हरियाणा के गुरुग्राम जिले के सोहना में बकरी चराने गए बुजुर्ग चरवाहा सहसोला की पहाड़ियों से शव मिला। जिसके सिर, हाथ पैर में चोट के निशान हैं। चरवाहे के सिर पर काफी चोट है। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। मामले की सूचना मिलते ही तावडू पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर सोहना नागरिक अस्पताल भिजवाया। जहां पर पोस्टमॉर्टम कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी हे। परिजनों को तलाश पर नहीं लगा सुराग जानकारी के अनुसार पीपाका के रहने वाले मृतक के बेटे साजिद ने बताया कि उसका पिता 60 वर्षीय इदू पुत्र सुलेमान बुधवार की दोपहर सहसोला की पहाड़ियों में बकरी चराने गया था। कुछ बकरियां लौट आई, लेकिन इदू घर नहीं लौटा। परिजन रात को अंधेरे में उसकी तलाश के लिए पहाड़ी की तरफ गए, लेकिन सुराग नहीं लग सका। किसी से नहीं थी दुश्मनी कुछ घंटों बाद परिजनों को सहसोला की पहाड़ियों में इदू का शव मिला। परिजनों ने मामले की सूचना पर पुलिस को दी। पुलिस ने आस-पास से साक्ष्य जुटाने के बाद शव को सोहना नागरिक अस्पताल के शव गृह पहुंचाया। परिजनों ने बताया कि इदू की गांव में किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन उसकी बेदर्दी से हत्या की गई है। हत्या किसने की है, यह पुलिस की जांच का विषय है। तावडू थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि मामले में शव का पोस्टमॉर्टम कर शव को परिजनों को सौंप दिया है व पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा के गुरुग्राम जिले के सोहना में बकरी चराने गए बुजुर्ग चरवाहा सहसोला की पहाड़ियों से शव मिला। जिसके सिर, हाथ पैर में चोट के निशान हैं। चरवाहे के सिर पर काफी चोट है। परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। मामले की सूचना मिलते ही तावडू पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर सोहना नागरिक अस्पताल भिजवाया। जहां पर पोस्टमॉर्टम कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी हे। परिजनों को तलाश पर नहीं लगा सुराग जानकारी के अनुसार पीपाका के रहने वाले मृतक के बेटे साजिद ने बताया कि उसका पिता 60 वर्षीय इदू पुत्र सुलेमान बुधवार की दोपहर सहसोला की पहाड़ियों में बकरी चराने गया था। कुछ बकरियां लौट आई, लेकिन इदू घर नहीं लौटा। परिजन रात को अंधेरे में उसकी तलाश के लिए पहाड़ी की तरफ गए, लेकिन सुराग नहीं लग सका। किसी से नहीं थी दुश्मनी कुछ घंटों बाद परिजनों को सहसोला की पहाड़ियों में इदू का शव मिला। परिजनों ने मामले की सूचना पर पुलिस को दी। पुलिस ने आस-पास से साक्ष्य जुटाने के बाद शव को सोहना नागरिक अस्पताल के शव गृह पहुंचाया। परिजनों ने बताया कि इदू की गांव में किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन उसकी बेदर्दी से हत्या की गई है। हत्या किसने की है, यह पुलिस की जांच का विषय है। तावडू थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार ने बताया कि मामले में शव का पोस्टमॉर्टम कर शव को परिजनों को सौंप दिया है व पुलिस मामले की जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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यमुनानगर में पीट-पीटकर युवक की हत्या:खेत में मिला शव, दोस्त का फोन आने पर घर से निकला था, घर में इकलौता बेटा था
यमुनानगर में पीट-पीटकर युवक की हत्या:खेत में मिला शव, दोस्त का फोन आने पर घर से निकला था, घर में इकलौता बेटा था यमुनानगर जिले के गांव कूलचंदू निवासी 21 वर्षीय लक्की की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। शनिवार की सुबह गांव उधमगढ़ के खेतों में उसका शव पड़ा मिला। हत्या का पता लगते ही काफी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंच गए। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया। मृतक के पिता के बयान पर हत्या का केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी गई। कल रात घर से निकला था पुलिस को दी शिकायत में मृतक के पित रिंकू राम ने बताया कि उसका बेटा लक्की खुराना मेहनत मजदूरी करता था। रात साढ़े नौ बजे बेटे के पास किसी का फोन आया। जिसके बाद वह घर से निकल गया। उससे पूछा तो उसने यही बताया कि दोस्त का फोन आया है। वह उससे मिलने जा रहा है। इसके बाद देर रात तक उसका इंतजार करते रहे। उसका मोबाइल नंबर भी बंद आता रहा। सुबह पता लगा कि गांव उधमगढ़ के पास खेत में बेटे का शव पड़ा है। जिसके बाद वह पहुंचे। बेटे के शरीर पर चोट के निशान थे। बेटे के शव के पास ही धान के खेत में एक बाइक भी मिली है। इकलौता बेटा था मृतक मृतक लक्की घर में इकलौता बेटा था। उसकी दो छोटी बहनें भी हैं। वह मजदूरी करता था और शाम को अपने घर आ जाता था। कभी कभार दोस्तों के पास चला जाता था। पता नहीं किस दोस्त ने उसे फोन कर बुलाया। जिसने उसे बुलाया। उसने ही यह हत्या की है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हरियाणा में 2 चरणों में होंगे निकाय चुनाव:4 फरवरी से पहले कराने की तैयारी; 3 नगर निगम शामिल, 5 में दूसरे फेस में
हरियाणा में 2 चरणों में होंगे निकाय चुनाव:4 फरवरी से पहले कराने की तैयारी; 3 नगर निगम शामिल, 5 में दूसरे फेस में हरियाणा में शहरी निकायों के चुनाव 2 चरणों में होंगे। सरकार की हरी झंडी के बाद राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने तैयारी शुरू कर दी है। पहले चरण में 3 नगर निगमों, 3 नगर परिषदों और 21 नगर पालिकाओं में चुनाव होंगे। राज्य चुनाव आयोग की योजना 4 फरवरी से पहले ये चुनाव संपन्न कराने की है। दूसरे चरण में 5 नगर निगमों, 1 नगर परिषद और एक नगर पालिका के चुनाव होंगे। पहले चरण में 3 नगर निगमों गुरुग्राम, फरीदाबाद और मानेसर को शामिल किया गया है। मानेसर में पहली बार चुनाव होंगे, क्योंकि ये नगर निगम 2020 में बनी थी। इसके साथ 3 नगर परिषदों में अंबाला सदर, पटौदी और सिरसा शामिल हैं। सोनीपत और अंबाला नगर निगमों में मेयर के लिए उपचुनाव होंगे। सोनीपत के मेयर निखिल मदान और अंबाला की मेयर शक्ति रानी शर्मा के कालका से विधायक चुने के बाद यहां उपचुनाव कराए जााएंगे। पहले चरण में इन नगर पालिकाओं में होंगे चुनाव
पहले चरण में जिन 21 नगर पालिकाओं में चुनाव होंगे उनमें बराड़ा, बवानीखेड़ा, लोहारू, सिवानी, फर्रुखनगर, जाखल मंडी, नारनौंद, बेरी, जुलाना, कलायत, पुंडरी, इंद्री, नीलोखेड़ी, अटेली मंडी, कनीना, तावडू, हथीन, कलानौर, खरखौदा और रादौर शामिल हैं। कालांवाली नगर पालिका का मामला कोर्ट में चल रहा है, इसलिए सरकार की योजना दूसरे चरण में वहां चुनाव कराने की है। दूसरे चरण में 5 नगर निगमों में होंगे चुनाव
हरियाणा चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने कहा कि सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट को आश्वासन दिया है कि 4 फरवरी से पहले चुनाव करवा लिए जाएंगे। ऐसे में राज्य चुनाव आयोग 4 फरवरी से पहले फर्स्ट फेस के चुनाव संपन्न करवाने की पूरी कोशिश करेगा। अगर इसमें कोई देरी होती है तो हाईकोर्ट से समय बढ़ाने का अनुरोध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में 5 नगर निगमों करनाल, पानीपत, हिसार, रोहतक और यमुनानगर में चुनाव करवाए जाएंगे। नगर परिषद थानेसर और नगर पालिका कालांवाली में भी चुनाव दूसरे चरण में करवाए जाएंगे। 6 जनवरी को जारी होगी अंतिम वोटिंग लिस्ट
उन्होंने कहा कि शहरी निकाय चुनाव के पहले चरण के लिए 6 जनवरी को अंतिम वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। इसके लिए राज्य चुनाव आयोग ने कार्यक्रम घोषित कर दिया है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने राज्य चुनाव आयोग को 12 सितंबर 2024 तक की वोटर लिस्ट उपलब्ध कराई है। जिसके आधार पर प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव हुए हैं। वोटर लिस्ट को वार्डों में बांटने का काम 9 दिसंबर से 16 दिसंबर तक किया जाएगा। इनका प्रकाशन 17 दिसंबर को किया जाएगा। इन वोटर लिस्ट पर 23 दिसंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी। इसके बाद रिवाइजिंग अथॉरिटी एसडीएम, डीआरओ और नगराधीश 27 दिसंबर तक आपत्तियों का निपटारा करेंगे। रिवाइजिंग अथॉरिटी के फैसले के खिलाफ चार दिन यानी 31 दिसंबर तक डीसी के पास अपील दायर की जा सकेगी। डीसी इन अपीलों का निपटारा 3 जनवरी तक करेंगे और 6 जनवरी को अंतिम वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। क्यों हुई शहरी निकाय चुनाव में देरी?
राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने हरियाणा में शहरी निकाय चुनाव में देरी का कारण स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव के कारण हमें केंद्रीय चुनाव आयोग से मतदाता सूचियां नहीं मिलीं। इसके अलावा वार्डों का आरक्षण, मेयर और प्रधान पदों का आरक्षण और राज्य सरकार द्वारा बीसीबी के लिए आरक्षण व्यवस्था के बाद वार्डों का नए सिरे से निर्धारण किया जाना है। उन्होंने कहा कि शहरी निकाय चुनाव के लिए कार्यक्रम जनवरी के दूसरे सप्ताह में घोषित किया जाएगा।
हरियाणा में 5% कम वोटिंग से किसे नुकसान:पिछले 2 चुनाव में बंपर वोटिंग का फायदा BJP को मिला; कांग्रेस कम मतदान के बावजूद पॉजिटिव
हरियाणा में 5% कम वोटिंग से किसे नुकसान:पिछले 2 चुनाव में बंपर वोटिंग का फायदा BJP को मिला; कांग्रेस कम मतदान के बावजूद पॉजिटिव हरियाणा में छठे चरण में सभी 10 सीटों पर वोटिंग हो गई। मतदान 65 फीसदी हुआ। इन 10 सीटों की तुलना 2009, 2014 और 2019 से करें तो रोचक तस्वीर सामने आ रही है। 2009 में इन 10 सीटों पर वोटिंग प्रतिशत 67.51% रहा। 2014 में मतदान 3.94 फीसदी से अधिक बढ़कर 71.45% प्रतिशत पहुंच गया। साल 2019 में इस वोटिंग प्रतिशत 1.11 प्रतिशत की गिरावट आकर 70.34% चला गया। इस बार ये आंकड़ा 65.00 फीसदी ही रह गया, यानी 2019 के मुकाबले करीब 5.34 फीसदी कम। आंकड़ों को यदि हम देखें तो 2014 और 2019 के चुनावी मुकाबले में बंपर वोटिंग भाजपा के पक्ष में गई, इस बार कम वोटिंग को लेकर कांग्रेस पॉजिटिव दिख रही है। भास्कर ने एक्सपट्र्स की मदद से पिछले 5 लोकसभा चुनावों के डेटा का एनालिसिस कर घटे मतदान के मायने समझने की कोशिश की… कम वोटिंग प्रतिशत किसकी चिंता बढ़ाएगा?
आमतौर पर हरियाणा में परसेप्शन है कि विधानसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़े तो राज्य सरकार को टेंशन हो जाती है। वहीं लोकसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है तो भाजपा को फायदा मिलता है। कम होने पर कांग्रेस फायदा उठाकर ले जाती है। ऐसे में इस बार वोटिंग के कम प्रतिशत ने भाजपा और कांग्रेस को सोचने पर मजबूर कर दिया है। वोट शेयर में कितना अंतर रहेगा? सवाल ये भी है कि कम वोटिंग होने से भाजपा और कांग्रेस के बीच वोट शेयर में क्या अंतर रहेगा। सीट जीत-हार का असल खेल वोट शेयर के आंकड़ों में छिपा है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के वोट शेयर में बड़ा अंतर रहा है। इस कारण से कांग्रेस पिछले दो बार से लगातार हार का मुंह देख रही है। हालांकि इस बार कम वोटिंग को लेकर भी कांग्रेस कुछ ज्यादा आशान्वित नहीं दिख रही है। यहां पढ़िए सभी 10 सीटों की 3 चुनाव की ओवर ऑल स्थिति… यहां देखिए हर सीट का लेखा-जोखा…