सोनीपत सिविल अस्पताल में मरीज को नहीं मिली ऑक्सीजन:2 घंटे एम्बुलेंस के इंतजार में तड़पता रहा, परिजनों ने की व्यवस्था सुधारने की मांग

सोनीपत सिविल अस्पताल में मरीज को नहीं मिली ऑक्सीजन:2 घंटे एम्बुलेंस के इंतजार में तड़पता रहा, परिजनों ने की व्यवस्था सुधारने की मांग

सोनीपत के सिविल हॉस्पिटल में एम्बुलेंस सेवाओं की बदहाली का मामला एक बार फिर सामने आया है। जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जहां एक टीबी के मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर न होने के कारण 2 घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान मरीज की हालत बिगड़ती रही, और उसके परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था के लिए परेशान होते रहे। यह घटना हॉस्पिटल की लचर व्यवस्था और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही को उजागर करती है। एम्बुलेंस में ऑक्सीजन खत्म, मरीज को इंतजार यह मामला रविवार का बताया जा रहा है, मुरथल गांव के रहने वाले एक टीबी मरीज गंभीर हालत में आपातकालीन में आया और उसके बाद गंभीर हालात के चलते खानपुर रेफर किया गया। लेकिन, जिस एम्बुलेंस से उनको खानपुर मेडिकल लेकर जाना था, उसमें ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो चुका था। इसके चलते आनन-फानन में आपातकालीन विभाग से ऑक्सीजन सिलेंडर लाकर एम्बुलेंस में लगाया गया। मरीज के परिजनों को करीब दो घंटे तक ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भटकना पड़ा, तब जाकर मरीज को रेफर किया जा सका। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का आरोप: अक्सर नहीं मिलते जरूरी उपकरण टीबी मरीज के साथ हॉस्पिटल पहुंचे परिजन और अन्य लोगों ने बताया कि सिविल अस्पताल में मौजूद एम्बुलेंस में अक्सर जरूरी उपकरण देखने को नहीं मिलते हैं। एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर अक्सर गायब रहता है, जिसके कारण मरीजों की जान हमेशा जोखिम में रहती है। परिजनों ने बताया कि जब उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों से बात की, तो उन्होंने छुट्टी का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। एम्बुलेंस इंचार्ज का बयान
एम्बुलेंस इंचार्ज डॉ. मनजीत राठी ने कहा कि एम्बुलेंस में कभी-कभार ऑक्सीजन खत्म हो जाती है, तो उसे कैजुअल्टी से लाकर लगा दिया जाता है। उन्होंने दावा किया कि मरीज को कोई भी परेशानी नहीं होने दी जाती है। डॉ. राठी के अनुसार, जिस एम्बुलेंस से मरीज को रेफर किया जाना था, उस पर तैनात ड्राइवर ने दो दिन पहले ही ऑक्सीजन की डिमांड की थी। लेकिन बीच में छुट्टी होने की वजह से वह ऑक्सीजन नहीं ले पाया। उन्होंने कहा कि रविवार को जानकारी मिलते ही उन्होंने 15 मिनट में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाकर मरीज को रेफर करवा गया। डॉ. राठी ने यह भी बताया कि अस्पताल में एम्बुलेंस में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए एक सप्ताह पहले ही एम्बुलेंस ड्राइवर को खराब उपकरण की डिमांड के लिए लेटर जारी किया गया था। मरीजों की जान जोखिम में यह पहली बार नहीं है, जब सोनीपत सिविल अस्पताल की एम्बुलेंस सेवाओं पर सवाल उठे हैं। पहले भी यह सेवा सवालों के घेरे में रही है। जानकारी के अनुसार, जिले में करीब 29 एम्बुलेंस हैं, जिनमें से 5 खराब पड़ी हैं। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। गंभीर मरीजों को रेफर करने में घंटों की देरी अब आम बात हो गई है। परिजनों ने हेल्थ विभाग से इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है, ताकि मरीजों को बेहतर और समय पर हेल्थ सुविधाएं मिल सकें। परिजनों का बयान
मुरथल गांव के टीबी मरीज की परिजन माया ने बताया कि उनके लड़के को टीबी और सांस की बीमारी है। उन्होंने अस्पताल में डॉक्टर से पूछा, तो उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं है। एम्बुलेंस वाले भी बोले कि उनके पास ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं है। माया का कहना है कि जब वह डॉक्टर के पास गईं, तो डॉक्टर ने एम्बुलेंस ड्राइवर को ऑक्सीजन सिलेंडर लाने के लिए कहा, तो इस पर ड्राइवर ने कहा कि उनके पास भी सिलेंडर नहीं है। एक अन्य परिजन हरिकिशन का कहना है कि उनके बेटे को टीबी के कारण ज्यादा दिक्कत है और पैरों में सूजन आई हुई है। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले उन्हें रेफर किया गया था और उसे दौरान भी दिक्कत आई थी। सोनीपत के सिविल हॉस्पिटल में एम्बुलेंस सेवाओं की बदहाली का मामला एक बार फिर सामने आया है। जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जहां एक टीबी के मरीज को ऑक्सीजन सिलेंडर न होने के कारण 2 घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा। इस दौरान मरीज की हालत बिगड़ती रही, और उसके परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था के लिए परेशान होते रहे। यह घटना हॉस्पिटल की लचर व्यवस्था और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही को उजागर करती है। एम्बुलेंस में ऑक्सीजन खत्म, मरीज को इंतजार यह मामला रविवार का बताया जा रहा है, मुरथल गांव के रहने वाले एक टीबी मरीज गंभीर हालत में आपातकालीन में आया और उसके बाद गंभीर हालात के चलते खानपुर रेफर किया गया। लेकिन, जिस एम्बुलेंस से उनको खानपुर मेडिकल लेकर जाना था, उसमें ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो चुका था। इसके चलते आनन-फानन में आपातकालीन विभाग से ऑक्सीजन सिलेंडर लाकर एम्बुलेंस में लगाया गया। मरीज के परिजनों को करीब दो घंटे तक ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भटकना पड़ा, तब जाकर मरीज को रेफर किया जा सका। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का आरोप: अक्सर नहीं मिलते जरूरी उपकरण टीबी मरीज के साथ हॉस्पिटल पहुंचे परिजन और अन्य लोगों ने बताया कि सिविल अस्पताल में मौजूद एम्बुलेंस में अक्सर जरूरी उपकरण देखने को नहीं मिलते हैं। एम्बुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर अक्सर गायब रहता है, जिसके कारण मरीजों की जान हमेशा जोखिम में रहती है। परिजनों ने बताया कि जब उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों से बात की, तो उन्होंने छुट्टी का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ लिया। एम्बुलेंस इंचार्ज का बयान
एम्बुलेंस इंचार्ज डॉ. मनजीत राठी ने कहा कि एम्बुलेंस में कभी-कभार ऑक्सीजन खत्म हो जाती है, तो उसे कैजुअल्टी से लाकर लगा दिया जाता है। उन्होंने दावा किया कि मरीज को कोई भी परेशानी नहीं होने दी जाती है। डॉ. राठी के अनुसार, जिस एम्बुलेंस से मरीज को रेफर किया जाना था, उस पर तैनात ड्राइवर ने दो दिन पहले ही ऑक्सीजन की डिमांड की थी। लेकिन बीच में छुट्टी होने की वजह से वह ऑक्सीजन नहीं ले पाया। उन्होंने कहा कि रविवार को जानकारी मिलते ही उन्होंने 15 मिनट में ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाकर मरीज को रेफर करवा गया। डॉ. राठी ने यह भी बताया कि अस्पताल में एम्बुलेंस में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो, इसके लिए एक सप्ताह पहले ही एम्बुलेंस ड्राइवर को खराब उपकरण की डिमांड के लिए लेटर जारी किया गया था। मरीजों की जान जोखिम में यह पहली बार नहीं है, जब सोनीपत सिविल अस्पताल की एम्बुलेंस सेवाओं पर सवाल उठे हैं। पहले भी यह सेवा सवालों के घेरे में रही है। जानकारी के अनुसार, जिले में करीब 29 एम्बुलेंस हैं, जिनमें से 5 खराब पड़ी हैं। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। गंभीर मरीजों को रेफर करने में घंटों की देरी अब आम बात हो गई है। परिजनों ने हेल्थ विभाग से इस मामले में तुरंत कार्रवाई की मांग की है, ताकि मरीजों को बेहतर और समय पर हेल्थ सुविधाएं मिल सकें। परिजनों का बयान
मुरथल गांव के टीबी मरीज की परिजन माया ने बताया कि उनके लड़के को टीबी और सांस की बीमारी है। उन्होंने अस्पताल में डॉक्टर से पूछा, तो उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं है। एम्बुलेंस वाले भी बोले कि उनके पास ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं है। माया का कहना है कि जब वह डॉक्टर के पास गईं, तो डॉक्टर ने एम्बुलेंस ड्राइवर को ऑक्सीजन सिलेंडर लाने के लिए कहा, तो इस पर ड्राइवर ने कहा कि उनके पास भी सिलेंडर नहीं है। एक अन्य परिजन हरिकिशन का कहना है कि उनके बेटे को टीबी के कारण ज्यादा दिक्कत है और पैरों में सूजन आई हुई है। उन्होंने बताया कि दो दिन पहले उन्हें रेफर किया गया था और उसे दौरान भी दिक्कत आई थी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर