हरियाणा और जम्मू-कश्मीर का चुनाव सपा के लिए भी सबक:20 सीटों पर जमानत जब्त; बोली- अखिलेश को बुलाते तो कांग्रेस जीत जाती

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर का चुनाव सपा के लिए भी सबक:20 सीटों पर जमानत जब्त; बोली- अखिलेश को बुलाते तो कांग्रेस जीत जाती

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर का चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए भी एक सबक है। हरियाणा में कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई और मतदाताओं की नब्ज न पकड़ पाना कांग्रेस के लिए भारी पड़ गया। जम्मू-कश्मीर में अपनी पार्टी का विस्तार करने पहुंची सपा को भी किसी तरह की कामयाबी मिलती फिलहाल नजर नहीं आई। समाजवादी पार्टी ने जिन 20 सीटों पर चुनाव लड़ा, उसमें से 16 सीटों पर वह 500 वोटों का भी आंकड़ा नहीं पार कर सकी। जम्मू-कश्मीर में कुल पड़े वोट का 0.14 फीसदी वोट सपा को मिला। गिनती में यह वोट 8,198 है। समाजवादी पार्टी ने जिन 20 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से केवल चार सीटों पर 500 का आंकड़ा पार कर सकी। केवल बंदीपुरा से चुनाव लड़ रहे गुलाम मुस्तफा ने 1,695 वोट हासिल किए। हालांकि इस सीट पर कांग्रेस के निजामुद्दीन भट्‌ट ने जीत हासिल की, लेकिन मार्जिन मात्र 811 वोटों का रहा। सबसे कम वोट हब्बाका दल में मिला, जहां सपा उम्मीदवार मोहम्मद फारूक खान को 100 वोट मिले। सबसे ज्यादा वोट सपा को जिन सीटों पर मिला उनमें बंदीपुरा के अलावा करनाह में 735, बारामुला में 604 और कुपवाड़ा में 591 वोट हैं। कुल मिलाकर सपा को 20 सीटों पर 8,198 वोट हासिल हुए। ज्यादातर सीटों पर सपा को नोटा से भी कम वोट मिले। अपनी रीच बढ़ाने का था सपा का इरादा
समाजवादी पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में अपने प्रत्याशी उतारने के पीछे वजह यह बताई थी कि नेशनल पार्टी बनने के लिए दूसरे राज्यों में भी रीच बढ़ाना जरूरी है। इसके लिए हरियाणा के मुकाबले कश्मीर सपा को ज्यादा बेहतर लगा। सपा यह भी नहीं चाहती थी कि उसकी वजह से इंडी गठबंधन में कोई मतभेद हो। सपा ने हरियाणा में कांग्रेस से दो सीटों की मांग रखी थी, लेकिन कांग्रेस उस पर राजी नहीं हुई। हालांकि सपा ने यहां चुनाव नहीं लड़ा। अब समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र में कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी पर दबाव जरूर बनाएगी। मौजूदा समय में महाराष्ट्र में सपा के पास दो विधायक हैं। सपा यहां 12 सीटों की मांग कर रही है। माना जा रहा है कि पहले मध्य प्रदेश और अब हरियाणा के चुनाव के बाद कांग्रेस भी अपने सहयोगियों के प्रति थोड़ा नरम रुख अपनाएगी। उपचुनाव पर पड़ेगा असर
खासकर हरियाणा के चुनाव का असर यूपी में होने वाले 10 सीटों के उपचुनाव पर पड़ेगा। इस नतीजे के बाद सपा अब कांग्रेस को किसी भी हाल में एक से अधिक सीट नहीं देगी। यह सीट गाजियाबाद की हो सकती है। अभी तक कांग्रेस यूपी में 5 सीटें मांग रही थी। जानकारों का मानना है कि जो नतीजे आए हैं उससे कांग्रेस की स्थिति कमजोर पड़ी है। अब यूपी में कांग्रेस को नए सिरे से तैयारी करनी होगी। सपा जल्द घोषित कर सकती है 9 सीटों पर अपने प्रत्याशी
हरियाणा के चुनाव के बाद माना जा रहा है कि उपचुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। ऐसे में समाजवादी पार्टी अपने प्रत्याशियों की घोषणा कभी भी कर सकती है। माना जा रहा है कि सपा गाजियाबाद को छोड़कर बाकी सभी 9 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। इनमें से ज्यादा सीटों पर सपा ने प्रत्याशियों के नाम तय भी कर रखे हैं। मसलन करहल से तेज प्रताप यादव, कटेहरी से सुभावती वर्मा, मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद, कानपुर की सीसामऊ से नसीम बानो, कुंदरकी से हाजी रिजवान और मंझवा से डॉ. ज्योति बिंद का नाम लगभग फाइनल है। फूलपुर, मीरापुर और अलीगढ़ की खैर सीट से भी जल्द प्रत्याशी तय कर लिए जाएंगे। सपा बोली- अखिलेश को बुलाते तो रिजल्ट कुछ और होता
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमीक जामेई कहते हैं कि अगर मुट्‌ठी की शक्ति को नहीं पहचानेंगे तो आपको हार ही मिलेगी। कांग्रेस आंतरिक झगड़ों की वजह से हारी। कांग्रेस ने अगर अखिलेश यादव को रैलियों में बुलाया होता और अहिरवार क्षेत्रों में सभाएं कराई होतीं तो रिजल्ट कुछ और होता। कांग्रेस की लोकल लीडरशिप को अति आत्मविश्वास ले डूबा। यह दौर अलायंस का दौर है। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार यादव कहते हैं- यूपी के उपचुनाव पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हमने यूपी में भाजपा को पटखनी दी है, आगे फिर देंगे। हमारा लक्ष्य भाजपा को हराना है। कांग्रेस को जरूर चिंतन करने की जरूरत है। क्षेत्रीय लीडरशिप की वजह से कांग्रेस को हरियाणा में हार हुई है। जो काम कमलनाथ ने कांग्रेस के लिए मध्य प्रदेश में किया था, वही काम दीपेंद्र हुड्‌डा ने हरियाणा में किया। यह खबर भी पढ़ें बूढ़ों को जवान बनाने वाली मशीन… 40 लाख में डील, कानपुर में इंजीनियर बोला- साढ़े 18 लाख दिए, मशीन दूसरे से बनवाई कानपुर में बुजुर्गों को जवान करने का दावा करने वाले राजीव दुबे ने सोमवार को सरेंडर कर दिया। उसने कहा- मुझे ब्लैकमेल किया गया। 5 से 18 लाख रुपए मांगे गए। पुलिस राजीव के बयान रिकॉर्ड कर चुकी है। इस बीच दैनिक भास्कर ने उस शख्स को ढूंढ निकाला, जिसने ऑक्सीजन थैरेपी देने वाली मशीन तैयार की थी। यहां पढ़ें पूरी खबर हरियाणा और जम्मू-कश्मीर का चुनाव समाजवादी पार्टी के लिए भी एक सबक है। हरियाणा में कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई और मतदाताओं की नब्ज न पकड़ पाना कांग्रेस के लिए भारी पड़ गया। जम्मू-कश्मीर में अपनी पार्टी का विस्तार करने पहुंची सपा को भी किसी तरह की कामयाबी मिलती फिलहाल नजर नहीं आई। समाजवादी पार्टी ने जिन 20 सीटों पर चुनाव लड़ा, उसमें से 16 सीटों पर वह 500 वोटों का भी आंकड़ा नहीं पार कर सकी। जम्मू-कश्मीर में कुल पड़े वोट का 0.14 फीसदी वोट सपा को मिला। गिनती में यह वोट 8,198 है। समाजवादी पार्टी ने जिन 20 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से केवल चार सीटों पर 500 का आंकड़ा पार कर सकी। केवल बंदीपुरा से चुनाव लड़ रहे गुलाम मुस्तफा ने 1,695 वोट हासिल किए। हालांकि इस सीट पर कांग्रेस के निजामुद्दीन भट्‌ट ने जीत हासिल की, लेकिन मार्जिन मात्र 811 वोटों का रहा। सबसे कम वोट हब्बाका दल में मिला, जहां सपा उम्मीदवार मोहम्मद फारूक खान को 100 वोट मिले। सबसे ज्यादा वोट सपा को जिन सीटों पर मिला उनमें बंदीपुरा के अलावा करनाह में 735, बारामुला में 604 और कुपवाड़ा में 591 वोट हैं। कुल मिलाकर सपा को 20 सीटों पर 8,198 वोट हासिल हुए। ज्यादातर सीटों पर सपा को नोटा से भी कम वोट मिले। अपनी रीच बढ़ाने का था सपा का इरादा
समाजवादी पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में अपने प्रत्याशी उतारने के पीछे वजह यह बताई थी कि नेशनल पार्टी बनने के लिए दूसरे राज्यों में भी रीच बढ़ाना जरूरी है। इसके लिए हरियाणा के मुकाबले कश्मीर सपा को ज्यादा बेहतर लगा। सपा यह भी नहीं चाहती थी कि उसकी वजह से इंडी गठबंधन में कोई मतभेद हो। सपा ने हरियाणा में कांग्रेस से दो सीटों की मांग रखी थी, लेकिन कांग्रेस उस पर राजी नहीं हुई। हालांकि सपा ने यहां चुनाव नहीं लड़ा। अब समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र में कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी पर दबाव जरूर बनाएगी। मौजूदा समय में महाराष्ट्र में सपा के पास दो विधायक हैं। सपा यहां 12 सीटों की मांग कर रही है। माना जा रहा है कि पहले मध्य प्रदेश और अब हरियाणा के चुनाव के बाद कांग्रेस भी अपने सहयोगियों के प्रति थोड़ा नरम रुख अपनाएगी। उपचुनाव पर पड़ेगा असर
खासकर हरियाणा के चुनाव का असर यूपी में होने वाले 10 सीटों के उपचुनाव पर पड़ेगा। इस नतीजे के बाद सपा अब कांग्रेस को किसी भी हाल में एक से अधिक सीट नहीं देगी। यह सीट गाजियाबाद की हो सकती है। अभी तक कांग्रेस यूपी में 5 सीटें मांग रही थी। जानकारों का मानना है कि जो नतीजे आए हैं उससे कांग्रेस की स्थिति कमजोर पड़ी है। अब यूपी में कांग्रेस को नए सिरे से तैयारी करनी होगी। सपा जल्द घोषित कर सकती है 9 सीटों पर अपने प्रत्याशी
हरियाणा के चुनाव के बाद माना जा रहा है कि उपचुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। ऐसे में समाजवादी पार्टी अपने प्रत्याशियों की घोषणा कभी भी कर सकती है। माना जा रहा है कि सपा गाजियाबाद को छोड़कर बाकी सभी 9 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। इनमें से ज्यादा सीटों पर सपा ने प्रत्याशियों के नाम तय भी कर रखे हैं। मसलन करहल से तेज प्रताप यादव, कटेहरी से सुभावती वर्मा, मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद, कानपुर की सीसामऊ से नसीम बानो, कुंदरकी से हाजी रिजवान और मंझवा से डॉ. ज्योति बिंद का नाम लगभग फाइनल है। फूलपुर, मीरापुर और अलीगढ़ की खैर सीट से भी जल्द प्रत्याशी तय कर लिए जाएंगे। सपा बोली- अखिलेश को बुलाते तो रिजल्ट कुछ और होता
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमीक जामेई कहते हैं कि अगर मुट्‌ठी की शक्ति को नहीं पहचानेंगे तो आपको हार ही मिलेगी। कांग्रेस आंतरिक झगड़ों की वजह से हारी। कांग्रेस ने अगर अखिलेश यादव को रैलियों में बुलाया होता और अहिरवार क्षेत्रों में सभाएं कराई होतीं तो रिजल्ट कुछ और होता। कांग्रेस की लोकल लीडरशिप को अति आत्मविश्वास ले डूबा। यह दौर अलायंस का दौर है। सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार यादव कहते हैं- यूपी के उपचुनाव पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हमने यूपी में भाजपा को पटखनी दी है, आगे फिर देंगे। हमारा लक्ष्य भाजपा को हराना है। कांग्रेस को जरूर चिंतन करने की जरूरत है। क्षेत्रीय लीडरशिप की वजह से कांग्रेस को हरियाणा में हार हुई है। जो काम कमलनाथ ने कांग्रेस के लिए मध्य प्रदेश में किया था, वही काम दीपेंद्र हुड्‌डा ने हरियाणा में किया। यह खबर भी पढ़ें बूढ़ों को जवान बनाने वाली मशीन… 40 लाख में डील, कानपुर में इंजीनियर बोला- साढ़े 18 लाख दिए, मशीन दूसरे से बनवाई कानपुर में बुजुर्गों को जवान करने का दावा करने वाले राजीव दुबे ने सोमवार को सरेंडर कर दिया। उसने कहा- मुझे ब्लैकमेल किया गया। 5 से 18 लाख रुपए मांगे गए। पुलिस राजीव के बयान रिकॉर्ड कर चुकी है। इस बीच दैनिक भास्कर ने उस शख्स को ढूंढ निकाला, जिसने ऑक्सीजन थैरेपी देने वाली मशीन तैयार की थी। यहां पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर