प्रेम सूद, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश की पहली स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत धर्मशाला ने अपने पहले सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया है। अभी तक सौर ऊर्जा संयंत्र से 3500 यूनिट बिजली उत्पादित कर विद्युत बोर्ड को सप्लाई की जा चुकी है। यह प्रोजेक्ट प्रतिदिन 750 किलो वाट बिजली पैदा करेगा। जिससे सालाना कुल 12 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। पहले यह यूनिट 600 किलो वाट बिजली उत्पादन की प्रपोजल थी। लेकिन सोलर पैनल के साउथ फेस लगाने से जहां सूर्य की रोशनी सूर्य की रोशनी बिना किसी अवरोध मिलने से पैनल की संख्या बढ़ाने से यह संभव हो सका है। 4.2 करोड़ रुपए की लागत बना धर्मशाला स्मार्ट सिटी द्वारा अक्षय ऊर्जा को अपनाने से न केवल शहर में कार्बन उत्सर्जन कम होगा। बल्कि वित्तीय बचत और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा। इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन के साथ धर्मशाला हिमाचल प्रदेश और देश भर के अन्य शहरों के लिए टिकाऊ शहरी विकास को अपनाने के लिए एक उदाहरण स्थापित कर रहा है। 4.2 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस परियोजना से शहर की पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता में काफी कमी आने और धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद है। धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर कम सीईओ जफर इकबाल ने बताया कि सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया है। इन दिनों ट्रायल पर बिजली का उत्पादन शुरू किया है जिसे हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड को ट्रांसफर किया जा रहा है। 28-30 लाख की होगी आमदनी इस सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को 3.70 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बेची जाएगी। जिससे स्मार्ट सिटी लिमिटेड को सालाना 28 से 30 लाख रुपए की इनकम होगी। स्मार्ट सिटी प्रशासन की पहल के तहत धर्मशाला में एक दर्जन से ज्यादा शह के कार्यालय भवनों की छतों पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं। इससे इन कार्यालयों पर बिजली का बोझ पहले से कम हो गया है और एक स्वच्छ, ज्यादा टिकाऊ ऊर्जा समाधान मिल रहा है। इको फ्रेंडली प्रोजेक्ट सोलर पैनल से 9 लाख यूनिट बिजली जनरेट की जा सकेगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ये बेहतर कदम साबित होगा। जिससे स्मार्ट सिटी धर्मशाला को अच्छी आमदनी होगी। सोलर प्लांट से पर्यावरण को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा, ना ही कोई जहरीली गैस निकलेगी। इसके अलावा मॉडर्न सोलर प्लांट पूरी तरह बैटरी रहित रहेंगे। प्रेम सूद, धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश की पहली स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत धर्मशाला ने अपने पहले सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया है। अभी तक सौर ऊर्जा संयंत्र से 3500 यूनिट बिजली उत्पादित कर विद्युत बोर्ड को सप्लाई की जा चुकी है। यह प्रोजेक्ट प्रतिदिन 750 किलो वाट बिजली पैदा करेगा। जिससे सालाना कुल 12 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। पहले यह यूनिट 600 किलो वाट बिजली उत्पादन की प्रपोजल थी। लेकिन सोलर पैनल के साउथ फेस लगाने से जहां सूर्य की रोशनी सूर्य की रोशनी बिना किसी अवरोध मिलने से पैनल की संख्या बढ़ाने से यह संभव हो सका है। 4.2 करोड़ रुपए की लागत बना धर्मशाला स्मार्ट सिटी द्वारा अक्षय ऊर्जा को अपनाने से न केवल शहर में कार्बन उत्सर्जन कम होगा। बल्कि वित्तीय बचत और पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा। इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन के साथ धर्मशाला हिमाचल प्रदेश और देश भर के अन्य शहरों के लिए टिकाऊ शहरी विकास को अपनाने के लिए एक उदाहरण स्थापित कर रहा है। 4.2 करोड़ रुपए की लागत से बनी इस परियोजना से शहर की पारंपरिक बिजली स्रोतों पर निर्भरता में काफी कमी आने और धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के राजस्व में वृद्धि होने की उम्मीद है। धर्मशाला स्मार्ट सिटी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर कम सीईओ जफर इकबाल ने बताया कि सौर ऊर्जा संयंत्र से बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया है। इन दिनों ट्रायल पर बिजली का उत्पादन शुरू किया है जिसे हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड को ट्रांसफर किया जा रहा है। 28-30 लाख की होगी आमदनी इस सोलर प्लांट से पैदा होने वाली बिजली हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को 3.70 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से बेची जाएगी। जिससे स्मार्ट सिटी लिमिटेड को सालाना 28 से 30 लाख रुपए की इनकम होगी। स्मार्ट सिटी प्रशासन की पहल के तहत धर्मशाला में एक दर्जन से ज्यादा शह के कार्यालय भवनों की छतों पर सौर पैनल भी लगाए गए हैं। इससे इन कार्यालयों पर बिजली का बोझ पहले से कम हो गया है और एक स्वच्छ, ज्यादा टिकाऊ ऊर्जा समाधान मिल रहा है। इको फ्रेंडली प्रोजेक्ट सोलर पैनल से 9 लाख यूनिट बिजली जनरेट की जा सकेगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ये बेहतर कदम साबित होगा। जिससे स्मार्ट सिटी धर्मशाला को अच्छी आमदनी होगी। सोलर प्लांट से पर्यावरण को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा, ना ही कोई जहरीली गैस निकलेगी। इसके अलावा मॉडर्न सोलर प्लांट पूरी तरह बैटरी रहित रहेंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि सीएम सुक्खू ने प्रदेश में 5 गारंटियां तो पूरी नहीं की। लेकिन 5 हिडेन गारंटियां पूरी कर दी है, जिसमें पहला- प्रदेश में 1500 संस्थान बंद करना जैसे पीएचसी, पटवार सर्कल, तहसील, स्कूल, कॉलेज।
दूसरी- प्रदेश में नौकरियों को छीनना, नौकरी देने वाला संस्थान बंद कर देना, 2 लाख नौकरियां देने के बजाय 1.50 लाख नौकरियों को छीन लेना।
तीसरी- टैक्स लगाकर जनता पर बोझ बढ़ाना, डीजल पर 7 रुपए टैक्स, स्टाम्प ड्यूटी 500% बढ़ाना, सीमेंट 60 रुपए महंगा करना, 300 यूनिट बिजली मुफ्त एवं सस्ता पानी का दाम बढ़ना।
चौथी- अपने मित्रों को कैबिनेट रैंक, चेयरमैन जैसे लाभ देना, अज़ीजों को काम और ठेके आवंटन करना।
और अंतिम पांचवां 25000 करोड़ का ऋण लेकर प्रदेश में विकास कार्य बंद करना एवं वित्तीय कुप्रबंधन फैलाना। भाजपा ने बनाए 1.50 लाख मैनुअल सदस्य
राजीव बिंदल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में चलने वाले प्रत्येक विकासात्मक कार्य केंद्र प्रायोजित हैं। जैसे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, फोर लेन, रोप वे, जल जीवन मिशन, हेल्थ मिशन, आयुष्मान भारत, मनरेगा, ग्रामीण कृषि योजना सम्मिलित है। बिंदल ने बैठक में 5 विषय रखते हुए कहा कि भाजपा का संगठन पर्व पूरे देश और प्रदेश में चल रहा है। इस पर्व में तीन चरण है, जिसमें से प्रथम प्राथमिक सदस्यता अभियान है। जिसमें भाजपा ने प्रदेश भर में 14 लाख 41 हजार सदस्य ऑनलाइन और 1.50 लाख सदस्य मैनुअल बनाए गए है। भाजपा ने प्राथमिक सदस्यता में अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ने वाला लक्ष्य हासिल किया है, दूसरे चरण में सक्रिय सदस्यता अभियान 5 नवम्बर को पूर्ण हो जाएगा और अब तीसरे चरण में 11 नवम्बर से 30 नवम्बर तक प्रदेश में सभी 8000 बूथों पर हम नए सिरे से बूथ समितियों का गठन करने जा रहे हैं। इसी प्रकार भाजपा ने प्रदेश में नई ऊर्जा एवं रक्त का संचार किया है, नई ऊर्जा को साथ लेकर हम बूथों पर आदर्श बूथ समिति का गठन करेंगे जिसमें समाज के सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाएगा।
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