सोनीपत में 7 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस:कैंपस में बेच रहे थे किताबें-ड्रेस; मनमानी कीमत वसूल रहे थे, जांच कमेटी गठित

सोनीपत में 7 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस:कैंपस में बेच रहे थे किताबें-ड्रेस; मनमानी कीमत वसूल रहे थे, जांच कमेटी गठित

सोनीपत में प्राइवेट स्कूलों के कैंपस में प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें, ड्रेस और स्टेशनरी बेचने के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने 7 स्कूलों को नोटिस जारी किए हैं। स्कूलों को नोटिस जारी करने के बाद हड़कंप मच गया है। शिक्षा विभाग की ओर से जांच कमेटी का भी गठन किया गया है। सोनीपत में आधा दर्जन से ज्यादा स्कूलों में जाकर दैनिक भास्कर की टीम ने रियलिटी चेक किया था। सभी प्राइवेट स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर के साथ सांठ-गांठ करके कमीशन का बड़ा खेल चल रहा था। अलग-अलग स्कूल कैंपस में स्कूल संचालकों की दुकानों में प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें, ड्रेस और अन्य स्टेशनरी बिक रही थी। शिक्षा विभाग ने अब 7 निजी स्कूल पर कार्रवाई की है। ग्राउंड रिपोर्टिंग में क्या मिला था स्कूलों में प्राइमरी और अन्य छोटी क्लासों की पुस्तक 10वीं और 12वीं की कक्षा से ज्यादा रेट में बिक रही थी। स्कूल की डायरी,स्टेशनरी और प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें लगवाने के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाया जा रहा था। प्राइवेट पब्लिशर्स की 3 से 4 हजार की किताबें अभिभावकों पर थोपी जा रही थी। ये किताबें बाहर किसी अन्य दुकान पर नहीं मिलती। शहर के आधे दर्जन से ज्यादा स्कूलों में जाकर जानकारी ली थी। शिक्षा विभाग ने 7 प्राइवेट स्कूलों को दिए नोटिस नोटिस में क्या लिखा है
सोनीपत के शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी करते हुए लिखा है कि 9 अप्रैल 2025 को दैनिक भास्कर डिजिटल की खबर में स्कूल परिसर में किताबें बेचने और अभिभावकों पर निजी पब्लिशर्स की किताबें व यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव डालने का वीडियो प्रसारित हुआ था। विभाग ने नोटिस में लिखा है कि स्कूल का यह कृत्य सरकारी नीतियों और नैतिक शिक्षा मानकों के खिलाफ है। 5 अप्रैल 2025 को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने निजी रेफरेंस बुक्स थोपने और बस्ते के भार पर चिंता जताते हुए दिशा-निर्देश जारी किए थे। नोटिस में हरियाणा स्कूल एजुकेशन रूल्स 2003 (संशोधित 2021) के रूल-10 का हवाला देते हुए कहा गया है कि केवल NCERT/SCERT की किताबें ही पढ़ाई जाएं। शिक्षा को व्यापार न बनाएं, किताबें स्कूल में न बेची जाएं। मामले में सभी 7 प्राइवेट स्कूल संचालकों से जवाब मांगा गया है। उसके बाद रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय भेजी जाएगी। प्राइवेट पब्लिशर की किताबें दस गुना महंगी बेची जा रही थी 1.गेटवे स्कूल: क्लास पीपी -1 के लिए सिक्योरिटी राशि 8 हजार रुपए की गई है। एनुअल पैकेज 62 हजार है। पर्सनल अकाउंट टक शॉप भी बनाया गया है जिसमें 4 हजार रुपए जमा करवाने होते हैं। इसके तहत बच्चों को स्टेशनरी आइटम और दूसरे इवेंट के नाम पर पैसे लिए जाते हैं।
2.शिवा शिक्षा सदन स्कूल : शिवा शिक्षा सदन स्कूल की किताबों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ। यहां पर देखा गया कि किताबें और सिलेबस वही पुराना है। लेकिन कवर पेज का डिजाइन बदलकर इंडेक्स की सूची को ऊपर नीचे करके नए रेट बढ़ाकर अगले साल ज्यादा रेट में बेची जा रही थी। 3.द्रोण विद्यापीठ स्कूल: यहां पर फर्स्ट क्लास की किताबें करीबन 4 हजार 608 रुपए की है। स्पीक ईवीएस- सेमेस्टर 1- 349 रुपए, स्पीक ईवीएस सेमेस्टर -2, 349रु, वैल्यू एजुकेशन- 199 रुपए ,आर्ट वर्स- 399 रुपए, जनरल नॉलेज -299 रुपए, कम्युनिकेशन इंग्लिश- 510 रुपए, इंग्लिश ग्रामर – 325 रुपए, हिंदी सुनहरी धूप- 469 रुपए, हिंदी व्याकरण स्पर्श- 329 रुपए की है। इसी प्रकार सेकेंड क्लास की एक किताब 349 से लेकर 510 रुपए तक बिक रही है। टोटल 4 हजार 628 रुपए की किताब का सेट है।
4.साउथ प्वाइंट स्कूल पुरखास रोड: स्कूल में पीपी-1से लेकर 12वीं की किताबें प्राइवेट पब्लिशर्स की बिक रही थी। इस स्कूल की कुल 3 ब्रांचें संचालित हो रही हैं। प्रत्येक ब्रांच में प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें, ड्रेस, और स्टेशनरी जमकर बेची जा रही थी। खेल बड़े स्तर पर चल रहा था।
5.जैन विद्या मंदिर, सब्डी मंडी: स्कूल कैंपस में रेट लिस्ट तक लगी: स्कूल के अंदर ही प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों को ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा था। स्कूल में अंदर बनाई गई बुक स्टॉल पर ही रेट लिस्ट चस्पा की हुई है। वहां पर एक कमरा किताबों का गोदाम बनाया हुआ नजर आया और उसकी खिड़की से पेरेंट्स किताब खरीद रहे थे। स्कूल के स्टाफ की ड्यूटी लगाकर बेचने का काम करवाया जा रहा था। जहां पर नर्सरी से 12वीं तक की किताबें करीबन 5 हजार से 7 हजार के बीच बिक रही थी। इसी प्रकार अलग-अलग कक्षाओं के रेट निर्धारित पाए गए थे। सभी प्राइवेट पब्लिशर्स की किताब ही बेची जा रही थी।​​​​​​​ 6.ऋषिकुल वर्ल्ड एकेडमी: किताबें स्कूल के अंदर बिकती हुई मिली। एक टीचर से जब रेट लिस्ट के बारे में पूछा तो उन्होंने रेट लिस्ट निकालकर हमारी बातचीत के अनुसार रेट दिखाए। रेट सुनकर हैरान होने जैसा था। जब उनसे पूछा गया कि NCRT की किताबें भी हैं तो उनका जवाब था कि बाहर से खरीदनी पड़ेगी। हमारे यहां तो प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें ही मिलती हैं। 10वीं कक्षा मैथ की पुस्तक 885 की है, व्याकरण 529 की है, इसके अतिरिक्त नोटबुक 80 रुपए से लेकर अलग-अलग रेट निर्धारित किए गए हैं। 10वीं कक्षा की किताबें 4 हजार 473 और नोटबुक में करीबन 4 हजार 905 रुपए निर्धारित किए गए हैं। इस प्रकार 10वीं का पूरा सेट करीबन 9 हजार 378 है।
7.ऑर्चिड इंटरनेशनल स्कूल: ऑर्चिड इंटरनेशनल स्कूल में अभी भी नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। यहां पर PP-1 कक्षा के लिए किताबों के 6 हजार 725 और यूनिफॉर्म के 8 हजार 42 रुपए निर्धारित किए गए हैं। यहां पर प्राइवेट पब्लिशर्स की ही किताबें बिक रही है।
सभी सात स्कूलों पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।​​​​​​​ जांच कमेटी का गठन : जिला शिक्षा अधिकारी
मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी नवीन गुलिया का कहना है कि 7 स्कूलों को नोटिस दिया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी के लेवल पर जांच कमेटी का गठन किया गया है। जांच कमेटी ग्राउंड पर जाकर भी प्राइवेट स्कूलों को चेक करेगी। कोई भी प्राइवेट स्कूल नियमों की अवहेलना करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। वहीं स्कूलों से नोटिस के माध्यम से जवाब मांगा गया है और उसके आधार पर रिपोर्ट निदेशालय भेजी जाएगी। उसके उपरांत शिक्षा निदेशालय द्वारा कार्रवाई की जाएगी। सोनीपत में प्राइवेट स्कूलों के कैंपस में प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें, ड्रेस और स्टेशनरी बेचने के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने 7 स्कूलों को नोटिस जारी किए हैं। स्कूलों को नोटिस जारी करने के बाद हड़कंप मच गया है। शिक्षा विभाग की ओर से जांच कमेटी का भी गठन किया गया है। सोनीपत में आधा दर्जन से ज्यादा स्कूलों में जाकर दैनिक भास्कर की टीम ने रियलिटी चेक किया था। सभी प्राइवेट स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर के साथ सांठ-गांठ करके कमीशन का बड़ा खेल चल रहा था। अलग-अलग स्कूल कैंपस में स्कूल संचालकों की दुकानों में प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें, ड्रेस और अन्य स्टेशनरी बिक रही थी। शिक्षा विभाग ने अब 7 निजी स्कूल पर कार्रवाई की है। ग्राउंड रिपोर्टिंग में क्या मिला था स्कूलों में प्राइमरी और अन्य छोटी क्लासों की पुस्तक 10वीं और 12वीं की कक्षा से ज्यादा रेट में बिक रही थी। स्कूल की डायरी,स्टेशनरी और प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें लगवाने के लिए अभिभावकों पर दबाव बनाया जा रहा था। प्राइवेट पब्लिशर्स की 3 से 4 हजार की किताबें अभिभावकों पर थोपी जा रही थी। ये किताबें बाहर किसी अन्य दुकान पर नहीं मिलती। शहर के आधे दर्जन से ज्यादा स्कूलों में जाकर जानकारी ली थी। शिक्षा विभाग ने 7 प्राइवेट स्कूलों को दिए नोटिस नोटिस में क्या लिखा है
सोनीपत के शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी करते हुए लिखा है कि 9 अप्रैल 2025 को दैनिक भास्कर डिजिटल की खबर में स्कूल परिसर में किताबें बेचने और अभिभावकों पर निजी पब्लिशर्स की किताबें व यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव डालने का वीडियो प्रसारित हुआ था। विभाग ने नोटिस में लिखा है कि स्कूल का यह कृत्य सरकारी नीतियों और नैतिक शिक्षा मानकों के खिलाफ है। 5 अप्रैल 2025 को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक ने निजी रेफरेंस बुक्स थोपने और बस्ते के भार पर चिंता जताते हुए दिशा-निर्देश जारी किए थे। नोटिस में हरियाणा स्कूल एजुकेशन रूल्स 2003 (संशोधित 2021) के रूल-10 का हवाला देते हुए कहा गया है कि केवल NCERT/SCERT की किताबें ही पढ़ाई जाएं। शिक्षा को व्यापार न बनाएं, किताबें स्कूल में न बेची जाएं। मामले में सभी 7 प्राइवेट स्कूल संचालकों से जवाब मांगा गया है। उसके बाद रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय भेजी जाएगी। प्राइवेट पब्लिशर की किताबें दस गुना महंगी बेची जा रही थी 1.गेटवे स्कूल: क्लास पीपी -1 के लिए सिक्योरिटी राशि 8 हजार रुपए की गई है। एनुअल पैकेज 62 हजार है। पर्सनल अकाउंट टक शॉप भी बनाया गया है जिसमें 4 हजार रुपए जमा करवाने होते हैं। इसके तहत बच्चों को स्टेशनरी आइटम और दूसरे इवेंट के नाम पर पैसे लिए जाते हैं।
2.शिवा शिक्षा सदन स्कूल : शिवा शिक्षा सदन स्कूल की किताबों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ। यहां पर देखा गया कि किताबें और सिलेबस वही पुराना है। लेकिन कवर पेज का डिजाइन बदलकर इंडेक्स की सूची को ऊपर नीचे करके नए रेट बढ़ाकर अगले साल ज्यादा रेट में बेची जा रही थी। 3.द्रोण विद्यापीठ स्कूल: यहां पर फर्स्ट क्लास की किताबें करीबन 4 हजार 608 रुपए की है। स्पीक ईवीएस- सेमेस्टर 1- 349 रुपए, स्पीक ईवीएस सेमेस्टर -2, 349रु, वैल्यू एजुकेशन- 199 रुपए ,आर्ट वर्स- 399 रुपए, जनरल नॉलेज -299 रुपए, कम्युनिकेशन इंग्लिश- 510 रुपए, इंग्लिश ग्रामर – 325 रुपए, हिंदी सुनहरी धूप- 469 रुपए, हिंदी व्याकरण स्पर्श- 329 रुपए की है। इसी प्रकार सेकेंड क्लास की एक किताब 349 से लेकर 510 रुपए तक बिक रही है। टोटल 4 हजार 628 रुपए की किताब का सेट है।
4.साउथ प्वाइंट स्कूल पुरखास रोड: स्कूल में पीपी-1से लेकर 12वीं की किताबें प्राइवेट पब्लिशर्स की बिक रही थी। इस स्कूल की कुल 3 ब्रांचें संचालित हो रही हैं। प्रत्येक ब्रांच में प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें, ड्रेस, और स्टेशनरी जमकर बेची जा रही थी। खेल बड़े स्तर पर चल रहा था।
5.जैन विद्या मंदिर, सब्डी मंडी: स्कूल कैंपस में रेट लिस्ट तक लगी: स्कूल के अंदर ही प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबों को ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा था। स्कूल में अंदर बनाई गई बुक स्टॉल पर ही रेट लिस्ट चस्पा की हुई है। वहां पर एक कमरा किताबों का गोदाम बनाया हुआ नजर आया और उसकी खिड़की से पेरेंट्स किताब खरीद रहे थे। स्कूल के स्टाफ की ड्यूटी लगाकर बेचने का काम करवाया जा रहा था। जहां पर नर्सरी से 12वीं तक की किताबें करीबन 5 हजार से 7 हजार के बीच बिक रही थी। इसी प्रकार अलग-अलग कक्षाओं के रेट निर्धारित पाए गए थे। सभी प्राइवेट पब्लिशर्स की किताब ही बेची जा रही थी।​​​​​​​ 6.ऋषिकुल वर्ल्ड एकेडमी: किताबें स्कूल के अंदर बिकती हुई मिली। एक टीचर से जब रेट लिस्ट के बारे में पूछा तो उन्होंने रेट लिस्ट निकालकर हमारी बातचीत के अनुसार रेट दिखाए। रेट सुनकर हैरान होने जैसा था। जब उनसे पूछा गया कि NCRT की किताबें भी हैं तो उनका जवाब था कि बाहर से खरीदनी पड़ेगी। हमारे यहां तो प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें ही मिलती हैं। 10वीं कक्षा मैथ की पुस्तक 885 की है, व्याकरण 529 की है, इसके अतिरिक्त नोटबुक 80 रुपए से लेकर अलग-अलग रेट निर्धारित किए गए हैं। 10वीं कक्षा की किताबें 4 हजार 473 और नोटबुक में करीबन 4 हजार 905 रुपए निर्धारित किए गए हैं। इस प्रकार 10वीं का पूरा सेट करीबन 9 हजार 378 है।
7.ऑर्चिड इंटरनेशनल स्कूल: ऑर्चिड इंटरनेशनल स्कूल में अभी भी नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही है। यहां पर PP-1 कक्षा के लिए किताबों के 6 हजार 725 और यूनिफॉर्म के 8 हजार 42 रुपए निर्धारित किए गए हैं। यहां पर प्राइवेट पब्लिशर्स की ही किताबें बिक रही है।
सभी सात स्कूलों पर नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।​​​​​​​ जांच कमेटी का गठन : जिला शिक्षा अधिकारी
मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी नवीन गुलिया का कहना है कि 7 स्कूलों को नोटिस दिया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी के लेवल पर जांच कमेटी का गठन किया गया है। जांच कमेटी ग्राउंड पर जाकर भी प्राइवेट स्कूलों को चेक करेगी। कोई भी प्राइवेट स्कूल नियमों की अवहेलना करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। वहीं स्कूलों से नोटिस के माध्यम से जवाब मांगा गया है और उसके आधार पर रिपोर्ट निदेशालय भेजी जाएगी। उसके उपरांत शिक्षा निदेशालय द्वारा कार्रवाई की जाएगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर