निकाह कर सुरक्षा के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचे दंपती को सही जानकारी न देना भारी पड़ गया। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फतेहगढ़ साहिब के एसएसपी को इस मामले जांच के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से जो याचिका दायर की गई थी उसमें बताया गया था कि उन्होंने मस्जिद में निकाह किया है। जबकि जो फोटो याचिका में लगाए गए थे। उसमें निकाह ऑटो-रिक्शा में हुआ दिख रहा था। ऐसे में अदालत ने कहा है कि यह पता लगाया जाए कि क्या “फर्जी विवाह” की आड़ में धर्म परिवर्तन का कोई गिरोह तो नहीं चल रहा है। हालांकि अदालत ने झूठी गवाही देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से गुरेज किया। ऐसे दायर की थी हाईकोर्ट में याचिका
याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि जुलाई माह में पंजाब के नयागांव में मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार लड़की के रिश्तेदारों की इच्छा के विरुद्ध निकाह किया था। इसलिए उन्हें अपनी जान का खतरा है। वकील ने दलील दी कि संबंधित पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों ने याचिकाकर्ताओं से संपर्क करने और लड़की के रिश्तेदारों द्वारा उन्हें दी जा रही धमकी के बारे में पूछताछ करने के लिए पहले ही प्रयास किए थे।
काजी द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र को देखते हुए अदालत ने पाया कि विवाह के तथ्य को दूल्हे द्वारा सत्यापित किया गया है। हालांकि न्यायालय ने आगे कहा कि याचिकाकर्ताओं के वकील ने “साफ तौर पर स्वीकार किया कि समारोह ऑटो-रिक्शा में आयोजित किए गए थे।
अदालत की तरफ से यह टिप्पणी की गई
अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत हाेता है कि पूरी कार्यवाही गलत इरादों से प्रेरित है और विवाह की आड़ में न्यायालय को मूर्ख बनाया जा रहा है । इसके बाद मामले की जांच के आदेश दिए है। वहीं, मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को तय की है। निकाह कर सुरक्षा के लिए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचे दंपती को सही जानकारी न देना भारी पड़ गया। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फतेहगढ़ साहिब के एसएसपी को इस मामले जांच के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता की तरफ से जो याचिका दायर की गई थी उसमें बताया गया था कि उन्होंने मस्जिद में निकाह किया है। जबकि जो फोटो याचिका में लगाए गए थे। उसमें निकाह ऑटो-रिक्शा में हुआ दिख रहा था। ऐसे में अदालत ने कहा है कि यह पता लगाया जाए कि क्या “फर्जी विवाह” की आड़ में धर्म परिवर्तन का कोई गिरोह तो नहीं चल रहा है। हालांकि अदालत ने झूठी गवाही देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से गुरेज किया। ऐसे दायर की थी हाईकोर्ट में याचिका
याचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि जुलाई माह में पंजाब के नयागांव में मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार लड़की के रिश्तेदारों की इच्छा के विरुद्ध निकाह किया था। इसलिए उन्हें अपनी जान का खतरा है। वकील ने दलील दी कि संबंधित पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों ने याचिकाकर्ताओं से संपर्क करने और लड़की के रिश्तेदारों द्वारा उन्हें दी जा रही धमकी के बारे में पूछताछ करने के लिए पहले ही प्रयास किए थे।
काजी द्वारा जारी विवाह प्रमाण पत्र को देखते हुए अदालत ने पाया कि विवाह के तथ्य को दूल्हे द्वारा सत्यापित किया गया है। हालांकि न्यायालय ने आगे कहा कि याचिकाकर्ताओं के वकील ने “साफ तौर पर स्वीकार किया कि समारोह ऑटो-रिक्शा में आयोजित किए गए थे।
अदालत की तरफ से यह टिप्पणी की गई
अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत हाेता है कि पूरी कार्यवाही गलत इरादों से प्रेरित है और विवाह की आड़ में न्यायालय को मूर्ख बनाया जा रहा है । इसके बाद मामले की जांच के आदेश दिए है। वहीं, मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को तय की है। पंजाब | दैनिक भास्कर