सोनीपत की यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को महिला आयोग का नोटिस:ऑपरेशन सिंदूर को लेकर टिप्पणी की; 14 मई को पेशी के आदेश

सोनीपत की यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को महिला आयोग का नोटिस:ऑपरेशन सिंदूर को लेकर टिप्पणी की; 14 मई को पेशी के आदेश

हरियाणा राज्य महिला आयोग ने सोनीपत की एक यूनिवर्सिटी में कार्यरत प्रोफेसर द्वारा सेना और महिला अधिकारियों को लेकर सार्वजनिक मंचों पर दिए गए कथित आपत्तिजनक बयानों का स्वतः संज्ञान लिया है। महिला आयोग ने प्रोफेसर को समन जारी करते हुए 14 मई 2025 को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। आयोग का मानना है कि इन बयानों से महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंची है और इससे सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है। क्या है पूरा मामला 7 मई 2025 को सोनीपत की राई एजुकेशन सिटी में स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद द्वारा सोशल मीडिया सहित विभिन्न सार्वजनिक मंचों पर ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में कुछ टिप्पणियां की गई थीं। यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए एक आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा शुरू किया गया था। प्रोफेसर की पोस्ट में सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए असभ्य शब्दों का प्रयोग किया गया। महिला अधिकारियों के प्रति कथित आपत्तिजनक टिप्पणी आयोग ने प्रोफेसर पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी जैसी महिला अधिकारियों की भूमिका को कमतर आंकते हुए उनके पेशेवर योगदान को विवादास्पद ढंग से प्रस्तुत किया। इससे महिला अधिकारियों की गरिमा और सम्मान को ठेस पहुंची है, जो संविधान और महिला अधिकारों के खिलाफ है। सांप्रदायिक सौहार्द को खतरा प्रोफेसर के बयानों में आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को एक विशेष समुदाय के विरुद्ध बताया गया, जिससे आयोग के अनुसार सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका है। आयोग का यह भी मानना है कि इस प्रकार की टिप्पणियां राष्ट्रीय एकता और आंतरिक शांति को प्रभावित कर सकती हैं। यूजीसी आचार संहिता का उल्लंघन आयोग ने यह भी संकेत दिया है कि बतौर विश्वविद्यालय शिक्षक, प्रोफेसर पर यूजीसी के 2018 के विनियम लागू होते हैं। प्रोफेसर के कथित बयानों को नैतिक और पेशेवर आचरण के विरुद्ध मानते हुए आयोग ने इसे एक गंभीर उल्लंघन बताया है। आयोग का निर्देश व समन हरियाणा राज्य महिला आयोग ने हरियाणा राज्य महिला आयोग अधिनियम, 2012 की धारा 10(1) (f) व 10(3)(a) के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए प्रोफेसर को 14 मई 2025 को सुबह 10 बजे पंचकुला स्थित आयोग कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है। समन में यह भी निर्देश दिया गया है कि प्रोफेसर को निम्नलिखित दस्तावेज साथ लाने होंगे:- 1. अपने बयानों का 5 पन्नों से अधिक न होने वाला शपथपत्र के रूप में प्रस्तुत करते हुए स्पष्टीकरण देना होगा। 2. अपने बयानों के समर्थन में नोटरी से वेरिफाई कोई दस्तावेज अथवा प्रमाण देना होगा। 3. यूनिवर्सिटी की संहिता (कोड ऑफ कंडक्ट) और सेवा एग्रीमेंट की प्रति प्रस्तुत करने को कहा है। गैरहाजिर रहने पर कार्रवाई की चेतावनी आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि प्रोफेसर 48 घंटे के भीतर समन के अनुसार उपस्थित नहीं होते और पर्याप्त कारण नहीं बताते, तो आयोग संबंधित विधिक प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा। हरियाणा राज्य महिला आयोग ने सोनीपत की एक यूनिवर्सिटी में कार्यरत प्रोफेसर द्वारा सेना और महिला अधिकारियों को लेकर सार्वजनिक मंचों पर दिए गए कथित आपत्तिजनक बयानों का स्वतः संज्ञान लिया है। महिला आयोग ने प्रोफेसर को समन जारी करते हुए 14 मई 2025 को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। आयोग का मानना है कि इन बयानों से महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंची है और इससे सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता है। क्या है पूरा मामला 7 मई 2025 को सोनीपत की राई एजुकेशन सिटी में स्थित अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद द्वारा सोशल मीडिया सहित विभिन्न सार्वजनिक मंचों पर ऑपरेशन सिंदूर के संबंध में कुछ टिप्पणियां की गई थीं। यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए एक आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सेना द्वारा शुरू किया गया था। प्रोफेसर की पोस्ट में सैन्य कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए असभ्य शब्दों का प्रयोग किया गया। महिला अधिकारियों के प्रति कथित आपत्तिजनक टिप्पणी आयोग ने प्रोफेसर पर यह आरोप लगाया है कि उन्होंने वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी जैसी महिला अधिकारियों की भूमिका को कमतर आंकते हुए उनके पेशेवर योगदान को विवादास्पद ढंग से प्रस्तुत किया। इससे महिला अधिकारियों की गरिमा और सम्मान को ठेस पहुंची है, जो संविधान और महिला अधिकारों के खिलाफ है। सांप्रदायिक सौहार्द को खतरा प्रोफेसर के बयानों में आतंकवाद के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को एक विशेष समुदाय के विरुद्ध बताया गया, जिससे आयोग के अनुसार सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका है। आयोग का यह भी मानना है कि इस प्रकार की टिप्पणियां राष्ट्रीय एकता और आंतरिक शांति को प्रभावित कर सकती हैं। यूजीसी आचार संहिता का उल्लंघन आयोग ने यह भी संकेत दिया है कि बतौर विश्वविद्यालय शिक्षक, प्रोफेसर पर यूजीसी के 2018 के विनियम लागू होते हैं। प्रोफेसर के कथित बयानों को नैतिक और पेशेवर आचरण के विरुद्ध मानते हुए आयोग ने इसे एक गंभीर उल्लंघन बताया है। आयोग का निर्देश व समन हरियाणा राज्य महिला आयोग ने हरियाणा राज्य महिला आयोग अधिनियम, 2012 की धारा 10(1) (f) व 10(3)(a) के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए प्रोफेसर को 14 मई 2025 को सुबह 10 बजे पंचकुला स्थित आयोग कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा है। समन में यह भी निर्देश दिया गया है कि प्रोफेसर को निम्नलिखित दस्तावेज साथ लाने होंगे:- 1. अपने बयानों का 5 पन्नों से अधिक न होने वाला शपथपत्र के रूप में प्रस्तुत करते हुए स्पष्टीकरण देना होगा। 2. अपने बयानों के समर्थन में नोटरी से वेरिफाई कोई दस्तावेज अथवा प्रमाण देना होगा। 3. यूनिवर्सिटी की संहिता (कोड ऑफ कंडक्ट) और सेवा एग्रीमेंट की प्रति प्रस्तुत करने को कहा है। गैरहाजिर रहने पर कार्रवाई की चेतावनी आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि प्रोफेसर 48 घंटे के भीतर समन के अनुसार उपस्थित नहीं होते और पर्याप्त कारण नहीं बताते, तो आयोग संबंधित विधिक प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर