सोलन शहर में बहुत कम पार्किंग है, जो पार्किंग नगर निगम ने बनाई हैं, उनका शुल्क ही बहुत अधिक है। पिछले वर्ष जो पार्किंग शुल्क महीने का 1400 रूपए था उसे बढ़ा कर 2050 कर दिया गया है। जिसकी वजह से स्थानीय लोगों में ख़ासा रोष है। उन्होंने कहा कि शहर की जनता बहुत मुश्किल से वाहन खरीदती है। लेकिन उसके बाद उसे खड़ी करने के लिए काफी ज़्यादा शुल्क उसे देना पड़ रहा है। जिसकी वजह से एक मध्यम वर्गीय व्यक्ति को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। निगम ने बढ़ाया 42%पार्किंग शुल्क क्षेत्र वासियों ने कहा कि पार्किंग शुल्क को करीब 42 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। जो न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि वह अधिक शुल्क भी देने को तैयार है। लेकिन कम से कम नगर निगम को चाहिए कि वह पार्किंग में सुविधाएं भी बढ़ाएं। नशेड़ियों का अड्डा बन रही पार्किग उन्होंने कहा कि पार्किंग केवल नशे का अड्डा बनती जा रही है। जिसकी वजह से महिलाएं रात को यहाँ आने से भी कतराती हैं। अगर किसी ने आपात स्थिति में यहां से गुजरना हो तो महिलाएं तो छोड़ो पुरुषों का भी निकलना मुश्किल है। क्योंकि असामाजिक तत्वों का यह अड्डा बन चुका है। जो चोरियों को भी अंजाम देते रहते है। रात के समय यहां बेतरतीब गाड़ियां लगा दी जाती है। आपातकाल में गाड़ियां निकालना बेहद मुश्किल है। उन्हें पूर्ण उम्मीद है कि सोलन की मेयर इस और ध्यान देंगी और उनकी समस्या का हल अवश्य निकालेंगी। सोलन शहर में बहुत कम पार्किंग है, जो पार्किंग नगर निगम ने बनाई हैं, उनका शुल्क ही बहुत अधिक है। पिछले वर्ष जो पार्किंग शुल्क महीने का 1400 रूपए था उसे बढ़ा कर 2050 कर दिया गया है। जिसकी वजह से स्थानीय लोगों में ख़ासा रोष है। उन्होंने कहा कि शहर की जनता बहुत मुश्किल से वाहन खरीदती है। लेकिन उसके बाद उसे खड़ी करने के लिए काफी ज़्यादा शुल्क उसे देना पड़ रहा है। जिसकी वजह से एक मध्यम वर्गीय व्यक्ति को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। निगम ने बढ़ाया 42%पार्किंग शुल्क क्षेत्र वासियों ने कहा कि पार्किंग शुल्क को करीब 42 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। जो न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि वह अधिक शुल्क भी देने को तैयार है। लेकिन कम से कम नगर निगम को चाहिए कि वह पार्किंग में सुविधाएं भी बढ़ाएं। नशेड़ियों का अड्डा बन रही पार्किग उन्होंने कहा कि पार्किंग केवल नशे का अड्डा बनती जा रही है। जिसकी वजह से महिलाएं रात को यहाँ आने से भी कतराती हैं। अगर किसी ने आपात स्थिति में यहां से गुजरना हो तो महिलाएं तो छोड़ो पुरुषों का भी निकलना मुश्किल है। क्योंकि असामाजिक तत्वों का यह अड्डा बन चुका है। जो चोरियों को भी अंजाम देते रहते है। रात के समय यहां बेतरतीब गाड़ियां लगा दी जाती है। आपातकाल में गाड़ियां निकालना बेहद मुश्किल है। उन्हें पूर्ण उम्मीद है कि सोलन की मेयर इस और ध्यान देंगी और उनकी समस्या का हल अवश्य निकालेंगी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में कांग्रेस की हार पर फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी करेगी मंथन:पुनिया-पाटिल CM सुक्खू-पार्टी प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सहित पार्टी नेताओं से वन टू वन करेंगे मुलाकात हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार पर आज और कल शिमला में मंथन होगा। कांग्रेस हाईकमान द्वारा गठित दो सदसीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी शिमला पहुंच गई हैं। सीनियर कांग्रेस लीडर पीएल पुनिया और रजनी पाटिल आज हिमाचल सीएम सुखविंदर सुक्खू, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह और डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री सहित दो संसदीय क्षेत्र के पार्टी प्रत्याशी, विधायक, 2022 में विधानसभा चुनाव हारे प्रत्याशी, जिला व ब्लाक अध्यक्ष से वन-टू-वन मुलाकात करेंगी। मंडी सीट से प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह और हमीरपुर से सत्तपाल रायजादा भी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के समक्ष अपनी हार के कारणों की वजह बताएंगे। फैक्ट फाइडिंग कमेटी ने आज मंडी-हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के लोकसभा प्रत्याशी, विधायक, जिला व ब्लाक अध्यक्ष शिमला बुला रखे हैं। अगले कल पहले हॉफ में कांगड़ा और लंच के बाद शिमला जिला के नेता राजीव भवन शिमला बुलाए गए हैं। इस दौरान कमेटी पार्टी नेताओं से हार के कारण पूछेगी और इसकी रिपोर्ट अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपेगी। इसलिए सत्तारूढ़ कांग्रेस से थी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद दरअसल, प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस चारों सीटों पर लोकसभा चुनाव हारी है,जबकि कांग्रेस हाईकमान और इंडी गठबंधन को हिमाचल में सत्तारूढ़ कांग्रेस से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी। मगर कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई। नतीजा यह हुआ की छह बार के सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे एवं लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह जैसे दिग्गज भी लोकसभा चुनाव हार गए। आनंद शर्मा भी चुनाव हारे पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा की भी इन चुनाव में हार हुई है। यही नहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू सहित उनके आठ मंत्री अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से पार्टी प्रत्याशी को लीड नहीं दिला सके। इससे कांग्रेस का हिमाचल में लगातार तीसरी बार क्लीन स्वीप हुआ है।
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