हरियाणा में शुक्रवार को मानसून की एंट्री हो गई। इससे पहले मानसून गुरुवार को पंजाब और हिमाचल में दाखिल हो गया था। आज मानसून हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब को पूरी तरह कवर कर लेगा। तीनों जगह एक जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। हरियाणा के 12 जिलों में आज मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें नूंह, पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रेवाड़ी, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, अंबाला, यमुनानगर और पंचकूला शामिल हैं। बाकी जिलों में येलो अलर्ट है। वहीं पंजाब के सभी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने आज गरज चमक के साथ तेज बारिश की संभावना जताई है। उधर, हिमाचल में लगातार 6 दिन बारिश का अलर्ट है। 3 जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इनमें चंबा, कांगड़ा और कुल्लू शामिल है। किन्नौर, सिरमौर, सोलन, शिमला, मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर और ऊना में येलो अलर्ट है। हरियाणा के अधिकतर शहरों का तापमान 40 से नीचे 2 दिन से हुई बारिश और हवा चलने के कारण हरियाणा के अधिकतर शहरों का तापमान 40 डिग्री के नीचे है। शुक्रवार को सिरसा का तापमान सबसे ज्यादा 40.6 डिग्री रहा। वहीं न्यूनतम तापमान फरीदाबाद का 24.3 दर्ज किया गया। भिवानी में महिला की करंट से मौत भिवानी के हसान गांव में महिला शर्मिला को करंट लग गया। जिससे उसकी मौत हो गई। वह खेत में बना ट्यूबवैल चलाने गई थी। वहां बारिश के बाद जलभराव से ट्यूबवेल की तार में करंट आ रहा था। जिस वजह से महिला तार से चिपक गई। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर लोगों ने बिजली लाइन बंद की। हालांकि अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई। नूंह में पानी के गड्ढे में डूबने से बच्चे की मौत नूंह के पिनगवां कस्बे में ईदगाह के समीप शुक्रवार को 7 वर्षीय बच्चे की पानी में डूबने से मौत हो गई। बच्चे की पहचान जावेद पुत्र सलीम निवासी पिनगवां के रूप में हुई है। सात साल का मासूम सुबह करीब 9 बजे घर से थोड़ी दूर अपने बहन भाइयों के साथ खेलने गया था। जहां पर वह गड्ढे में भरे हुए पानी में नहाने के लिए कूद गया। गड्ढे की गहराई करीब आठ फीट बताई जा रही है। बच्चा इसमें डूब गया। गड्ढे में बरसाती पानी भरा हुआ था। हिमाचल में मलबे में दबी 6 गाड़ियां, पुल को खतरा हिमाचल में पहली बारिश ने शिमला और सोलन में तबाही मचा दी। सोलन के कुनिहार में हैवी रेन के बाद गंभर पुल को फिर से खतरा पैदा हो गया। वहीं शिमला के भट्टाकुफर-आईएसबीटी बाइपास, चुरट नाला और ढली टनल के समीप एक स्कूल के पास में 6 गाड़ियां मलबे की चपेट में आ गईं। कुनिहार-नालागढ़ स्टेट हाईवे के अलावा क्षेत्र की आधा दर्जन ग्रामीण सड़कें भी बंद हो गई है। हरियाणा में शुक्रवार को मानसून की एंट्री हो गई। इससे पहले मानसून गुरुवार को पंजाब और हिमाचल में दाखिल हो गया था। आज मानसून हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब को पूरी तरह कवर कर लेगा। तीनों जगह एक जुलाई तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। हरियाणा के 12 जिलों में आज मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें नूंह, पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रेवाड़ी, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, अंबाला, यमुनानगर और पंचकूला शामिल हैं। बाकी जिलों में येलो अलर्ट है। वहीं पंजाब के सभी जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने आज गरज चमक के साथ तेज बारिश की संभावना जताई है। उधर, हिमाचल में लगातार 6 दिन बारिश का अलर्ट है। 3 जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इनमें चंबा, कांगड़ा और कुल्लू शामिल है। किन्नौर, सिरमौर, सोलन, शिमला, मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर और ऊना में येलो अलर्ट है। हरियाणा के अधिकतर शहरों का तापमान 40 से नीचे 2 दिन से हुई बारिश और हवा चलने के कारण हरियाणा के अधिकतर शहरों का तापमान 40 डिग्री के नीचे है। शुक्रवार को सिरसा का तापमान सबसे ज्यादा 40.6 डिग्री रहा। वहीं न्यूनतम तापमान फरीदाबाद का 24.3 दर्ज किया गया। भिवानी में महिला की करंट से मौत भिवानी के हसान गांव में महिला शर्मिला को करंट लग गया। जिससे उसकी मौत हो गई। वह खेत में बना ट्यूबवैल चलाने गई थी। वहां बारिश के बाद जलभराव से ट्यूबवेल की तार में करंट आ रहा था। जिस वजह से महिला तार से चिपक गई। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर लोगों ने बिजली लाइन बंद की। हालांकि अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई। नूंह में पानी के गड्ढे में डूबने से बच्चे की मौत नूंह के पिनगवां कस्बे में ईदगाह के समीप शुक्रवार को 7 वर्षीय बच्चे की पानी में डूबने से मौत हो गई। बच्चे की पहचान जावेद पुत्र सलीम निवासी पिनगवां के रूप में हुई है। सात साल का मासूम सुबह करीब 9 बजे घर से थोड़ी दूर अपने बहन भाइयों के साथ खेलने गया था। जहां पर वह गड्ढे में भरे हुए पानी में नहाने के लिए कूद गया। गड्ढे की गहराई करीब आठ फीट बताई जा रही है। बच्चा इसमें डूब गया। गड्ढे में बरसाती पानी भरा हुआ था। हिमाचल में मलबे में दबी 6 गाड़ियां, पुल को खतरा हिमाचल में पहली बारिश ने शिमला और सोलन में तबाही मचा दी। सोलन के कुनिहार में हैवी रेन के बाद गंभर पुल को फिर से खतरा पैदा हो गया। वहीं शिमला के भट्टाकुफर-आईएसबीटी बाइपास, चुरट नाला और ढली टनल के समीप एक स्कूल के पास में 6 गाड़ियां मलबे की चपेट में आ गईं। कुनिहार-नालागढ़ स्टेट हाईवे के अलावा क्षेत्र की आधा दर्जन ग्रामीण सड़कें भी बंद हो गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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दीपेंद्र हुड्डा की राज्यसभा सीट जीतना BJP के लिए मुश्किल:भाजपा के पास विपक्ष से कम विधायक; JJP-इनेलो से सपोर्ट मिला तो फिर कांग्रेस जीतेगी
दीपेंद्र हुड्डा की राज्यसभा सीट जीतना BJP के लिए मुश्किल:भाजपा के पास विपक्ष से कम विधायक; JJP-इनेलो से सपोर्ट मिला तो फिर कांग्रेस जीतेगी हरियाणा में रोहतक सीट से दीपेंद्र सिंह हुड्डा के सांसद बनते ही राज्यसभा की सीट खाली हो गई है। अब इलेक्शन कमीशन जल्द ही (ECI) इस सीट पर चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी करेगा। सीट खाली होने के 6 महीने के भीतर ही चुनाव कराने जरूरी होते हैं। हरियाणा में साल के लास्ट में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए आयोग उससे पहले ही इस सीट पर चुनाव कराएगा। राज्यसभा की सीट खाली होते ही भाजपा और कांग्रेस ने अपना-अपना दावा पेश करना शुरू कर दिया है। मौजूदा दलीय स्थिति को देखते हुए भाजपा इस सीट की प्रबल दावेदार मानी जा रही है, लेकिन यदि JJP-इनेलो का कांग्रेस को साथ मिल जाता है तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसलिए सांसद बनते ही रिक्त हो गई सीट
