हरियाणा विधानसभा चुनाव में अच्छे माहौल के बावजूद हारी कांग्रेस ने इसके कारण तलाशने शुरू कर दिए हैं। शुरुआत में कांग्रेस हाईकमान ने इसके लिए 2 मेंबरी फैक्ट फाइडिंग कमेटी बनाई। जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी शामिल हैं। दोनों नेताओं ने खुद बैठकर जूम मीटिंग के जरिए एक-एक नेता से वन टु वन बात की। किसी उम्मीदवार को इसकी रिकॉर्डिंग नहीं करने दी गई। प्रदेश के 90 में से चुनाव हारे 53 नेताओं से उनकी बातचीत हुई। कमेटी ने चुनाव हारे उम्मीदवारों से 4 तरह के सवाल पूछे।जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई है। हालांकि कमेटी मेंबर इसके बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को हिसार के 3 उम्मीदवारों ने क्या कहा 1. रामनिवास घोड़ेला- भीतरघात से चुनाव हारे
बरवाला से कांग्रेस उम्मीदवार रहे रामनिवास घोड़ेला ने कहा कि गुटबाजी के कारण कांग्रेस चुनाव हार गई। मेरी विधानसभा में राहुल गांधी का दौरा रहा, मगर कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ने रैली के तुरंत बाद बयान दिया कि होर्डिंग्स पर मेरी फोटो नहीं लगाई, जनता इसका बदला लेगी। उस बयान का भी असर रहा। कांग्रेस नेताओं ने खुलकर बगावत की। इनेलो नेता संजना सातरोड़ को वोट डलवाए। कार्यकर्ताओं को फोन कर कहा गया कि रामनिवास को वोट नहीं देने। भीतरघात के कारण चुनाव हारे। 2. रामनिवास राड़ा- कांग्रेस ने ही कांग्रेस को हराया
हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने ही कांग्रेस को हराने का काम किया। हिसार के 7-8 नेताओं ने भीतरघात किया। यह नेता हरियाणा के एक गुट से जुड़े नेता हैं। मेरी मदद सिर्फ कुमारी सैलजा ने की। मैं उन नेताओं के घर 2 से 3 बार मदद मांगने गया, मगर मेरा टाइम खराब किया। 3, 4 और 5 अक्टूबर को कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खूब टेलिफोन घुमाए और उनका एक ही इशारा था कि रामनिवास राड़ा को हराओ। सावित्री जिंदल को जिताओ। मैंने प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत के दौरे के लिए अप्लाई किया था, मगर यहां के सीनियर नेताओं ने किसी स्टार प्रचारक का दौरा नहीं होने दिया। 6 EVM ऐसी मिलीं जिनकी बैटरी 99% चार्ज थी। 3. अनिल मान : भीतरघात से चुनाव हारे
नलवा विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार अनिल मान ने बताया कि भीतरघात के कारण चुनाव हारे। संपत सिंह जैसे सीनियर नेताओं ने टिकट न मिलने के कारण भीतरघात किया। संपत सिंह ने भाजपा उम्मीदवार रणधीर पनिहार को वोट डलवाए। EVM का भी बड़ा रोल रहा। कई EVM ऐसी थीं, जिनकी बैटरी 99 प्रतिशत चार्ज थी। अगर यह सब चीजें न रही होतीं तो चुनाव जीत सकते थे। एक उम्मीदवार ने कहा- जाट विरोधी वोटों का ध्रुवीकरण हुआ
एक उम्मीदवार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हरियाणा चुनाव में जाटों के विरोध में वोटों का ध्रुवीकरण हुआ है। भाजपा ने जाटों को लेकर ऐसा माहौल बना दिया, जो दूसरी जगहों पर मुसलमानों के खिलाफ होता है। दूसरी जातियों को कहा गया कि अगर कांग्रेस जीती तो सब कुछ जाटों के हाथ में चला जाएगा। मैं इससे प्रभावित हुआ। ज्यादा नुकसान तब और हुआ, जब राहुल गांधी के मंच पर रहते हुए भी भूपेंद्र हुड्डा ने मेरे लिए वोट नहीं मांगे। इससे जाटों में यह मैसेज गया कि हुड्डा मेरे समर्थन में नहीं हैं। उन्होंने मुझे वोट नहीं दिए। दूसरे समुदाय ने ध्रुवीकरण की वजह से मुझे वोट नहीं दिए और मैं हार गया। बड़े नेताओं के दौरे का पता नहीं होता था
एक उम्मीदवार ने कमेटी को बताया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दौरे के बारे में हमें पता ही नहीं होता था। हम समय पर उनके दौरे के बारे में लोगों तक बात ही नहीं पहुंचा पाते थे। इस वजह से कांग्रेस के हक में जो माहौल बनना चाहिए था, वह नहीं बन पाता था। इस बारे में लालू यादव के समधी और रेवाड़ी से उम्मीदवार चिरंजीव राव के पिता पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव भी कह चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेता संपर्क से बाहर थे
एक उम्मीदवार ने बताया कि चुनाव के बीच हरियाणा की प्रदेश कांग्रेस कमेटी से संपर्क ही नहीं हो पा रहा था। वह न तो आम वर्करों के लिए पहुंच में थे और न ही उनसे फोन पर बात हो पा रही थी। उम्मीदवार ने प्रदेश कांग्रेस को हार का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनकी तुलना में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं से बात करना आसान था। राहुल गांधी ने कहा था- नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी से ऊपर हो गए
हरियाणा चुनाव में हुई हार के बाद कांग्रेस ने दिल्ली में समीक्षा मीटिंग बुलाई थी। मल्लिकार्जुन खड़गे के घर हुई इस मीटिंग में राहुल गांधी भी मौजूद थे। यहां राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव हारने की वजह ये है कि हरियाणा के नेताओं के इंटरेस्ट (हित) पार्टी इंटरेस्ट से ऊपर हो गए थे। इसके बाद वे मीटिंग से चले गए। हुड्डा-उदयभान ने EVM को जिम्मेदार ठहराया
चुनाव में हार के बाद प्रदेश कांग्रेस से चुनाव हारने वाले अध्यक्ष उदयभान और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि EVM की वजह से कांग्रेस की हार हुई। 99% चार्ज EVM से भाजपा जीत रही थी। इसके उलट जो कम चार्ज थीं, उनमें कांग्रेस को बढ़त मिली। ऐसी 20 सीटों की लिखित शिकायत उन्होंने चुनाव आयोग को दी थी। हार के बाद बाबरिया ने इस्तीफे की पेशकश की
हरियाणा में हार के बावजूद अभी तक किसी कांग्रेस नेता ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। होडल से चुनाव हारने वाले उदयभान भी प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। हालांकि प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने राहुल गांधी को फोन कर इस्तीफे की पेशकश की है। मगर, इसके पीछे उन्होंने खराब सेहत का हवाला दिया है। नेता विपक्ष पद के लिए दावेदारी चल रही
कांग्रेस 37 सीटें जीतकर प्रमुख विपक्षी दल बन चुकी है। ऐसे में अब विपक्षी दल नेता के पद के लिए दावेदारी चल रही है। हुड्डा गुट इस पर भूपेंद्र हुड्डा को ही चाहता है। उनको न बनाने पर झज्जर से विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा को दावेदार बनाया जा रहा है। सिरसा सांसद कुमारी सैलजा के गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया गया है। कल (18 अक्टूबर) को इसको लेकर चंडीगढ़ में मीटिंग हुई। जिसमें सारे अधिकार हाईकमान को दिए गए। जिसके बाद 4 ऑब्जर्वरों ने विधायकों से वन टु वन मीटिंग की और वापस रवाना हो गए। हरियाणा विधानसभा चुनाव में अच्छे माहौल के बावजूद हारी कांग्रेस ने इसके कारण तलाशने शुरू कर दिए हैं। शुरुआत में कांग्रेस हाईकमान ने इसके लिए 2 मेंबरी फैक्ट फाइडिंग कमेटी बनाई। जिसमें छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी शामिल हैं। दोनों नेताओं ने खुद बैठकर जूम मीटिंग के जरिए एक-एक नेता से वन टु वन बात की। किसी उम्मीदवार को इसकी रिकॉर्डिंग नहीं करने दी गई। प्रदेश के 90 में से चुनाव हारे 53 नेताओं से उनकी बातचीत हुई। कमेटी ने चुनाव हारे उम्मीदवारों से 4 तरह के सवाल पूछे।जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई है। हालांकि कमेटी मेंबर इसके बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को हिसार के 3 उम्मीदवारों ने क्या कहा 1. रामनिवास घोड़ेला- भीतरघात से चुनाव हारे
बरवाला से कांग्रेस उम्मीदवार रहे रामनिवास घोड़ेला ने कहा कि गुटबाजी के कारण कांग्रेस चुनाव हार गई। मेरी विधानसभा में राहुल गांधी का दौरा रहा, मगर कांग्रेस सांसद जयप्रकाश ने रैली के तुरंत बाद बयान दिया कि होर्डिंग्स पर मेरी फोटो नहीं लगाई, जनता इसका बदला लेगी। उस बयान का भी असर रहा। कांग्रेस नेताओं ने खुलकर बगावत की। इनेलो नेता संजना सातरोड़ को वोट डलवाए। कार्यकर्ताओं को फोन कर कहा गया कि रामनिवास को वोट नहीं देने। भीतरघात के कारण चुनाव हारे। 2. रामनिवास राड़ा- कांग्रेस ने ही कांग्रेस को हराया
हिसार से कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राड़ा ने कहा कि कांग्रेस ने ही कांग्रेस को हराने का काम किया। हिसार के 7-8 नेताओं ने भीतरघात किया। यह नेता हरियाणा के एक गुट से जुड़े नेता हैं। मेरी मदद सिर्फ कुमारी सैलजा ने की। मैं उन नेताओं के घर 2 से 3 बार मदद मांगने गया, मगर मेरा टाइम खराब किया। 3, 4 और 5 अक्टूबर को कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खूब टेलिफोन घुमाए और उनका एक ही इशारा था कि रामनिवास राड़ा को हराओ। सावित्री जिंदल को जिताओ। मैंने प्रचार के लिए स्टार प्रचारकों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अशोक गहलोत के दौरे के लिए अप्लाई किया था, मगर यहां के सीनियर नेताओं ने किसी स्टार प्रचारक का दौरा नहीं होने दिया। 6 EVM ऐसी मिलीं जिनकी बैटरी 99% चार्ज थी। 3. अनिल मान : भीतरघात से चुनाव हारे
नलवा विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार अनिल मान ने बताया कि भीतरघात के कारण चुनाव हारे। संपत सिंह जैसे सीनियर नेताओं ने टिकट न मिलने के कारण भीतरघात किया। संपत सिंह ने भाजपा उम्मीदवार रणधीर पनिहार को वोट डलवाए। EVM का भी बड़ा रोल रहा। कई EVM ऐसी थीं, जिनकी बैटरी 99 प्रतिशत चार्ज थी। अगर यह सब चीजें न रही होतीं तो चुनाव जीत सकते थे। एक उम्मीदवार ने कहा- जाट विरोधी वोटों का ध्रुवीकरण हुआ
एक उम्मीदवार ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि हरियाणा चुनाव में जाटों के विरोध में वोटों का ध्रुवीकरण हुआ है। भाजपा ने जाटों को लेकर ऐसा माहौल बना दिया, जो दूसरी जगहों पर मुसलमानों के खिलाफ होता है। दूसरी जातियों को कहा गया कि अगर कांग्रेस जीती तो सब कुछ जाटों के हाथ में चला जाएगा। मैं इससे प्रभावित हुआ। ज्यादा नुकसान तब और हुआ, जब राहुल गांधी के मंच पर रहते हुए भी भूपेंद्र हुड्डा ने मेरे लिए वोट नहीं मांगे। इससे जाटों में यह मैसेज गया कि हुड्डा मेरे समर्थन में नहीं हैं। उन्होंने मुझे वोट नहीं दिए। दूसरे समुदाय ने ध्रुवीकरण की वजह से मुझे वोट नहीं दिए और मैं हार गया। बड़े नेताओं के दौरे का पता नहीं होता था
एक उम्मीदवार ने कमेटी को बताया कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दौरे के बारे में हमें पता ही नहीं होता था। हम समय पर उनके दौरे के बारे में लोगों तक बात ही नहीं पहुंचा पाते थे। इस वजह से कांग्रेस के हक में जो माहौल बनना चाहिए था, वह नहीं बन पाता था। इस बारे में लालू यादव के समधी और रेवाड़ी से उम्मीदवार चिरंजीव राव के पिता पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव भी कह चुके हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेता संपर्क से बाहर थे
एक उम्मीदवार ने बताया कि चुनाव के बीच हरियाणा की प्रदेश कांग्रेस कमेटी से संपर्क ही नहीं हो पा रहा था। वह न तो आम वर्करों के लिए पहुंच में थे और न ही उनसे फोन पर बात हो पा रही थी। उम्मीदवार ने प्रदेश कांग्रेस को हार का जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनकी तुलना में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं से बात करना आसान था। राहुल गांधी ने कहा था- नेताओं के इंटरेस्ट पार्टी से ऊपर हो गए
हरियाणा चुनाव में हुई हार के बाद कांग्रेस ने दिल्ली में समीक्षा मीटिंग बुलाई थी। मल्लिकार्जुन खड़गे के घर हुई इस मीटिंग में राहुल गांधी भी मौजूद थे। यहां राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव हारने की वजह ये है कि हरियाणा के नेताओं के इंटरेस्ट (हित) पार्टी इंटरेस्ट से ऊपर हो गए थे। इसके बाद वे मीटिंग से चले गए। हुड्डा-उदयभान ने EVM को जिम्मेदार ठहराया
चुनाव में हार के बाद प्रदेश कांग्रेस से चुनाव हारने वाले अध्यक्ष उदयभान और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा था कि EVM की वजह से कांग्रेस की हार हुई। 99% चार्ज EVM से भाजपा जीत रही थी। इसके उलट जो कम चार्ज थीं, उनमें कांग्रेस को बढ़त मिली। ऐसी 20 सीटों की लिखित शिकायत उन्होंने चुनाव आयोग को दी थी। हार के बाद बाबरिया ने इस्तीफे की पेशकश की
हरियाणा में हार के बावजूद अभी तक किसी कांग्रेस नेता ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। होडल से चुनाव हारने वाले उदयभान भी प्रदेश अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। हालांकि प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने राहुल गांधी को फोन कर इस्तीफे की पेशकश की है। मगर, इसके पीछे उन्होंने खराब सेहत का हवाला दिया है। नेता विपक्ष पद के लिए दावेदारी चल रही
कांग्रेस 37 सीटें जीतकर प्रमुख विपक्षी दल बन चुकी है। ऐसे में अब विपक्षी दल नेता के पद के लिए दावेदारी चल रही है। हुड्डा गुट इस पर भूपेंद्र हुड्डा को ही चाहता है। उनको न बनाने पर झज्जर से विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा को दावेदार बनाया जा रहा है। सिरसा सांसद कुमारी सैलजा के गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया गया है। कल (18 अक्टूबर) को इसको लेकर चंडीगढ़ में मीटिंग हुई। जिसमें सारे अधिकार हाईकमान को दिए गए। जिसके बाद 4 ऑब्जर्वरों ने विधायकों से वन टु वन मीटिंग की और वापस रवाना हो गए। हरियाणा | दैनिक भास्कर