<p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Lok Sabha Chunav 2024: </strong>हरियाणा में 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव में ईवीएम में गडबड़ी की शिकायत पर जांच के आदेश दिए गए हैं. चुनाव आयोग के आदेश पर करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीटों पर ईवीएम की जांच कराई जाएगी. करनाल लोकसभा सीट पर पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के सामने कांग्रेस दिव्यांशु बुद्धिराजा और फरीदाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी से केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और कांग्रेस से महेंद्र प्रताप ने चुनाव लड़ा था. दोनों कांग्रेस प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर ईवीएम की जांच की मांग की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>करनाल से दिव्यांशु बुद्धिराजा और फरीदाबाद से महेंद्र प्रताप ने चुनाव के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका भी जताई थी. चुनाव आयोग के मुताबिक कांग्रेस प्रत्याशियों की मांग पर ईवीएम चेक करवाई जाएगी. करनाल लोकसभा सीट पर 4 ईवीएम की चेंकिग होगी तो वहीं फरीदाबाद लोकसभा सीट पर 2 ईवीएम चेक कराई जाएगी. ऐसा पहली बार हो रहा है कि चुनाव आयोग ने ईवीएम चेक करने के लिए गाइडलाइन जारी की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ईवीएम चेक करवाने वाले उम्मीदवार को देना होगा खर्च</strong><br />निर्वाचन आयोग को चार जून को <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> परिणाम की घोषणा के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में लगी माइक्रो-कंट्रोलर चिप में छेड़छाड़ या हेरफेर संबंधी सत्यापन के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सहित अन्य दलों के उम्मीदवारों से आठ आवेदन मिले हैं. ईवीएम में छेड़छाड़ के संदेह को ‘निराधार’ करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल को मतपत्र से मतदान कराने की पुरानी प्रणाली को फिर से शुरू करने की मांग खारिज कर दी थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि उम्मीदवार चाहे तो चुनाव परिणाम घोषित होने के सात दिन के भीतर परिणाम की दोबारा जांच की मांग कर सकता है और ऐसी स्थिति में माइक्रो-कंट्रोलर की मेमोरी की जांच इंजीनियर की ओर से की जाएगी. अदालत ने इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया था कि इस जांच का खर्च उम्मीदवार को उठाना होगा. अदालत ने कहा था कि चुनाव परिणाम में गड़बड़ी साबित होने की स्थिति में उम्मीदवार को सारा खर्च वापस मिल जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”विदेश में नौकरी दिलाने के नाम धोखाधड़ी, फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले 8 गिरफ्तार” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/gurugram-fraud-police-bust-call-centre-duping-people-on-pretext-of-job-abroad-ann-2719636″ target=”_blank” rel=”noopener”>विदेश में नौकरी दिलाने के नाम धोखाधड़ी, फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले 8 गिरफ्तार</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Lok Sabha Chunav 2024: </strong>हरियाणा में 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव में ईवीएम में गडबड़ी की शिकायत पर जांच के आदेश दिए गए हैं. चुनाव आयोग के आदेश पर करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीटों पर ईवीएम की जांच कराई जाएगी. करनाल लोकसभा सीट पर पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के सामने कांग्रेस दिव्यांशु बुद्धिराजा और फरीदाबाद लोकसभा सीट पर बीजेपी से केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और कांग्रेस से महेंद्र प्रताप ने चुनाव लड़ा था. दोनों कांग्रेस प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर ईवीएम की जांच की मांग की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>करनाल से दिव्यांशु बुद्धिराजा और फरीदाबाद से महेंद्र प्रताप ने चुनाव के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका भी जताई थी. चुनाव आयोग के मुताबिक कांग्रेस प्रत्याशियों की मांग पर ईवीएम चेक करवाई जाएगी. करनाल लोकसभा सीट पर 4 ईवीएम की चेंकिग होगी तो वहीं फरीदाबाद लोकसभा सीट पर 2 ईवीएम चेक कराई जाएगी. ऐसा पहली बार हो रहा है कि चुनाव आयोग ने ईवीएम चेक करने के लिए गाइडलाइन जारी की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ईवीएम चेक करवाने वाले उम्मीदवार को देना होगा खर्च</strong><br />निर्वाचन आयोग को चार जून को <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> परिणाम की घोषणा के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में लगी माइक्रो-कंट्रोलर चिप में छेड़छाड़ या हेरफेर संबंधी सत्यापन के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सहित अन्य दलों के उम्मीदवारों से आठ आवेदन मिले हैं. ईवीएम में छेड़छाड़ के संदेह को ‘निराधार’ करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 26 अप्रैल को मतपत्र से मतदान कराने की पुरानी प्रणाली को फिर से शुरू करने की मांग खारिज कर दी थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि उम्मीदवार चाहे तो चुनाव परिणाम घोषित होने के सात दिन के भीतर परिणाम की दोबारा जांच की मांग कर सकता है और ऐसी स्थिति में माइक्रो-कंट्रोलर की मेमोरी की जांच इंजीनियर की ओर से की जाएगी. अदालत ने इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया था कि इस जांच का खर्च उम्मीदवार को उठाना होगा. अदालत ने कहा था कि चुनाव परिणाम में गड़बड़ी साबित होने की स्थिति में उम्मीदवार को सारा खर्च वापस मिल जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”विदेश में नौकरी दिलाने के नाम धोखाधड़ी, फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले 8 गिरफ्तार” href=”https://www.abplive.com/states/punjab/gurugram-fraud-police-bust-call-centre-duping-people-on-pretext-of-job-abroad-ann-2719636″ target=”_blank” rel=”noopener”>विदेश में नौकरी दिलाने के नाम धोखाधड़ी, फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले 8 गिरफ्तार</a></strong></p> पंजाब अल्मोड़ा में 10 साल पहले की थी हत्या, अब मुंबई में सूप बेचते हुए गिरफ्तार