हरियाणा के सोनीपत में फैक्ट्री के मालिक से 50 लाख रुपए की फिरौती (चौथ) मांगी गई है। युवक ने फैक्ट्री के गार्ड के साथ गाली गलौज की और धमकी दी कि मालिक को कह देना, यहां फैक्ट्री चलानी है तो 50 लाख रुपए भिजवा दे। फैक्ट्री मालिक की शिकायत पर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले मुकेश गोयल ने खरखौदा थाना में दी शिकायत मे बताया कि उसकी IMT खरखौदा में नीलगिरी के नाम से फैक्ट्री है। इसमें विभिन्न प्रकार की मशीनों का निर्माण होता है। कंपनी को करीब पौने दो साल पहले शुरू किया गया था। IMT में फिलहाल एकमात्र यही ऐसी फैक्ट्री में जिसमें उत्पादन हो रहा है। मुकेश गोयल ने बताया कि फैक्ट्री में तैनात गार्ड ने बताया कि रामपुर गांव का रहने वाला एक युवक उसके साथ गाली-गलौज करते हुए यह कहकर गया है कि अगर तेरे मालिक को यहां पर फैक्ट्री चलानी है तो कह देना 50 लाख रुपए भिजवा दे। उसने इस बात को अनसुना कर दिया। उसने बताया कि 16 जून को फिर से रात को वही युवक फैक्ट्री में पहुंचा। उसके साथ दो और युवक थे। वे फैक्ट्री के ऑफिस में पहुंचे और गार्ड से गाली-गलौज की। साथ ही कार्यालय का शीशा तोड़ दिया। उन्होंने फिर से 50 लाख रुपए की मांग की। इसके बाद फैक्ट्री मालिक ने मामले की सूचना पुलिस को दी और सुरक्षा की गुहार लगाई। थाना खरखौदा के एसएचओ अंकित कुमार ने बताया कि पुलिस मामले में गहनता से जांच कर रही है। धमकी देने वाले के बारे में सूचना जुटाई जा रही है। हरियाणा के सोनीपत में फैक्ट्री के मालिक से 50 लाख रुपए की फिरौती (चौथ) मांगी गई है। युवक ने फैक्ट्री के गार्ड के साथ गाली गलौज की और धमकी दी कि मालिक को कह देना, यहां फैक्ट्री चलानी है तो 50 लाख रुपए भिजवा दे। फैक्ट्री मालिक की शिकायत पर पुलिस ने छानबीन शुरू कर दी है। दिल्ली के रोहिणी में रहने वाले मुकेश गोयल ने खरखौदा थाना में दी शिकायत मे बताया कि उसकी IMT खरखौदा में नीलगिरी के नाम से फैक्ट्री है। इसमें विभिन्न प्रकार की मशीनों का निर्माण होता है। कंपनी को करीब पौने दो साल पहले शुरू किया गया था। IMT में फिलहाल एकमात्र यही ऐसी फैक्ट्री में जिसमें उत्पादन हो रहा है। मुकेश गोयल ने बताया कि फैक्ट्री में तैनात गार्ड ने बताया कि रामपुर गांव का रहने वाला एक युवक उसके साथ गाली-गलौज करते हुए यह कहकर गया है कि अगर तेरे मालिक को यहां पर फैक्ट्री चलानी है तो कह देना 50 लाख रुपए भिजवा दे। उसने इस बात को अनसुना कर दिया। उसने बताया कि 16 जून को फिर से रात को वही युवक फैक्ट्री में पहुंचा। उसके साथ दो और युवक थे। वे फैक्ट्री के ऑफिस में पहुंचे और गार्ड से गाली-गलौज की। साथ ही कार्यालय का शीशा तोड़ दिया। उन्होंने फिर से 50 लाख रुपए की मांग की। इसके बाद फैक्ट्री मालिक ने मामले की सूचना पुलिस को दी और सुरक्षा की गुहार लगाई। थाना खरखौदा के एसएचओ अंकित कुमार ने बताया कि पुलिस मामले में गहनता से जांच कर रही है। धमकी देने वाले के बारे में सूचना जुटाई जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के 1.20 लाख कर्मचारियों की जॉब सिक्योरिटी पर संकट:ऑर्डिनेंस बनने से पहले आचार संहिता लागू; 2 वजहें जिससे अफसर भी ऑर्डर जारी नहीं कर पाएंगे हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही प्रदेश के 1.20 लाख कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा पर संकट मंडराने लगा है। सीएम नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और संस्थाओं में 5 साल से अधिक समय से कार्यरत 1.20 लाख अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा देने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई। इसकी अधिसूचना 14 अगस्त को जारी कर दी गई। अगले दिन 15 अगस्त की छुट्टी थी और 16 अगस्त की शाम को आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। इस वजह से अब 1.20 लाख कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी मिलने में पेंच फंस गया है। इन 2 करणों से फंसा पेंच जॉब सिक्योरिटी फंसने के 2 कारण बताए जा रहे हैं। पहला कारण है कि अध्यादेश को कैसे लागू किया जाना था, उसको लेकर निर्देश जारी होने थे। ये अभी जारी नहीं हुए और अब अगर जारी करने होंगे तो पहले भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से अनुमति लेनी होगी। इतनी जल्दी यह अनुमति मिलना मुश्किल होता है। दूसरा कारण यह है, कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद सामान्य तौर पर संबंधित अफसर इस तरह के आदेश जारी करने से बचते हैं। उन्हें पता होता है कि इस तरह के मामलों में कंट्रोवर्सी तैयार हो जाती है। एक्सटेंशन लेक्सर्च की भी जॉब सिक्योरिटी लटकी आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण सरकारी कॉलेजों में कार्यरत एक्सटेंशन लेक्चरर्स को जॉब सिक्योरिटी देने का जो अध्यादेश 17 अगस्त को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जाना था , अब वह भी नहीं लाया जा सकेगा । इसलिए उनके लिए कोई एक्ट नहीं बन पाएगा। चूंकि एक्सटेंशन लेक्चरर्स के लिए एक्ट नहीं बन पाएगा तो यूनिवर्सिटीज में कार्यरत सहायक प्रोफेसरों को भी कोई भी जॉब सिक्योरिटी नहीं मिल पाएगी। हड़ताल पर चल रहे NHM के कर्मचारियों को भी अब कोई राहत सरकार नहीं दे पाएगी। हुड्डा ने 2014 में बनाई थी रेगुलराइजेशन पॉलिसी साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार ने जून, 2014 में रेगुलराइजेशन पॉलिसीज जारी कर दी थी, ताकि समय रहते संबंधित अफसर संबंधित पात्र कर्मचारियों को रेगुलर करने का आदेश पारित कर दें। इसके बावजूद कुछ विभागों के अधिकारियों ने आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने की तिथि तक भी आदेश जारी नहीं किए थे। जिस कारण काफी संख्या में अस्थावी कर्मचारी रेगुलर होने से रह गए थे। आज तक वे अस्थायी ही चल रहे हैं।
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