उत्तराखंड से हाथियों का झुंड हरियाणा में दस्तक दी है। राज्य के यमुनानगर जिले के कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में एक नर, दो मादा और दो शिशु हाथियों सहित पांच सदस्यों का एक हाथी परिवार देखा गया है। वन विभाग इनके आगमन को वन्यजीवों के लिए उद्यान की अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों का सकारात्मक संकेतक मान रहा है। वन्यजीव विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह परिवार संभवतः उत्तराखंड के देहरादून स्थित राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से आया है, जहां हाथियों की आबादी बहुत अधिक है। बताया जा रहा है कि यह परिवार दिसंबर 2024 में कलेसर में दाखिल हुआ था और तब से इसे कई बार जंगल के अलग-अलग हिस्सों में घूमते देखा गया है। 20 दिन पहले दिखाई दिया परिवार यमुनानगर जिले के वन्यजीव विभाग के इंस्पेक्टर लीलू राम ने बताया, “हमने करीब 20 दिन पहले कलेसर नेशनल पार्क में एक नर और दो मादा हाथियों के साथ दो बच्चों का एक परिवार देखा था। इसके बाद, हमने उन्हें तीन या चार बार और देखा। इंस्पेक्टर राम ने अनुमान लगाया कि हाथी सुरक्षित आवास की तलाश में कलेसर चले गए होंगे। उन्होंने कहा, “कलेसर नेशनल पार्क एक घना जंगल है जो हाथियों सहित जंगली जानवरों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। हमें खुशी है कि हाथियों का एक परिवार यहां आया है। खाने के लिए आया ये परिवार हाथियों के पसंदीदा पेड़ रिहानी और अन्य वनस्पतियों की बहुतायत इस पार्क को इन शानदार जानवरों के लिए एक आदर्श निवास स्थान बनाती है। राम ने कहा, “कलेसर हाथियों की भोजन संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है क्योंकि इसमें उनके पसंदीदा पेड़ों की बहुतायत है।” 11,570 एकड़ में फैला कलेसर राष्ट्रीय उद्यान, घने जंगल के गलियारे के माध्यम से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ा हुआ है, साथ ही कलेसर वन्यजीव अभयारण्य (13,209 एकड़) और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में शेर जंग राष्ट्रीय उद्यान भी है। शिवालिक तहलटी में है कलेसर उद्यान हरियाणा के कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में कई तरह के जंगली जानवर पाए जाते हैं, जिनमें से तेंदुआ, हाथी, हिरण, चीतल, सांभर, वनबकरा, जंगली मुर्गा, तीतर, बटेर, खरगोश प्रमुख हैं। इसके अलावा यहां गिलहरी, भारतीय सियार, नीलगाय, गोरल, भारतीय कलगीदार साही, छोटी भारतीय सिवेट, कॉमन पाम सिवेट, ग्रे लंगूर भी यहां मिलते हैं। कलेसर राष्ट्रीय उद्यान, यमुनानगर जिले में स्थित है। यह शिवालिक की तलहटी में बना है और यहां सेमल, बहेड़ा, और अमलतास जैसे पेड़ पाए जाते हैं। इस उद्यान में कई खतरनाक जानवर जैसे तेंदुआ, घोरल, भौंकने वाला हिरण, सांभर, चीतल, अजगर, और किंग कोबरा भी रहते हैं। उत्तराखंड से हाथियों का झुंड हरियाणा में दस्तक दी है। राज्य के यमुनानगर जिले के कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में एक नर, दो मादा और दो शिशु हाथियों सहित पांच सदस्यों का एक हाथी परिवार देखा गया है। वन विभाग इनके आगमन को वन्यजीवों के लिए उद्यान की अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों का सकारात्मक संकेतक मान रहा है। वन्यजीव विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह परिवार संभवतः उत्तराखंड के देहरादून स्थित राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से आया है, जहां हाथियों की आबादी बहुत अधिक है। बताया जा रहा है कि यह परिवार दिसंबर 2024 में कलेसर में दाखिल हुआ था और तब से इसे कई बार जंगल के अलग-अलग हिस्सों में घूमते देखा गया है। 20 दिन पहले दिखाई दिया परिवार यमुनानगर जिले के वन्यजीव विभाग के इंस्पेक्टर लीलू राम ने बताया, “हमने करीब 20 दिन पहले कलेसर नेशनल पार्क में एक नर और दो मादा हाथियों के साथ दो बच्चों का एक परिवार देखा था। इसके बाद, हमने उन्हें तीन या चार बार और देखा। इंस्पेक्टर राम ने अनुमान लगाया कि हाथी सुरक्षित आवास की तलाश में कलेसर चले गए होंगे। उन्होंने कहा, “कलेसर नेशनल पार्क एक घना जंगल है जो हाथियों सहित जंगली जानवरों के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। हमें खुशी है कि हाथियों का एक परिवार यहां आया है। खाने के लिए आया ये परिवार हाथियों के पसंदीदा पेड़ रिहानी और अन्य वनस्पतियों की बहुतायत इस पार्क को इन शानदार जानवरों के लिए एक आदर्श निवास स्थान बनाती है। राम ने कहा, “कलेसर हाथियों की भोजन संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करता है क्योंकि इसमें उनके पसंदीदा पेड़ों की बहुतायत है।” 11,570 एकड़ में फैला कलेसर राष्ट्रीय उद्यान, घने जंगल के गलियारे के माध्यम से राजाजी राष्ट्रीय उद्यान से जुड़ा हुआ है, साथ ही कलेसर वन्यजीव अभयारण्य (13,209 एकड़) और हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में शेर जंग राष्ट्रीय उद्यान भी है। शिवालिक तहलटी में है कलेसर उद्यान हरियाणा के कलेसर राष्ट्रीय उद्यान में कई तरह के जंगली जानवर पाए जाते हैं, जिनमें से तेंदुआ, हाथी, हिरण, चीतल, सांभर, वनबकरा, जंगली मुर्गा, तीतर, बटेर, खरगोश प्रमुख हैं। इसके अलावा यहां गिलहरी, भारतीय सियार, नीलगाय, गोरल, भारतीय कलगीदार साही, छोटी भारतीय सिवेट, कॉमन पाम सिवेट, ग्रे लंगूर भी यहां मिलते हैं। कलेसर राष्ट्रीय उद्यान, यमुनानगर जिले में स्थित है। यह शिवालिक की तलहटी में बना है और यहां सेमल, बहेड़ा, और अमलतास जैसे पेड़ पाए जाते हैं। इस उद्यान में कई खतरनाक जानवर जैसे तेंदुआ, घोरल, भौंकने वाला हिरण, सांभर, चीतल, अजगर, और किंग कोबरा भी रहते हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
लॉरेंस बिश्नोई का साथी संपत नेहरा गिरफ्तार:हिसार STF ने हांसी कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया, एक साल पहले मांगी थी रंगदारी
लॉरेंस बिश्नोई का साथी संपत नेहरा गिरफ्तार:हिसार STF ने हांसी कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया, एक साल पहले मांगी थी रंगदारी हरियाणा पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे संपत नेहरा को गिरफ्तार किया है। संपत नेहरा सलमान खान की हत्या की सुपारी लेने के मामले में सुर्खियों में आया था। हरियाणा में हिसार STF(स्पेशल टास्क फोर्स) ने संपत नेहरा को गिरफ्तार कर आज हांसी कोर्ट में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया है। संपत नेहरा पर आरोप है कि उसने 31 जुलाई और 1 अगस्त 2023 को फोन कर हांसी के सिसाय गांव के व्यक्ति सोनू से रंगदारी मांगी थी और पैसा नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी थी। STF हिसार ने संपत नेहरा को बठिंडा जेल से प्रोडक्शन वारंट पर लिया है। हांसी कोर्ट ने कहा है कि संपत नेहरा को कल शाम 4 बजे से पहले दोबारा कोर्ट में पेश करना करें। बता दें कि संपत नेहरा पर कई केस दर्ज है और वह फिल्हाल बठिंडा जेल में सजा काट रहा था।
पानीपत में बेटे के सामने पिता की मौत:काम से लौट रहा था, तेज रफ्तार कार ने टक्कर मारी, इलाज के दौरान तोड़ा दम
पानीपत में बेटे के सामने पिता की मौत:काम से लौट रहा था, तेज रफ्तार कार ने टक्कर मारी, इलाज के दौरान तोड़ा दम हरियाणा के पानीपत शहर के इंडो फार्म रोड पर एक तेज रफ्तार कार ने एक व्यक्ति को टक्कर मार दी। हादसे में व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। प्रत्यक्षदर्शी बेटे ने उसे तुरंत वहां से सिविल अस्पताल पहुंचाया। जहां से उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। पीजीआई में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। हादसे की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। मूल रूप से यूपी के रहने वाले रवि ने चांदनी बाग थाने में दी। शिकायत में बताया कि वह मूल रूप से यूपी के हरदोई जिले के रहने वाले हैं। फिलहाल वह कृष्णा गार्डन वाली गली में रहते हैं। 28 दिसंबर की रात करीब 9 बजे वह इंडो फार्म से अपने पिता मुकेश शर्मा (50) के घर जा रहे थे। उनके पिता उनसे थोड़ा पीछे चल रहे थे। वह आगे चल रहे थे। इसी दौरान इंडो फार्म की तरफ से एक कार तेज रफ्तार और लापरवाही से आई। उसने उनके पिता को टक्कर मार दी और सेक्टर 29 की तरफ भाग गए। जब वह अपने पिता को संभालने के लिए दौड़े तो चालक वहां से तेज रफ्तार में भाग गया। फिर वह अपने पिता को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल ले गए। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उनके पिता को रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। रोहतक पीजीआई में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
पानीपत NHM कर्मियों की हड़ताल ने ली जच्चा-बच्चा की जान:एंबुलेंस न मिलने से गर्भवती महिला ने तोड़ा दम; 40 मिनट भटका पति
पानीपत NHM कर्मियों की हड़ताल ने ली जच्चा-बच्चा की जान:एंबुलेंस न मिलने से गर्भवती महिला ने तोड़ा दम; 40 मिनट भटका पति हरियाणा में NHM कर्मियों की हड़ताल चल रही है। पानीपत में इन कर्मियों की हड़ताल ने एक जच्चा-बच्चा की जान ले ली है। दरअसल, एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल के कारण सिवाह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में एक जच्चा-बच्चा को समय पर एंबुलेंस की सेवा नहीं मिल पाई। 40 मिनट तक महिला का पति अपनी गर्भवती पत्नी को लेकर इधर से उधर घूमता रहा, यहां पर एंबुलेंस थी लेकिन चालक नहीं था। जब पति ई-रिक्शा में पत्नी को लेकर जिला नागरिक अस्पताल में पहुंचा तब तक जच्चा बच्चा की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने पति के बयान के आधार पर पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। इधर, CMO डॉ. जयंत आहूजा ने कहा कि महिला को हार्ट की दिक्कत थी। मामले की जांच चल रही है। जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। सिवाह PHC में बरती गई लापरवाही जानकारी देते हुए उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के गांव कटैया निवासी पिंकू ने बताया कि वह पसीना रोड पर सुंदर कॉलोनी में किराये पर रहता है। यहीं पर वह एक फैक्ट्री में काम करता है। वह एक पौने दो साल के बेटे का पिता है। उसकी पत्नी रेशमा (22) सात माह की गर्भवती थी। रेशमा को शाम पांच बजे प्रसव पीड़ा हुई। वह उसे रिक्शा में सिवाह PHC लेकर पहुंचा। यहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की। काफी देर तक जांच करने के बाद रेशमा को सिविल अस्पताल रेफर कर दिया। वह एंबुलेंस सेवा लेना चाहता था, लेकिन उन्हें बताया गया कि एंबुलेंस चालक हड़ताल पर है। लगभग 40 मिनट तक एंबुलेंस के लिए इधर- उधर घूमता रहा। लेकिन उसे एंबुलेंस नहीं मिली। इसके बाद वह ई- रिक्शा में पत्नी रेशमा को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचा। यह डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई।