हरियाणा के कुरुक्षेत्र में नेशनल हाईवे 152डी पर ट्रक से टकराने के बाद कार में आग लग गई। आग में कार सवार 3 युवक जिंदा जल गए, जबकि चौथा बुरी तरह झुलस गया। चारों युवक परीक्षा देने हिमाचल प्रदेश जा रहे थे। घटना सोमवार रात करीब 11 बजे की बताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक, झज्जर के गांव मंजपुरा का आशीष और उसके 3 दोस्त स्विफ्ट कार में सवार होकर परीक्षा देने हिमाचल प्रदेश जा रहे थे। रात करीब 11 बजे एनएच 152डी पर गांव मुर्तजापुर के पास उनकी कार एक ट्रक के पीछे से टकरा गई, जिससे उनकी कार में आग लग गई। ़ आग लगने से कार सवार तीन लोग झुलस गए और आशीष बुरी तरह झुलस गया। घायल युवक को मेट्रो अस्पताल में भर्ती कराया गया है।ट्रक चालक मौके से फरार हो गया है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लिया पुलिस के मुताबिक आशीष अभी बयान देने की हालत में नहीं है। आशीष का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि 3 युवक अलग-अलग जगहों के रहने वाले हैं। पुलिस ने तीनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। अभी तक तीनों की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। ट्रक चालक मौके से फरार जांच अधिकारी एएसआई सतीश कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। हादसे में घायल युवक की हालत अभी भी ठीक नहीं है। युवक के परिजनों से संपर्क किया जा रहा है। देखिए हादसे से जड़ी PHOTOS… हरियाणा के कुरुक्षेत्र में नेशनल हाईवे 152डी पर ट्रक से टकराने के बाद कार में आग लग गई। आग में कार सवार 3 युवक जिंदा जल गए, जबकि चौथा बुरी तरह झुलस गया। चारों युवक परीक्षा देने हिमाचल प्रदेश जा रहे थे। घटना सोमवार रात करीब 11 बजे की बताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक, झज्जर के गांव मंजपुरा का आशीष और उसके 3 दोस्त स्विफ्ट कार में सवार होकर परीक्षा देने हिमाचल प्रदेश जा रहे थे। रात करीब 11 बजे एनएच 152डी पर गांव मुर्तजापुर के पास उनकी कार एक ट्रक के पीछे से टकरा गई, जिससे उनकी कार में आग लग गई। ़ आग लगने से कार सवार तीन लोग झुलस गए और आशीष बुरी तरह झुलस गया। घायल युवक को मेट्रो अस्पताल में भर्ती कराया गया है।ट्रक चालक मौके से फरार हो गया है। पुलिस ने शवों को कब्जे में लिया पुलिस के मुताबिक आशीष अभी बयान देने की हालत में नहीं है। आशीष का निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि 3 युवक अलग-अलग जगहों के रहने वाले हैं। पुलिस ने तीनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। अभी तक तीनों की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। ट्रक चालक मौके से फरार जांच अधिकारी एएसआई सतीश कुमार ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। हादसे में घायल युवक की हालत अभी भी ठीक नहीं है। युवक के परिजनों से संपर्क किया जा रहा है। देखिए हादसे से जड़ी PHOTOS… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा BJP में लिस्ट आते ही मची भगदड़:टिकट कटने पर विधायक समेत कई नेताओं ने पार्टी छोड़ी; रणजीत चौटाला ने मीटिंग बुलाई
हरियाणा BJP में लिस्ट आते ही मची भगदड़:टिकट कटने पर विधायक समेत कई नेताओं ने पार्टी छोड़ी; रणजीत चौटाला ने मीटिंग बुलाई हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए BJP की पहली सूची जारी होने के साथ ही पार्टी में भगदड़ मच गई है। बुधवार शाम को 67 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के कुछ ही मिनटों में सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पार्टी पदाधिकारियों के इस्तीफे गिरने शुरू हो गए। वहीं रानियां, महम, बाढड़ा, थानेसर, उकलाना, सफीदों, पृथला, रेवाड़ी में बगावत दिखी। रणजीत चौटाला ने समर्थकों की मीटिंग बुला ली है। टिकट कटने के बाद रतिया के भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा ने इस्तीफा दे दिया। रोहतक के महम से भाजपा के 2019 में कैंडिडेट रहे शमशेर सिंह खरखड़ा, सोनीपत के जिला उपाध्यक्ष संजीव वलेचा और भाजपा किसान मोर्चा चरखी दादरी के जिलाध्यक्ष विकास उर्फ भल्ले चेयरमैन ने भी पार्टी को भी अलविदा कह दिया। रतिया से भाजपा विधायक लक्ष्मण नापा का इस्तीफा… इसके अलावा हिसार की उकलाना रिजर्व सीट से JJP के पूर्व विधायक अनूप धानक को टिकट देने से नाराज पार्टी के नेता शमशेर गिल और पूर्व उम्मीदवार सीमा गैबीपुर ने भी पार्टी छोड़ दी है। हिसार में कमल गुप्ता को टिकट मिलने पर पहले ही बगावत की घोषणा करने वाले भाजपा जिला उपाध्यक्ष तरूण जैन भी पार्टी छोड़ने का ऐलान करने वाले हैं। उन्होंने सुबह अपने निवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है। वहीं, सोनीपत से भाजपा पूर्वांचल प्रकोष्ठ के प्रदेश सह-संयोजक संजय ठेकेदार ने भी भाजपा छोड़ दी है। चरखी दादरी से किसान मोर्चा अध्यक्ष का इस्तीफा
चरखी दादरी के बाढड़ा सीट से विधायक रहे सुखविंद्र श्योराण ने प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा के पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा परिवार पहचान पत्र के स्टेट कोऑर्डिनेट सतीश खोला भी बगावत पर उतर आए हैं। उन्होंने कल अपने आवास पर समर्थकों की बैठक बुला ली है। सुखविंद्र श्योराण ने प्रदेश अध्यक्ष के नाम लिखा इस्तीफा… रणजीत चौटाला ने समर्थकों की बैठक बुलाई
रानियां से देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला की टिकट कटने पर उन्होंने आज सिरसा में अपने निवास स्थान पर समर्थकों की बैठक बुलाई है। रणजीत चौटाला सरकार में बिजली मंत्री हैं और हिसार से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन जीत नहीं सके। इसके बाद से ही उन्होंने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे। अब टिकट कटने के बाद वह आगामी रणनीति बनाएंगे। रणजीत चौटाला निर्दलीय ही चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि, वह कांग्रेस के भी संपर्क में हैं। सोनीपत से कविता जैन भी बगावत पर उतर आई हैं। उनके पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह BJP उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। कविता जैन पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के OSD रह चुके राजीव जैन की पत्नी हैं। हिसार भाजपा उपाध्यक्ष तरूण जैन ने बुलाई समर्थकों की बैठक
वहीं, हिसार में भाजपा के मौजूदा विधायक और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की खुले तौर पर आलोचना करने वाले और दोबारा टिकट न मिलने पर पार्टी छोड़ने की घोषणा करने वाले भाजपा नेता तरूण जैन ने बगावत कर दी है। उन्होंने सुबह 10 बजे अपने आवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में वह समर्थकों से राय शुमारी कर पार्टी छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं। तरूण जैन खुद को टिकट की दौड़ में बता रहे थे। हालांकि, टिकट के लिस्ट में उनका नाम पहले दिन से ही पैनल में नहीं था। सावित्री जिंदल और मंत्री डॉ. कमल गुप्ता में से एक को ही टिकट दिया जा सकता था। पार्टी ने पुराने नेता डॉ. कमल गुप्ता पर विश्वास जताया। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा में BJP की पहली लिस्ट जारी, 67 नाम:CM लाडवा से लड़ेंगे; 25 नए चेहरे, 8 मंत्री रिपीट, 2 मंत्री-9 विधायकों का टिकट कटा हरियाणा में BJP ने बुधवार, 4 सितंबर को 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। इनमें 8 मंत्रियों को दोबारा टिकट मिला है। 25 नए चेहरे हैं। 7 विधायकों का टिकट काटा गया है। लिस्ट में 8 महिलाएं हैं। CM नायब सैनी करनाल की जगह कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से चुनाव लड़ेंगे। अनिल विज को अंबाला कैंट से ही टिकट दिया गया है। (पूरी खबर पढ़ें) भाजपा के 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट का पूरा एनालिसिस, परिवारवाद-दलबदलुओं से परहेज नहीं; एंटी इनकंबेंसी से बचने को टिकट काटे, नए चेहरे उतारे हरियाणा में सरकार की हैट्रिक के लिए BJP ने 67 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में जीत के सारे दांव-पेंच खेल दिए हैं। कांग्रेस से पहले लिस्ट जारी कर भाजपा ने मनोवैज्ञानिक बढ़त पाने की कोशिश की है। वहीं जिस परिवारवाद को लेकर भाजपा लगातार विरोधी दलों को निशाना बनाती रही, उसी से खुद परहेज नहीं किया। जीत पक्की करने के लिए खुलकर नेताओं के बेटी-बेटों और पत्नी को टिकट दी गई। यह भाजपा की विधानसभा में जीत के लिए बड़े नेताओं से भी जोर लगवाने की प्लानिंग का हिस्सा है। (पूरी खबर पढ़ें) भाजपा की पहली लिस्ट के 67 उम्मीदवारों की डिटेल प्रोफाइल:पहली लिस्ट में 5 हारे चेहरों पर दांव, 10 दलबदलुओं को भी टिकट दी हरियाणा में भाजपा ने 67 नामों की जो पहली लिस्ट जारी की है, उसमें 25 नए चेहरे हैं। इस लिस्ट में 5 टिकट उन नेताओं को मिले हैं, जो पिछली बार हारे थे। 2 विधायकों की सीट बदली गई है। 8 विधायकों की टिकट काटी गई है। 67 सीटों में 16 टिकटें OBC और 13-13 जाट और SC उम्मीदवारों को मिली है। SC के लिए 17 सीटें रिजर्व हैं। (पूरी खबर पढ़ें)
हरियाणा चुनाव में केजरीवाल की रिहाई के 5 इंपैक्ट:दिल्ली-पंजाब से कमजोर संगठन; पार्टी को CM की कैंपेनिंग पर भरोसा, कांग्रेस-बीजेपी की बढ़ेगी टेंशन
हरियाणा चुनाव में केजरीवाल की रिहाई के 5 इंपैक्ट:दिल्ली-पंजाब से कमजोर संगठन; पार्टी को CM की कैंपेनिंग पर भरोसा, कांग्रेस-बीजेपी की बढ़ेगी टेंशन सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अब हरियाणा विधानसभा चुनाव पर फोकस करेंगे। पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभालने के साथ ही वह पार्टी की रणनीति को भी जमीन पर उतारने की तैयारी में जुट गए हैं। केजरीवाल के हरियाणा में एक्टिव होने से BJP और कांग्रेस दोनों की टेंशन बढ़ना तय मानी जा रही है। वह इसलिए है कि हरियाणा में बीजेपी 10 साल से सरकार चला रही है। कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में है। सियासी जानकारों की मानें तो कांग्रेस और बीजेपी में ही अभी सीधा मुकाबला दिखाई दे रहा है। हालांकि अरविंद केजरीवाल की पार्टी AAP ने भी सभी 90 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं। AAP को चुनाव में सबसे ज्यादा कांग्रेस और बीजेपी के बागी नेताओं से उम्मीदें हैं। 2019 से इतर इस बार AAP ने अपने संगठन का विस्तार भी कर लिया और कई इलाकों में मजबूत पकड़ भी बनाई है। दिल्ली-पंजाब से कमजोर संगठन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रिहाई की टाइमिंग हरियाणा चुनाव के हिसाब से परफेक्ट है। फिलहाल, हरियाणा विधानसभा चुनाव में अब तक केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल मोर्चा संभाले देखी गई हैं और केजरीवाल की गैरमौजूदगी में धुआंधार प्रचार कर रहीं थीं। अब हरियाणा चुनाव में पूरी ताकत से पार्टी उतरने की तैयारी कर रही है। चूंकि, हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने अकेले दम पर लड़ने का फैसला किया है।हरियाणा में आम आदमी पार्टी का संगठन दिल्ली और पंजाब की तुलना में काफी कमजोर है और ऐसे में केजरीवाल की कैंपेनिंग से ही उम्मीदवारों को सबसे ज्यादा उम्मीद है। चुनाव में AAP के ये होंगे प्लस प्वाइंट… 1. केजरीवाल का हरियाणा उनका अपना गृह राज्य है। केजरीवाल का हरियाणा में हिसार के खेड़ा में पुश्तैनी गांव है। अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों में भी केजरीवाल खुद को हरियाणा से जोड़ते आए हैं। 2. केजरीवाल को दिल्ली वालों की नब्ज पहचानने में माहिर माना जाता है। उन्होंने हरियाणा के पड़ोसी राज्य पंजाब में भी अपनी पार्टी की सरकार बनवाकर इतिहास बनाया है। अब दिल्ली और पंजाब के पड़ोसी राज्य हरियाणा पर फोकस है। 3. AAP नेता अपने चुनावी प्रचार में इस बात का भी जिक्र कर रहे हैं। केजरीवाल भी अपने चुनावी अभियान में इसे मुद्दा बना सकते हैं और आम जनता में भी इसका असर देखने को मिल सकता है। 4. केजरीवाल की रिहाई से AAP को बूस्टर मिला है। इससे संगठन एकजुट हुआ है, अपने सबसे बड़े चेहरे के जरिए बीजेपी और कांग्रेस को घेरने में मदद मिल सकेगी। AAP बड़े स्तर पर कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकती है और नुकसान पहुंचा सकती है। 5. एक फैक्ट यह भी है कि हरियाणा में कुछ बड़े नेताओं के परिवार ऐसे हैं, जो नाराज चल रहे हैं। इन्हें बीजेपी और कांग्रेस दोनों से टिकट नहीं मिला है। संभव है कि ऐसे नाराज नेता AAP के लिए मददगार साबित हो सकते हैं। यहां पढ़िए कांग्रेस-बीजेपी के लिए क्यों दिक्कतें खड़ी करेगी AAP शहरी वोटरों पर केजरीवाल की अच्छी पकड़ कांग्रेस के साथ ही बीजेपी के लिए भी यह टेंशन होगी कि AAP उनके वोट बैंक में सेंध लगा सकती है। जानकार कहते हैं कि केजरीवाल की रिहाई को बीजेपी के लिए भी राहत नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि, बीजेपी का शहरी इलाके में अच्छा खासा वोट बैंक है और AAP भी शहरी इलाके में पकड़ बना रही है। संभव है कि आप केजरीवाल के जरिए शहरी वोटर्स में सेंध लगा सकती है, इससे बीजेपी का नुकसान हो सकता है। खासकर उन सीटों पर जहां मुकाबला करीबी है। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी को भी अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है। कांग्रेस को 8 से 10 सीटों पर होगा नुकसान AAP प्रत्याशी कांग्रेस को बहुत परेशान करेंगे। बीजेपी के विरोधी वोटों में अगर सेंध लगती है तो इसका नुकसान कांग्रेस को भुगतना होगा। हरियाणा में कम से कम 8 से 10 सीटें ऐसी हैं जहां आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट नहीं जीत सके तो कांग्रेस को कमजोर करने का तो काम कर सकते हैं। 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में 46 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। मगर पार्टी का पार्टी का वोट शेयर केवल 0.48 प्रतिशत रहा था। हरियाणा में AAP का किन इलाकों में प्रभाव ? हरियाणा में AAP का फोकस खासकर शहरी और कस्बा इलाकों में ज्यादा है। दिल्ली से सटे गुरुग्राम और फरीदाबाद जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ( NCR ) में आते हैं। AAP का प्रभाव यहां देखने को मिल सकता है। इन जिलों के लोग दिल्ली की राजनीति और नीतियों से प्रभावित होते हैं। दिल्ली में AAP सरकार के मॉडल के चलते पार्टी ने यहां एक बुनियादी जनाधार तैयार किया है। इसके अलावा, हिसार में AAP की पकड़ धीरे – धीरे बढ़ रही है। यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से निर्दलीय और क्षेत्रीय दलों के प्रभाव वाला रहा है, जिससे AAP को एक अवसर मिला है। करनाल के लिए अलग बनाई रणनीति कुरुक्षेत्र और करनाल जिले भी NCR के करीब हैं और AAP ने यहां भी अपना आधार बढ़ाने प्रयास किया है। करनाल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर गृह जिला है, इसलिए AAP के लिए यह क्षेत्र रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। सोनीपत और पानीपत जिले भी NCR का हिस्सा हैं। यहां के लोग दिल्ली की राजनीतिक घटनाओं से प्रभावित होते हैं। AAP ने यहां शिक्षा , स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार के मुद्दों पर अपनी पकड़ मजबूत करने का अवसर मिला है। भिवानी, रेवाड़ी और झज्जर जिले भी AAP के लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। खासकर जब पार्टी ग्रामीण और कस्बा इलाकों में अपनी रणनीति को बढ़ावा देने पर ध्यान दे रही है।
फरीदाबाद पुलिस ने महिलाओं को मंदिर जाने से किया मना:बंद रास्ते का किया था विरोध, थाने में 4 घंटे बैठाया
फरीदाबाद पुलिस ने महिलाओं को मंदिर जाने से किया मना:बंद रास्ते का किया था विरोध, थाने में 4 घंटे बैठाया हरियाणा के फरीदाबाद जिले में सिटी थाने के एसएचओ और अग्रसेन चौकी के इंचार्ज पर तीन दलित बहनों के साथ थाने में 4 घंटे तक बंधक बनाकर मारपीट करने के गंभीर आरोप लगे है। मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। घटना बल्लभगढ़ के मोहना रोड स्थित तकिया वाली गली नंबर 8 की है। जहां की रहने वाली गीता और उसकी बहन गंगा देवी ने पुलिस पर यह गंभीर आरोप लगाए हैं। बंद रास्ते का किया विरोध उनका आरोप है कि बीते 21 जून को उनकी गली में पिछले 30 वर्षों से बने शिव मंदिर का रास्ता एक तरफ से बंद किया जा रहा था। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो मंदिर का रास्ता बंद करने वाले लोगों ने पुलिस बुला ली। इसके बाद थाना सिटी बल्लभगढ़ के एसएचओ महेंद्र और अग्रसेन चौकी के इंचार्ज कपिल मौके पर पहुंचे और उन्होंने मंदिर का मौका मुआयना किया। जिसके बाद उन्होंने एसएचओ से कहा कि यह रास्ता मंदिर का है, जो की 30 साल से खुला हुआ था। उन्हें रास्ते के बंद होने के बाद मंदिर में आने-जाने में परेशानी होगी। पुलिस पर लगाए आरोप गंगा और गीता का आरोप है कि उनके दलित होने के चलते इस बात को सुनकर एसएचओ महेंद्र ने उनसे कहा कि तुम्हें मंदिर में जाने की क्या जरूरत है और उन्हें जाती सूचक शब्द भी कहे। इस बात को लेकर गंगा और उसकी बहन भड़क गई और महेंद्र द्वारा कहे गई इस बात का उन्होंने जब विरोध करना शुरू किया तो एसएचओ महेंद्र और चौकी इंचार्ज तैश में आ गए। इसके बाद उन्होंने दुर्गा शक्ति की टीम को बुलाकर उन्हें घर के अंदर से बाहर निकाल कर गाड़ी में मारपीट करते हुए जबरन डाल लिया और थाने में ले जाकर तीनों बहनों के साथ मारपीट की। दोषियों के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई इस दौरान उनका एक ढाई साल का बच्चा भी नीचे गिर गया। जिसे चोट आई है। गीता ने बताया की घटना वीडियो सहित सभी सबूत उनके मोबाइल फोन में थे। थाने में ले जाने के बाद उनसे उनके फोन पुलिस द्वारा छीन लिए गए और 4 घंटे के बाद जब उन्हें छोड़ा गया। तब उन्हें मोबाइल फ़ोन दिए गए। लेकिन पुलिस उनके सभी फोन को रीसेट कर चुकी थी। गीता ने बताया की वह उसकी बहने गंगा देवी और सुनीता सभी घटना के बाद से है पुलिस कमिश्नर तक के चक्कर लगा चुकी हैं। लेकिन दोषी एसएचओ और अग्रसेन चौकी इंचार्ज कपिल के खिलाफ अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। वह चाहती हैं कि दोनों के खिलाफ उचित एक्शन लिया जाए। न्याय ना मिलने के चलते आज उन्हें मजबूरन सिटी थाने के बाहर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बैठना पड़ा।