फसलों की एमएसपी की लीगल गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली जा रहे पंजाब के किसानों को हरियाणा बॉर्डर पर रोकने में अहम भूमिका निभाने वाले जिन तीन IPS और तीन (HPS) अधिकारियों के नामों की सिफारिश हरियाणा सरकार ने वीरता पुरस्कार के लिए की थी। केंद्र सरकार ने उन नामों को खारिज कर दिया है। यह जानकारी केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आज शुक्रवार को दी है। केंद्र सरकार ने कहा कि उक्त् नामों की सिफारिश देरी से की गई थी। ऐसे में उक्त लोगों को पुरस्कार नहीं दिए जाएंगे। वहीं, हाईकोर्ट ने इसी जानकारी को आधार बनाकर याचिका को खारिज कर दिया है। ऐसे दायर हुई थी याचिका इस मामले में लॉयर्स फॉर ह्यूमैनिटी नाम के वकीलों के गैर सरकारी संगठन के प्रधान आरएस बस्सी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनकी तरफ से अदालत में हरियाणा सरकार की दो जुलाई की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई थी। अधिसूचना के तहत 6 पुलिस अधिकारियों को वीरता के लिए पुलिस पदक की केंद्र को हरियाणा सरकार ने सिफारिश भेजी है। याचिका में जिन तीन आईपीएस अधिकारियों के नाम की सिफारिश की थी। उनमें आईजी शिबास कविराज, करनाल के पूर्व एसपी जश्नदीप रंधावा और जींद के एसपी सुमित कुमार का नाम शामिल था। इसके अलावा राज्य पुलिस सेवा के तीन DSP नरेंद्र कुमार, राम कुमार व अमित बतरा का नाम शामिल था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इन सभी ने किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए भारी बल प्रयोग किया था। इन अफसरों के नामों पर पंजाब को था ऐतराज जैसे ही इन अफसरों को पुरस्कार देने की सिफारिश हुई थी। उसका पंजाब में जबरदस्त विरोध हुआ था। किसानों से लेकर सभी राजनेताओं ने इसका विरोध किया था । इसके बाद पंजाब के विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में कहा था कि जो नाम हरियाणा पुलिस ने वीरता पुरस्कारों के लिए भेजे हैं, उन पर पुनर्विचार किया जाए। क्योंकि इन अफसरों ने शंभू बार्डर पर संघर्ष कर रहे किसानों को दिल्ली जाने से रोका था। उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोई भी फैसला लेने से पहले पहले शंभू में पंजाब- हरियाणा सरहद पर बने हालातों को ध्यान में रखा जाए। फसलों की एमएसपी की लीगल गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली जा रहे पंजाब के किसानों को हरियाणा बॉर्डर पर रोकने में अहम भूमिका निभाने वाले जिन तीन IPS और तीन (HPS) अधिकारियों के नामों की सिफारिश हरियाणा सरकार ने वीरता पुरस्कार के लिए की थी। केंद्र सरकार ने उन नामों को खारिज कर दिया है। यह जानकारी केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान आज शुक्रवार को दी है। केंद्र सरकार ने कहा कि उक्त् नामों की सिफारिश देरी से की गई थी। ऐसे में उक्त लोगों को पुरस्कार नहीं दिए जाएंगे। वहीं, हाईकोर्ट ने इसी जानकारी को आधार बनाकर याचिका को खारिज कर दिया है। ऐसे दायर हुई थी याचिका इस मामले में लॉयर्स फॉर ह्यूमैनिटी नाम के वकीलों के गैर सरकारी संगठन के प्रधान आरएस बस्सी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनकी तरफ से अदालत में हरियाणा सरकार की दो जुलाई की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई थी। अधिसूचना के तहत 6 पुलिस अधिकारियों को वीरता के लिए पुलिस पदक की केंद्र को हरियाणा सरकार ने सिफारिश भेजी है। याचिका में जिन तीन आईपीएस अधिकारियों के नाम की सिफारिश की थी। उनमें आईजी शिबास कविराज, करनाल के पूर्व एसपी जश्नदीप रंधावा और जींद के एसपी सुमित कुमार का नाम शामिल था। इसके अलावा राज्य पुलिस सेवा के तीन DSP नरेंद्र कुमार, राम कुमार व अमित बतरा का नाम शामिल था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इन सभी ने किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए भारी बल प्रयोग किया था। इन अफसरों के नामों पर पंजाब को था ऐतराज जैसे ही इन अफसरों को पुरस्कार देने की सिफारिश हुई थी। उसका पंजाब में जबरदस्त विरोध हुआ था। किसानों से लेकर सभी राजनेताओं ने इसका विरोध किया था । इसके बाद पंजाब के विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में कहा था कि जो नाम हरियाणा पुलिस ने वीरता पुरस्कारों के लिए भेजे हैं, उन पर पुनर्विचार किया जाए। क्योंकि इन अफसरों ने शंभू बार्डर पर संघर्ष कर रहे किसानों को दिल्ली जाने से रोका था। उन्होंने पत्र में लिखा है कि कोई भी फैसला लेने से पहले पहले शंभू में पंजाब- हरियाणा सरहद पर बने हालातों को ध्यान में रखा जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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