सोनीपत जिले में सिंचाई विभाग से जुड़े एक बड़े घोटाले ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नहर की पटरी से अवैध रूप से लाखों रुपये की मिट्टी उठाकर बेची गई और नहर से पानी चोरी कर खेतों में सप्लाई किया गया, लेकिन घोटाला उजागर होने के महीनों बाद भी किसी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अब कर्मचारी इस लापरवाही के खिलाफ आंदोलन की राह पर हैं। हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने ऐलान किया है कि 15 अप्रैल 2025 से जल संसाधन विभाग, दिल्ली जल बोर्ड कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल की जाएगी। यूनियन का कहना है कि जब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। क्या है पूरा मामला यूनियन पदाधिकारियों सिलक राम मलिक और राजेश धनखड़, जो खुद कैनाल गार्ड के पद पर तैनात हैं और उन्होंनें इस भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि मल्ला माजरा से नाहरी गांव तक करीब 2 एकड़ की नहर की पटरी से करीब 2 फुट गहरी मिट्टी उठाकर लाखों में बेची गई। इसके साथ ही नहर पर अवैध पंप सेट लगाकर नहर का पानी चोरी कर खेतों में सिंचाई की जा रही थी। आरोप है कि यह काम जेई प्रदीप डांगी की मिलीभगत से किया गया, जबकि जमीन मालिक भीम इसमें मुख्य भूमिका निभा रहा था। यूनियन ने इस पूरे मामले के वीडियो सबूत जुटाए और मंडल अभियंता, परिमंडल अध्यक्ष और प्रमुख अभियंता को शिकायत सौंपी। जब यूनियन ने सबूतों के साथ भ्रष्टाचार उजागर किया, तो आनन-फानन में जेई ने पुलिस में अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दे दी, लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारियों की चुप्पी बनी संदेह का विषय यूनियन नेताओं का दावा है कि यह भ्रष्टाचार लंबे समय से चल रहा है और इसमें निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर के अधिकारी शामिल हैं। मिट्टी चोरी और पानी की अवैध आपूर्ति से सरकार को आर्थिक नुकसान तो हुआ ही है, साथ ही नहर की संरचना भी कमजोर हुई है, जिससे भविष्य में इसके टूटने का खतरा बना हुआ है। यूनियन का कहना है कि इस घोटाले को उजागर करने वाले कर्मचारियों को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। यह पूरा मामला एक संगठित माफिया गिरोह से जुड़ा है जो विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों का खेल खेल रहा है। क्या कहते हैं जेई जेई प्रदीप डांगी ने खुद इस बात को स्वीकारा कि नहर की पटरी से मिट्टी चोरी हुई है और पंप सेट लगाकर पानी भी चोरी किया गया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह सब उनके संज्ञान में बाद में आया और जैसे ही उन्हें जानकारी मिली, उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। यूनियन की मांगें और चेतावनी यूनियन ने सरकार के सामने तीन प्रमुख मांगें रखी हैं: यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस गंभीर मामले को कितनी संवेदनशीलता से लेता है और क्या वाकई दोषियों पर कोई सख्त कार्रवाई होती है या यह भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा। सोनीपत जिले में सिंचाई विभाग से जुड़े एक बड़े घोटाले ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। नहर की पटरी से अवैध रूप से लाखों रुपये की मिट्टी उठाकर बेची गई और नहर से पानी चोरी कर खेतों में सप्लाई किया गया, लेकिन घोटाला उजागर होने के महीनों बाद भी किसी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अब कर्मचारी इस लापरवाही के खिलाफ आंदोलन की राह पर हैं। हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर यूनियन और सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने ऐलान किया है कि 15 अप्रैल 2025 से जल संसाधन विभाग, दिल्ली जल बोर्ड कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन और भूख हड़ताल की जाएगी। यूनियन का कहना है कि जब तक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। क्या है पूरा मामला यूनियन पदाधिकारियों सिलक राम मलिक और राजेश धनखड़, जो खुद कैनाल गार्ड के पद पर तैनात हैं और उन्होंनें इस भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि मल्ला माजरा से नाहरी गांव तक करीब 2 एकड़ की नहर की पटरी से करीब 2 फुट गहरी मिट्टी उठाकर लाखों में बेची गई। इसके साथ ही नहर पर अवैध पंप सेट लगाकर नहर का पानी चोरी कर खेतों में सिंचाई की जा रही थी। आरोप है कि यह काम जेई प्रदीप डांगी की मिलीभगत से किया गया, जबकि जमीन मालिक भीम इसमें मुख्य भूमिका निभा रहा था। यूनियन ने इस पूरे मामले के वीडियो सबूत जुटाए और मंडल अभियंता, परिमंडल अध्यक्ष और प्रमुख अभियंता को शिकायत सौंपी। जब यूनियन ने सबूतों के साथ भ्रष्टाचार उजागर किया, तो आनन-फानन में जेई ने पुलिस में अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दे दी, लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अधिकारियों की चुप्पी बनी संदेह का विषय यूनियन नेताओं का दावा है कि यह भ्रष्टाचार लंबे समय से चल रहा है और इसमें निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर के अधिकारी शामिल हैं। मिट्टी चोरी और पानी की अवैध आपूर्ति से सरकार को आर्थिक नुकसान तो हुआ ही है, साथ ही नहर की संरचना भी कमजोर हुई है, जिससे भविष्य में इसके टूटने का खतरा बना हुआ है। यूनियन का कहना है कि इस घोटाले को उजागर करने वाले कर्मचारियों को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। यह पूरा मामला एक संगठित माफिया गिरोह से जुड़ा है जो विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों का खेल खेल रहा है। क्या कहते हैं जेई जेई प्रदीप डांगी ने खुद इस बात को स्वीकारा कि नहर की पटरी से मिट्टी चोरी हुई है और पंप सेट लगाकर पानी भी चोरी किया गया। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह सब उनके संज्ञान में बाद में आया और जैसे ही उन्हें जानकारी मिली, उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। यूनियन की मांगें और चेतावनी यूनियन ने सरकार के सामने तीन प्रमुख मांगें रखी हैं: यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा। अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन इस गंभीर मामले को कितनी संवेदनशीलता से लेता है और क्या वाकई दोषियों पर कोई सख्त कार्रवाई होती है या यह भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
