हरियाणा में लोकसभा चुनाव होते ही सियासी हलचल बढ़ गई है। 3 निर्दलियों के समर्थन वापस लेने के बाद अल्पमत में चल रही भाजपा सरकार एक्टिव हो गई है। बुधवार देर रात सीएम नायब सैनी के पार्टी विधायकों के डिनर में पहुंचे जजपा के बागी 2 विधायकों ने सबको चौंका दिया। यहां इन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से एक घंटे से ज्यादा चर्चा की। जेजेपी के विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजा खेड़ा ने कहा कि हम बीजेपी के साथ खड़े हैं। लोकसभा चुनाव में भी दोनों जेजेपी विधायकों ने बीजेपी को ही समर्थन दिया था। दोनों विधायकों ने सार्वजनिक मंच से भाजपा के पक्ष में प्रचार करने का ऐलान किया था। क्यों एक्टिव हुई भाजपा हरियाणा में लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के साथ ही विधानसभा का गुणा-गणित बदल चुका है। CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उप चुनाव जीतने के बाद भी भाजपा सदन में बहुमत से दूर हो गई है। हालांकि अभी भाजपा के 41 विधायक पूरे हो चुके हैं। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर दिखाई दे रही है। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यहां पढ़िए मुलाकात के सियासी मायने जजपा के बागी विधायकों जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा की सीएम नायब सैनी और पूर्व सीएम खट्टर से मुलाकात के कई सियासी मायने लगाए जा रहे हैं। जजपा ने अभी इन दोनों विधायकों के खिलाफ विधानसभा में एक याचिका डाली हुई है। इस याचिका में दोनों विधायकों के द्वारा बीजेपी के समर्थन के ऐलान पर दलबदलू कानून के तहत सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है। इसके सबूत भी जजपा की ओर से दिए गए हैं। यदि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता इन दोनों विधायकों की सदस्यता रद्द कर देते हैं तो सरकार के खिलाफ विपक्ष के विधायकों की संख्या 2 कम हो जाएगी। जिसका फायदा यदि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होता है उसमें भाजपा को मिलेगा। सदन में ये है राजनीतिक दलों का नंबर अभी हरियाणा की भाजपा सरकार के पास अपने 41, एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत एवं हलोपा के इकलौते विधायक गोपाल कांडा का समर्थन है, जिससे उसके पास 43 विधायक बनते हैं जो बहुमत से एक कम है। वहीं विपक्ष के पास कुल 44 विधायक हैं, जिसमें कांग्रेस के 29 ( वरुण चौधरी को छोड़कर) जजपा के 10, 4 निर्दलीय और 1 इनेलो के अभय चौटाला शामिल हैं। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर पक्ष और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जो भाजपा से एक कम है। लोकसभा चुनाव के बाद ये है दलीय स्थिति लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में बदलाव हो गया है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन से और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के अंबाला लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। हरियाणा में लोकसभा चुनाव होते ही सियासी हलचल बढ़ गई है। 3 निर्दलियों के समर्थन वापस लेने के बाद अल्पमत में चल रही भाजपा सरकार एक्टिव हो गई है। बुधवार देर रात सीएम नायब सैनी के पार्टी विधायकों के डिनर में पहुंचे जजपा के बागी 2 विधायकों ने सबको चौंका दिया। यहां इन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से एक घंटे से ज्यादा चर्चा की। जेजेपी के विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजा खेड़ा ने कहा कि हम बीजेपी के साथ खड़े हैं। लोकसभा चुनाव में भी दोनों जेजेपी विधायकों ने बीजेपी को ही समर्थन दिया था। दोनों विधायकों ने सार्वजनिक मंच से भाजपा के पक्ष में प्रचार करने का ऐलान किया था। क्यों एक्टिव हुई भाजपा हरियाणा में लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के साथ ही विधानसभा का गुणा-गणित बदल चुका है। CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उप चुनाव जीतने के बाद भी भाजपा सदन में बहुमत से दूर हो गई है। हालांकि अभी भाजपा के 41 विधायक पूरे हो चुके हैं। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर दिखाई दे रही है। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। यहां पढ़िए मुलाकात के सियासी मायने जजपा के बागी विधायकों जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा की सीएम नायब सैनी और पूर्व सीएम खट्टर से मुलाकात के कई सियासी मायने लगाए जा रहे हैं। जजपा ने अभी इन दोनों विधायकों के खिलाफ विधानसभा में एक याचिका डाली हुई है। इस याचिका में दोनों विधायकों के द्वारा बीजेपी के समर्थन के ऐलान पर दलबदलू कानून के तहत सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है। इसके सबूत भी जजपा की ओर से दिए गए हैं। यदि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता इन दोनों विधायकों की सदस्यता रद्द कर देते हैं तो सरकार के खिलाफ विपक्ष के विधायकों की संख्या 2 कम हो जाएगी। जिसका फायदा यदि विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होता है उसमें भाजपा को मिलेगा। सदन में ये है राजनीतिक दलों का नंबर अभी हरियाणा की भाजपा सरकार के पास अपने 41, एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत एवं हलोपा के इकलौते विधायक गोपाल कांडा का समर्थन है, जिससे उसके पास 43 विधायक बनते हैं जो बहुमत से एक कम है। वहीं विपक्ष के पास कुल 44 विधायक हैं, जिसमें कांग्रेस के 29 ( वरुण चौधरी को छोड़कर) जजपा के 10, 4 निर्दलीय और 1 इनेलो के अभय चौटाला शामिल हैं। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर पक्ष और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जो भाजपा से एक कम है। लोकसभा चुनाव के बाद ये है दलीय स्थिति लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में बदलाव हो गया है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 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हरियाणा में जिस सीट पर मोदी-राहुल आए,वहां सबसे कम वोटिंग:योगी-प्रियंका जहां पहुंचे, वोटिंग में वह सीट टॉप; हिसार-गुरुग्राम से दूर रहे दिग्गज हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी की तमाम सभाओं, रैलियों और रोड शो के बावजूद वोटिंग % गिर गया। राज्य में इस बार 64.80% वोटिंग हुई जबकि 2019 के आम चुनाव में 70.34% मतदान हुआ था। यानि पिछली बार के मुकाबले इस बार 5.54% पोलिंग कम हुई। यही नहीं, दोनों पार्टियों के इन सबसे बड़े नेताओं ने जिन-जिन संसदीय हलकों में प्रचार किया, वहां भी मतदान % नहीं बढ़ पाया। PM नरेंद्र मोदी ने हरियाणा में 3 रैलियां करके 6 लोकसभा सीटों को कवर किया। इन सभी 6 सीटों पर वोटिंग प्रतिशत 2019 के मुकाबले 3.76% से 7.58% कम रहा। इसी तरह कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने 3 सीटों पर प्रचार किया। इन तीनों सीटों पर भी पिछले आम चुनाव के मुकाबले पोलिंग कम रही। इन सीटों पर PM मोदी ने किया प्रचार… सोनीपत में मोदी आए, यहां सबसे ज्यादा गिरा वोटिंग % PM मोदी ने 18 मई को अपनी पहली रैली अंबाला में की। इस रैली के जरिए मोदी ने अंबाला के साथ-साथ जीटी रोड बेल्ट की कुरुक्षेत्र और करनाल लोकसभा सीट को भी कवर किया। अंबाला से BJP कैंडिडेट बंतो कटारिया, कुरुक्षेत्र से पार्टी प्रत्याशी नवीन जिंदल और करनाल के उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मंच पर मोदी के साथ मौजूद रहे। इनमें से अंबाला में 67.34%, कुरुक्षेत्र में 67.01% और करनाल में 63.74% लोगों ने वोट डाले। 2019 में अंबाला में 71.09%, कुरुक्षेत्र में 74.28%और करनाल में 68.34% पोलिंग हुई थी। इनमें कुरुक्षेत्र सीट पर 7.28%, करनाल सीट पर 4.61% और अंबाला सीट पर 2019 के मुकाबले इस बार 3.76% पोलिंग कम हुई। PM मोदी ने 18 मई को ही दूसरी रैली सोनीपत के गोहाना में की। इस रैली में सोनीपत सीट से पार्टी उम्मीदवार मोहनलाल बड़ौली के अलावा रोहतक सीट के कैंडिडेट अरविंद शर्मा भी मौजूद थे। इनमें से सोनीपत सीट पर 63.44% और रोहतक सीट पर 65.68% वोटिंग हुई। 2019 इन दोनों सीटों पर क्रमश: 71.02% और 70.52% वोटिंग हुई थी। पिछले आम चुनाव के मुकाबले वोटिंग % गिरने के लिहाज से देखें तो सोनीपत सीट पर ये गिरावट सबसे ज्यादा रही। यहां 2019 के मुकाबले 7.58% वोटिंग कम हुई। रोहतक में 4.84% कम मतदान हुआ। हरियाणा में मोदी ने अपनी तीसरी और आखिरी रैली 23 मई को महेंद्रगढ़ में की। इसमें गुरुग्राम सीट से BJP कैंडिडेट राव इंद्रजीत और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से भाजपा उम्मीदवार चौधरी धर्मबीर सिंह मौजूद रहे। इन दोनों सीटों पर भी मतदान % 2019 के मुकाबले क्रमश: 5.30% और 5.09% गिर गया। इन सीटों पर राहुल-प्रियंका गांधी ने किया प्रचार…. प्रियंका-राहुल की 4 रैलियां-रोड शो, सभी जगह गिरा पोलिंग % कांग्रेस की बात करें तो पार्टी के 3 सबसे बड़े चेहरे हरियाणा में वोट मांगने आए। इनमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शामिल रहे। इनमें से तीनों नेताओं ने के अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे ने रैलियां, रोड शो किए। राहुल ने भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र में आने वाले चरखी-दादरी और सोनीपत में रैलियां कीं। प्रियंका गांधी ने सिरसा में कुमारी सैलजा और पानीपत में करनाल सीट से पार्टी कैंडिडेट दिव्यांशु बुद्धिराजा के समर्थन में रोड शो किए। मल्लिकार्जुन खड़गे ने अंबाला सीट से उम्मीदवार वरुण चौधरी के समर्थन में यमुनानगर में जनसभा की। रैलियों के अलावा राहुल गांधी ने पंचकूला में चुनिंदा लोगों के साथ संविधान सम्मान सम्मेलन भी किया। अगर वोटिंग % की बात करें तो यह तीनों नेता जहां गए, उन सभी संसदीय क्षेत्रों में मतदान 2019 के मुकाबले कम रहा। सोनीपत में यह गिरावट 7.58% भिवानी-महेंद्रगढ़ में 5.09%, सिरसा में 6.22%, करनाल में 4.61% और अंबाला सीट पर 3.76% रही। भाजपा ने 134 तो कांग्रेस ने 65 छोटी-बड़ी रैलियां कीं इस बार लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान स्टार प्रचारकों के मामले में BJP ने कांग्रेस के मुकाबले कई बड़े चेहरे हरियाणा में उतारे। हरियाणा भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रमुख अरविंद सैनी ने बताया कि लगभग 68 दिन चले प्रचार के दौरान पार्टी की ओर से तकरीबन 134 छोटी-बड़ी रैलियां की गईं। भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा राज्य में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, UP के CM योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी, मध्यप्रदेश के CM मोहन यादव और राजस्थान के CM भजनलाल समेत स्थानीय नेताओं ने प्रचार किया। अगर कांग्रेस की बात करें तो पार्टी तकरीबन 65 छोटी-बड़ी रैलियां ही कर पाई। कांग्रेस की ओर से स्टार प्रचारकों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और सचिन पायलट ही प्रदेश में प्रचार करने आए। कांग्रेस की ओर से मुख्य मोर्चा पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने संभाला। सिरसा को छोड़ दें तो हुड्डा ने लगभग हर संसदीय क्षेत्र में तीन से चार रैलियां कीं। BJP ने रोहतक-करनाल में ज्यादा जोर लगाया इस लोकसभा चुनाव में BJP ने करनाल और रोहतक सीट पर ज्यादा फोकस किया। पार्टी के बड़े चेहरों ने भी इन्हीं दोनों सीटों पर ज्यादा फोकस किया। मोदी ने रोहतक से उम्मीदवार अरविंद शर्मा के लिए गोहाना में रैली की वहीं अमित शाह ने झज्जर में प्रोग्राम किया। महम में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और कोसली में नितिन गडकरी के अलावा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभाएं कीं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रोहतक में रोड शो किया। रोहतक के बाद भाजपा का दूसरा सबसे ज्यादा फोकस करनाल सीट पर रहा जहां से पार्टी ने पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को उतारा। पीएम मोदी ने अंबाला की रैली में मनोहर लाल के लिए वोट मांगे तो शाह ने करनाल में सभा की। जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह और पुष्कर धामी भी करनाल में खट्टर का प्रचार करने पहुंचे सबसे कम स्टार प्रचारक सिरसा-हिसार और गुरुग्राम में आए भाजपा की ओर से सबसे कम स्टार प्रचारक सिरसा, हिसार और गुरुग्राम सीट पर आए। सिरसा सीट पर अशोक तंवर के लिए सिर्फ योगी पहुंचे वहीं हिसार में शाह ने एक रैली की। गुरुग्राम के उम्मीदवार राव इंद्रजीत के लिए मोदी ने महेंद्रगढ़ में वोट मांगे। नवीन जिंदल भी हिसार में रणजीत चौटाला का प्रचार करने पहुंचे। हालांकि सीएम नायब सिंह सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल ने इन सीटों पर कई जनसभाएं और विजय संकल्प रैलियां कीं।