हरियाणा के सूबेदार सियाचिन में शहीद:ग्लेशियर में तैनात थे, पिछले साल ही मिली थी प्रमोशन; पार्थिव देह आज सिरसा आएगी

हरियाणा के सूबेदार सियाचिन में शहीद:ग्लेशियर में तैनात थे, पिछले साल ही मिली थी प्रमोशन; पार्थिव देह आज सिरसा आएगी

हरियाणा के सूबेदार लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हो गए। शहीद सूबेदार जम्मू एंड कश्मीर (JAK) राइफल्स में थे। पिछले साल ही उन्हें सूबेदार के पद पर प्रमोशन मिली थी। उनकी पार्थिव देह सैन्य सम्मान के साथ लद्दाख से हवाई जहाज के जरिए रवाना कर दी गई है। जहां से वे दिल्ली पहुंचेंगे। उसके बाद पार्थिव देह सिरसा लाई जाएगी। जिसके बाद आज (21 अप्रैल) ही सिरसा स्थित पैतृक गांव झोपड़ा में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद सूबेदार के पिता बलवंत सिंह का निधन हो चुका है। घर में मां रचना कौर, भाई हरदेव सिंह, पत्नी गुरविंदर कौर और 2 बच्चे उपराज सिंह व मनरीत कौर हैं। सूबेदार बलदेव के शहीद होने की सूचना मिलते ही सोमवार सुबह से रिश्तेदार और ग्रामीण अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। सूबेदार की शहादत के बारे में सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें.. 24 साल पहले JAK राइफल्स में भर्ती हुए
शहीद सूबेदार बलदेव सिंह मूल रूप से एयरफोर्स सिरसा के सामने स्थित बीरपुर कॉलोनी के रहने वाले थे। उनके परिवार के मुताबिक सूबेदार बलदेव सिंह 24 साल पहले मार्च 2021 में JAK राइफल्स की 18वीं रेजिमेंट में सिपाही के तौर पर भर्ती हुए थे। इसके बाद पिछले साल ही उन्हें पदोन्नति मिली थी। जिसके बाद वे सूबेदार बन गए। कुमार पोस्ट पर थी तैनाती, वहां तबीयत बिगड़ी
सूबेदार बलदेव सिंह की ड्यूटी लद्दाख में सियाचिन के नॉर्थ ग्लेशियर में कुमार पोस्ट पर थी। वह शनिवार रात को भली-भांति सोए हुए थे। जब रविवार सुबह उठे तो उनकी तबीयत खराब हुई। पहले जवान को उल्टी हुई थी। इसके बाद उन्होंने बताया कि घबराहट हो रही है। इलाज के दौरान शहीद हो गए
इसके बाद सेना के जवान उन्हें तुरंत इमरजेंसी मेडिकल मदद के लिए अस्पताल ले गए। वहा पहुंचकर सूबेदार ने सीने में दर्द बताया। इसके बाद डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू कर दिया। मगर, रविवार की सुबह 11 बजे उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। जिसके बाद इलाज के दौरान ही उन्होंने आखिरी सांस ली। नॉर्थ कमांड के चीफ समेत सेना ने श्रद्धांजलि दी
सूबेदार के शहीद होने का पता चलते ही इसके बाद नॉर्थ कमांड के चीफ समेत सेना के अन्य अधिकारी वहां पहुंचे। उन्होंने शहीद को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सैन्य सम्मान के साथ पार्थिव देह को पैतृक गांव झोपड़ा के लिए रवाना कर दिया गया। हरियाणा के सूबेदार लद्दाख के सियाचिन ग्लेशियर में शहीद हो गए। शहीद सूबेदार जम्मू एंड कश्मीर (JAK) राइफल्स में थे। पिछले साल ही उन्हें सूबेदार के पद पर प्रमोशन मिली थी। उनकी पार्थिव देह सैन्य सम्मान के साथ लद्दाख से हवाई जहाज के जरिए रवाना कर दी गई है। जहां से वे दिल्ली पहुंचेंगे। उसके बाद पार्थिव देह सिरसा लाई जाएगी। जिसके बाद आज (21 अप्रैल) ही सिरसा स्थित पैतृक गांव झोपड़ा में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। शहीद सूबेदार के पिता बलवंत सिंह का निधन हो चुका है। घर में मां रचना कौर, भाई हरदेव सिंह, पत्नी गुरविंदर कौर और 2 बच्चे उपराज सिंह व मनरीत कौर हैं। सूबेदार बलदेव के शहीद होने की सूचना मिलते ही सोमवार सुबह से रिश्तेदार और ग्रामीण अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पहुंच रहे हैं। सूबेदार की शहादत के बारे में सिलसिलेवार ढंग से पढ़ें.. 24 साल पहले JAK राइफल्स में भर्ती हुए
शहीद सूबेदार बलदेव सिंह मूल रूप से एयरफोर्स सिरसा के सामने स्थित बीरपुर कॉलोनी के रहने वाले थे। उनके परिवार के मुताबिक सूबेदार बलदेव सिंह 24 साल पहले मार्च 2021 में JAK राइफल्स की 18वीं रेजिमेंट में सिपाही के तौर पर भर्ती हुए थे। इसके बाद पिछले साल ही उन्हें पदोन्नति मिली थी। जिसके बाद वे सूबेदार बन गए। कुमार पोस्ट पर थी तैनाती, वहां तबीयत बिगड़ी
सूबेदार बलदेव सिंह की ड्यूटी लद्दाख में सियाचिन के नॉर्थ ग्लेशियर में कुमार पोस्ट पर थी। वह शनिवार रात को भली-भांति सोए हुए थे। जब रविवार सुबह उठे तो उनकी तबीयत खराब हुई। पहले जवान को उल्टी हुई थी। इसके बाद उन्होंने बताया कि घबराहट हो रही है। इलाज के दौरान शहीद हो गए
इसके बाद सेना के जवान उन्हें तुरंत इमरजेंसी मेडिकल मदद के लिए अस्पताल ले गए। वहा पहुंचकर सूबेदार ने सीने में दर्द बताया। इसके बाद डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू कर दिया। मगर, रविवार की सुबह 11 बजे उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। जिसके बाद इलाज के दौरान ही उन्होंने आखिरी सांस ली। नॉर्थ कमांड के चीफ समेत सेना ने श्रद्धांजलि दी
सूबेदार के शहीद होने का पता चलते ही इसके बाद नॉर्थ कमांड के चीफ समेत सेना के अन्य अधिकारी वहां पहुंचे। उन्होंने शहीद को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सैन्य सम्मान के साथ पार्थिव देह को पैतृक गांव झोपड़ा के लिए रवाना कर दिया गया।   हरियाणा | दैनिक भास्कर