर्स शामिल हैं। जो इस पूरे कांड को रच रहे थे। मेरठ में एसटीएफ के एएसपी ब्रिजेश सिंह के अनुसार सीएसआईआर नेट परीक्षा में सेंधमारी कराने वाले गिरोह में 12 से ज्यादा सदस्य और 4 सॉल्वर शामिल हैं। इन लोगों ने मिलकर यह नया गिरोह तैयार किया और इसके बाद अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूली है। गिरोह में कंप्यूटर लैब के आईटी मैनेजर और लैब असिस्टेंट को शामिल किया। इनवी, मदद से सेंधमारी शुरू की गई। साथ ही परीक्षा कराने वाले लेख संस्था के सर्वर ऑपरेटर को भी इस गिरोह में शामिल किया। इन सभी आरोपियों का कोई पुराना अपराधिक रिकार्ड नहीं मिला है। हालांकि पुलिस इस मामले में जांच में लगी है और बाकी आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। रेड में एसटीएफ को मिला ये सामान मौके से एक कंप्यूटर, दो लैपटॉप और डिवाइस बरामद किए गए हैं। हिरासत में लिए गए 3 कर्मचारियों सहित एसटीएफ ने अभ्यर्थियों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। देररात तक अभ्यर्थियों के घरवाले बच्चों के लिए परेशान होते रहे। बाद में पता चला कि उन्हें एसटीएफ ले गई है। पुलिस और प्रशासन भी स्टूडेंट्स कहां हैं इसका जवाब नहीं दे सका। यूनिवर्सिटी ने अरुण शर्मा को किया रेस्टीगेट
वहीं एसटीएफ ने मौके से सॉल्वर गैंग के जि 3 सदस्यों को हिरासत में लिया, उसमें सुभारती यूनिवर्सिटी का सुपरवाइजर अरुण शर्मा भी शामिल है। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट के अनुसार 26 जुलाई 2 अगस्त तक यूनिवर्सिटी में कांवड़ हॉलिडे है। शुक्रवार को भी यूनिवर्सिटी पूरी तरह ऑफ थी। ऐसे में अरुण शर्मा छुट्टी के दिन विवि में क्या करने आए। उसे किसने विवि आने का आदेश दिया और बुलाया। विवि की जांच में पता चला कि अरुण अपनी मर्जी से छुट्टी के दिन एग्जाम सेंटर पहुंचा। इस लापरवाही को देखते हुए यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने अरुण शर्मा को रेस्टीगेट कर दिया है।
ऑनलाइन कराया जा रहा था पेपर सॉल्व
बता दें कि एसटीएफ को मौके से परीक्षा केंद्र प्रभारी समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही 15 अभ्यर्थियों को भी हिरासत में लिया गया है। एक कंप्यूटर, दो लैपटॉप और डिवाइस बरामद किए गए हैं। एसटीएफ की टीम जांच में जुटी है। जिन 3 लोगों को अरेस्ट किया उसमें विनीत कुमार निवासी मवीमीरा इंचौली, अंकुर सैनी नूरनगर लिसाड़ी गेट, अरुण शर्मा निवासी सैदगढ़ी भीकमपुर बुलंदशहर शामिल है। एसटीएफ चीफ ने खुद लिया मामले का संज्ञान
एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने बताया कि गोपनीय सूचना के आधार पर सुभारती विश्वविद्यालय में एनएसईआईटी के सीएसआईआर-नेट के एग्जामिनेशन सेंटर में सर्च अभियान चलाया गया। लैब के सर्वर रूम से लोकल एरिया नेटवर्क के जरिये एक्स्ट्रा एडमिन कंप्यूटर मिला। सर्वर रूम में दो लैपटॉप मिले, जिसमें एनी डेस्क रिमोट एक्सेस टूल से छात्रों के कंप्यूटर की स्क्रीन शेयर की जा रही थी। एक मोबाइल भी एग्जाम कराने वाले कर्मचारी से मिला। मोबाइल में चार अभ्यर्थियों के नाम रोल नंबर और उनके सिस्टम का आईपी एड्रेस मिला। इस आईपी को सेंटर के बाहर एक व्यक्ति को शेयर किया गया था। इनके प्रश्नपत्र को बाहर से सॉल्वर द्वारा हल किया जा रहा था। 25 जुलाई को भी प्रथम और द्वितीय पाली में हुई परीक्षा में 11 अभ्यर्थी के नाम मोबाइल के डिलीट फाइल से मिले हैं।
पिछले महीने एनटीए ने टाल दी थी परीक्षा
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने एक जून से सीएसआईआर-नेट के आवेदन मांगे थे। इसकी परीक्षा 25, 26 और 27 जून को होना था। नीट पेपर लीक विवाद के बीच परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एनटीए ने सीएसआईआर नेट के पेपर टाल दिए थे। इसके बाद एनटीए ने री-एग्जाम शेड्यूल जारी किया। 25 जुलाई को अर्थ, एटमॉस्फेरिक, ओसियन, प्लेनेट्री, साइंसेज और फिजिकल साइंस का पेपर हुआ। 26 जुलाई को मैथमेटिकल साइंस का पेपर हुआ। 27 जुलाई को लाइफ साइंस और केमिकल साइंस का पेपर होगा।
विवि प्रशासन ने एजेंसी पर फोड़ा ठीकरा
सुभारती विश्वविद्यालय के कुलसचिव सैय्यद जफर हुसैन ने बताया कि परीक्षा के आयोजन से विश्वविद्यालय प्रबंधन का कोई संबंध नहीं है। विवि ने यह सेंटर एनएसईआईटी को किराये पर दिया है। इसमें सर्वर से लेकर परीक्षा कराने की जिम्मेदारी उसी कंपनी की है। मेरठ में दिल्ली-देहरादून हाईवे की सुभारती यूनिवर्सिटी के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (एनएसईआईटी) सेंटर पर चल रही सीएसआईआर नेट की ऑनलाइन परीक्षा के दौरान एसटीएफ ने अचानक रेड डाली। एसटीएफ ने यहां नकल कराते हुए तीन कर्मचारियों को हिरासत में लिया है। नकल गैंग में शामिल 15 सदस्य
नेट सीएसआईआर की परीक्षा ऑनलाइन सॉल्व कराने के कांड में बड़ा नकल गिरोह सक्रिय है। एसटीएफ का मानना है कि इसमें 15 मेंबर्स शामिल हैं। जो इस पूरे कांड को रच रहे थे। मेरठ में एसटीएफ के एएसपी ब्रिजेश सिंह के अनुसार सीएसआईआर नेट परीक्षा में सेंधमारी कराने वाले गिरोह में 12 से ज्यादा सदस्य और 4 सॉल्वर शामिल हैं। इन लोगों ने मिलकर यह नया गिरोह तैयार किया और इसके बाद अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूली है। गिरोह में कंप्यूटर लैब के आईटी मैनेजर और लैब असिस्टेंट को शामिल किया। इनवी, मदद से सेंधमारी शुरू की गई। साथ ही परीक्षा कराने वाले लेख संस्था के सर्वर ऑपरेटर को भी इस गिरोह में शामिल किया। इन सभी आरोपियों का कोई पुराना अपराधिक रिकार्ड नहीं मिला है। हालांकि पुलिस इस मामले में जांच में लगी है और बाकी आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। रेड में एसटीएफ को मिला ये सामान मौके से एक कंप्यूटर, दो लैपटॉप और डिवाइस बरामद किए गए हैं। हिरासत में लिए गए 3 कर्मचारियों सहित एसटीएफ ने अभ्यर्थियों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। देररात तक अभ्यर्थियों के घरवाले बच्चों के लिए परेशान होते रहे। बाद में पता चला कि उन्हें एसटीएफ ले गई है। पुलिस और प्रशासन भी स्टूडेंट्स कहां हैं इसका जवाब नहीं दे सका। यूनिवर्सिटी ने अरुण शर्मा को किया रेस्टीगेट
वहीं एसटीएफ ने मौके से सॉल्वर गैंग के जि 3 सदस्यों को हिरासत में लिया, उसमें सुभारती यूनिवर्सिटी का सुपरवाइजर अरुण शर्मा भी शामिल है। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट के अनुसार 26 जुलाई 2 अगस्त तक यूनिवर्सिटी में कांवड़ हॉलिडे है। शुक्रवार को भी यूनिवर्सिटी पूरी तरह ऑफ थी। ऐसे में अरुण शर्मा छुट्टी के दिन विवि में क्या करने आए। उसे किसने विवि आने का आदेश दिया और बुलाया। विवि की जांच में पता चला कि अरुण अपनी मर्जी से छुट्टी के दिन एग्जाम सेंटर पहुंचा। इस लापरवाही को देखते हुए यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने अरुण शर्मा को रेस्टीगेट कर दिया है।
ऑनलाइन कराया जा रहा था पेपर सॉल्व
बता दें कि एसटीएफ को मौके से परीक्षा केंद्र प्रभारी समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही 15 अभ्यर्थियों को भी हिरासत में लिया गया है। एक कंप्यूटर, दो लैपटॉप और डिवाइस बरामद किए गए हैं। एसटीएफ की टीम जांच में जुटी है। जिन 3 लोगों को अरेस्ट किया उसमें विनीत कुमार निवासी मवीमीरा इंचौली, अंकुर सैनी नूरनगर लिसाड़ी गेट, अरुण शर्मा निवासी सैदगढ़ी भीकमपुर बुलंदशहर शामिल है। एसटीएफ चीफ ने खुद लिया मामले का संज्ञान
एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने बताया कि गोपनीय सूचना के आधार पर सुभारती विश्वविद्यालय में एनएसईआईटी के सीएसआईआर-नेट के एग्जामिनेशन सेंटर में सर्च अभियान चलाया गया। लैब के सर्वर रूम से लोकल एरिया नेटवर्क के जरिये एक्स्ट्रा एडमिन कंप्यूटर मिला। सर्वर रूम में दो लैपटॉप मिले, जिसमें एनी डेस्क रिमोट एक्सेस टूल से छात्रों के कंप्यूटर की स्क्रीन शेयर की जा रही थी। एक मोबाइल भी एग्जाम कराने वाले कर्मचारी से मिला। मोबाइल में चार अभ्यर्थियों के नाम रोल नंबर और उनके सिस्टम का आईपी एड्रेस मिला। इस आईपी को सेंटर के बाहर एक व्यक्ति को शेयर किया गया था। इनके प्रश्नपत्र को बाहर से सॉल्वर द्वारा हल किया जा रहा था। 25 जुलाई को भी प्रथम और द्वितीय पाली में हुई परीक्षा में 11 अभ्यर्थी के नाम मोबाइल के डिलीट फाइल से मिले हैं।
पिछले महीने एनटीए ने टाल दी थी परीक्षा
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने एक जून से सीएसआईआर-नेट के आवेदन मांगे थे। इसकी परीक्षा 25, 26 और 27 जून को होना था। नीट पेपर लीक विवाद के बीच परीक्षा की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एनटीए ने सीएसआईआर नेट के पेपर टाल दिए थे। इसके बाद एनटीए ने री-एग्जाम शेड्यूल जारी किया। 25 जुलाई को अर्थ, एटमॉस्फेरिक, ओसियन, प्लेनेट्री, साइंसेज और फिजिकल साइंस का पेपर हुआ। 26 जुलाई को मैथमेटिकल साइंस का पेपर हुआ। 27 जुलाई को लाइफ साइंस और केमिकल साइंस का पेपर होगा।
विवि प्रशासन ने एजेंसी पर फोड़ा ठीकरा
सुभारती विश्वविद्यालय के कुलसचिव सैय्यद जफर हुसैन ने बताया कि परीक्षा के आयोजन से विश्वविद्यालय प्रबंधन का कोई संबंध नहीं है। विवि ने यह सेंटर एनएसईआईटी को किराये पर दिया है। इसमें सर्वर से लेकर परीक्षा कराने की जिम्मेदारी उसी कंपनी की है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर