हरियाणा के सोनीपत में शादी के दूसरे दिन पति व सास को बेसुध कर फरार हुई दुल्हन के खिलाफ केस दर्ज हो गया है। परिजनों ने बताया कि वह घर से 2 लाख रुपए कैश के अलावा सोने चांदी के जेवरात चोरी करके ले गई। पता चला है कि ये रिश्ता खरखौदा के ही एक व्यक्ति ने कराया था। खरखौदा थाना में दी शिकायत में संजय ने बताया कि वह मजदूरी का काम करता है। वे 2 भाई व 1 बहन हैं। बहन की शादी हो चुकी है। उसका छोटा भाई मंजीत उम्र 31 साल हो गई थी। उसकी शादी नही हो रही थी। उसने कई बार व कई जगह भाई की शादी के लिए बातचीत कर रखी थी। खरखौदा के ही रहने वाले देवेंद्र को भी बोला था कि भाई के लिए कोई अच्छा रिश्ता तलाश करे। बिजनौर में तय किया रिश्ता, शादी हरिद्वार हुई देवेंद्र ने उसे बताया कि वह उसके भाई की शादी अपने एक जानकार की बेटी पल्लवी निवासी आदर्श नगर न्यौदा जिला बिजनौर के साथ करवा दूंगा। उन्होंने शादी के लिए हामी भर दी। इसके बाद लड़की वालों से बातचीत की गई तो हमें हरिद्वार आकर शादी करने के लिए कहा गया। उसने बताया कि वे 13 नवंबर को देवेंद्र को साथ लेकर छोटे भाई मंजीत व अन्य परिजनों के साथ हरिद्वार गये थे। हरिद्वार में मंजीत व पल्लवी की शादी हिन्दू रिति रिवाज के साथ संपन्न हुई। कमरे से बाहर आकर गिरा भाई उसने बताया कि इस शादी में पल्लवी का पिता रोहताश व अन्य व्यक्ति वधू पक्ष की और से मौजूद थे। शादी होने के बाद वे अपने घर खरखौदा आ गए। 15 नवंबर की रात को पल्लवी ने सभी के लिए चाय बनाई। चाय उसके भाई मंजीत व मां शकुन्तला ने पी थी। उसने व उसकी पत्नी ने चाय नही पी थी। 16 नवंबर की सुबह 4 बजे उसका भाई मंजीत लडखडाता हुआ कमरे से बाहर आया और बोलते- बोलते गिर गया। उसने अपने भाई को संभाला तो उसकी हालत काफी नाजुक थी। घर से ये ले गई दुल्हन संजय ने बताया कि इसके बाद अपनी मां को देखा तो वह भी बेहोशी की हालत में थी। घर का सामान बिखरा पड़ा था। उसने तुरंत अपने भाई व मां को खरखौदा के अस्पताल में पहुंचाया। डॉक्टर ने दोनों को रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया। इसके बाद उसने घर आकर देखा और अपना सामान चैक किया तो संदूक से सोने की एक गलसरी, कानों के टोपस, गले का एक हार, हाथों के 2 कडे, 1 लेडीज अंगूठी व 2 लाख रुपए कैश गायब मिले। उसने पुलिस को बताया कि पल्लवी ने उसके भाई मंजीत व मां शकुंतला को कोई नशीला पदार्थ खिलाया है। इसके बाद वह कैश व जेवर लेकर भाग गई। पुलिस ने दर्ज किया केस खरखौदा थाना के PSI सौरव के अनुसार, अस्पताल से थाने में रूक्का मिला था। मंजीत व शकुंतला को अस्पताल में दाखिल कराया गया था। उसने संपर्क साधा तो संजय ने एक लिखित शिकायत दी। उसने बताया कि उसके भाई की नव नवेली दुल्हन मां व भाई को नशीला पदार्थ खिला कर भाग गई है। घर से जेवर व कैश भी चोरी हुआ है। पुलिस ने छानबीन के बाद दुल्हन पल्लवी के खिलाफ धारा 123,316(2) BNS में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। हरियाणा के सोनीपत में शादी के दूसरे दिन पति व सास को बेसुध कर फरार हुई दुल्हन के खिलाफ केस दर्ज हो गया है। परिजनों ने बताया कि वह घर से 2 लाख रुपए कैश के अलावा सोने चांदी के जेवरात चोरी करके ले गई। पता चला है कि ये रिश्ता खरखौदा के ही एक व्यक्ति ने कराया था। खरखौदा थाना में दी शिकायत में संजय ने बताया कि वह मजदूरी का काम करता है। वे 2 भाई व 1 बहन हैं। बहन की शादी हो चुकी है। उसका छोटा भाई मंजीत उम्र 31 साल हो गई थी। उसकी शादी नही हो रही थी। उसने कई बार व कई जगह भाई की शादी के लिए बातचीत कर रखी थी। खरखौदा के ही रहने वाले देवेंद्र को भी बोला था कि भाई के लिए कोई अच्छा रिश्ता तलाश करे। बिजनौर में तय किया रिश्ता, शादी हरिद्वार हुई देवेंद्र ने उसे बताया कि वह उसके भाई की शादी अपने एक जानकार की बेटी पल्लवी निवासी आदर्श नगर न्यौदा जिला बिजनौर के साथ करवा दूंगा। उन्होंने शादी के लिए हामी भर दी। इसके बाद लड़की वालों से बातचीत की गई तो हमें हरिद्वार आकर शादी करने के लिए कहा गया। उसने बताया कि वे 13 नवंबर को देवेंद्र को साथ लेकर छोटे भाई मंजीत व अन्य परिजनों के साथ हरिद्वार गये थे। हरिद्वार में मंजीत व पल्लवी की शादी हिन्दू रिति रिवाज के साथ संपन्न हुई। कमरे से बाहर आकर गिरा भाई उसने बताया कि इस शादी में पल्लवी का पिता रोहताश व अन्य व्यक्ति वधू पक्ष की और से मौजूद थे। शादी होने के बाद वे अपने घर खरखौदा आ गए। 15 नवंबर की रात को पल्लवी ने सभी के लिए चाय बनाई। चाय उसके भाई मंजीत व मां शकुन्तला ने पी थी। उसने व उसकी पत्नी ने चाय नही पी थी। 16 नवंबर की सुबह 4 बजे उसका भाई मंजीत लडखडाता हुआ कमरे से बाहर आया और बोलते- बोलते गिर गया। उसने अपने भाई को संभाला तो उसकी हालत काफी नाजुक थी। घर से ये ले गई दुल्हन संजय ने बताया कि इसके बाद अपनी मां को देखा तो वह भी बेहोशी की हालत में थी। घर का सामान बिखरा पड़ा था। उसने तुरंत अपने भाई व मां को खरखौदा के अस्पताल में पहुंचाया। डॉक्टर ने दोनों को रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया। इसके बाद उसने घर आकर देखा और अपना सामान चैक किया तो संदूक से सोने की एक गलसरी, कानों के टोपस, गले का एक हार, हाथों के 2 कडे, 1 लेडीज अंगूठी व 2 लाख रुपए कैश गायब मिले। उसने पुलिस को बताया कि पल्लवी ने उसके भाई मंजीत व मां शकुंतला को कोई नशीला पदार्थ खिलाया है। इसके बाद वह कैश व जेवर लेकर भाग गई। पुलिस ने दर्ज किया केस खरखौदा थाना के PSI सौरव के अनुसार, अस्पताल से थाने में रूक्का मिला था। मंजीत व शकुंतला को अस्पताल में दाखिल कराया गया था। उसने संपर्क साधा तो संजय ने एक लिखित शिकायत दी। उसने बताया कि उसके भाई की नव नवेली दुल्हन मां व भाई को नशीला पदार्थ खिला कर भाग गई है। घर से जेवर व कैश भी चोरी हुआ है। पुलिस ने छानबीन के बाद दुल्हन पल्लवी के खिलाफ धारा 123,316(2) BNS में केस दर्ज कर लिया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में लिव इन पार्टनर के बच्चे की हत्या:शराबी युवक ने दीवार पर पटक-पटककर मारा; दूसरे को फर्श पर पटका, हालत गंभीर
हरियाणा में लिव इन पार्टनर के बच्चे की हत्या:शराबी युवक ने दीवार पर पटक-पटककर मारा; दूसरे को फर्श पर पटका, हालत गंभीर हरियाणा के गुरुग्राम में लिव इन पार्टनर ने शराब के नशे में महिला के 2 बच्चों पर हमला कर दिया। उसने 7 साल के बच्चे को दीवार पर पटक दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। दूसरे बच्चे को उठाकर फर्श पर पटक दिया। वह गंभीर रूप से घायल है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शुरूआती जांच में पुलिस को पता चला कि आरोपी विनीत चौधरी शराब के नशे में बच्चों के पास आया। जिसके बाद उसका बच्चों से विवाद हो गया और उसने उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। महिला के पति की मौत हो चुकी है। जिसके बाद वह इस युवक के साथ लिव इन में रह रही थी। वह अक्सर शराब पीकर दोनों बच्चों से मारपीट करता रहता था। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है। गुरुग्राम पुलिस के मुताबिक रविवार देर रात राजेंद्र पार्क थाना पुलिस को इस मामले की सूचना मिली। जिसमें बताया गया कि एक प्राइवेट अस्पताल में 7 साल के बच्चे प्रीत और 9 साल के मानू को भर्ती कराया गया था। इनमें से प्रीत की मौत हो चुकी है। जिसके बाद पुलिस वहां पहुंची। पुलिस को दिए बयान में घायल बच्चे और उसके दादा ने बताया कि वह गुरुग्राम के टेकचंद नगर में अपने परिवार के साथ रहते है। दादा ने बताया कि उनके बड़े बेटे विजय कुमार का 2023 में निधन हो गया। इसके बाद उनकी बहू राजेंद्र पार्क आ गई। एक हफ्ते पहले उसने यहां किराए पर कमरा लिया था। जहां वह अपने दोनों बच्चों समेत एक व्यक्ति के साथ रहने लगी। मां को पता चला तो दौड़ी-दौड़ी आई
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मृतक बच्चे के दादा ने पुलिस को बताया कि 7 जुलाई को बहू का फोन आया। उसने कहा कि प्रीत और मानु को चोट लगी है। जिनको वह अस्पताल में लेकर आई है। जब वह अस्पताल पहुंचे तो बहू ने बताया कि वह जिस व्यक्ति के साथ रहती थी, उसने बच्चों के साथ मारपीट की है। मारपीट में ज्यादा चोटें लगी होने की वजह से प्रीत की मौत हो गई। राजेंद्र पार्क पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर आरोपी विनीत चौधरी (28) को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार
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गोपाल कांडा बोले- जीतने के बाद BJP से समझौता करेंगे:खुद इनेलो-BSP-हलोपा गठबंधन के उम्मीदवार; दुष्यंत चौटाला बोले- आका का हुक्म है
गोपाल कांडा बोले- जीतने के बाद BJP से समझौता करेंगे:खुद इनेलो-BSP-हलोपा गठबंधन के उम्मीदवार; दुष्यंत चौटाला बोले- आका का हुक्म है हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच नेताओं के बोल ने उनके ही दलों और गठबंधन दलों मुश्किल में डाल दिया है। सिरसा में हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) के उम्मीदवार और हाल ही में इनेलो और बसपा के साथ गठबंधन में शामिल हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा ने बयान दिया है कि वह जीतने के बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। गोपाल कांडा ने कहा कि हलोपा आज भी NDA का हिस्सा है और इनेलो-बसपा और हलोपा सब मिलकर सरकार बनाएंगे। गोपाल कांडा के इस बयान पर हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने उन पर निशाना साधा है। दुष्यंत ने सोशल मीडिया पर लिखा- ऊपर से समझौते, ऊपर से ही पैसे, सब कर दिये इकट्ठे ये एक जैसे, इनको दे रखा है आका ने एक हुक्म, सरकार बनवाओ बीजेपी की जैसे-तैसे। गोपाल कांडा ने पार्टी के समझौता न करने पर कहा कि भाजपा ने सभी 90 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और कुछ ऐसे चेहरे भी उतारे हैं जो उनकी भी पसंद है। भाजपा के साथ किसी भी तरह के मतभेद से उन्होंने इनकार किया है। गोपाल कांडा ने कहा कि भाजपा के साथ उनके परिवार के रिश्ते पुराने हैं। पिता मुरलीधर कांडा आरएसएस में थे और 1952 में दीपक के निशान पर जनसंघ के टिकट पर लड़े थे उस समय सिरसा डबवाली में होता था। कांडा बोले- एक दूसरे की मदद को समझौता गोपाल कांडा का कहना है कि सिरसा से बाहर रानियां और ऐलानाबाद हलके में हलोपा का जनाधार है। ऐलनाबाद उप चुनाव में गोबिंद कांडा को अच्छे वोट मिले थे। इसलिए अभय चाहते हैं हलोपा ऐलानाबाद और रानिया में मदद करे, बदले में वह सिरसा में मदद करेंगे। क्योंकि हम दोनों ही पार्टियां कांग्रेस के खिलाफ है। गोपाल कांडा ने कहा कि मैंने कभी भाजपा से कोई सीट नहीं मांगी। हमारा शुरू से ही बिना शर्त समझौता है। गोपाल कांडा ने कहा कि इस बार हरियाणा में कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा की सरकार आएगी। भाजपा प्रदेश में जीत की हैट्रिक बनाएगी और हमारा गठबंधन भाजपा को सपोर्ट करेगा। गोपाल कांडा ने कहा मेरी मां भाजपा को वोट देती है गोपाल कांडा ने कहा कि जब मैं 2009 में निर्दलीय चुनाव मैदान में था तो मैंने मां को कहा कि इंजन के चुनाव चिह्न वाला बटन दबाना है। तब मेरी मां ने कहा कि मैं कमल के फूल के अलावा कहीं वोट नहीं डालूंगी। कांडा ने कहा कि मेरा परिवार आरएसएस का परिवार है। अगर भाजपा सिरसा सीट छोड़ने के लिए भी कहती तो मैं उस भी विचार कर लेता, मगर कभी मुझे पार्टी ने ऐसा कहा नहीं। भाजपा को पता है कि यह इस सीट पर जीतने वाले कैंडिडेट हैं। इनेलो-बसपा और हलोपा का एक सीट पर उम्मीदवार
बता दें कि इनेलो-बसपा और हलोपा का पूरे हरियाणा में एक ही सीट पर उम्मीदवार है। हलोपा सिरसा सीट पर ही चुनाव लड़ रही है और इनेलो-बसपा उसे समर्थन कर रही है। बसपा और इनेलो के बीच जुलाई में गठबंधन हुआ था। इसमें तय हुआ था कि बसपा 90 में से 37 सीटों और इनेलो 53 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। मुख्यमंत्री का चेहरा अभय चौटाला को बनाया गया है। इनेलो और बसपा का पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदर्शन इनेलो ने 2019 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश की 90 में से 81 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन वह केवल एक सीट ही जीत पाई थी। उस चुनाव में इनेलो को 2.44 फीसदी वोट मिले थे। दूसरी तरफ बसपा ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन वो प्रदेश में एक भी सीट नहीं जीत पाई। बसपा ने इस चुनाव में 4.21 फीसदी वोट हासिल किए थे। गुरुग्राम से शुरू हुआ कांडा के करोड़पति बनने का सफर गोपाल कांडा के करोड़पति बनने का असली सफर साइबर सिटी गुरुग्राम से वर्ष 2000 के आसपास शुरू हुआ। उस समय राज्य में ओम प्रकाश चौटाला की अगुआई में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) की सरकार थी। उस दौरान कांडा INLD सुप्रीमो चौटाला के बेहद करीब थे। चौटाला सरकार के दौरान ही कांडा ने सिरसा जिले में तैनात रहे एक IAS अफसर से हाथ मिलाया। उसी समय सिरसा में तैनात रहा वह आईएएस अफसर भी गुरुग्राम में हुडा (अब HSVP) का प्रशासक लग गया। उससे दोस्ती का फायदा उठाते हुए कांडा ने गुरुग्राम में प्लाट की खरीद-फ़रोख़्त शुरू कर दी। चौटाला सरकार में कांडा के राज नेताओं से अच्छे संबंध बन गए। यह वो दौर था जब गुरुग्राम तेजी से डवलप हो रहा था और बड़ी-बड़ी कंपनियां वहां अपने कॉर्पोरेट दफ्तर खोल रही थी। गोपाल कांडा को इस डेवलपमेंट का जमकर फायदा मिला।
हरियाणा की पूर्व महिला कप्तान का हॉकी से संन्यास:कुरुक्षेत्र के शाहाबाद से शुरू किया था सफर, पिता चलाते थे तांगा
हरियाणा की पूर्व महिला कप्तान का हॉकी से संन्यास:कुरुक्षेत्र के शाहाबाद से शुरू किया था सफर, पिता चलाते थे तांगा भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर संन्यास का ऐलान कर दिया है। रानी रामपाल हरियाणा राज्य के कुरूक्षेत्र जिले के शाहाबाद कस्बे की रहने वाली है। जिन्होंने देश का नाम महिला हॉकी में अंतरराष्ट्रीय पटल पर चमकाने का काम किया है। रानी रामपाल का हॉकी करियर करीब 16 साल का रहा है। इस दौरान उन्होंने हॉकी में कई बड़े मुकाम हासिल किए। रानी रामपाल लगातार दो बार ओलिंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तानी भी कर चुकी है। पिता की मेहनत, नया आयाम स्थापित रानी रामपाल का जन्म कुरूक्षेत्र जिले के शाहबाद में 1994 में हुआ था। रानी रामपाल गरीब परिवार से आती हैं। उनके पिता रामपाल घोड़ा तांगा चलाते थे और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। जब रानी ने हॉकी खेलने की जिद की, तो परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वो रानी की जरूरतें पूरी कर सकें। उनके पिता ने तांगा चलाकर किसी तरह परिवार का गुजारा किया। पिता की मेहनत की बदौलत उन्होंने हॉकी में एक नया आयाम स्थापित किया। रानी की जिद के आगे झुका परिवार रानी रामपाल 7 वर्ष की आयु में हॉकी खेलना शुरू किया था। महिला हॉकी में शाहबाद हॉकी नर्सरी ने एक अलग ही मुकाम हासिल किया है और रानी रामपाल ने भी वहीं से अपने जीवन की शुरुआत की थी। शुरुआत में घरवालों ने उसको मना किया, लेकिन रानी ने तो ठान लिया था कि हॉकी खेलनी है। रानी की इस जिद के आगे उनके पिता को झुकना पड़ा और उन्होंने रानी को का एडमिशन अकादमी में करा दिया। कोच और कुछ खिलाड़ियों की मदद से उन्हें किट मिली और उन्होंने प्रैक्टिस शुरू कर दी। जैसे-जैसे वह खेलती गई, उसके खेल में निखार आता गया और वह पहले जिला स्तर पर, स्टेट स्तर पर, नेशनल और इंटरनेशनल तक का सफर तय किया। पहली बार 2009 में हुआ था चयन रानी रामपाल का भारतीय हॉकी टीम में पहली बार 2009 में चयन हुआ था। उस समय उनकी उम्र करीब 15 साल थी, 2009 में जर्मनी में जूनियर विश्व कप खेला था। जिसमें भारत ने कांस्य पदक जीता था। रानी पहली बार भारतीय टीम में खेल रहीं थी। इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल मुकाबले में रानी ने तीन गोल करके अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। वो इस प्रतियोगिता में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट थीं। यहां के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। रानी रामपाल ने इंटरनेशनल स्तर पर काफी लंबे समय तक खेला है। जिसके चलते उन्होंने 200 से ज्यादा इंटरनेशनल मैच खेले है। पद्म श्री और राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित रानी रामपाल ने हॉकी में कहीं बड़े खिताब हासिल किए हैं। रानी को 2020 में पद्म श्री और राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से भारत सरकार द्वारा नवाजा गया था। रानी की अगुआई में भारतीय टीम ने एशियन गेम्स और एशिया कप में मेडल जीता था। रानी की कप्तानी में भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलिंपिक में टीम चौथे नंबर पर रही। रानी रामपाल ने फर्ज से हर्ष का सफर तय किया है और भारतीय महिला हॉकी को विश्व के पटल पर एक नई पहचान देने का काम किया है।