हरियाणा में मानसून फिर कमजोर पड़ा:7 अगस्त से एक्टिव होगा; आज कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी, 3 दिन की बारिश से पारा 7 डिग्री गिरा

हरियाणा में मानसून फिर कमजोर पड़ा:7 अगस्त से एक्टिव होगा; आज कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी, 3 दिन की बारिश से पारा 7 डिग्री गिरा

हरियाणा में मानसून फिर कमजोर पड़ गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 7 अगस्त से प्रदेश में मानसून फिर सक्रिय होगा। इस बार मानसून प्रदेश से रूठा रहा, यही कारण है कि 1 जून से 2 अगस्त तक मात्र 162.1 एमएम बारिश ही दर्ज की गई। जबकि सामान्य तौर पर प्रदेश में 217 एमएल बारिश होनी चाहिए थी। मौसम विभाग ने आज यानी शनिवार को प्रदेश के कुछ जिलों में बूंदाबांदी की संभावना जताई है। 4 अगस्त से प्रदेश में मानसून की सक्रियता कम हो जाएगी। शुक्रवार को सबसे ज्यादा बारिश चरखी दादरी में हुई। यहां 21 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा 10 और जिलों में बारिश दर्ज की गई। 6 अगस्त तक कोई अलर्ट नहीं हरियाणा में मानसून के कमजोर पड़ने के कारण मौसम विभाग ने 6 अगस्त तक कोई अलर्ट जारी नहीं किया है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून की अक्षय रेखा उत्तर दिशा की ओर सामान्य स्थिति में रहने के कारण 3 अगस्त को प्रदेश के कई इलाकों में बारिश की संभावना है। 4 से 6 अगस्त के बीच कुछ स्थानों पर हल्की बारिश भी हो सकती है। इसलिए 6 से 9 अगस्त को बन रहे बारिश के आसार पंजाब के ऊपर एक और साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से बंगाल की खाड़ी की ओर से मानसूनी सक्रियता बढ़ने की संभावना है। जिसके प्रभाव से छह से नौ अगस्त के बीच भी हरियाणा के कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना बन रही है। कुछ स्थानों पर तेज बारिश भी हो सकती है। जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है। 5 सालों में जुलाई में सबसे कम बारिश हरियाणा में इस बार जुलाई में 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकडों को देखे तो 2018 में549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा में मानसून फिर कमजोर पड़ गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 7 अगस्त से प्रदेश में मानसून फिर सक्रिय होगा। इस बार मानसून प्रदेश से रूठा रहा, यही कारण है कि 1 जून से 2 अगस्त तक मात्र 162.1 एमएम बारिश ही दर्ज की गई। जबकि सामान्य तौर पर प्रदेश में 217 एमएल बारिश होनी चाहिए थी। मौसम विभाग ने आज यानी शनिवार को प्रदेश के कुछ जिलों में बूंदाबांदी की संभावना जताई है। 4 अगस्त से प्रदेश में मानसून की सक्रियता कम हो जाएगी। शुक्रवार को सबसे ज्यादा बारिश चरखी दादरी में हुई। यहां 21 एमएम बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा 10 और जिलों में बारिश दर्ज की गई। 6 अगस्त तक कोई अलर्ट नहीं हरियाणा में मानसून के कमजोर पड़ने के कारण मौसम विभाग ने 6 अगस्त तक कोई अलर्ट जारी नहीं किया है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून की अक्षय रेखा उत्तर दिशा की ओर सामान्य स्थिति में रहने के कारण 3 अगस्त को प्रदेश के कई इलाकों में बारिश की संभावना है। 4 से 6 अगस्त के बीच कुछ स्थानों पर हल्की बारिश भी हो सकती है। इसलिए 6 से 9 अगस्त को बन रहे बारिश के आसार पंजाब के ऊपर एक और साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से बंगाल की खाड़ी की ओर से मानसूनी सक्रियता बढ़ने की संभावना है। जिसके प्रभाव से छह से नौ अगस्त के बीच भी हरियाणा के कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना बन रही है। कुछ स्थानों पर तेज बारिश भी हो सकती है। जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है। 5 सालों में जुलाई में सबसे कम बारिश हरियाणा में इस बार जुलाई में 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकडों को देखे तो 2018 में549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर