हरियाणा के 3 शहरों में बारिश की संभावना:यमुनानगर, अंबाला में 30-40 KMPH से हवाएं चलेंगी; 1-9 जुलाई के बीच 72.5 मिमी वर्षा

हरियाणा के 3 शहरों में बारिश की संभावना:यमुनानगर, अंबाला में 30-40 KMPH से हवाएं चलेंगी; 1-9 जुलाई के बीच 72.5 मिमी वर्षा

हरियाणा में मानसून की गति पिछले दो दिनों से धीमी पड़ गई है। कुछ शहरों को छोड़कर पूरे प्रदेश में मौसम साफ है। मौसम विभाग ने बुधवार को यमुनानगर, अंबाला, पंचकूला में हल्की बारिश के साथ 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना जताई है। बता दें कि इस बार मानसून ने 28 जून को प्रदेश में प्रवेश किया था। शुरुआती दौर में दक्षिणी जिलों रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नूंह के साथ-साथ सिरसा, फतेहाबाद में अच्छी बारिश देखने को मिली थी। जबकि अन्य जिलों में अभी तक सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। 8 जुलाई के बाद से प्रदेश के अधिकांश जिलों में मौसम साफ बना हुआ है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन के अनुसार हरियाणा में मानसून के धमाकेदार प्रवेश के बाद अभी तक प्रदेश में इसकी सक्रियता और स्थिरता में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। हालांकि हरियाणा प्रदेश के दक्षिणी और पश्चिमी भागों में लगातार मानसूनी गतिविधियों के चलते सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि उत्तरी और पूर्वी भागों में मानसूनी गतिविधियां कम रहीं, जिसके चलते इन क्षेत्रों में अभी भी मानसूनी गतिविधियों के चलते सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। तीन दिन तक कमजोर रहेगा मानसून प्रदेश में अभी भी कुछ स्थानों पर मानसून की गतिविधियां नदारद हैं। दक्षिणी भागों, विशेषकर महेंद्रगढ़ जिले पर मानसून लगातार अपनी मेहरबानी बरसा रहा है। डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि मानसून की सक्रियता बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के साथ-साथ मानसून द्रोणिका के लगातार अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण में स्थित होने के कारण है। जो राजस्थान के दक्षिणी भागों में मौजूद है। अगले तीन दिन तक मानसून कमजोर रहेगा और सीमित स्थानों पर ही छिटपुट बूंदाबांदी देखने को मिलेगी। उमस भरी गर्मी का सामना मानसून में ब्रेक लगने के कारण इस दौरान प्रदेश में उमस भरी गर्मी से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा समय-समय पर पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा में मानसूनी गतिविधियों को ऊर्जा देते हैं। उदाहरण के लिए पिछले 3-4 दिनों से हरियाणा के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में अच्छी बारिश हुई है। 11 जुलाई को एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से एक बार फिर मानसून के सक्रिय होने की संभावना है। 11-15 जुलाई के दौरान पूरे प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश की गतिविधियां होने की संभावना है। 72.5 MM बारिश हुई 1 जून से 9 जुलाई के बीच राज्य में कुल 72.5 MM बारिश हुई है, जबकि इस दौरान राज्य में 88.4 MM बारिश हुई है, जो सामान्य से 18% कम है। हरियाणा के अंबाला, यमुनानगर, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, जींद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, चरखी-दादरी, फरीदाबाद में सामान्य से कम बारिश हुई है। यहां के लोग बेसब्री से मानसून की बारिश का इंतजार कर रहे हैं, जबकि अन्य सभी जिलों में अब तक सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। हरियाणा में मानसून की गति पिछले दो दिनों से धीमी पड़ गई है। कुछ शहरों को छोड़कर पूरे प्रदेश में मौसम साफ है। मौसम विभाग ने बुधवार को यमुनानगर, अंबाला, पंचकूला में हल्की बारिश के साथ 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना जताई है। बता दें कि इस बार मानसून ने 28 जून को प्रदेश में प्रवेश किया था। शुरुआती दौर में दक्षिणी जिलों रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नूंह के साथ-साथ सिरसा, फतेहाबाद में अच्छी बारिश देखने को मिली थी। जबकि अन्य जिलों में अभी तक सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। 8 जुलाई के बाद से प्रदेश के अधिकांश जिलों में मौसम साफ बना हुआ है। मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन के अनुसार हरियाणा में मानसून के धमाकेदार प्रवेश के बाद अभी तक प्रदेश में इसकी सक्रियता और स्थिरता में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। हालांकि हरियाणा प्रदेश के दक्षिणी और पश्चिमी भागों में लगातार मानसूनी गतिविधियों के चलते सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि उत्तरी और पूर्वी भागों में मानसूनी गतिविधियां कम रहीं, जिसके चलते इन क्षेत्रों में अभी भी मानसूनी गतिविधियों के चलते सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। तीन दिन तक कमजोर रहेगा मानसून प्रदेश में अभी भी कुछ स्थानों पर मानसून की गतिविधियां नदारद हैं। दक्षिणी भागों, विशेषकर महेंद्रगढ़ जिले पर मानसून लगातार अपनी मेहरबानी बरसा रहा है। डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि मानसून की सक्रियता बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के साथ-साथ मानसून द्रोणिका के लगातार अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण में स्थित होने के कारण है। जो राजस्थान के दक्षिणी भागों में मौजूद है। अगले तीन दिन तक मानसून कमजोर रहेगा और सीमित स्थानों पर ही छिटपुट बूंदाबांदी देखने को मिलेगी। उमस भरी गर्मी का सामना मानसून में ब्रेक लगने के कारण इस दौरान प्रदेश में उमस भरी गर्मी से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा समय-समय पर पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा में मानसूनी गतिविधियों को ऊर्जा देते हैं। उदाहरण के लिए पिछले 3-4 दिनों से हरियाणा के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में अच्छी बारिश हुई है। 11 जुलाई को एक नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से एक बार फिर मानसून के सक्रिय होने की संभावना है। 11-15 जुलाई के दौरान पूरे प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर मूसलाधार बारिश की गतिविधियां होने की संभावना है। 72.5 MM बारिश हुई 1 जून से 9 जुलाई के बीच राज्य में कुल 72.5 MM बारिश हुई है, जबकि इस दौरान राज्य में 88.4 MM बारिश हुई है, जो सामान्य से 18% कम है। हरियाणा के अंबाला, यमुनानगर, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, जींद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, चरखी-दादरी, फरीदाबाद में सामान्य से कम बारिश हुई है। यहां के लोग बेसब्री से मानसून की बारिश का इंतजार कर रहे हैं, जबकि अन्य सभी जिलों में अब तक सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर