हरियाणा के सोनीपत में साइबर ठगों ने एक व्यक्ति के खाते से 17 लाख 97 हजार 879 रुपए उड़ा लिए। उसके पास बैंक अधिकारी बन कर फोन किया गया था। साथ ही विश्वास दिलाने के लिए खाते में अंतिम लेन देन का ब्योरा दिया गया। ठगों ने लिंक भेज कर फोन को हैक करके लाखों रुपए निकाल लिए। पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। टीडीआई कुंडली में रहने वाले कमलेश चौरसिया ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि TDI क्लब के पास रहता है। 27 दिसंबर को उसके मोबाइल नंबर पर एक फोन आया। फान करने वाले ने खुद को एक्सिस बैंक का अधिकारी बताया। उसको बताया गया कि आपके एक्सिस बैंक में दो अकाउंट है। इन अकाउंट की पैन वैरिफिकेशन करनी है। हमारा बैंक आपको एक लिंक भेजेगा। जिससे आपको पैन नंबर वेरिफाई करना है। एक्सिस बैंक का भेजा था लिंक कमलेश ने बताया कि फोन करने वाले ने उसे विश्वास दिलाने के लिए उस द्वारा बैंक अकाउंट से किए गए अंतिम लेन देन के बारे में जानकारी दी। वह संतुष्ट हो गया कि फोन करने वाले बैंक से ही हैं। उसने उनकी बातों में आकर वैरिफिकेशन कर दी। इसके बाद दोबारा 29 दिसंबर को शाम के समय उसी नंबर से दोबारा कॉल आई। उन्होंने वॉटसऐप पर उसे फिर एक्सिस बैंक का एक लिंक भेजा। 1 घंटा 20 मिनट में खाते खाली उसने बताया कि उसने लिंक पर क्लिक किया तो उसका मोबाइल हैक हो गया। इसके बाद एक्सिस बैंक के उसके दोनों खातों से 11 बार अलग-अलग 17 लाख 97 हजार 879 रुपए की राशि निकाल ली गई। उसने बताया कि ठगों ने ये रुपए 29 दिसंबर को शाम 5.26 बजे से 6.45 बजे तक केवल 1 घंटा 20 मिनट में निकाली गई है। पुलिस ने दर्ज किया केस सोनीपत साइबर थाना के ASI नवदीप सिंह के अनुसार, पुलिस ने कमलेश की शिकायत पर आज रविवार को धारा 318(4), 338, 336(3), 340, 61 BNS में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस टीम मामले में छानबीन कर रही है। हरियाणा के सोनीपत में साइबर ठगों ने एक व्यक्ति के खाते से 17 लाख 97 हजार 879 रुपए उड़ा लिए। उसके पास बैंक अधिकारी बन कर फोन किया गया था। साथ ही विश्वास दिलाने के लिए खाते में अंतिम लेन देन का ब्योरा दिया गया। ठगों ने लिंक भेज कर फोन को हैक करके लाखों रुपए निकाल लिए। पुलिस ने केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। टीडीआई कुंडली में रहने वाले कमलेश चौरसिया ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि TDI क्लब के पास रहता है। 27 दिसंबर को उसके मोबाइल नंबर पर एक फोन आया। फान करने वाले ने खुद को एक्सिस बैंक का अधिकारी बताया। उसको बताया गया कि आपके एक्सिस बैंक में दो अकाउंट है। इन अकाउंट की पैन वैरिफिकेशन करनी है। हमारा बैंक आपको एक लिंक भेजेगा। जिससे आपको पैन नंबर वेरिफाई करना है। एक्सिस बैंक का भेजा था लिंक कमलेश ने बताया कि फोन करने वाले ने उसे विश्वास दिलाने के लिए उस द्वारा बैंक अकाउंट से किए गए अंतिम लेन देन के बारे में जानकारी दी। वह संतुष्ट हो गया कि फोन करने वाले बैंक से ही हैं। उसने उनकी बातों में आकर वैरिफिकेशन कर दी। इसके बाद दोबारा 29 दिसंबर को शाम के समय उसी नंबर से दोबारा कॉल आई। उन्होंने वॉटसऐप पर उसे फिर एक्सिस बैंक का एक लिंक भेजा। 1 घंटा 20 मिनट में खाते खाली उसने बताया कि उसने लिंक पर क्लिक किया तो उसका मोबाइल हैक हो गया। इसके बाद एक्सिस बैंक के उसके दोनों खातों से 11 बार अलग-अलग 17 लाख 97 हजार 879 रुपए की राशि निकाल ली गई। उसने बताया कि ठगों ने ये रुपए 29 दिसंबर को शाम 5.26 बजे से 6.45 बजे तक केवल 1 घंटा 20 मिनट में निकाली गई है। पुलिस ने दर्ज किया केस सोनीपत साइबर थाना के ASI नवदीप सिंह के अनुसार, पुलिस ने कमलेश की शिकायत पर आज रविवार को धारा 318(4), 338, 336(3), 340, 61 BNS में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस टीम मामले में छानबीन कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस की तरफ से कोसली में प्रत्याशी बनाए गए जगदीश यादव के सामने दो चुनौतियां हैं। एक हैं यहां से टिकट के दावेदारों में शामिल पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह, जो की पहले ही अपने बागी तेवर अपना चुके हैं। हालांकि निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में नही उतरे हैं और ना ही उन्होंने अभी तक पार्टी छोड़ी है। वह इशारों-इशारों में कह चुके हैं कि वह जगदीश को नहीं जीतने देंगे। वहीं दूसरी चुनौती हैं टिकट के एक और दावेदार मनोज कोसलिया, जो कि निर्दलीय ही मैदान में उतार चुके हैं। अनिल के सामने खतरा बन सकते हैं बिक्रम ठेकेदार
राव इंद्रजीत सिंह की साफारिश पर बीजेपी ने कोसली सीट पर अनिल डहीना को चुनावी मैदान में उतारा है। अनिल डहीना एक बार जिला पार्षद रह चुके हैं। हालांकि 2 साल पहले हुए जिला पार्षद चुनाव में वो हार गए थे। उनका इस सीट पर खुद का कोई जनाधार नहीं है। उनकी नौका पूरी तरह राव इंद्रजीत सिंह के भरोसे पर है, लेकिन चुनौती पूर्व मंत्री बिक्रम ठेकेदार से भी है। बिक्रम ठेकेदार भी टिकट के दावेदार थे। जब उन्हें टिकट नहीं मिली तो उन्होंने अपने बागी तेवर भी दिखाए। हालांकि वो ना तो निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं और ना ही उन्होंने पार्टी से किनारा किया है। ऐसे में अनिल के सामने भी भीतरघात से निपटना दोहरी चुनौती होगी। लक्ष्मण का खेल बिगाड़ सकते हैं कापड़ीवास
रेवाड़ी सीट पर बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह यादव के लिए सबसे बड़ा खतरा पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास हैं, जिन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले। टिकट कटने से नाराज होकर दो बड़े चेहरे सतीश यादव आप की टिकट पर और सन्नी यादव निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन कापड़ीवास पूरी तरह शांत बैठे हुए हैं। उन्हें पार्टी नेतृत्व की तरफ से मनाने के भी खूब प्रयास किए गए लेकिन वे अभी तक लक्ष्मण सिंह यादव से दूरी बनाए हुए हैं। 2019 के चुनाव में टिकट कटने पर रणधीर सिंह कापड़ीवास ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिसमें वो 35 हजार से ज्यादा वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे। बीजेपी की हार का कारण भी रणधीर सिंह कापड़ीवास के निर्दलीय चुनाव लड़ने को ही माना गया था। बावल में हैं डॉ. बनवारी साइलेंट
बीजेपी ने बावल सीट पर पूर्व मंत्री और विधायक डॉ. बनवारी लाल की टिकट काटकर हेल्थ डिपार्टमेंट में डायरेक्टर पद से नौकरी छोड़कर राजनीति में आए डॉ. कृष्ण कुमार को टिकट दी है। राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी के चलते डॉ. बनवारी लाल की टिकट काटी गई। ऐसे में डॉ. कृष्ण कुमार की जीत की जिम्मेदारी भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के कंधों पर है। डॉ. बनवारी लाल टिकट कटने से नाराज तो है, लेकिन उन्होंने अभी तक अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर जाहिर नहीं की है। 8 साल से ज्यादा मंत्री रहने के दौरान डॉ. बनवारी लाल ने इलाके में अपनी खुद की पकड़ मजबूत की है। जबकि डॉ. कृष्ण कुमार अभी नए हैं। डॉ. बनवारी का साइलेंट रहना बगावती संकेत है। ऐसे में इस बगावत से निपटना कृष्ण कुमार के लिए एक चुनौती है। रूठों के मान जाने के चांस कम
तीनों ही सीटों पर अभी रूठों को मनाने की कोई गंभीर कोशिशें नहीं हुई हैं। पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास को जरूर सीएम नायब सैनी ने मिलने के लिए बुलाया था। बाकी अन्य रूठे अभी शांत बैठे हुए हैं। उनके मान जाने के चांस भी बहुत कम है। यही वजह है कि बागी संकेत दे चुके नेता अब टिकट कटने का बदला लेने के लिए रूप रेखाएं तैयार कर रहे है। सबसे ज्यादा खतरा कोसली और रेवाड़ी सीट पर नजर आ रहा है। यहां कांग्रेस के लिए भी स्थिति कुछ ठीक नहीं है। कांग्रेस की टिकट के दावेदार रहे नेताओं के भी भीतरघात करने की पूरी संभावनाएं हैं।