हरियाणा विधानसभा चुनाव के चलते पुलिस कर्मचारियों की छुटि्टयां रद्द कर दी गई हैं। लॉ एंड ऑर्डर के आईजीपी ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को इस आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से हरियाणा की ओर से 225 कंपनियों की मांग की गई थी। जिसमें से 70 कंपनियां 25 अगस्त, 2024 तक राज्य में पहुंच चुकी थी। शुरू में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 15 कंपनियां, सीमा सुरक्षा बल की 10, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की 15, भारत तिब्बत सीमा पुलिस की 10, सशस्त्र सीमा बल की 10 तथा रेलवे सुरक्षा बल की 10 कंपनियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हरियाणा में भेजा गया है। छुटि्टयां रद्द करने को लेकर जारी आदेश… हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं… हरियाणा विधानसभा चुनाव के चलते पुलिस कर्मचारियों की छुटि्टयां रद्द कर दी गई हैं। लॉ एंड ऑर्डर के आईजीपी ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश में सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को इस आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) से हरियाणा की ओर से 225 कंपनियों की मांग की गई थी। जिसमें से 70 कंपनियां 25 अगस्त, 2024 तक राज्य में पहुंच चुकी थी। शुरू में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 15 कंपनियां, सीमा सुरक्षा बल की 10, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की 15, भारत तिब्बत सीमा पुलिस की 10, सशस्त्र सीमा बल की 10 तथा रेलवे सुरक्षा बल की 10 कंपनियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हरियाणा में भेजा गया है। छुटि्टयां रद्द करने को लेकर जारी आदेश… हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कांग्रेस MP कुमारी सैलजा ने किया किरण चौधरी का समर्थन:कहा- श्रुति के साथ इंसाफ नहीं हुआ, खफा होना स्वभाविक; मां-बेटी पार्टी छोड़ चुकीं हरियाणा में कांग्रेस छोड़ आज BJP जॉइन करने जा रहीं पूर्व मंत्री किरण चौधरी के समर्थन में कांग्रेस की सीनियर लीडर सिरसा सीट से सांसद कुमारी सैलजा भी उतर आई हैं। सैलजा ने कहा है कि श्रुति के साथ इंसाफ नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ‘हम भिवानी हारे और गुरुग्राम भी हारे। गुरुग्राम जो अहीरवाल है, वहां कैप्टन अजय यादव लड़ लेते। यहां श्रुति लड़ लेती तो हम जीत जाते।’ सैलजा का कहना है, ‘टिकटों का वितरण ठीक होता तो और ज्यादा अच्छा रहता। उनका (किरण चौधरी) का खफा होना स्वाभाविक है। उनके परिवार का योगदान दशकों से रहा है। उनकी (किरण) बेटी (श्रुति) वहां से पहले भी MP रही है। मैंने खुद वहां जाकर देखा, क्योंकि जब हमने यात्रा निकाली थी तो वहां 3-4 दिन लगाए। श्रुति को टिकट मिलती तो जीतती।’ सैलजा ने आगे कहा, ‘मैं उनकी बात को सपोर्ट कर रही हूं। हमने यह बात पहले भी पार्टी प्लेटफॉर्म पर रखी और आगे भी रखेंगे। थोड़ा दुख होता है कि कहां हम 10 की 10 सीट जीत रहे थे और अब हम 5 पर आकर टिक गए। इसके पीछे का कारण टिकटों का सही वितरण न होना ही है।’ श्रुति का टिकट काटकर राव दान सिंह को मिला
लगातार 4 बार भिवानी की तोशाम सीट से MLA किरण चौधरी अपनी बेटी श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं। श्रुति पहले भी 2009 में इस सीट से सांसद रह चुकी है, लेकिन पिछले 2 चुनाव में लगातार हार के कारण पार्टी ने इस बार उनकी टिकट काटकर पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खास महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह को दे दी। बेटी की टिकट कटते ही किरण ने बगावती तेवर अपना लिए थे, लेकिन चुनाव के वक्त पार्टी नहीं छोड़ी। किरण और उनकी बेटी श्रुति ने प्रचार से पूरी तरह किनारा कर लिया। दोनों तरफ से खूब बयानबाजी हुई। आखिर में भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई। कांग्रेस केंडिडेट ने हार का कारण भितरघात बताया। इसके बाद किरण ने फिर से मीडिया के सामने आकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम लिए बगैर उन पर कई आरोप लगाए। इससे साफ होने लगा कि किरण अब बहुत जल्द पार्टी को अलविदा कह सकती है। सत्ता जाने के बाद हुड्डा से शुरू हुई अदावत
दरअसल, किरण चौधरी तत्कालीन हुड्डा सरकार के दोनों टर्म 2005 और 2009 में कैबिनेट मंत्री रहीं। उस समय राजनैतिक तौर पर किरण और हुड्डा की सही पटरी बैठ रही थी, लेकिन 2014 में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद कांग्रेस में गुटबाजी और ज्यादा उभरकर आ गई। पहले से हुड्डा विरोधी रही कुमारी सैलजा के बाद रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी के अलावा कैप्टन अजय सिंह की हुड्डा के साथ खटपट शुरू हो गई। हालांकि, पार्टी हाईकमान की तरफ से 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद किरण को CLP लीडर बनाया गया, लेकिन 2019 के चुनाव आते-आते किरण और भूपेंद्र हुड्डा के बीच तनातनी पूरी तरह जगजाहिर हो गई। पिछले 3 साल में तो ये और ज्यादा बढ़ गई। सैलजा, रणदीप के साथ किरण भी शामिल हो गईं और इन तीनों सीनियर नेताओं ने अपनी अलग राह चुन ली। हरियाणा में एक गुट भूपेंद्र हुड्डा तो दूसरा SRK (सैलजा, रणदीप, किरण) के नाम से जाना जाने लगा। लोकसभा चुनाव के दौरान भी किरण और श्रुति सिरसा में कैंडिडेट सैलजा के प्रचार में तो जरूर गई, लेकिन अपने खुद के गढ़ में एक दिन भी प्रचार नहीं किया। बंसीलाल की विरासत संभाल रहीं किरण
किरण चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू हैं। पति सुरेंद्र सिंह की मौत के बाद किरण ही 2005 से बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को संभाले हुए हैं। किरण ने कई बार खुले तौर पर यह बात कही कि पार्टी के भीतर ही उनकी अनदेखी की जा रही है। उनके गढ़ में कांग्रेस के कार्यक्रम हो जाते हैं और उन्हें बुलाया तक नहीं जाता। ऐसे में किरण के सामने चुनौती बंसीलाल की विरासत को बचाने की आ गई। क्योंकि, कांग्रेस में रहते हुए बंसीलाल के कोर वोटर को रोकना किरण चौधरी के लिए मुश्किल हो रहा था। इसे बचाने के लिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ BJP जॉइन करने का बड़ा फैसला लिया।
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पानीपत में 120 लड़कियों से बंधवाई राखी:मिठाई लेकर घर-घर जाएंगे यमुना समिति सदस्य; सुख-दुख में साथ देने का लिया संकल्प हरियाणा के पानीपत के सनौली क्षेत्र में गांव रिसपुर, खंबा, सनौली खुर्द में यमुना सुधार समिति के प्रदेशाध्यक्ष रतन सिंह रावल एडवोकेट ने समिति सदस्यों के साथ भाई-बहनों के प्यार के अटूट रिश्ते के पर्व रक्षा बंधन पर अभियान के तहत राखी बंधवाई। गांव में चलाए जा रहे नि:शुल्क सिलाई, कंप्यूटर प्रशिक्षण सेंटर पर 120 लड़कियों ने समिति अध्यक्ष रतन सिंह रावल, सरपंच संजय त्यागी व समिति सदस्यों को राखी बांधीं। रावल ने राखी बंधवा कर बहनों के साथ दुख दर्द में साथ देना का वचन दिया। उन्होंने गांव रिसपुर, झांबा और सनौली में कहा कि लड़के अपनी बहनों के घरों पर राखी बंधवाने जाएं ताकि बहनों को भाइयों के पास आने-जाने में कोई परेशानी न हो सके। लड़कियों से आह्वान किया कि वे पढ लिख कर आगे बढ़े। अपने परिवार की भलाई के लिए जीवन में कामयाबी हासिल करें। उन्होंने बताया कि एक महीने तक यमुना समिति सदस्य आसपास के दर्जनों गांवों में घर-घर जा कर लड़कियों से राखी बंधवाएंगे। पूरे गांव में घर-घर जाकर रक्षा बंधन पर्व मनाया जाएगा। गांव में आपसी प्रेम व भाई चारा बना रहे और गांव में विकास कार्य मिल जुल कर कराए जाएं। गांव में यमुना समिति हर घर में मिठाई, राखी लेकर पहुंचेगी।
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इंद्री में नशे की ओवरडोज से हुई युवक की मौत:परिजनों को थी हत्या की आशंका, शव पर नहीं मिले चोट के निशान हरियाणा में करनाल के चन्द्राव गांव में राजेश (28) की मौत के मामले में पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस जांच में अब तक सामने आया है कि राजेश की मौत नशे की ओवरडोज के कारण हुई थी। उसकी हत्या नहीं की गई और न ही उसके शरीर पर किसी प्रकार के चोट के निशान थे। पुलिस द्वारा गुरुवार को ही शव का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों के हवाले कर दिया था। बता दें कि मृतक राजेश की पत्नी रेखा सहित अन्य परिजनों ने आरोप लगाया था कि बुधवार देर रात को उसके दोस्तों ने राजेश की हत्या कर खाली प्लाट में उसके शव फेंका था। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी थी। अब तक जांच में ये आया सामने इंद्री थाना के SHO श्री भगवान ने कहा कि परिवार द्वारा राजेश की हत्या का आरोप उसके दोस्तों पर लगाए थे। लेकिन अबतक जांच में सामने आया कि राजेश की हत्या नहीं हुई थी। उसकी मौत नशे की ओवरडोज के कारण हुई है। बुधवार को वह अपने दो दोस्तों के साथ यूपी तरफ गया था। जहां पर उसने अपने दोस्तों के साथ नशा किया। बाद मे उसके दोस्त उसको गांव में छोड़कर गए। जहां पर उसकी मौत हुई है। बाकी खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही हो पाएगा।