हरियाणा-पंजाब-यूपी और दिल्ली के मंत्रियों की मीटिंग:रोहतक पहुंचे श्याम सिंह राणा हुए शामिल, पराली प्रबंधन पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने दिए निर्देश

हरियाणा-पंजाब-यूपी और दिल्ली के मंत्रियों की मीटिंग:रोहतक पहुंचे श्याम सिंह राणा हुए शामिल, पराली प्रबंधन पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने दिए निर्देश

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए चार राज्यों हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कृषि मंत्रियों की अंतर मंत्रालय बैठक ली। बैठक फसल अवशेष प्रबन्धन व आगजनी की घटनाओं को लेकर हुई। इस बैठक में रोहतक पहुंचे हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने भी भाग लिया। बैठक में हरियाणा और अन्य तीन राज्यों में पिछले वर्ष तथा वर्तमान वर्ष हुई आगजनी की घटनाओं को लेकर विचार-विमर्श किया। जिसमें मंत्री श्याम सिंह राणा ने हरियाणा राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए बताया कि पिछले वर्ष के मुकाबले वर्तमान वर्ष खरीफ सीजन में हरियाणा राज्य में आगजनी की घटनाओं में लगभग 60 प्रतिशत की कमी आई है। जिसका श्रेय हरियाणा राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली को जाता है। पराली प्रबंधन से बढ़ती है मिट्‌टी की उपजाऊ शक्ति उन्होंने कहा कि इसके तहत राज्य सरकार द्वारा किसानों को धान की पराली न जलाने बारे ग्राम स्तरीय, खंड स्तरीय, जिला स्तरीय, पाठशाला कार्यक्रमों, प्रिंटिड मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों को जागरूक करना व किसानों को पराली प्रबन्धन के लिए प्रोत्साहन राशि और कृषि यंत्र उपलब्ध करवाना शामिल है। यदि राज्य के किसान पराली को ना जलाकर उसका प्रबन्धन खेत व खेत से बाहर करते हैं तो मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है, साथ ही मिट्टी में आर्गेनिक तत्वों की मात्रा भी बढ़ती है। मिट्टी में पाए जाने वाले फसल के मित्र कीट भी सुरक्षित रहते हैं। जिसके कारण मिट्टी की संरचना पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। इस बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा के संयुक्त निदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) जगमेन्द्र नैन और रोहतक के उप कृषि निदेशक सुरेन्द्र सिंह भी उपस्थित रहे। आगजनी की घटनाओं को लेकर सरकार सतर्क कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि हरियाणा राज्य सरकार धान की पराली में होने वाली आगजनी की घटनाओं के बारे पूर्णतः सतर्क है। हरियाणा राज्य ने ग्राम स्तरीय, खंड स्तरीय और जिला स्तरीय टीमों के माध्यम से पूर्ण निगरानी रखे हुए है। किसानों को प्रतिदिन हरेक गांव में जागरूकता शिविर लगाकर धान की पराली ना जलाने बारे जागरूक कर रही है। आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कृषि विभाग व जिला प्रशासन पूर्ण प्रयासरत है। यदि कोई किसान जाने-अनजाने में धान की पराली में आग लगाता है तो कमिश्नर द्वारा जारी किए दिशा-निर्देशानुसार किसान पर जुर्माना लगाने, एफआईआर दर्ज करवाने व मेरी फसल मेरा ब्योरा में रेड एंट्री करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। पराली जलाने वाले 2 किसानों पर केस दर्ज डीसी अजय कुमार ने मंत्री को आश्वस्त किया कि रोहतक जिले में कार्यरत सभी अधिकारी और कर्मचारी तथा जिला प्रशासन पूरी तत्परता के साथ आगजनी की घटनाओं को काबू करने के लिए अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक केवल 8 आगजनी की घटनाओं की सूचना हरसेक द्वारा प्राप्त हुई है। जिनमें से 6 स्थानों पर आगजनी नहीं पाई गई। दो घटनाएं सही पाई गई हैं। कमिश्नर के दिशा-निर्देशानुसार गांव डोभ और कबूलपुर के किसानों के विरूद्ध संबंधित पुलिस थानों में पॉल्यूशन प्रोटेक्शन एक्ट 1986 व अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करवा दी गई है। एक किसान पर जुर्माना भी लगाया गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए चार राज्यों हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के कृषि मंत्रियों की अंतर मंत्रालय बैठक ली। बैठक फसल अवशेष प्रबन्धन व आगजनी की घटनाओं को लेकर हुई। इस बैठक में रोहतक पहुंचे हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने भी भाग लिया। बैठक में हरियाणा और अन्य तीन राज्यों में पिछले वर्ष तथा वर्तमान वर्ष हुई आगजनी की घटनाओं को लेकर विचार-विमर्श किया। जिसमें मंत्री श्याम सिंह राणा ने हरियाणा राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए बताया कि पिछले वर्ष के मुकाबले वर्तमान वर्ष खरीफ सीजन में हरियाणा राज्य में आगजनी की घटनाओं में लगभग 60 प्रतिशत की कमी आई है। जिसका श्रेय हरियाणा राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली को जाता है। पराली प्रबंधन से बढ़ती है मिट्‌टी की उपजाऊ शक्ति उन्होंने कहा कि इसके तहत राज्य सरकार द्वारा किसानों को धान की पराली न जलाने बारे ग्राम स्तरीय, खंड स्तरीय, जिला स्तरीय, पाठशाला कार्यक्रमों, प्रिंटिड मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों को जागरूक करना व किसानों को पराली प्रबन्धन के लिए प्रोत्साहन राशि और कृषि यंत्र उपलब्ध करवाना शामिल है। यदि राज्य के किसान पराली को ना जलाकर उसका प्रबन्धन खेत व खेत से बाहर करते हैं तो मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है, साथ ही मिट्टी में आर्गेनिक तत्वों की मात्रा भी बढ़ती है। मिट्टी में पाए जाने वाले फसल के मित्र कीट भी सुरक्षित रहते हैं। जिसके कारण मिट्टी की संरचना पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। इस बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा के संयुक्त निदेशक (कृषि अभियांत्रिकी) जगमेन्द्र नैन और रोहतक के उप कृषि निदेशक सुरेन्द्र सिंह भी उपस्थित रहे। आगजनी की घटनाओं को लेकर सरकार सतर्क कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि हरियाणा राज्य सरकार धान की पराली में होने वाली आगजनी की घटनाओं के बारे पूर्णतः सतर्क है। हरियाणा राज्य ने ग्राम स्तरीय, खंड स्तरीय और जिला स्तरीय टीमों के माध्यम से पूर्ण निगरानी रखे हुए है। किसानों को प्रतिदिन हरेक गांव में जागरूकता शिविर लगाकर धान की पराली ना जलाने बारे जागरूक कर रही है। आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए कृषि विभाग व जिला प्रशासन पूर्ण प्रयासरत है। यदि कोई किसान जाने-अनजाने में धान की पराली में आग लगाता है तो कमिश्नर द्वारा जारी किए दिशा-निर्देशानुसार किसान पर जुर्माना लगाने, एफआईआर दर्ज करवाने व मेरी फसल मेरा ब्योरा में रेड एंट्री करने की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी। पराली जलाने वाले 2 किसानों पर केस दर्ज डीसी अजय कुमार ने मंत्री को आश्वस्त किया कि रोहतक जिले में कार्यरत सभी अधिकारी और कर्मचारी तथा जिला प्रशासन पूरी तत्परता के साथ आगजनी की घटनाओं को काबू करने के लिए अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि जिले में अब तक केवल 8 आगजनी की घटनाओं की सूचना हरसेक द्वारा प्राप्त हुई है। जिनमें से 6 स्थानों पर आगजनी नहीं पाई गई। दो घटनाएं सही पाई गई हैं। कमिश्नर के दिशा-निर्देशानुसार गांव डोभ और कबूलपुर के किसानों के विरूद्ध संबंधित पुलिस थानों में पॉल्यूशन प्रोटेक्शन एक्ट 1986 व अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करवा दी गई है। एक किसान पर जुर्माना भी लगाया गया है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर