हरियाणा के कैथल में करीब 10 करोड़ रुपए के सफाई घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को कार्रवाई की। घोटाले में शामिल पंचायती राज विभाग के एक्सईएन, जेई, अकाउंटेंट और ठेकेदारों समेत 7 को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही अन्य कर्मचारियों को हिरासत में लेने के लिए ACB की करीब 15 टीमें फील्ड में उतरी हैं। ACB की कार्रवाई के बाद कैथल में मामले से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार 2021 में ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर जिला परिषद में 16 करोड़ 64 लाख रुपए की ग्रांट आई थी। इसमें से करीब 10 करोड़ की राशि गांवों में स्वच्छता अभियान पर खर्च होनी थी। यह पैसे कागजों में तो खर्च हुए दिखाए गए, लेकिन गांव में सफाई नहीं हुई। यही नहीं फर्जी बिल तैयार कर 8 फर्मों को पैसे जारी कर दिए। भाजपा विधायक ने दी थी शिकायत
भाजपा के विधायक लीला राम की ओर से सरकार को इसको लेकर शिकायत दी गई थी। इसके बाद ACB को इस मामले की जांच सौंपी गई। ACB ने जांच के बाद अब कैथल में एसडीओ रहे रोहतक के पंचायती राज के एक्सईएन नवीन, कैथल में पंचायती राज के जेई रहे पिहोवा के जेई जसबीर सिंह, अकाउंटेंट कुलंवत, पंचायती राज के ठेकेदार गांव फरीदाबाद निवासी दिलबाग सिंह, गांव फतेहपुर निवासी अभय संधू, पूंडरी निवासी अनिल और राजेश को गिरफ्तार किया है। अधिकारी नवीन ने सबसे ज्यादा 78 लाख रुपए हड़पे थे। कैथल ACB के इंचार्ज महेंद्र ने बताया कि पूरे मामले के 15 आरोपी हैं। इसमें से 7 को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब गिरफ्तार आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पूर्व जिला पार्षद ने दिया था धरना
करीब 10 करोड़ रुपए के गोलमाल को लेकर वार्ड नंबर 7 से पूर्व जिला पार्षद बबली चंदाना ने अपने पति बिल्लू चंदाना के साथ सांकेतिक धरना देकर मामले को उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि गांव में सफाई के नाम पर बड़ा गोलमाल किया गया है। सफाई तो हुई नहीं, लेकिन फर्जी बिल तैयार कर फर्मों के खाता में राशि डाली दी गई। इसके बाद कैथल के मौजूदा विधायक लीला राम व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने भी यह मुद्दा उठाया। आरोप लगाया था कि वैसे तो विजिलेंस जांच चल रही है, लेकिन अभी तक जांच कहां तक पहुंची इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। अब मामले में 7 की गिरफ्तारी हुई है। हरियाणा के कैथल में करीब 10 करोड़ रुपए के सफाई घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को कार्रवाई की। घोटाले में शामिल पंचायती राज विभाग के एक्सईएन, जेई, अकाउंटेंट और ठेकेदारों समेत 7 को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही अन्य कर्मचारियों को हिरासत में लेने के लिए ACB की करीब 15 टीमें फील्ड में उतरी हैं। ACB की कार्रवाई के बाद कैथल में मामले से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। जानकारी के अनुसार 2021 में ग्रामीण क्षेत्र के विकास कार्यों को लेकर जिला परिषद में 16 करोड़ 64 लाख रुपए की ग्रांट आई थी। इसमें से करीब 10 करोड़ की राशि गांवों में स्वच्छता अभियान पर खर्च होनी थी। यह पैसे कागजों में तो खर्च हुए दिखाए गए, लेकिन गांव में सफाई नहीं हुई। यही नहीं फर्जी बिल तैयार कर 8 फर्मों को पैसे जारी कर दिए। भाजपा विधायक ने दी थी शिकायत
भाजपा के विधायक लीला राम की ओर से सरकार को इसको लेकर शिकायत दी गई थी। इसके बाद ACB को इस मामले की जांच सौंपी गई। ACB ने जांच के बाद अब कैथल में एसडीओ रहे रोहतक के पंचायती राज के एक्सईएन नवीन, कैथल में पंचायती राज के जेई रहे पिहोवा के जेई जसबीर सिंह, अकाउंटेंट कुलंवत, पंचायती राज के ठेकेदार गांव फरीदाबाद निवासी दिलबाग सिंह, गांव फतेहपुर निवासी अभय संधू, पूंडरी निवासी अनिल और राजेश को गिरफ्तार किया है। अधिकारी नवीन ने सबसे ज्यादा 78 लाख रुपए हड़पे थे। कैथल ACB के इंचार्ज महेंद्र ने बताया कि पूरे मामले के 15 आरोपी हैं। इसमें से 7 को गिरफ्तार कर लिया गया है। अब गिरफ्तार आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। पूर्व जिला पार्षद ने दिया था धरना
करीब 10 करोड़ रुपए के गोलमाल को लेकर वार्ड नंबर 7 से पूर्व जिला पार्षद बबली चंदाना ने अपने पति बिल्लू चंदाना के साथ सांकेतिक धरना देकर मामले को उठाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि गांव में सफाई के नाम पर बड़ा गोलमाल किया गया है। सफाई तो हुई नहीं, लेकिन फर्जी बिल तैयार कर फर्मों के खाता में राशि डाली दी गई। इसके बाद कैथल के मौजूदा विधायक लीला राम व पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने भी यह मुद्दा उठाया। आरोप लगाया था कि वैसे तो विजिलेंस जांच चल रही है, लेकिन अभी तक जांच कहां तक पहुंची इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। अब मामले में 7 की गिरफ्तारी हुई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर