हरियाणा के अफसरों से नाराज खट्‌टर-सैनी:निर्दलियों के समर्थन वापसी का इनपुट न देने समेत 3 वजहें, CM बोले- लिस्ट तलब कर ली है

हरियाणा के अफसरों से नाराज खट्‌टर-सैनी:निर्दलियों के समर्थन वापसी का इनपुट न देने समेत 3 वजहें, CM बोले- लिस्ट तलब कर ली है

हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी से CM नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर नाराज चल रहे हैं। उनकी ये नाराजगी लगातार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिखाई भी दी। पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्‌टर और अब सीएम नायब सैनी लगातार अफसरों को निशाने पर ले रहे हैं। सही से काम करने की चेतावनी भी दे रहे हैं। इसकी चर्चा भी सियासी गलियारों में होने लगी है। CM सैनी ने पंचकूला में भाजपा की रिव्यू मीटिंग के बाद सीधे-सीधे प्रदेश के अधिकारियों को निशाने पर ले लिया। CM की इस नाराजगी को लेकर हरियाणा सचिवालय की ब्यूरोक्रसी में भी हलचल है। नाराजगी की 3 वजहें… 1. निर्दलियों के समर्थन का नहीं मिला इनपुट
12 मार्च को मनोहर लाल के CM पद से इस्तीफा देने के बाद नायब सैनी को नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। इससे पहले जजपा के समर्थन के साथ भाजपा सरकार चला रही थी। जेजेपी से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने नई सरकार में 5 निर्दलियों विधायकों का समर्थन लिया था। इनमें से हाल ही में सरकार से नाराजगी की वजह से 3 निर्दलीयों ने कांग्रेस काे समर्थन का ऐलान कर दिया। इसका कोई भी इनपुट सूबे की खुफिया एजेंसियों के द्वारा सरकार तक नहीं दिया गया। जिसकी वजह से आज सरकार फ्लोर टेस्ट को लेकर असहज स्थिति में चल रही है। 2. चुनाव में विरोधियों की मदद का शक
लोकसभा चुनाव में कुछ अधिकारियों के द्वारा विरोधियों खासकर कांग्रेस और जजपा को मदद करने का भी इनपुट भाजपा की रिव्यू मीटिंग में मिला है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस इनपुट के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी चर्चा की है। बताया जा रहा है कि इस चुनाव में पूर्व सीएम खट्‌टर को केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा फ्री हैंड दिया गया था, इसलिए सभी सीटों का चुनावी प्रबंधन भी वही देख रहे थे। इस लापरवाही से यदि चुनाव में भाजपा को कुछ भी नुकसान होता है तो सरकार इसमें सख्त फैसला लेगी। 3. फील्ड में दिखा असर
भाजपा की रिव्यू मीटिंग में लोकसभा कैंडिडेट्स ने CM को इनपुट दिया कि अधिकारियों का फील्ड में रवैया ठीक नहीं था। लोगों के प्रति और भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रति उनका रवैया नकारात्मक रहा। इससे कई बार चुनाव में असहज स्थिति बनी। इसको भी सरकार ने गंभीरता से लिया है और सभी कैंडिडेट्स को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत देने को कहा है। 4 जून के बाद ऐसे अधिकारियों से सरकार स्पष्टीकरण मांगेगी। अब पढ़िए क्या बोले CM सैनी
हरियाणा लोकसभा चुनाव के बाद रिव्यू मीटिंग में चर्चा के बाद CM नायब सैनी ने कहा है कि अफसरों की मनमानी हम सरकार में नहीं चलने देंगे। जिन अफसरों ने चुनाव में अपनी मनमानी करी है, उनकी लिस्ट तलब कर ली गई है। इस पर 4 जून के बाद फैसला होगा। अफसर की निष्पक्ष छवि होनी चाहिए, न कि किसी एक व्यक्ति को लेकर काम करना चाहिए। तीन महीने तक सरकार अपना पूरा काम करेगी। इस दौरान आमजन की जो भी दिक्कत परेशानी होगी, उसे सरकार प्राथमिकता के आधार पर दूर करेगी। पूर्व सीएम पहले भी धमका चुके
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर भी कुछ अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि आज तुम्हारा टाइम है, 4 जून के बाद हमारा टाइम आएगा। उन्होंने यह इसलिए कहा कि 4 जून को लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आ जाएगा। इसके बाद सूबे में आचार संहिता हट जाएगी और सरकार सक्रिय हो जाएगी। हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी से CM नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर नाराज चल रहे हैं। उनकी ये नाराजगी लगातार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिखाई भी दी। पहले पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्‌टर और अब सीएम नायब सैनी लगातार अफसरों को निशाने पर ले रहे हैं। सही से काम करने की चेतावनी भी दे रहे हैं। इसकी चर्चा भी सियासी गलियारों में होने लगी है। CM सैनी ने पंचकूला में भाजपा की रिव्यू मीटिंग के बाद सीधे-सीधे प्रदेश के अधिकारियों को निशाने पर ले लिया। CM की इस नाराजगी को लेकर हरियाणा सचिवालय की ब्यूरोक्रसी में भी हलचल है। नाराजगी की 3 वजहें… 1. निर्दलियों के समर्थन का नहीं मिला इनपुट
12 मार्च को मनोहर लाल के CM पद से इस्तीफा देने के बाद नायब सैनी को नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। इससे पहले जजपा के समर्थन के साथ भाजपा सरकार चला रही थी। जेजेपी से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा ने नई सरकार में 5 निर्दलियों विधायकों का समर्थन लिया था। इनमें से हाल ही में सरकार से नाराजगी की वजह से 3 निर्दलीयों ने कांग्रेस काे समर्थन का ऐलान कर दिया। इसका कोई भी इनपुट सूबे की खुफिया एजेंसियों के द्वारा सरकार तक नहीं दिया गया। जिसकी वजह से आज सरकार फ्लोर टेस्ट को लेकर असहज स्थिति में चल रही है। 2. चुनाव में विरोधियों की मदद का शक
लोकसभा चुनाव में कुछ अधिकारियों के द्वारा विरोधियों खासकर कांग्रेस और जजपा को मदद करने का भी इनपुट भाजपा की रिव्यू मीटिंग में मिला है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस इनपुट के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल नाराज बताए जा रहे हैं। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री नायब सैनी से भी चर्चा की है। बताया जा रहा है कि इस चुनाव में पूर्व सीएम खट्‌टर को केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा फ्री हैंड दिया गया था, इसलिए सभी सीटों का चुनावी प्रबंधन भी वही देख रहे थे। इस लापरवाही से यदि चुनाव में भाजपा को कुछ भी नुकसान होता है तो सरकार इसमें सख्त फैसला लेगी। 3. फील्ड में दिखा असर
भाजपा की रिव्यू मीटिंग में लोकसभा कैंडिडेट्स ने CM को इनपुट दिया कि अधिकारियों का फील्ड में रवैया ठीक नहीं था। लोगों के प्रति और भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रति उनका रवैया नकारात्मक रहा। इससे कई बार चुनाव में असहज स्थिति बनी। इसको भी सरकार ने गंभीरता से लिया है और सभी कैंडिडेट्स को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ लिखित शिकायत देने को कहा है। 4 जून के बाद ऐसे अधिकारियों से सरकार स्पष्टीकरण मांगेगी। अब पढ़िए क्या बोले CM सैनी
हरियाणा लोकसभा चुनाव के बाद रिव्यू मीटिंग में चर्चा के बाद CM नायब सैनी ने कहा है कि अफसरों की मनमानी हम सरकार में नहीं चलने देंगे। जिन अफसरों ने चुनाव में अपनी मनमानी करी है, उनकी लिस्ट तलब कर ली गई है। इस पर 4 जून के बाद फैसला होगा। अफसर की निष्पक्ष छवि होनी चाहिए, न कि किसी एक व्यक्ति को लेकर काम करना चाहिए। तीन महीने तक सरकार अपना पूरा काम करेगी। इस दौरान आमजन की जो भी दिक्कत परेशानी होगी, उसे सरकार प्राथमिकता के आधार पर दूर करेगी। पूर्व सीएम पहले भी धमका चुके
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर भी कुछ अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि आज तुम्हारा टाइम है, 4 जून के बाद हमारा टाइम आएगा। उन्होंने यह इसलिए कहा कि 4 जून को लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आ जाएगा। इसके बाद सूबे में आचार संहिता हट जाएगी और सरकार सक्रिय हो जाएगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर