हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर नगर परिषद को नगर निगम बनाने की अधिसूचना जारी हो गई है। अब हमीरपुर नगर परिषद को नगर निगम के नाम से माना जाएगा। इसमें 94 गांव शामिल किए गए हैं। वहीं अब 26 दिसंबर को को नो-कॉन्फिडेंस की बैठक है। शहरी विकास के प्रधान सचिव देवेश कुमार के हवाले से जारी की गई इस अधिसूचना में कहा गया है कि अब हमीरपुर नगर निगम होगा राजपत्र (ई-गजट) में प्रकाशित होते ही नगर परिषद का नाम खत्म हो गया है। वार्ड बंदी के लिए होगी डीलिमिटेशन हमीरपुर नगर निगम के तकरीबन 18 वार्ड बनाए जाएंगे। जिनके लिए अलग से नोटिफिकेशन जारी होगी। इसके तहत डीलिमिटेशन होगी। यानी अभी इस नगर परिषद के 11 वार्ड थे, जो अब बढ़कर लगभग 18 हो जाएंगे। यानी राजनीतिक माहौल अब नए परिवेश में शुमार हो जाएगा। नो कॉन्फिडेंस बैठक 26 को ही होगी वर्तमान नगर परिषद की नो कॉन्फिडेंस बैठक 26 दिसंबर को ही होगी। इसका समय सुबह 11बजे की बजाय अब दोपहर बाद 4 बजे तय कर दिया गया है। उधर सूत्रों का कहना है कि एक पक्ष हाईकोर्ट में भी गया है और उस पर सुनवाई 26 तारीख को ही होने के लिए तय हुई है। नगर निगम में शामिल किए गए कई इलाकों के लोग विरोध में उतरे हुए थे। लेकिन अब नोटिफिकेशन जारी हो गया। इसलिए उनका विरोध अब औपचारिकता रह जाएगा। नगर निगम का दायरा बढ़ने से चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों का भी अभी से सुगबुगाहट का क्रम शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर नगर परिषद को नगर निगम बनाने की अधिसूचना जारी हो गई है। अब हमीरपुर नगर परिषद को नगर निगम के नाम से माना जाएगा। इसमें 94 गांव शामिल किए गए हैं। वहीं अब 26 दिसंबर को को नो-कॉन्फिडेंस की बैठक है। शहरी विकास के प्रधान सचिव देवेश कुमार के हवाले से जारी की गई इस अधिसूचना में कहा गया है कि अब हमीरपुर नगर निगम होगा राजपत्र (ई-गजट) में प्रकाशित होते ही नगर परिषद का नाम खत्म हो गया है। वार्ड बंदी के लिए होगी डीलिमिटेशन हमीरपुर नगर निगम के तकरीबन 18 वार्ड बनाए जाएंगे। जिनके लिए अलग से नोटिफिकेशन जारी होगी। इसके तहत डीलिमिटेशन होगी। यानी अभी इस नगर परिषद के 11 वार्ड थे, जो अब बढ़कर लगभग 18 हो जाएंगे। यानी राजनीतिक माहौल अब नए परिवेश में शुमार हो जाएगा। नो कॉन्फिडेंस बैठक 26 को ही होगी वर्तमान नगर परिषद की नो कॉन्फिडेंस बैठक 26 दिसंबर को ही होगी। इसका समय सुबह 11बजे की बजाय अब दोपहर बाद 4 बजे तय कर दिया गया है। उधर सूत्रों का कहना है कि एक पक्ष हाईकोर्ट में भी गया है और उस पर सुनवाई 26 तारीख को ही होने के लिए तय हुई है। नगर निगम में शामिल किए गए कई इलाकों के लोग विरोध में उतरे हुए थे। लेकिन अब नोटिफिकेशन जारी हो गया। इसलिए उनका विरोध अब औपचारिकता रह जाएगा। नगर निगम का दायरा बढ़ने से चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों का भी अभी से सुगबुगाहट का क्रम शुरू हो गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला में ईडी दफ्तर के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन:सेबी प्रमुख को हटाने की मांग; बोले- जेपीसी करे हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच
शिमला में ईडी दफ्तर के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन:सेबी प्रमुख को हटाने की मांग; बोले- जेपीसी करे हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की जांच हिडनबर्ग की रिपोर्ट में सेबी प्रमुख पर लगे आरोपों से देश भर में बवाल मचा हुआ है। विपक्ष मामले में जेपीसी से जांच की मांग कर रहा है। मामले को लेकर कांग्रेस ने गुरुवार को देश भर में ईडी दफ्तर के सामने विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था। इसी कड़ी में शिमला में भी कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की अगुआई में नारेबाजी करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने प्रदर्शन के माध्यम से सेबी प्रमुख को हटाने की मांग की है। जेपीसी से करवाएं मामले की जांच – प्रतिभा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि कांग्रेस व नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बार बार इस विषय मे आवाज उठाई है कि देश का सारा व्यवसाय एक व्यक्ति के हाथ मे चला गया है। कांग्रेस नेता ने इस मामले को लेकर सदन में आवाज उठाई है और इसकी जांच की मांग की लेकिन प्रधानमंत्री ने सदन में इसके बारे में कुछ नही कहा। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने भी आशंका जताई है कि शेयर मार्किट में गड़बड़ी हुई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा केंद्र को सदन में जेपीसी का गठन कर मामले की जांच करवानी चाइए। सेबी प्रमुख को तुरंत पद से हटाया जाए- राठौर वहीं कांग्रेस राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि जब से भाजपा सता में आई है दो लोगो ने देश के संसाधनों को बेचा है और दो लोगों ने उनको खरीदा है। पीएम मोदी मित्रो को फायदा पहुंचाने के लिए देश के संसाधनों को बेच रहे है। उन्होंने कहा कि हिंडन बर्ग की रिपोर्ट में भी इसका खुलासा हुआ है कि अडानी को फायदा पहुंचाने के लिए स्टॉक मार्केट के साथ छेड़छाड़ की गई। और इसमें 20,000 करोड़ का घोटाला हुआ है। राठौर ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तर पर इसकी जेपीसी से जांच करवाई जाएं। दरअसल, हिडनबर्ग ने व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर दावा किया था कि सेबी प्रमुख बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफ शोर कंपनी ‘ ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है। जिसके बाद देश मे यह पूरा बवाल खड़ा हुआ है। बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च पिछले साल अडाणी ग्रुप पर वित्तीय अनियमितता का आरोप भी लगा चुका है। तब से इसकी हर रिपोर्ट चर्चा में रहती है। कौन है माधबी पुरी बुच, जिस पर लगे हैं आरोप माधबी पुरी बुच सेबी की चेयरपर्सन हैं। वे इस पद पर नियुक्त होने वाली प्राइवेट सेक्टर में पहली महिला बनीं हैं। बता दें कि उनकी नियुक्ति 28 परवरी 2022 में हुई। माधबी पुरी बुच का कार्यकाल तीन साल के लिए है।
शिमला में मस्जिद विवाद में लाठीचार्ज पर भड़के व्यापारी:आज बाजार रखेंगे बंद; प्रदर्शनकारी बोले- कोर्ट का फैसला आने तक मस्जिद को सील किया जाए
शिमला में मस्जिद विवाद में लाठीचार्ज पर भड़के व्यापारी:आज बाजार रखेंगे बंद; प्रदर्शनकारी बोले- कोर्ट का फैसला आने तक मस्जिद को सील किया जाए हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद मामला सुलझने के बजाय उलझता जा रहा है। हिंदू संगठनों और लोकल रेजिडेंट के बुधवार के उग्र प्रदर्शन के बाद शिमला के व्यापार मंडल ने आज बाजार बंद का आवाहन किया है। शिमला के व्यापारी सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक दुकाने बंद रखेंगे और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। वहीं प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि कोर्ट का फैसला आने तक मस्जिद को सील किया जाए। ऐसा नहीं किया गया तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा। मस्जिद विवाद में शिमला से सुलगी विरोध की चिंगारी अब पांवटा साहिब और मंडी तक पहुंच चुकी है। इससे माहौल तनावपूर्ण बनता जा रहा है। शिमला के संजौली में बीते कल प्रदर्शनकारियों और पुलिस में जोरदार झड़प हुई। पुलिस को प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए लाठीचार्ज और वाटर कैनन का प्रयोग करना पड़ा। इससे भीड़ तो तितर-बितर हो गई। मगर शिमला के व्यापारी भड़क उठे हैं। संजौली में मस्जिद विवाद में तीसरी बार प्रदर्शन हो चुका है। यहां पढ़े मस्जिद को लेकर स्थानीय लोग और प्रदर्शनकारी क्या कहते हैं… अपराध करके कई बार मस्जिद में छिपते हैं ये लोग: लायक राम संजौली में मस्जिद के साथ लगती हाउसिंग बोर्ड कालोनी निवासी लायक राम ने बताया कि इन लोगों के पास आधार कार्ड नहीं होते। हमारे लोगों के साथ झगड़ा किया और इसके बाद मस्जिद में छिपे। इस तरह ये लोग अपराध करके मस्जिद में छिपते हैं। उन्होंने कहा, कई बार ये लोग लड़कियों से भी छेड़छाड़ करते हैं। पूरे प्रदेश में होगा उग्र आंदोलन: चौहान संजौली में मस्जिद गिराने को लेकर चल रहे आंदोलन को लीड करने वाले केसी चौहान ने कहा कि ये आंदोलन पूरे प्रदेश में चलेगा। उन्होंने कहा, हम मानते है कि यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है, लेकिन हमारी मांग यह है कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक मस्जिद को सील किया जाए और सारी गतिविधियां बंद की जाए। प्रशासन ने इसे नजर-अंदाज किया। इसलिए जनता का गुस्सा फूटा है। उन्होंने कहा, एक सितंबर को जब स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया तो DC शिमला ने भरोसा दिलाया कि जल्द फैसला ले लेंगे। फिर भी इस मामले को लटकाया जा रहा है। जनता के साथ बैठकर आंदोलन की रणनीति तय करेंगे: विजय आंदोलनकारी विजय कुमार ने बताया कि यदि बीते कल शांतिपूर्वक आंदोलन की इजाजत दी गई होती तो आज यह विवाद शांत हो सकता था। मगर पुलिस ने बर्बरता से महिलाओं व बच्चों को पीटा। उन्होंने दावा कि हमारे 30 से 35 लोग घायल हुए हैं। जनता नाराज है। उन्होंने बताया कि लोगों के साथ बैठकर आगामी रणनीति तय की जाएगी। पुलिस लाठीचार्च के विरोध में शिमला बंद की कॉल: संजीव शिमला व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव ठाकुर ने कहा, संजौली बाजार में हिंदू संगठनों के ऊपर लाठीचार्ज के विरोध में शिमला बंद की कॉल दी गई है। यह हिंदू समाज के लिए शर्म की बात है। उन्होंने कहा, सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक शिमला बाजार बंद रहेगा। उन्होंने दावा किया कि सारे व्यापारी पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। संजौली में कब बनी मस्जिद संजौली मस्जिद 1947 से पहले बनी थी। 2010 में इसकी पक्की इमारत बननी शुरू हुई तो नगर निगम में शिकायत की गई थी। अब मस्जिद 5 मंजिला है। नगर निगम 35 बार अवैध निर्माण तोड़ने को नोटिस दे चुका है। ताजा विवाद 31 अगस्त से शुरू हुआ, जब 2 गुटों के बीच मारपीट हुई और 6 मुस्लिम लड़कों ने यशपाल नाम के स्थानीय कारोबारी की पिटाई कर दी। इसके बाद हिंदू संगठनों ने मस्जिद का अवैध निर्माण गिराने की मांग की। कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा हिंदू संगठन भड़क उठे हैं और मस्जिद तोड़ने की मांग को लेकर बीते बुधवार की तीसरा बार प्रदर्शन किया गया। इस मामले में बीते 7 सितंबर को नगर निगम कमिश्नर कोर्ट में 45वीं बार सुनवाई हुई। यहां वक्फ बोर्ड ने कोर्ट को मालिकाना हक के दस्तावेज जमा कराए। कोर्ट ने इस मामले में 5 अक्टूबर को सुनवाई तय की है और संबंधित कनिष्ठ अभियंता (JE) को फ्रेश स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। इमाम बोले- 1947 में बनी पुरानी मस्जिद मस्जिद के इमाम शहजाद ने कहा कि यह मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोग मस्जिद के बाहर नमाज पढ़ते थे, जिससे नमाज पढ़ने में दिक्कत आती थी। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। वक्फ बोर्ड इसकी लड़ाई लड़ रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा। विधानसभा में मंत्री ने कहा था- यहां रोहिंग्या तो नहीं आ गए मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा सत्र में कहा था- संजौली में मस्जिद के कारण लोगों में आक्रोश है। एक समुदाय विशेष के नए-नए लोग रोज यहां आ रहे हैं। क्या ये रोहिंग्या मुसलमान हैं? वे कुछ ऐसे लोगों को जानते हैं, जो बांग्लादेशी हैं। उन्होंने कहा, स्थानीय व्यक्ति अवैध निर्माण करे तो उसे तोड़ दिया जाता है और संजौली में बिना परमिशन बहुमंजिला मस्जिद बना दी गई, लेकिन इसे तोड़ा नहीं गया। जब इसका निर्माण किया गया तो प्रशासन कहां सोया था। 6057 वर्ग फीट अवैध निर्माण किया गया। इनका बिजली-पानी क्यों नहीं काटी गई। उन्होंने कहा, लोअर बाजार में औरतों का चलना मुश्किल हो गया है। चोरियां, लव जेहाद, क्राइम हो रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए। विक्रमादित्य बोले- अवैध होगी तो गिराई जाएगी मस्जिद मस्जिद के कथित अवैध निर्माण के मामले पर हिमाचल सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, यह मामला लंबे समय से लंबित है। जहां तक इसमें अवैध भवन के निर्माण की बात है, उस पर सरकार ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा, अगर ये अवैध पाया जाता है तो निश्चित तौर पर इसे ध्वस्त किया जाएगा।
हिमाचल कांग्रेस में परिवारवाद के आधार पर पद नहीं:ऑब्जर्वर से बोले कार्यकर्ता-नेताओं से नजदीकियां तैनाती का पैमाना न हो; ऊर्जावान को मिले पद
हिमाचल कांग्रेस में परिवारवाद के आधार पर पद नहीं:ऑब्जर्वर से बोले कार्यकर्ता-नेताओं से नजदीकियां तैनाती का पैमाना न हो; ऊर्जावान को मिले पद हिमाचल कांग्रेस में पहली बार परिवारवाद और नेताओं के नजदीकियां संगठन में नियुक्ति का आधार नहीं बनेगी। इस बार नया संगठन ऑब्जर्वर की सिफारिश से बनेगा। हाईकमान द्वारा हिमाचल में नया संगठन खड़ा करने के लिए तैनात ऑब्जर्वर पहले राउंड में जिला व ब्लाक लेवल जाकर पार्टी नेताओं से फीडबैक ले चुके हैं। दूसरे राउंड में अब छूट गए पार्टी नेताओं से फीडबैक ली जा रही है। अगले दो सप्ताह के भीतर सभी ऑब्जर्वर अपनी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी और प्रभारी को सौपेंगे। सूत्रों की माने तो संगठन में पिछले सालों के दौरान नेताओं के करीबियों और परिवारवाद के आधार पर तैनाती से आम कार्यकर्ता मायूस है। महिलाओं, युवाओं और सभी वर्गों को संगठन में जगह नहीं मिल पाई। आम कार्यकर्ता खुलकर इस बात को बोल रहा है कि संगठन में ऊर्जावान कार्यकर्ताओं को तरजीह मिलनी चाहिए। NSUI, युवा कांग्रेस, कांग्रेस सेवा दल, महिला कांग्रेस में बेहतर काम करने वाले लोगों को तैनाती की मांग उठने लगी है। नेताओं से नजदीकियां नहीं दिला पाएगी पद जाहिर है कि इस बार सीएम, मंत्रियों, कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व में बड़े पदों पर रहे नेताओं से नजदीकियों के आधार पर संगठन में जगह नहीं मिलेगी। इससे बड़े पद की लालसा रखने वाले नेताओं की उम्मीदों को झटका लगेगा। कांग्रेस अध्यक्ष को फ्री-हैंड नहीं आमतौर पर हाईकमान प्रदेश अध्यक्ष की तैनाती करती थी। इसके बाद अध्यक्ष अपनी टीम बनाते आए हैं। हालांकि गुटबाजी की वजह से कई बार कांग्रेस हाईकमान भी संगठन में नियुक्ति की सिफारिश करता था। मगर इस तरह पहले कभी नहीं हुआ। संगठन में चौकाने वाले नाम आ सकते हैं सामने वर्तमान में प्रतिभा सिंह कांग्रेस की अध्यक्ष है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जब हिमाचल की राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी भंग की तब माना जा रहा था कि प्रतिभा अपने करीबियों को संगठन में जगह दिलाएगी। इसी तरह सीएम सुक्खू भी अपने समर्थकों के लिए लॉबिंग करेंगे। मगर ऑब्जर्वर की रिपोर्ट नियुक्ति का आधार बनी तो संगठन में नए व चौकाने वाले नाम भी हो सकते है। कांग्रेस हाईमान ने लगा रखे ऑब्जर्वर कांग्रेस हाईकमान ने जिला व ब्लाक स्तर पर ऑब्जर्वर नियुक्त कर रखे हैं। जिला व ब्लाक के तैनात ऑब्जर्वर फील्ड का दौरा करके लौट आए है। अब लोकसभा लेवल पर तैनात चारों ऑब्जर्वर अभी फील्ड का दौरा कर रहे है। 20 दिसंबर तक सभी ऑब्जर्वर अपनी रिपोर्ट बनाकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला और सह प्रभारी विदित चौधरी व चेतन चौहान को सौंपेगे। इसके बाद पार्टी हाईकमान प्रदेश में नया संगठन खड़ा करेगा। प्रदेश में यह पहला मौका है जब कांग्रेस ने हिमाचल में संगठन खड़ा करने का फॉर्मूला बदला है। इस तरह निचले स्तर के पार्टी नेताओं से फीडबैक लेकर संगठन खड़ा किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि जनवरी 2025 में प्रदेश कांग्रेस को नया संगठन मिल जाएगा। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से मीटिंग कर चुके सह प्रभारी इससे पहले प्रदेश कांग्रेस के दो सह प्रभारी विदित चौधरी और चेतन शिमला में सभी पार्टी नेताओं से वन टू मीटिंग कर चुके हैं। सभी नेताओं से नए संगठन को लेकर फीडबैक ले चुके हैं। इनके निर्देशों पर ऑब्जर्वर अब फील्ड में जाकर फीडबैक ले रहे हैं।