कानूनी विश्लेषक हेमंत का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (RP Act), 1951 की धारा 69 (2) के तहत यदि कोई व्यक्ति जो पहले से राज्यसभा का सदस्य है और वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाता है तो राज्यसभा में उस व्यक्ति की सीट सांसद चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाती है। इसलिए 4 जून से ही दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा से राज्यसभा के सदस्य नहीं रहे। 2026 तक था दीपेंद्र का कार्यकाल
दीपेंद्र सिंह का राज्यसभा कार्यकाल अप्रैल 2020 से अप्रैल 2026 तक था। इसलिए उनके रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद उनकी राज्यसभा सदस्यता का शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है। आगामी कुछ सप्ताह में भारतीय निर्वाचन आयोग देश के विभिन्न राज्यों में रिक्त हुई उन सभी राज्यसभा सीटों पर उपचुनाव कराएगा, जहां-जहां से मौजूदा राज्यसभा सांसद लोकसभा चुनाव जीते हैं। अब पढ़िए भाजपा के मजबूत दावे की 3 वजहें… अभी सत्ता में भाजपा
भाजपा का दावा मजबूत होने की पहली वजह यह है कि वह अभी सत्ता में है। इसके साथ ही विधानसभा में 41 विधायकों के साथ सबसे बड़ा दल भी है। हलोपा और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन मिलने के बाद अभी भाजपा के पास 43 विधायकों का समर्थन है। जजपा के बागी भी साथ
भाजपा का राज्यसभा सीट पर दावा मजबूत होने की दूसरी बड़ी वजह यह है कि जजपा के बागी विधायकों का भी उन्हें साथ है। जजपा के 2 विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा ऐसे हैं, जो खुलेआम लोकसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन कर चुके हैं। इसके अलावा तीन और जजपा के बागी विधायक राम कुमार गौतम, देवेंद्र बबली और ईश्वर सिंह भाजपा के संपर्क में बने हुए हैं। अभी जजपा के पास 10 विधायक हैं। सेंधमारी कर सकती है भाजपा
दूसरे दलों में बीजेपी सेंधमारी कर सकती है। अभी सूबे में भाजपा सत्ता में है। दूसरे दलों के कई विधायक सीएम नायब सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर के संपर्क में हैं। ऐसे में राज्यसभा सांसद के लिए होने वाली वोटिंग में भाजपा कैंडिडेट को फायदा मिल सकता है। कांग्रेस का दावा मजबूत होने की सिर्फ एक यही वजह
भाजपा के मुकाबले इस सीट पर कांग्रेस के मजबूत दावे की सिर्फ एक ही वजह है। वह यह है कि कांग्रेस को जजपा और INLD के साथ निर्दलीय विधायकों का साथ मिल जाए। अभी कांग्रेस के पास 29 विधायक ( वरुण चौधरी के लोकसभा सांसद बनने के बाद) हैं। जबकि अन्य विपक्षी दलों में जजपा के 10, 4 निर्दलीय और एक इनेलो के एक अभय चौटाला हैं। कुल मिलाकर विधानसभा में विपक्ष के पास 44 विधायक हैं, जो अभी भाजपा से एक ज्यादा है।
पैक्स चुनाव से 5 दिन पहले डायरेक्टर का अपहरण:दूसरे डायरेक्टर पर आरोप लगाया, कहा- शराब में नशीली चीज मिलाई, चुनाव बाद छोड़ा
पैक्स चुनाव से 5 दिन पहले डायरेक्टर का अपहरण:दूसरे डायरेक्टर पर आरोप लगाया, कहा- शराब में नशीली चीज मिलाई, चुनाव बाद छोड़ा सिरसा में दी सुचान बहुद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समिति की प्रबंधन कमेटी (पैक्स) के डायरेक्टर ने दूसरे डायरेक्टर के खिलाफ अपहरण कर बंधन बनाने का आरोप लगाया है। शेरपुरा गांव के चंद्रभान ने बताया कि वह सुचान पैक्स में डायरेक्टर है। 13 नवंबर को प्रधान और उप प्रधान पद का चुनाव होना था। 5 दिन पहले 8 नवंबर को शाम को करीब 6 बजे कंवरपुरा गांव के रहने वाले अतीश कुमार का फोन आता है सुचान पैक्स में डायरेक्टर है कि आपसे मिलना है। अतिश कुमार गाड़ी लेकर मेरे घर के पास आ गया। अतिश की गाड़ी में उसका एक दोस्त भी बैठा था। गाड़ी में शराब पीने के दौरान कोई नशीला पदार्थ मिलाकर दे दिया जिससे मैं बेहोश हो गया। जब मुझे होश आया तो देखा मैं सुचानगढ़ था। यहां दो व्यक्तियों ने मेरा मोबाइल फोन छीनकर मुझे जबरन कैद में रखा। मैने दो दिन बाद 10 नवंबर को किसी तरह छिपकर अपने दोस्त को फोन किया और सारी बात बताई। मैंने भागने की कोशिश की तो दोबारा पकड़कर कैद में रखा। इसके बाद तारा नगर होटल में रखा और दो बार घर पर फोन करवाया कि मैं कि मैं ठीक ठाक हूं कहीं आया हुआ हूं। इसके बाद किसी दूसरी जगह ले जाकर खेत में रखा। 13 नवंबर को पैक्स का चुनाव था। उन लोगों ने शाम तक कैद में रखा और उसके बाद शाम करीब 4 बजे सिरसा के बाजेकां मोड पर छोड़ दिया। इसके बाद बदहवास हालत में मैंने थाना डिंग में शिकायत दी। नोटिस देने के बाद भी हाजिर नहीं हुआ
चंद्रभान ने बताया कि 18 नवंबर को अतीश कुमार को एक नोटिस देकर जांच में शामिल होने के लिए बुलाया मगर वह हाजिर नहीं हुआ। 22 नंबर को दोबारा नोटिस दिया तब भी वह नहीं आया। उसकी काल डिटेल निकलवाई तो पता चला वह उसकी लोकेशन सुजानगढ चुरु राजस्थान में मिली। इसके बाद उसकी पिछली कॉल डिटेल निकलवाई तो उसकी लोकेशन सिरसा और राजस्थान की मिली। इसके बाद पुलिस ने अतीश कुमार पर धारा 171,127(3), 351(2),123, 3(5) के तहत केस दर्ज कर लिया है। दो महीने पहले हुए थे चुनाव बता दें करीब 2 महीने पहले दी सुचान बहुद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समिति की प्रबंधन कमेटी के चुनाव में आतिश लाखलान ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। सुचान पैक्स चुनाव में 10 सीटों के लिए 12 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे, जिसमें 2 सदस्यों को सर्वसहमति से चुन लिया गया, जबकि एक सीट नोमिनेशन नहीं आने की वजह से रिक्त रह गई। इस चुनाव में कई चर्चित चेहरे मैदान में थे, जिसमें आतिश लाखलान ने सबसे अधिक 253 वोट हासिल किए, जबकि दूसरे प्रत्याशी ने 229 वोट प्राप्त किए। सामान्य वर्ग में महिंद्र सिंह को 131, शेर सिंह को 86 वोट मिले। सामान्य वर्ग (महिला) में अनीता रानी 63 वोट, पिछड़ा वर्ग में चंद्रभान 105 व अनुसूचित जाति वर्ग में मंगत राम 46 वोट लेकर विजयी बने। जबकि इस चुनाव में गुड्डी देवी को सबसे कम 11 वोट मिले।
हरियाणा की ऐसी सीट, जहां 30 साल से निर्दलीय विधायक:57 साल से भाजपा का खाता नहीं खुला, रोड वोटर करते हैं जीत का फैसला
हरियाणा की ऐसी सीट, जहां 30 साल से निर्दलीय विधायक:57 साल से भाजपा का खाता नहीं खुला, रोड वोटर करते हैं जीत का फैसला हरियाणा की पुंडरी विधानसभा सीट एक ऐसी सीट है जहां पर पिछले 6 विधानसभा चुनावों में निर्दलीय उम्मीदवार की ही जीत हुई है। राज्य की 17 रिजर्व सीटों में पुंडरी भी शामिल है। आंकड़े देखें तो 1996 से लेकर 2019 के विधानसभा चुनाव तक ना ही भाजपा और ना ही कांग्रेस इस सीट को फतह कर पाई है। जहां दूसरी सीटों पर चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच टिकटों के लिए मारामारी शुरू हो जाती है और टिकट ना मिलने पर इस्तीफों और दल बदलने का दौर शुरू हो जाता है। वहीं, पुंडरी में नेता किसी भी राजनीतिक दल में शामिल होकर चुनाव लड़ने से परहेज करते हैं। इस बार यहां से भाजपा ने सतपाल जांबा और कांग्रेस ने सुल्तान जड़ौला को टिकट दिया है, हालांकि इन दोनों का ही क्षेत्र में अच्छा होल्ड है लेकिन इसके बावजूद इस बार भी निर्दलीय प्रत्याशी सतबीर भाना का पलड़ा भारी नजर आ रहा है। रोड बाहुल्य विधानसभा है पुंडरी
जानकारों की माने तो पुंडरी विधानसभा में रोड समाज का दबदबा है। यहां पर 60 प्रतिशत वोटर रोड बिरादरी से हैं और उसके बाद करीब 17 प्रतिशत वोटर ब्राह्मण समाज से आते हैं। जाट भी यहां पर करीब 7 प्रतिशत हैं और अन्य में ओबीसी एवं एससी वर्ग आता है। इस बार 6 उम्मीदवार रोड, 3 ब्राह्मण
इस सीट पर इस बार कुल 6 प्रत्याशी अकेले रोड समाज से हैं। जिनमें पूर्व विधायक रणधीर सिंह गोलन, पूर्व विधायक सुल्तान जड़ौला, सुनीता बतान, नरेश कुमार फरल, प्रमोद चुहड और सतपाल जांबा शामिल हैं। वहीं जाट समाज से सज्जन सिंह ढुल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में हैं। ब्राह्मण समाज से चुनावी मैदान में नरेश शर्मा, नरेंद्र शर्मा और दिनेश कौशिक हैं। रोड समाज के ज्यादा उम्मीदवार होने के कारण रोड बिरादरी के वोट बंट सकते हैं जिसका सीधा फायदा जांगडा समाज के निर्दलीय उम्मीदवार सतबीर भाना को पहुंचेगा। बीजेपी और कांग्रेस को इस चुनाव में सतबीर भाना ही टक्कर देते नजर आ रहे हैं। दूसरी जाति के वोटरों की बात करें तो जाट समाज के वोट ढुल को और पंजाबी समाज के वोट गुरींद्र सिंह हाबड़ी को मिल सकते हैं, लेकिन आबादी कम होने के कारण ये ज्यादा बड़ा प्रभाव नहीं डाल पाएंगे। उधर ब्राह्मण समाज से भी तीन उम्मीदवार खड़ें हैं जिसकी वजह से उनके वोट भी आपस में बंट सकते हैं। गोलन को करना पड़ रहा एंटी इनकंबेंसी का सामना
2019 में इस सीट से रणधीर सिंह गोलन की जीत हुई थी। यहां पर उनका सामना कांग्रेस के सतबीर भाना से था हालांकि गोलन ने कुल 41008 वोट प्राप्ट कर भाना को 12824 वोटों से हरा दिया था। जीतने पर गोलन ने भाजपा सरकार को समर्थन दिया था, लेकिन लोकसभा चुनाव से ऐन पहले गोलन ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। गोलन इस सीट से विधायक रह चुके हैं लेकिन इस चुनाव में उन्हें एंटी इनकंबेंसी का सामना करना पड़ रहा है जिसके कारण इस बार उनकी वापसी मुश्किल लग रही है। भाजपा नहीं खोल पाई है इस सीट पर खाता
पुंडरी एक ऐसी सीट है जहां पर आज तक भाजपा जीत हासिल नहीं कर पाई है। हालांकि कांग्रेस ने इस सीट पर चार बार जीत दर्ज की है। इसके साथ ही 1987 में लोकदल के माखन सिंह ने भी इस सीट पर जीत दर्ज की थी। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने ही गोलन को टक्कर दी थी। हालांकि इस बार गोलन ने भाजपा से सर्मथन इसी उम्मीद में वापस लिया था कि उन्हें कांग्रेस टिकट देगी। लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया जिसकी वजह से वह निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ही मैदान में हैं।