सूरजकुंड मेला 7 फरवरी से शुरू होगा:200 नई दुकानें बनीं, क्यूआर कोड से बुकिंग, 2 राज्य स्टेट थीम, 6 देश कंट्री पार्टनर

सूरजकुंड मेला 7 फरवरी से शुरू होगा:200 नई दुकानें बनीं, क्यूआर कोड से बुकिंग, 2 राज्य स्टेट थीम, 6 देश कंट्री पार्टनर

फरीदाबाद की अरावली पहाड़ियों में लगने वाले 38वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इस साल मेले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए हरियाणा टूरिज्म ने क्यूआर कोड जारी किया है। इसके जरिए मेले में आने वाले कलाकार और हस्तशिल्पी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। दिल्ली चुनाव के चलते इस बार मेला 7 फरवरी से शुरू होकर 23 फरवरी तक चलेगा। सूरजकुंड मेले की शुरुआत साल 1987 में हुई थी। यह मेला हर साल फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है। क्यूआर कोड के जरिए पंजीकरण पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए हरियाणा टूरिज्म ने पहली बार क्यूआर कोड जारी किया है। यह कोड पर्यटन साइट पर उपलब्ध है, जिसके जरिए घर बैठे रजिस्ट्रेशन का काम पूरा किया जा सकेगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा दूसरे राज्यों से आने वाले कलाकारों और हस्तशिल्पियों को मिलेगा। हस्तशिल्पी ऑनलाइन आवेदन करेंगे और उन्हें ऑनलाइन ही दुकानें आवंटित की जाएंगी। ओडिशा-मध्य प्रदेश थीम स्टेट मेले में पहली बार दो राज्यों ओडिशा और मध्य प्रदेश को स्टेट थीम बनाया गया है। दोनों राज्यों के लिए थीम गेट तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा मेले में दोनों राज्यों के कलाकार और हस्तशिल्पी अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं। मेले की तैयारियों से जुड़ी तस्वीरें.. 6 देशों को बनाया गया कंट्री पार्टनर हर बार एक देश को कंट्री पार्टनर बनाया जाता था, लेकिन इस बार बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड को कंट्री पार्टनर बनाया गया है। सभी देश पहली बार कंट्री पार्टनर के तौर पर मेले में हिस्सा लेंगे। मेले में आने वाले पर्यटकों को इन सभी देशों के कलाकारों की कला देखने को मिलेगी। इन देशों के नौकरशाह भी मेले में हिस्सा लेंगे। 200 नई दुकानें बनाई गईं 38वें मेले में कारीगरों और कलाकारों के लिए दुकानों की संख्या बढ़ाकर 1300 कर दी गई है। दुकानों की संख्या 1100 से बढ़ाकर 1300 कर दी गई है। इसके साथ ही मेले में आने वाले कारीगरों की संख्या भी बढ़ने जा रही है। मेले की तैयारियां जोरों पर सूरजकुंड मेला नोडल अधिकारी उमा शंकर भारद्वाज ने बताया कि मेले की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। दुकानें लगभग बनकर तैयार हो चुकी हैं। दुकानों की साज-सज्जा और मेले की दीवारों पर तेजी से काम चल रहा है। जल्द ही मेला परिसर पूरी तरह तैयार हो जाएगा। वर्ष 2024 में आयोजित मेले में 13 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे थे। इस बार अधिक पर्यटकों के आने की उम्मीद है। फरीदाबाद की अरावली पहाड़ियों में लगने वाले 38वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इस साल मेले के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए हरियाणा टूरिज्म ने क्यूआर कोड जारी किया है। इसके जरिए मेले में आने वाले कलाकार और हस्तशिल्पी अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। दिल्ली चुनाव के चलते इस बार मेला 7 फरवरी से शुरू होकर 23 फरवरी तक चलेगा। सूरजकुंड मेले की शुरुआत साल 1987 में हुई थी। यह मेला हर साल फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है। क्यूआर कोड के जरिए पंजीकरण पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए हरियाणा टूरिज्म ने पहली बार क्यूआर कोड जारी किया है। यह कोड पर्यटन साइट पर उपलब्ध है, जिसके जरिए घर बैठे रजिस्ट्रेशन का काम पूरा किया जा सकेगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा दूसरे राज्यों से आने वाले कलाकारों और हस्तशिल्पियों को मिलेगा। हस्तशिल्पी ऑनलाइन आवेदन करेंगे और उन्हें ऑनलाइन ही दुकानें आवंटित की जाएंगी। ओडिशा-मध्य प्रदेश थीम स्टेट मेले में पहली बार दो राज्यों ओडिशा और मध्य प्रदेश को स्टेट थीम बनाया गया है। दोनों राज्यों के लिए थीम गेट तैयार किए जा रहे हैं। इसके अलावा मेले में दोनों राज्यों के कलाकार और हस्तशिल्पी अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं। मेले की तैयारियों से जुड़ी तस्वीरें.. 6 देशों को बनाया गया कंट्री पार्टनर हर बार एक देश को कंट्री पार्टनर बनाया जाता था, लेकिन इस बार बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड को कंट्री पार्टनर बनाया गया है। सभी देश पहली बार कंट्री पार्टनर के तौर पर मेले में हिस्सा लेंगे। मेले में आने वाले पर्यटकों को इन सभी देशों के कलाकारों की कला देखने को मिलेगी। इन देशों के नौकरशाह भी मेले में हिस्सा लेंगे। 200 नई दुकानें बनाई गईं 38वें मेले में कारीगरों और कलाकारों के लिए दुकानों की संख्या बढ़ाकर 1300 कर दी गई है। दुकानों की संख्या 1100 से बढ़ाकर 1300 कर दी गई है। इसके साथ ही मेले में आने वाले कारीगरों की संख्या भी बढ़ने जा रही है। मेले की तैयारियां जोरों पर सूरजकुंड मेला नोडल अधिकारी उमा शंकर भारद्वाज ने बताया कि मेले की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। दुकानें लगभग बनकर तैयार हो चुकी हैं। दुकानों की साज-सज्जा और मेले की दीवारों पर तेजी से काम चल रहा है। जल्द ही मेला परिसर पूरी तरह तैयार हो जाएगा। वर्ष 2024 में आयोजित मेले में 13 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे थे। इस बार अधिक पर्यटकों के आने की उम्मीद है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर