हरियाणा में I.N.D.I.A.गठबंधन अब अंतिम सांस ले रहा है। जल्द ही गठबंधन टूटने का औपचारिक ऐलान हो सकता है। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) डॉ. संदीप पाठक ने बयान दिया है कि गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बना था। लोकसभा चुनाव अब खत्म हो चुके हैं। इससे स्पष्ट है कि अब हरियाणा में AAP अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। बता दें कि हरियाणा में AAP और कांग्रेस ने मिलकर गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ा था। AAP के हिस्से में हरियाणा की कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट आई। पंजाब से सटी इस सीट पर गठबंधन को जीतने की पूरी उम्मीद थी। मगर गठबंधन प्रत्याशी सुशील गुप्ता 29021 वोट से हार गए थे। इसके बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में ठन गई थी। अभी हाल ही में कैथल में प्रेस कान्फ्रेंस कर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कुरुक्षेत्र लोकसभा में हार पर कांग्रेस नेताओं पर भीतरघात के आरोप लगाए थे। अनुराग ढांडा ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और अशोक अरोड़ा पर जानबूझकर गठबंधन प्रत्याशी को हराने के आरोप लगाए थे। हालांकि गठबंधन प्रत्याशी ने ढांडा के आरोपों को निजी बताया था। हरियाणा में हर बूथ पर लड़ने में सक्षम आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) डॉ. संदीप ने कहा कि “हमारी दो राज्यों में सरकार है। हम गुजरात में चुनाव लड़े हैं। हम हरियाणा में भी चुनाव लड़े। I.N.D.I.A. गठबंधन व्यक्तिगत फायदा के लिए नहीं बना था। अगर ऐसा होता तो संभवत हम गठबंधन में गए ही नहीं होते। मगर देश महत्वपूर्ण था। लोकसभा सभा के लिए गठबंधन बना था। लोकसभा खत्म हो गया है। आगे की सारी चीजें तब क्लियर होंगी जब केजरीवाल बाहर आएंगे। हम विधानसभा तो छोड़ एक-एक बूथ पर सक्षम हैं। पूरा हरियाणा बदलाव के लिए तैयार है और भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए तैयार है”। कुरुक्षेत्र में हार के बाद रिश्तों में खटास कुरुक्षेत्र में गठबंधन प्रत्याशी सुशील गुप्ता की हार के बाद कांग्रेस और AAP के रिश्तों में खटास आई थी। हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन पर लड़ी आम आदमी पार्टी (AAP)ने हार का ठीकरा कांग्रेस के सिर मढ़ दिया था। पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कुरुक्षेत्र लोकसभा में हार पर कांग्रेस नेताओं पर भीतरघात के आरोप लगाए थे। ढांडा ने कहा था कि कैथल में रणदीप सुरजेवाला ने भीतरघात किया जिसके कारण गठबंधन प्रत्याशी कैथल विधानसभा से 17000 वोटों से पीछे रह गया। खुद सुरजेवाला के बूथ से सुशील गुप्ता हार गए। इसके अलावा थानेसर में अशोक अरोड़ा पिछले विधानसभा चुनाव में 500 वोट से हारे थे। मगर अबकी बार थानेसर से सुशील गुप्ता 18000 वोट से हार गए। रादौर और लाडवा में कांग्रेस के विधायक हैं। इन दोनों जगह भी गठबंधन प्रत्याशी हार गया। यहां भी भीतरघात हुआ है। विधानसभा की तैयारी में जुटी है AAP लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन करने के बाद अब आम आदमी पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी में तेज कर दी है। साथ ही हार से बौखलाई AAP कांग्रेस पर निशाना साध रही है। इससे पहले आम नेता गोपाल राय ने भी साफ कर दिया था कि लोकसभा चुनाव के लिए हमारा गठबंधन था लेकिन विधानसभा चुनाव में हम अपनी पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे। फिलहाल आम आदमी पार्टी के नेताओं की एक राय से साफ है कि आगामी विधानसभा चुनाव में AAP किसी के साथ गठबंधन करने के मूड में नहीं है। इनेलो-जजपा की जगह लेना चाहती है AAP दरअसल, हरियाणा के लोकसभा चुनाव में लोगों ने क्षेत्रीय दल इनेलो और जजपा को नकार दिया। सभी 10 की 10 सीटों पर जजपा और इनेलो की जमानत जब्त हुई। जजपा को लोकसभा चुनाव में 0.87 प्रतिशत वोट हासिल हुए। वहीं इनेलो को 1.74 प्रतिशत वोट मिले। वहीं AAP की बात करें तो इस चुनाव में उसे 3.94 प्रतिशत वोट मिले हैं। इससे पार्टी उत्साहित है। पार्टी को इनेलो और जजपा से दोगुना ज्यादा वोट प्राप्त हुए हैं। इसलिए पार्टी दोनों का विकल्प हरियाणा में बनना चाहती है। कुरुक्षेत्र के ही गुहला चीका, कलायत, पेहवा और शाहबाद की 4 विधानसभा में उसने जीत हासिल की है। आगामी विधानसभा में वह इस विधानसभा में जीत हासिल करने उतरेगी। हरियाणा में I.N.D.I.A.गठबंधन अब अंतिम सांस ले रहा है। जल्द ही गठबंधन टूटने का औपचारिक ऐलान हो सकता है। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) डॉ. संदीप पाठक ने बयान दिया है कि गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए बना था। लोकसभा चुनाव अब खत्म हो चुके हैं। इससे स्पष्ट है कि अब हरियाणा में AAP अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। बता दें कि हरियाणा में AAP और कांग्रेस ने मिलकर गठबंधन में लोकसभा चुनाव लड़ा था। AAP के हिस्से में हरियाणा की कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट आई। पंजाब से सटी इस सीट पर गठबंधन को जीतने की पूरी उम्मीद थी। मगर गठबंधन प्रत्याशी सुशील गुप्ता 29021 वोट से हार गए थे। इसके बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में ठन गई थी। अभी हाल ही में कैथल में प्रेस कान्फ्रेंस कर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कुरुक्षेत्र लोकसभा में हार पर कांग्रेस नेताओं पर भीतरघात के आरोप लगाए थे। अनुराग ढांडा ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और अशोक अरोड़ा पर जानबूझकर गठबंधन प्रत्याशी को हराने के आरोप लगाए थे। हालांकि गठबंधन प्रत्याशी ने ढांडा के आरोपों को निजी बताया था। हरियाणा में हर बूथ पर लड़ने में सक्षम आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) डॉ. संदीप ने कहा कि “हमारी दो राज्यों में सरकार है। हम गुजरात में चुनाव लड़े हैं। हम हरियाणा में भी चुनाव लड़े। I.N.D.I.A. गठबंधन व्यक्तिगत फायदा के लिए नहीं बना था। अगर ऐसा होता तो संभवत हम गठबंधन में गए ही नहीं होते। मगर देश महत्वपूर्ण था। लोकसभा सभा के लिए गठबंधन बना था। लोकसभा खत्म हो गया है। आगे की सारी चीजें तब क्लियर होंगी जब केजरीवाल बाहर आएंगे। हम विधानसभा तो छोड़ एक-एक बूथ पर सक्षम हैं। पूरा हरियाणा बदलाव के लिए तैयार है और भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए तैयार है”। कुरुक्षेत्र में हार के बाद रिश्तों में खटास कुरुक्षेत्र में गठबंधन प्रत्याशी सुशील गुप्ता की हार के बाद कांग्रेस और AAP के रिश्तों में खटास आई थी। हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन पर लड़ी आम आदमी पार्टी (AAP)ने हार का ठीकरा कांग्रेस के सिर मढ़ दिया था। पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने कुरुक्षेत्र लोकसभा में हार पर कांग्रेस नेताओं पर भीतरघात के आरोप लगाए थे। ढांडा ने कहा था कि कैथल में रणदीप सुरजेवाला ने भीतरघात किया जिसके कारण गठबंधन प्रत्याशी कैथल विधानसभा से 17000 वोटों से पीछे रह गया। खुद सुरजेवाला के बूथ से सुशील गुप्ता हार गए। इसके अलावा थानेसर में अशोक अरोड़ा पिछले विधानसभा चुनाव में 500 वोट से हारे थे। मगर अबकी बार थानेसर से सुशील गुप्ता 18000 वोट से हार गए। रादौर और लाडवा में कांग्रेस के विधायक हैं। इन दोनों जगह भी गठबंधन प्रत्याशी हार गया। यहां भी भीतरघात हुआ है। विधानसभा की तैयारी में जुटी है AAP लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन करने के बाद अब आम आदमी पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव की तैयारी में तेज कर दी है। साथ ही हार से बौखलाई AAP कांग्रेस पर निशाना साध रही है। इससे पहले आम नेता गोपाल राय ने भी साफ कर दिया था कि लोकसभा चुनाव के लिए हमारा गठबंधन था लेकिन विधानसभा चुनाव में हम अपनी पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे। फिलहाल आम आदमी पार्टी के नेताओं की एक राय से साफ है कि आगामी विधानसभा चुनाव में AAP किसी के साथ गठबंधन करने के मूड में नहीं है। इनेलो-जजपा की जगह लेना चाहती है AAP दरअसल, हरियाणा के लोकसभा चुनाव में लोगों ने क्षेत्रीय दल इनेलो और जजपा को नकार दिया। सभी 10 की 10 सीटों पर जजपा और इनेलो की जमानत जब्त हुई। जजपा को लोकसभा चुनाव में 0.87 प्रतिशत वोट हासिल हुए। वहीं इनेलो को 1.74 प्रतिशत वोट मिले। वहीं AAP की बात करें तो इस चुनाव में उसे 3.94 प्रतिशत वोट मिले हैं। इससे पार्टी उत्साहित है। पार्टी को इनेलो और जजपा से दोगुना ज्यादा वोट प्राप्त हुए हैं। इसलिए पार्टी दोनों का विकल्प हरियाणा में बनना चाहती है। कुरुक्षेत्र के ही गुहला चीका, कलायत, पेहवा और शाहबाद की 4 विधानसभा में उसने जीत हासिल की है। आगामी विधानसभा में वह इस विधानसभा में जीत हासिल करने उतरेगी। 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1. एडवांस रिचार्ज सिस्टम:
किसानों का कहना है कि जिस तरह मोबाइल में एडवांस पैसे डलवाने पड़ते हैं, उसी तरह कूपन लेकर मीटर रिर्चाज करवाने पड़ेंगे। इसके लिए कूपन पहले किसान को लेना पड़ेगा और पैसे खत्म होते ही बिजली गुल हो जाएगी। 2. सब्सिडी भी एडवांस लेगी सरकार:
किसानों का कहना है कि अभी सरकार बिजली निगम को सब्सिडी देती है, जिसके तहत उपभोक्ताओं व किसानों को 25 पैसे प्रति यूनिट तक बेनिफिट मिलता है मगर इसमें सरकार सब्सिडी के पूरे पैसे पहले उपभोक्ता से लेगी और बाद में सब्सिडी खातों में आएगी। किसान नेता-शमशेर लाडवा बोले-रद हो पूरी स्कीम
किसान सभा के नेता शमशेर सिंह लाडवा नंबरदार ने कहा कि सरकार की स्मार्ट मीटर लगाने की जो योजना है, इसके खिलाफ हम हैं। हम DHBVN के ऑफिस का घेराव करने हिसार आए हैं। फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी और सिरसा के किसान साथी यहां आए हैं। बिजली निगम की यह योजना हमें मजूर नहीं है। किसान सभा की ऑल इंडिया स्टेट कार्यकारिणी ने रोहतक में फैसला लिया था कि 18 दिसंबर को हम हिसार में एमडी ऑफिस का घेराव करेंगे। इसी प्रकार हम 20 दिसंबर को हरियाणा के पंचकूला में बिजली निगम के अफसरों को ज्ञापन देने जाएंगे। सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही : बलबीर सिंह किसान सभा के स्टेट प्रेसिडेंट बलबीर सिंह ने कहा कि आज का हमारा प्रदर्शन निजीकरण के खिलाफ है। सरकार धीरे-धीरे सिस्टम खत्म कर निजीकरण को बढ़ावा दे रही है। इसी में यह स्मार्ट मीटर की योजना आई है। इसमें सबसे बड़ी बात है कि 3-3 साल से किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन बकाया है। किसानों के पैसे जमा भी हुए पड़े हैं। खासकर भिवानी, फतेहाबाद, जींद, हिसार और सिरसा में सबसे ज्यादा दिक्कत है। स्मार्ट मीटर योजना का कोई बेनिफिट नहीं है। बिजली निगम के सबसे बड़े उपभोक्ता किसान और मजदूर हैं और इनकी जेब में पैसे होंगे तो ही यह रिचार्ज करवा पाएंगे। दूसरा जो पहले से मीटर है वो लैब से अप्रूव्ड हैं ऐसे में उनको बदलना ठीक नहीं है। हम इसका विरोध करेंगे। स्मार्ट मीटर बिजली योजना के तहत पौने 3 लाख मीटर लगेंगे
रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत केंद्र सरकार देश भर बिजली वितरण व्यवस्था में बदलाव करने जा रही है। हरियाणा में भी इसके तहत प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर लगाए जाएंगे। हरियाणा से चुनकर संसद तक जाने वाले केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सबसे पहले सरकारी कर्मचारियों के यहां प्रीपेड मीटर लगवाने की बात कही है। इसके बाद दूसरे फेज में आम उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगाए जाएंगे। हरियाणा में करीब पौने 3 लाख सरकारी कर्मचारी हैं। वहीं बिजली उपभोक्ताओं की बात करें तो हरियाणा में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 70 लाख 46 हजार हो गई है। इसमें उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (UHBVN) के 32 लाख 84 हजार और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) के 37 लाख 62 हजार बिजली उपभोक्ता हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद मोबाइल की तरह ही बिजली मीटर को रिचार्ज करना होगा।
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