हरियाणा के करनाल में लिबर्टी शूज कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर शम्मी बंसल को केंद्र की मोदी सरकार में जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत फुटवियर एवं चमड़ा क्षेत्र विकास परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया है। शम्मी बंसल मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के समधी हैं। बंसल इससे पहले हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (HSIIDC) में डायरेक्टर के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनका अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका समेत कई देशों में कारोबार है। यहां जानिए शम्मी बंसल के चुने जाने की 3 वजह… 1. लंबे अनुभव और अभियान से बदली इंडस्ट्री की तस्वीर
शम्मी बंसल 1990 में लिबर्टी के निदेशक मंडल में शामिल हुए और 1 जून 1995 को कंपनी के कार्यकारी निदेशक बने। उनके पास 3 दशक से अधिक का अनुभव है, खासकर गुणवत्ता नियंत्रण और चमड़े के जूते के उत्पादन में। उनके नेतृत्व में ‘मेरा जूता हिंदुस्तानी’ जैसे अभियानों के जरिए स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिला और ग्राहकों के बीच भारतीय ब्रांड की पहचान मजबूत हुई। 2. HSIIDC के स्वतंत्र निदेशक भी हैं शम्मी बंसल
शम्मी बंसल हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (HSIIDC) में स्वतंत्र निदेशक के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इससे पहले भी वह विभिन्न मंचों पर उद्योग विकास से जुड़ी नीतियों में भागीदारी निभा चुके हैं। विदेशों में बसे भारतीय उद्योगपतियों और लिबर्टी से जुड़े लोगों ने भी इस पर खुशी जाहिर की है। 3. देश का नाम रोशन करने की क्षमता रखते हैं बंसल
केंद्र सरकार ने जिस विश्वास के साथ यह जिम्मेदारी बंसल को सौंपी है, उससे यह स्पष्ट है कि उनकी योग्यता और अनुभव को राष्ट्रीय स्तर पर महत्व दिया गया है। जूता-चमड़ा उद्योग के साथ-साथ अन्य इंडस्ट्री को भी इससे नई ऊर्जा मिलेगी। शम्मी बंसल की मेहनत और समर्पण से करनाल ही नहीं, बल्कि भारत के अन्य शहरों में भी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को रफ्तार मिलेगी। 4. शिवराज सिंह के बेटे के साथ हुई भतीजी की शादी
शम्मी बंसल के छोटे भाई अनुपम बंसल की बेटी अमानत की शादी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बड़े बेटे कार्तिकेय से हुई है। अनुपम बंसल लिबर्टी कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। बंसल परिवार में शम्मी सबसे बड़े, रमन दूसरे और अनुपम तीसरे नंबर पर आते हैं। शम्मी और रमन करनाल में रहते हैं, जबकि अनुपम गुरुग्राम में रहते हैं। पहचान की मोहताज नहीं लिबर्टी शू कंपनी… 1944 में कमेटी चौक पर छोटी से दुकान से शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के करनाल के रहने वाले पीडी गुप्ता और डीपी गुप्ता ने साल 1944 में कमेटी चौक पर एक जूते की दुकान खोली। चार जोड़ी जूतों के साथ उन्होंने शुरुआत की। ‘पाल बूट हाउस’ नाम से उन्होंने दुकान खोली। साल 1954 में गुप्ता भाइयों को अपने भांजे राजकुमार बंसल का साथ मिला। राजकुमार ने कारोबार को बढ़ाने का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया। जूते हाथ से बनाने के बजाए उसके लिए मशीनें खरीदी। मशीनों की मदद से तेजी से जूते बनने लगे। उन्होंने जूतों को नाम देना शुरू किया । ‘लिबर्टी शूज’ के नाम से कंपनी की नींव रखी। तीन सालों के भीतर ही लिबर्टी के नाम के आगे ‘पब्लिक लिमिटेड’ जुड़ गया। 1990 के दौर में लिबर्टी में खूब मुनाफा कमाया
साल 1990 के दौर में लिबर्टी ने खूब मुनाफा कमाया। कंपनी ने ‘फोर्स 10’ लॉन्च किया। ये लिबर्टी का पहला सब ब्रांड था। कंपनी उस दौर में देश की नंबर 2 फुटवेयर कंपनी बन चुकी थी। कंपनी ने अपना दायरा अब देश के साथ-साथ विदेशों में भी बढ़ाना शुरू किया। कंपनी का कारोबार हंगरी तक फैल गया। हंगरी समेत अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका जैसे देशों में लिबर्टी के जूतों का एक्सपोर्ट होने लगा। पहली बार पॉलियूरेथिन तकनीक से जूते बनाए। इस तकनीक से बने जूते लंबे समय तक चलते थे, जिसकी वजह से लोगों को लिबर्टी के जूते खूब पसंद आने लगे। 1993 में कंपनी ने नॉन लेदर शूज बनाना शुरू किया
कंपनी ने जूतों की डिजाइनिंग पर पूरा फोकस रखा। साल 1993 में कंपनी ने नॉन लेदर शूज बनाना शुरू किया। लिबर्टी 1989 में 35 करोड़ रुपए का सालाना टर्नओवर करने वाली कंपनी बन गई। कंपनी का टर्नओवर बढ़ता चला गया। आज लिबर्टी 650 करोड़ रुपए के सालाना टर्नओवर के साथ भारत की कई बड़ी कंपनियों में शामिल है। परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई रेंज के चलते लिबर्टी अब एक भरोसेमंद ब्रांड बन चुका है। नेटवर्क देश-विदेश में फैला, शोरूम और डिस्ट्रीब्यूटर की लंबी लिस्ट
लिबर्टी शूज का नेटवर्क भारत में काफी मजबूत और सक्रिय है। इसमें 415 एक्सक्लूसिव शोरूम, 225 वितरक और 10,000 से अधिक मल्टी ब्रांड स्टोर शामिल हैं। कंपनी की योजना है कि देश और विदेश में सैकड़ों नए फाइव स्टार शोरूम और स्टोर्स खोले जाएं। यह ‘हम लोगों के बारे में हैं’ जैसे आदर्श वाक्य को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। हरियाणा के करनाल में लिबर्टी शूज कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर शम्मी बंसल को केंद्र की मोदी सरकार में जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत फुटवियर एवं चमड़ा क्षेत्र विकास परिषद का सदस्य नियुक्त किया गया है। शम्मी बंसल मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के समधी हैं। बंसल इससे पहले हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (HSIIDC) में डायरेक्टर के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनका अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका समेत कई देशों में कारोबार है। यहां जानिए शम्मी बंसल के चुने जाने की 3 वजह… 1. लंबे अनुभव और अभियान से बदली इंडस्ट्री की तस्वीर
शम्मी बंसल 1990 में लिबर्टी के निदेशक मंडल में शामिल हुए और 1 जून 1995 को कंपनी के कार्यकारी निदेशक बने। उनके पास 3 दशक से अधिक का अनुभव है, खासकर गुणवत्ता नियंत्रण और चमड़े के जूते के उत्पादन में। उनके नेतृत्व में ‘मेरा जूता हिंदुस्तानी’ जैसे अभियानों के जरिए स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिला और ग्राहकों के बीच भारतीय ब्रांड की पहचान मजबूत हुई। 2. HSIIDC के स्वतंत्र निदेशक भी हैं शम्मी बंसल
शम्मी बंसल हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (HSIIDC) में स्वतंत्र निदेशक के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इससे पहले भी वह विभिन्न मंचों पर उद्योग विकास से जुड़ी नीतियों में भागीदारी निभा चुके हैं। विदेशों में बसे भारतीय उद्योगपतियों और लिबर्टी से जुड़े लोगों ने भी इस पर खुशी जाहिर की है। 3. देश का नाम रोशन करने की क्षमता रखते हैं बंसल
केंद्र सरकार ने जिस विश्वास के साथ यह जिम्मेदारी बंसल को सौंपी है, उससे यह स्पष्ट है कि उनकी योग्यता और अनुभव को राष्ट्रीय स्तर पर महत्व दिया गया है। जूता-चमड़ा उद्योग के साथ-साथ अन्य इंडस्ट्री को भी इससे नई ऊर्जा मिलेगी। शम्मी बंसल की मेहनत और समर्पण से करनाल ही नहीं, बल्कि भारत के अन्य शहरों में भी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट को रफ्तार मिलेगी। 4. शिवराज सिंह के बेटे के साथ हुई भतीजी की शादी
शम्मी बंसल के छोटे भाई अनुपम बंसल की बेटी अमानत की शादी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बड़े बेटे कार्तिकेय से हुई है। अनुपम बंसल लिबर्टी कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। बंसल परिवार में शम्मी सबसे बड़े, रमन दूसरे और अनुपम तीसरे नंबर पर आते हैं। शम्मी और रमन करनाल में रहते हैं, जबकि अनुपम गुरुग्राम में रहते हैं। पहचान की मोहताज नहीं लिबर्टी शू कंपनी… 1944 में कमेटी चौक पर छोटी से दुकान से शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के करनाल के रहने वाले पीडी गुप्ता और डीपी गुप्ता ने साल 1944 में कमेटी चौक पर एक जूते की दुकान खोली। चार जोड़ी जूतों के साथ उन्होंने शुरुआत की। ‘पाल बूट हाउस’ नाम से उन्होंने दुकान खोली। साल 1954 में गुप्ता भाइयों को अपने भांजे राजकुमार बंसल का साथ मिला। राजकुमार ने कारोबार को बढ़ाने का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया। जूते हाथ से बनाने के बजाए उसके लिए मशीनें खरीदी। मशीनों की मदद से तेजी से जूते बनने लगे। उन्होंने जूतों को नाम देना शुरू किया । ‘लिबर्टी शूज’ के नाम से कंपनी की नींव रखी। तीन सालों के भीतर ही लिबर्टी के नाम के आगे ‘पब्लिक लिमिटेड’ जुड़ गया। 1990 के दौर में लिबर्टी में खूब मुनाफा कमाया
साल 1990 के दौर में लिबर्टी ने खूब मुनाफा कमाया। कंपनी ने ‘फोर्स 10’ लॉन्च किया। ये लिबर्टी का पहला सब ब्रांड था। कंपनी उस दौर में देश की नंबर 2 फुटवेयर कंपनी बन चुकी थी। कंपनी ने अपना दायरा अब देश के साथ-साथ विदेशों में भी बढ़ाना शुरू किया। कंपनी का कारोबार हंगरी तक फैल गया। हंगरी समेत अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका जैसे देशों में लिबर्टी के जूतों का एक्सपोर्ट होने लगा। पहली बार पॉलियूरेथिन तकनीक से जूते बनाए। इस तकनीक से बने जूते लंबे समय तक चलते थे, जिसकी वजह से लोगों को लिबर्टी के जूते खूब पसंद आने लगे। 1993 में कंपनी ने नॉन लेदर शूज बनाना शुरू किया
कंपनी ने जूतों की डिजाइनिंग पर पूरा फोकस रखा। साल 1993 में कंपनी ने नॉन लेदर शूज बनाना शुरू किया। लिबर्टी 1989 में 35 करोड़ रुपए का सालाना टर्नओवर करने वाली कंपनी बन गई। कंपनी का टर्नओवर बढ़ता चला गया। आज लिबर्टी 650 करोड़ रुपए के सालाना टर्नओवर के साथ भारत की कई बड़ी कंपनियों में शामिल है। परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई रेंज के चलते लिबर्टी अब एक भरोसेमंद ब्रांड बन चुका है। नेटवर्क देश-विदेश में फैला, शोरूम और डिस्ट्रीब्यूटर की लंबी लिस्ट
लिबर्टी शूज का नेटवर्क भारत में काफी मजबूत और सक्रिय है। इसमें 415 एक्सक्लूसिव शोरूम, 225 वितरक और 10,000 से अधिक मल्टी ब्रांड स्टोर शामिल हैं। कंपनी की योजना है कि देश और विदेश में सैकड़ों नए फाइव स्टार शोरूम और स्टोर्स खोले जाएं। यह ‘हम लोगों के बारे में हैं’ जैसे आदर्श वाक्य को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
