हरियाणा के पानीपत शहर में विवाहित महिला कोर्ट मैरिज के बावजूद अपने प्रेमी के साथ भाग गई। महिला ने 3 साल पहले लव मैरिज की थी। वह डेढ़ साल की बेटी की मां है। शादी के बाद भी उसने अपने प्रेमी से बातचीत करनी बंद नहीं की। महिला घर से 25 हजार कैश और जरूरी डॉक्यूमेंट साथ ले गई है। महिला के पति ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। पति घर खाना खाने आया तो नहीं मिली पत्नी चांदनीबाग थाना पुलिस को दी शिकायत में एक युवक ने बताया कि वह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के खुशीनगर जिले का रहने वाला है। पिछले करीब 20 सालों से परिवार सहित पानीपत के सेक्टर 24 में किराए के मकान में रह रहा है। 16 नवंबर को जब वह घर पर खाना खाने के लिए आया तो पत्नी घर नहीं मिली। उसकी डेढ़ साल की बेटी घर पर ही थी। शक होने पर उसने घर पर रखा सामान चेक किया तो वहां से 25 हजार कैश और अन्य दस्तावेज गायब मिले। राजस्थान का रहने वाला है प्रेमी युवक ने पुलिस को बताया कि उसकी करीब 4 साल पहले फेसबुक पर पत्नी से जान-पहचान हुई थी। दोनों ने आपस में नंबर शेयर किया और बातचीत होने लगी। दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। 3 साल पहले दोनों ने लव मैरिज कर ली। शादी के बाद उसे पता लगा कि पत्नी का दूसरी जगह पर भी अफेयर है। वह राजस्थान के एक युवक से अक्सर बात करती थी। अब उसे पूरा यकीन है कि उसकी पत्नी उक्त युवक के साथ ही चली गई है। ************************************************ हरियाणा में महिला के भागने की ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा में शादी के अगले दिन लुटेरी दुल्हन फरार, नकदी-जेवर भी ले गई हरियाणा के करनाल में 7 दिन पहले लुटेरी दुल्हन शादी के अगले ही दिन फरार हो गई थी। सास बाथरूम करने के लिए गई तो विवाहिता घर से जेवर और नकदी लेकर घर से निकल गई। ससुरालवालों ने आसपास लगे CCTV कैमरे चेक किए। वह एक बाइक से उतरकर जाती हुई दिखाई दी। घर से निकलते समय उसने गुलाबी रंग का लहंगा पहना हुआ था। पूरी खबर पढ़ें हरियाणा के पानीपत शहर में विवाहित महिला कोर्ट मैरिज के बावजूद अपने प्रेमी के साथ भाग गई। महिला ने 3 साल पहले लव मैरिज की थी। वह डेढ़ साल की बेटी की मां है। शादी के बाद भी उसने अपने प्रेमी से बातचीत करनी बंद नहीं की। महिला घर से 25 हजार कैश और जरूरी डॉक्यूमेंट साथ ले गई है। महिला के पति ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी है। पति घर खाना खाने आया तो नहीं मिली पत्नी चांदनीबाग थाना पुलिस को दी शिकायत में एक युवक ने बताया कि वह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के खुशीनगर जिले का रहने वाला है। पिछले करीब 20 सालों से परिवार सहित पानीपत के सेक्टर 24 में किराए के मकान में रह रहा है। 16 नवंबर को जब वह घर पर खाना खाने के लिए आया तो पत्नी घर नहीं मिली। उसकी डेढ़ साल की बेटी घर पर ही थी। शक होने पर उसने घर पर रखा सामान चेक किया तो वहां से 25 हजार कैश और अन्य दस्तावेज गायब मिले। राजस्थान का रहने वाला है प्रेमी युवक ने पुलिस को बताया कि उसकी करीब 4 साल पहले फेसबुक पर पत्नी से जान-पहचान हुई थी। दोनों ने आपस में नंबर शेयर किया और बातचीत होने लगी। दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया। 3 साल पहले दोनों ने लव मैरिज कर ली। शादी के बाद उसे पता लगा कि पत्नी का दूसरी जगह पर भी अफेयर है। वह राजस्थान के एक युवक से अक्सर बात करती थी। अब उसे पूरा यकीन है कि उसकी पत्नी उक्त युवक के साथ ही चली गई है। ************************************************ हरियाणा में महिला के भागने की ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा में शादी के अगले दिन लुटेरी दुल्हन फरार, नकदी-जेवर भी ले गई हरियाणा के करनाल में 7 दिन पहले लुटेरी दुल्हन शादी के अगले ही दिन फरार हो गई थी। सास बाथरूम करने के लिए गई तो विवाहिता घर से जेवर और नकदी लेकर घर से निकल गई। ससुरालवालों ने आसपास लगे CCTV कैमरे चेक किए। वह एक बाइक से उतरकर जाती हुई दिखाई दी। घर से निकलते समय उसने गुलाबी रंग का लहंगा पहना हुआ था। पूरी खबर पढ़ें हरियाणा | दैनिक भास्कर
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दिल्ली में कांग्रेस नेताओं का जमावड़ा:करनाल में किसके सिर सजेगा जीत का ताज, 9 विधानसभाओं में 258 कांग्रेसी दावेदार हरियाणा की राजनीति का केंद्र बिंदु बने करनाल लोकसभा क्षेत्र में इस बार कांग्रेस के टिकट के लिए जबरदस्त खींचतान मची हुई है। 9 विधानसभा क्षेत्रों से 258 नेताओं ने टिकट के लिए अपना दावा ठोका है। इस संघर्ष में हर नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए है, जहां से उनके भाग्य का फैसला होगा। चुनावी मैदान में दावेदारी तो सभी कर रहे हैं, लेकिन असली चुनौती है कि पार्टी किसे अंतिम टिकट थमाएगी और वह कौन होगा जो चुनावी वैतरणी पार करेगा। करनाल की लड़ाई: पुरानी साख बनाम नए चेहरों की चमक करनाल विधानसभा, जिसे हरियाणा की राजनीति की “हॉट सीट” कहा जा रहा है, पर कांग्रेस के 23 दावेदार मैदान में हैं। इनमें प्रमुख चेहरे हैं सुमित सिंह, मनोज वधवा, अशोक खुराना, तरलोचन सिंह और पराग गाबा। ये सभी नेता दिल्ली में पार्टी आलाकमान के सामने अपनी पैरवी में जुटे हुए हैं। करनाल की सीट पर कांग्रेस के लिए यह चुनाव सिर्फ सत्ता पाने की कोशिश नहीं है, बल्कि पार्टी के लिए अपनी पुरानी साख बचाने और नए चेहरों की चमक से मुकाबला करने की चुनौती भी है। घरौंडा: 28 साल बाद भी सत्ता की तलाश घरौंडा विधानसभा सीट पर कांग्रेस की स्थिति पिछले 28 सालों से बदहाल रही है। 1996 के बाद से कांग्रेस इस सीट को जीत नहीं पाई है, लेकिन इस बार उम्मीद की किरण नजर आ रही है। कांग्रेस के 40 नेताओं ने यहां से टिकट के लिए आवेदन किया है, जिनमें नरेंद्र सांगवान, अनिल राणा, विरेंद्र राठौर, रघुबीर संधू व भूप्पी लाठर प्रमुख चेहरे हैं। क्या घरौंडा की जनता इस बार कांग्रेस पर भरोसा करेगी, या फिर पुराने समीकरण ही हावी रहेंगे? इंद्री और असंध: अंदरूनी कलह की चुनौती इंद्री विधानसभा में 41 और असंध में 36 उम्मीदवार टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। यहां की चुनौती सिर्फ विपक्ष से नहीं, बल्कि पार्टी के अंदरूनी खेमेबाजी से भी है। इंद्री में पूर्व विधायक राकेश कंबोज और नवजोत कश्यप जैसे नेताओं का दिल्ली में डेरा इस बात का संकेत है कि कांग्रेस के लिए टिकट का बंटवारा आसान नहीं होगा। वहीं, असंध में मौजूदा विधायक शमशेर सिंह गोगी और सुरेंद्र नरवाल के बीच की खींचतान पार्टी के लिए सिरदर्द बनी हुई है। पानीपत: ग्रामीण बनाम शहरी का संघर्ष पानीपत जिले की चार विधानसभा सीटों में कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है ग्रामीण बनाम शहरी समीकरणों को साधना। पानीपत ग्रामीण में 54 उम्मीदवारों ने टिकट के लिए आवेदन किया है, जबकि शहरी सीट से सिर्फ 10 ने। इसराना सीट पर मौजूदा विधायक बलबीर सिंह वाल्मीकि का टिकट पाना पक्का माना जा रहा है, लेकिन पार्टी आलाकमान की निगाहें शहरी और ग्रामीण सीटों के बीच के संतुलन पर हैं। कांग्रेस की रणनीति: दिल्ली से मिलेगी जीत की चाबी? दिल्ली में जमा हुए ये कांग्रेस नेता न केवल टिकट के लिए संघर्ष कर रहे हैं, बल्कि यह चुनाव उनके राजनीतिक करियर का निर्णायक मोड़ भी साबित हो सकता है। सवाल यह है कि पार्टी आलाकमान किसे टिकट सौंपेगी और क्या वह नेता कांग्रेस की उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा? करनाल में कांग्रेस की जीत की चाबी किसके हाथ में होगी, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि इस बार का चुनाव किसी महाभारत से कम नहीं होगा।
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हरियाणा में बच्ची से रेप-मर्डर मामले में चार्जशीट दाखिल:डिजिटल फोरेंसिक और DNA रिपोर्ट शामिल, घर से 200 मीटर दूर वारदात को अंजाम हरियाणा में 3 साल की बच्ची से रेप और हत्या के मामले में नूंह पुलिस ने 10 दिन में 184 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है। 1 दिसंबर को हुई इस घटना में पुलिस ने घटना वाले दिन ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। अब पुलिस की चार्जशीट में वैज्ञानिक साक्ष्य, गवाहों के बयान और तकनीकी साक्ष्य शामिल किए गए हैं। आरोपी की गिरफ्तारी के साथ ही घटनास्थल का निरीक्षण कर साक्ष्य जुटाए गए। इसके बाद गवाहों और आरोपियों के बयान दर्ज किए गए। इसी कार्रवाई के दौरान डिजिटल फोरेंसिक और डीएनए टेस्ट रिपोर्ट को भी शामिल किया गया। शराब पीकर वारदात को अंजाम 1 दिसंबर को पिनंगवा थाना क्षेत्र के एक गांव में 30 वर्षीय युवक ने देर शाम साढ़े तीन साल की मासूम बच्ची के साथ रेप कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। आरोपी घर के आंगन में भाई के साथ खेल रही मासूम बच्ची को चिप्स का लालच देकर घर से करीब 200 मीटर दूर पहाड़ पर ले गया। जहां उसने शराब के नशे में वारदात को अंजाम दिया। फिर शव को पहाड़ में छिपाकर घर लौट आया। रात 11:00 बजे ग्रामीणों को मासूम बच्ची का शव पहाड़ में खून से लथपथ मिला। खेलते समय हुई थी लापता पिनंगवा थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले व्यक्ति ने बताया कि उसकी साढ़े 3 साल की बेटी घर के आंगन में खेल रही थी। शाम करीब 4 बजे गांव का ही एक युवक उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया। इसके बाद बेटी वापस नहीं लौटी। उसकी तलाश की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। गांव की मस्जिद में भी ऐलान करवाया गया। करीब 7 घंटे बाद रात करीब 11 बजे बच्ची का शव गांव के पास ही एक पहाड़ी पर मिला। शव पूरी तरह खून से लथपथ था। पहाड़ी पर खून के निशान भी मिले। अंतिम संस्कार की तैयारी में थे ग्रामीण ग्रामीण घटना को नजरअंदाज कर बच्ची का अंतिम संस्कार करने में लग गए थे। इस बीच पुलिस को भनक लगी तो पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। बच्ची के शव को अपने कब्जे में ले लिया। पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि बच्ची के साथ रेप किया गया, फिर उसकी हत्या कर दी। पिनंगवा थाना प्रभारी सुभाष चंद ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी भागने की फिराक में था। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 4 टीमों का गठन किया। जिसके बाद आरोपी को मरोड़ा गांव के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी की पहचान हरीश चंद्र उर्फ चुर्री (34) के रूप में हुई है। चुर्री ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
हरियाणा के हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा की जमीन हड़पी:पिता की बनाई धर्मशाला में चचेरे भाई ने स्कूल खोला; फर्जी सिग्नेचर कर लोन लिया
हरियाणा के हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा की जमीन हड़पी:पिता की बनाई धर्मशाला में चचेरे भाई ने स्कूल खोला; फर्जी सिग्नेचर कर लोन लिया हरियाणा के मशहूर हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा के फर्जी हस्ताक्षर कर उनकी करोड़ों की प्रॉपर्टी हड़प ली गई। इसे लेकर उन्होंने पुलिस को करीब एक महीने पहले शिकायत दी थी। शुक्रवार को वह अपने बयान दर्ज करवाने के लिए पहुंचे और मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया है कि उनके ताऊ के लड़के ने उनकी प्रॉपर्टी पर कब्जा कर लिया है। प्रॉपर्टी के कागजों पर उनके फर्जी सिग्नेचर भी किए गए। साथ प्रॉपर्टी पर लोन भी ले लिया। बातचीत से मामला सुलझाने का प्रयास किया गया था, लेकिन बात नहीं बनी। इसलिए, पुलिस के पास आए हैं। हास्य कवि और उनके वकील ने बताया पूरा मामला… नांगल चौधरी और सरेली में पुश्तैनी जमीन
हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा महेंद्रगढ़ में नांगल चौधरी के रहने वाले हैं। उनके परिवार की नांगल चौधरी और सरेली में पुश्तैनी जमीन है। इनके पिता 60-70 साल पहले दिल्ली में रहने लगे थे। सुरेंद्र शर्मा ने बताया है कि उनके पिता बालकिशन शर्मा ने गांव में धर्मशाला बनवाई थी। इसके बाद उन्होंने धर्मशाला की ऊपरी मंजिल का निर्माण करवाया। पिता की इच्छा थी कि धर्मशाला का इस्तेमाल हर बिरादरी के लोग करें, लेकिन आज इस धर्मशाला का इस्तेमाल पुष्कर मल शर्मा और उनका परिवार कर रहा है। कब्जाई जमीन पर आरोपियों ने स्कूल खोला
सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि धर्मशाला में आरोपियों ने स्कूल खोल दिया है। जब हमें इसका पता चला तो हमने बात बढ़ाने के बजाय स्कूल में कम से कम 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देने और स्कूल का नाम उनके दादा राम स्वरूप शर्मा के नाम पर करने को कहा। आरोपियों ने उनकी बात नहीं मानी। कवि ने बताया कि पिछले साल दीपावली के आसपास भतीजी लता शर्मा से पता चला था कि उनके फर्जी हस्ताक्षर कर उनकी जमीन को आरोपियों ने अपने नाम कर लिया है। इसके लिए एक वकालतनामा लगाया गया था, जिसमें सुरेंद्र शर्मा के हस्ताक्षर हैं। हालांकि, सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि उन्होंने कभी ऐसे किसी वकालतनामे पर सिग्नेचर नहीं किए। कवि और उनकी भतीजी ने कराई वकील से जांच
इसके बाद कवि और उनकी भतीजी लता ने एडवोकेट हेमंत शर्मा से मामले का निरीक्षण करवाया। इसमें सामने आया कि 5 अगस्त 2010 को कवि की प्रॉपर्टी को लेकर एक तकसीम (प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर होने वाली कागजी कार्रवाई) लगाई गई थी। यह मामला नांगल चौधरी के तत्कालीन सहायक कलेक्टर प्रथम श्रेणी के पास आया था। इसके बाद सहायक कलेक्टर ने 30 नवंबर 2010 को इसका फैसला भी कर दिया। हालांकि, ऐसे की किसी मामले की जानकारी सुरेंद्र शर्मा को नहीं है। वकील बोले- आरोपियों ने 2009 में फर्जी दस्तावेज बनवाए
सुरेंद्र शर्मा के वकील हेमंत शर्मा ने बताया है कि करीब 14 साल पहले की कागजी कार्रवाई में यह भी दिखाया गया है कि तकसीम का दावा डालने से पहले आरोपियों ने सुरेंद्र शर्मा के नाम 2 समन भी जारी करवाए थे। इसमें पहला समन 16 नवंबर 2009 और दूसरा 18 नवंबर 2009 को दिखाया गया है। ऐसा दिखाया गया है कि सुरेंद्र शर्मा को नोटिस मिले और तकसीम के लिए उन्होंने दोनों समनों पर हस्ताक्षर भी किए। इस पर उनकी बुआ के बच्चों के भी हस्ताक्षर हैं। हालांकि, जब इसके बारे में कवि से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें कभी ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला, और न ही कोई हस्ताक्षर किए। सरेली की जमीन में भी फेरबदल कर लोन लिया
वकील हेमंत शर्मा का कहना है कि नांगल चौधरी वाली जमीन के अलावा सरेली की जमीन के रिकॉर्ड में भी फेरबदल किया गया है। आरोपियों ने उस जमीन को अपनी दिखाते हुए पौने 4 लाख रुपए का कर्जा ले रखा है। इस पूरे मामले की शिकायत कवि ने DC, SP और IG को दी है। उन्होंने बताया है कि DC ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं। यह कमेटी जांच करेगी कि किस अधिकारी के स्तर पर गड़बड़ी की गई है। कवि ने यह भी पता लगाने के लिए कहा है कि उनके फर्जी वकालतनामे का इस्तेमाल कहां-कहां हुआ है?