हरियाणा में फतेहाबाद के हड़ोली गांव में मिली 4 वर्षीय बच्चे की लाश के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पड़ोस में रहने वाला नाबालिग युवक गलत काम करने की नीयत से बच्चे को तूड़ी वाले कमरे में लेकर गया था। वहां बच्चे की गर्दन मुड़ने से मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी 13 साल के नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने केस में हत्या के साथ पॉक्सो एक्ट की धारा जोड़ी हैं। आरोपी को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया, जहां उसे बाल सुधार गृह अंबाला भेज दिया गया है। 1 नवंबर की शाम को गायब हुआ 1 नवंबर की शाम को हड़ोली गांव में बच्चा खेलते हुए अचानक लापता हो गया। परिजन उसे ढूंढते रहे, लेकिन वह नहीं मिला। रात करीब 8 बजे वह पड़ोस में बने तूड़ी वाले कमरे में मृत मिला। इसके बाद पुलिस को घटना की सूचना दी गई। बच्चे की पेंट उतरी हुई थी और पास में उल्टी पड़ी थी। परिवार ने बच्चे के साथ गलत काम होने का अंदेशा जताया था। सूचना पाकर DSP संजय बिश्नोई समेत पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने आसपास लगे CCTV कैमरे खंगाले। बच्चे गली में खेलता हुआ दिखाई दिया। वह हाथ में कुछ चीज लेकर खा भी रहा था। अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था पुलिस ने बच्चे के पिता की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ जहरीला पदार्थ खिलाकर हत्या करने का मामला दर्ज कर लिया था। मामले की जांच सदर थाना रतिया के SHO ओमप्रकाश को दी गई। इसके बाद गांव में लगे CCTV कैमरे खंगाले गए। पुलिस ने शक के आधार पर बच्चे के पड़ोस में रहने वाले 13 साल के लड़के और उसके परिवार से पूछताछ की। जिसमें सामने आया कि लड़का ही बच्चे को गलत काम करने के उद्देश्य से तूड़ी वाले कमरे में लेकर गया था। वहां उसने बच्चे को नीचे गिराया तो उसकी गर्दन मुड़ गई और उसने उल्टी कर दी। इसके बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया। हरियाणा में फतेहाबाद के हड़ोली गांव में मिली 4 वर्षीय बच्चे की लाश के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पड़ोस में रहने वाला नाबालिग युवक गलत काम करने की नीयत से बच्चे को तूड़ी वाले कमरे में लेकर गया था। वहां बच्चे की गर्दन मुड़ने से मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी 13 साल के नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने केस में हत्या के साथ पॉक्सो एक्ट की धारा जोड़ी हैं। आरोपी को जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया, जहां उसे बाल सुधार गृह अंबाला भेज दिया गया है। 1 नवंबर की शाम को गायब हुआ 1 नवंबर की शाम को हड़ोली गांव में बच्चा खेलते हुए अचानक लापता हो गया। परिजन उसे ढूंढते रहे, लेकिन वह नहीं मिला। रात करीब 8 बजे वह पड़ोस में बने तूड़ी वाले कमरे में मृत मिला। इसके बाद पुलिस को घटना की सूचना दी गई। बच्चे की पेंट उतरी हुई थी और पास में उल्टी पड़ी थी। परिवार ने बच्चे के साथ गलत काम होने का अंदेशा जताया था। सूचना पाकर DSP संजय बिश्नोई समेत पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने आसपास लगे CCTV कैमरे खंगाले। बच्चे गली में खेलता हुआ दिखाई दिया। वह हाथ में कुछ चीज लेकर खा भी रहा था। अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था पुलिस ने बच्चे के पिता की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ जहरीला पदार्थ खिलाकर हत्या करने का मामला दर्ज कर लिया था। मामले की जांच सदर थाना रतिया के SHO ओमप्रकाश को दी गई। इसके बाद गांव में लगे CCTV कैमरे खंगाले गए। पुलिस ने शक के आधार पर बच्चे के पड़ोस में रहने वाले 13 साल के लड़के और उसके परिवार से पूछताछ की। जिसमें सामने आया कि लड़का ही बच्चे को गलत काम करने के उद्देश्य से तूड़ी वाले कमरे में लेकर गया था। वहां उसने बच्चे को नीचे गिराया तो उसकी गर्दन मुड़ गई और उसने उल्टी कर दी। इसके बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा कांग्रेस में सांसदों को चुनाव न लड़ाने पर घमासान:सैलजा बोलीं- मैं तो इलेक्शन लड़ूंगी, प्रभारी ने कहा था-MP पैनल में शामिल नहीं होंगे
हरियाणा कांग्रेस में सांसदों को चुनाव न लड़ाने पर घमासान:सैलजा बोलीं- मैं तो इलेक्शन लड़ूंगी, प्रभारी ने कहा था-MP पैनल में शामिल नहीं होंगे हरियाणा कांग्रेस में सांसदों को विधानसभा चुनाव में न उतारने के फैसले के बाद घमासान मच गया है। सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा दीपक बाबरिया का बयान अधूरा है। उन्होंने कहा है कि कोई सांसद चुनाव नहीं लड़ेगा, लेकिन यदि कोई लड़ना चाहता है तो हाईकमान से अनुमति ले। मैं कांग्रेस की अनुशासित सिपाही हूं। हाईकमान के आदेश पर ही मैंने लोकसभा चुनाव लड़ा था और अब हाईकमान की अनुमति से विधानसभा चुनाव भी जरूर लडूंगी। हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए मजबूत होकर जनता के हक के लिए लड़ाई लडूंगी। वहीं, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि वह पहले ही कह चुके हैं कि हाईकमान जो तय करेगा, उसके अनुसार फैसला लेंगे। दरअसल, बीते कल कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा था कांग्रेस ने सैद्धांतिक फैसला लिया है कि किसी भी लोकसभा व राज्यसभा सांसद को विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया जाएगा। सांसद विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे। स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भी किसी सांसद का नाम टिकट के लिए नहीं रखा जाएगा। इसके बाद भी कोई सांसद चुनाव लड़ने की जिद करता है तो उसे पार्टी अध्यक्ष से अनुमति लेनी होगी। वैसे कांग्रेस अपने सैद्धांतिक फैसलों से हटती नहीं है। सैलजा ने दलित CM बनने की दावेदारी पेश की थी
हरियाणा चुनाव के बीच 3 दिन पहले सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कांग्रेस सरकार बनने पर CM कुर्सी पर दावा ठोक दिया था। कुमारी सैलजा ने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा, ”लोगों की व्यक्तिगत और जातीय आधार पर महत्त्वाकांक्षा होती है, मेरी भी है। मैं राज्य में काम करना चाहती हूं। विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं। हालांकि अंतिम फैसला हाईकमान करेगा।” सैलजा ने बयान दिया था, कि देश में अनुसूचित जातियों ने कांग्रेस को बड़ा समर्थन दिया है। जब दूसरी जातियों के नेता मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो फिर अनुसूचित जातियों से क्यों नहीं। सैलजा ने सीधे तौर पर हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने पर दलित सीएम की दावेदारी पेश कर दी। CM फेस को लेकर कॉन्ट्रोवर्सी जारी
कांग्रेस में CM फेस को लेकर पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा के बीच लगातार कॉन्ट्रोवर्सी चल रही है। गुटबाजी के कारण ही कांग्रेस के हरियाणा में 10 साल सत्ता से बाहर है। 2014 में कांग्रेस 15 और 2019 में 31 सीटें ही जीत पाई थी। 2014 में भाजपा ने बहुमत की सरकार बनाई तो 2019 में JJP के साथ गठबंधन कर सरकार बना कांग्रेस को झटका दे दिया। सैलजा का विधानसभा पर ही फोकस था सैलजा का
हरियाणा में हुड्डा की ही तरह कुमारी सैलजा भी खुद को CM कैंडिडेट प्रोजेक्ट करने की कोशिश में लगी हुई हैं। बताया जाता है कि वह लोकसभा चुनाव न लड़कर विधानसभा चुनाव पर ही फोकस करना चाहती थीं, लेकिन आलाकमान ने उन्हें चुनावी मैदान में उतार दिया। सैलजा हरियाणा में पार्टी का दलित चेहरा हैं। इनके राज्य के करीब 11 फीसदी वोटर 9 विधानसभा सीटों पर सीधा-सीधा असर डालते हैं। साथ ही वह महिला चेहरा भी हैं। ऐसे में राज्य की महिला वोटर्स का भी समर्थन उन्हें मिल सकता है। कुमारी सैलजा सोनिया गांधी की करीबी मानी जाती हैं और उनके पिता चौधरी दलवीर सिंह भी हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। शायद यही वजह है कि कांग्रेस आलाकमान ने फिलहाल दोनों में से किसी एक गुट का न तो समर्थन किया है, न ही किसी एक चेहरे पर चुनाव लड़ने का संकेत दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले भी हुड्डा और सैलजा ने अलग-अलग यात्राएं निकाली थीं। बावजूद इसके कांग्रेस इन दोनों नेताओं के बीच के विवाद को नहीं सुलझा पाई, या ये कहें कि पार्टी इस विवाद को सुलझाना ही नहीं चाहती।
हरियाणा की सीट, जहां मतगणना के बाद कोर्ट से फैसला:हारने के बाद भी कैंडिडेट विधायक बने रहे; एक ने तो कार्यकाल भी पूरा किया
हरियाणा की सीट, जहां मतगणना के बाद कोर्ट से फैसला:हारने के बाद भी कैंडिडेट विधायक बने रहे; एक ने तो कार्यकाल भी पूरा किया हरियाणा में करनाल की एक विधानसभा सीट ऐसी है, जिसकी चर्चा चुनावों के रिजल्ट पर हुए कोर्ट केस को लेकर की जाती है। इस सीट पर वोटों में हेराफेरी कर नेता 2 बार विधायक बने रहे। इसके बाद जब तक कोर्ट का फैसला आया, तब तक तो कार्यकाल भी पूरा हो चुका था। इन चुनावों में हार-जीत का अंतर इतना छोटा था कि रीकाउंटिंग के बाद अदालत भी जल्दी फैसला नहीं सुना सकी। इनमें से एक केस को टाइम निकलने की बात कहकर कोर्ट ने रफा-दफा कर दिया। वहीं, दूसरे चुनाव के रिजल्ट पर कोर्ट में स्टे लिया गया था, जिसके बाद विनिंग कैंडिडेट को केवल 6 महीने के लिए विधायक की कुर्सी मिल पाई। यह करनाल की घरौंडा सीट है। 1996 में आया पहला मामला
पहला विवादित चुनाव 1996 का था जब विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार रमेश कश्यप ने इनेलो कैंडिडेट रमेश राणा को मात्र 11 वोटों से हराया था। रिकॉर्ड के अनुसार, 1996 में हारने के बाद रमेश राणा वोटों की रीकाउंटिंग के लिए हाईकोर्ट पहुंच गए थे। इस मामले में 3 साल बाद हाईकोर्ट ने रमेश राणा के पक्ष में फैसला सुना दिया, लेकिन इस फैसले को रमेश कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज कर दिया। उन्होंने रीकाउंटिंग में कम वोटों की गिनती को आधार बनाते हुए रिजल्ट पर स्टे ले लिया और विधानसभा भंग होने तक विधायक बने रहे। पूर्व विधायक रमेश राणा की पत्नी पूर्व विधायक रेखा राणा का कहना है कि रमेश राणा हाईकोर्ट से केस जीत गए थे। फिर उन्होंने विधायक पद की शपथ भी ली थी। इसके प्रमाण विधानसभा में भी मिल जाएंगे। जबकि, रमेश कश्यप का दावा है कि वह विधानसभा भंग होने तक विधायक रहे और रमेश राणा ने कोई शपथ नहीं ली। 6 महीने तक हम विधानसभा में रहे
रेखा राणा ने बताया है कि 1996 में केंद्र में समता पार्टी व इनेलो का समझौता था। 1996 में बैलेट पेपर से चुनाव होते थे। भाजपा और इनेलो के उम्मीदवारों का नाम भी एक जैसा था। रेखा राणा का आरोप है कि एक प्रभावशाली नेता के बेटे ने वोटों की गिनती में गड़बड़ी करवाई और रमेश कश्यप के पक्ष में रिजल्ट करवा दिया। रेखा ने यह भी आरोप लगाया कि उस प्रभावशाली नेता ने 500 वोट भी कैंसिल करवा दिए थे। इसके बाद हम हाईकोर्ट में गए। वहां वोटों की गिनती दोबारा करवाई गई तो रमेश राणा 157 वोटों से जीते थे। उन्हें शपथ के लिए 20 दिन का समय मिला था। इस समय में शपथ लेनी थी, लेकिन उनकी फाइल को कहीं दबा दिया गया। इसकी वजह से वह शपथ नहीं ले पाए थे। इसी बीच रमेश कश्यप के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगवा दिया था। रेखा का कहना है कि उनके पति रमेश राणा ने सुप्रीम कोर्ट में जाकर स्टे हटवाया। इसी दौरान हरियाणा विकास पार्टी और भाजपा का समझौता टूट गया था और इनेलो की सरकार आ गई थी। तब रमेश राणा ने शपथ ली थी और 6 महीने तक विधानसभा में रहे थे। 14 दिसंबर 1999 तक विधायक रहा
वहीं, रमेश कश्यप बताते है कि 1996 के चुनाव में उन्होंने 11 वोटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने बताया, “इसके बाद रमेश राणा ने तुरंत ही हाईकोर्ट में केस डाला। 3 साल बाद हाईकोर्ट ने मेरे खिलाफ फैसला सुनाया। इसके बाद मैं सुप्रीम कोर्ट चला गया और दलील दी कि चुनाव रिजल्ट के दौरान जितने वोटों की गिनती हुई थी, हाईकोर्ट में उतने वोटों की गिनती क्यों नहीं की गई? इस आधार पर हाईकोर्ट के फैसले पर मैंने सुप्रीम कोर्ट में स्टे ले लिया। इसके बाद जुलाई 1999 में ओम प्रकाश चौटाला मुख्यमंत्री बने। चौटाला ने 14 दिसंबर 1999 को विधानसभा भंग करवाई और नए चुनाव का ऐलान करवा दिया। 14 दिसंबर 1999 तक मैं ही विधायक था, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में मेरा केस पेंडिंग था। रमेश राणा को शपथ दिलवाई नहीं गई थी। अगर उन्हें शपथ दिलवाई गई होती तो मैं विधायक ही नहीं रहता।” 2005 में जयपाल शर्मा गए थे कोर्ट
उधर, दूसरा केस 2005 के विधानसभा चुनाव का जब इनेलो की टिकट पर पूर्व विधायक रमेश राणा की पत्नी रेखा राणा 21 वोटों से इलेक्शन जीतीं। इसमें निर्दलीय उम्मीदवार जयपाल शर्मा चुनाव हारे तो उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जयपाल शर्मा का आरोप था कि विधानसभा चुनावों में मृत वोट और डबल वोट डाले गए हैं। यह केस करीब साढ़े 7 साल तक चला। इसी दौरान 76 वोट ऐसे निकाल दिए थे, जो मृत थे और डबल थे। लेकिन, बाद में कोर्ट ने यह कहकर पिटीशन खारिज कर दी थी कि अब इसका समय निकल चुका है। विधायक का कार्यकाल पूरा हो चुका है तो केस का कोई औचित्य ही नहीं। ऐसे में वोटों में हेराफेरी के दम पर रेखा राणा पूरे 5 साल तक विधायक बनी रहीं। क्या कहते हैं राजनीति के जानकार
राजनीति के जानकार नैनपाल राणा के मुताबिक, हरियाणा विकास पार्टी और बीजेपी का गठबंधन था। 1996 में रमेश कश्यप को जिता दिया गया, जिसमें धांधलेबाजी की बातें सामने आई थीं। रमेश राणा हाईकोर्ट चले गए, जहां रमेश राणा को जीता हुआ घोषित कर दिया गया था। उन्होंने शपथ ली थी। उन्हें सरकार में केवल 3-4 महीने ही मिले थे, क्योंकि 1999 में बंसी लाल की सरकार गिर गई। ऐसा ही 2005 में हुआ था जब 21 वोटों से रेखा राणा जीत गई थीं। जयपाल शर्मा ने कोर्ट केस कर दिया था, लेकिन यह केस साढ़े 7 साल चला था। विधायक का टर्म पूरा हो ही चुका था।
हरियाणा में लोहे के पाइप के नीचे दबे लोग-वाहन:80 फुट लंबा पाइप 50 फुट ऊंचाई से हाईवे पर गिरा; बचाव में जुटी टीमें
हरियाणा में लोहे के पाइप के नीचे दबे लोग-वाहन:80 फुट लंबा पाइप 50 फुट ऊंचाई से हाईवे पर गिरा; बचाव में जुटी टीमें हरियाणा के पानीपत में सोमवार दोपहर को एक बड़ा हादसा हो गया। यहां शहर के संजय चौक पर एलिवेटेड हाईवे से पानी और गंदगी से भरा लोहे का पाइप अचानक नीचे गिर गया। इससे नीचे हाईवे-44 से गुजर रहे कई वाहनों समेत राहगीर घायल हो गए। इस हादसे से मौके पर भगदड़ मच गई। मौके पर स्थानीय लोग भी पहुंचे। उन्होंने पाइप के नीचे दबे लोगों को निकालना शुरू किया, लेकिन पाइप ज्यादा वजनदार होने की वजह लोगों को राहत कार्य में दिक्कत आ रही है। मामला प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद मौके पर बचाव कार्य टीम भी पहुंच गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर ट्रैफिक व्यवस्था भी सुचारु करवाना शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार, यह ड्रेनेज पाइप एलिवेटेड हाईवे के बरसाती पानी की निकासी को लेकर लगाया गया था। यह करीब 50 फीट ऊंचाई से गिरा है। हादसे के बाद GT रोड पर लंबा जाम लग गया। पुलिस ने मशक्कत के बाद वाहनों को एक तरफ किया और ट्रैफिक सामान्य करवाया। कार सवार 2 लोग घायल हुए
दोपहर करीब ढाई बजे GT रोड पर यह हादसा हुआ, जिसमें 2 लोग घायल हुए हैं। ये दोनों लोग कार में सवार थे। वहीं, करीब 6 गाड़ियां और बाइक क्षतिग्रस्त हो गईं। एक घायल को नजदीक के निजी अस्पताल में दाखिल कराया है। पाइप कैसे गिर गया, यह जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि पाइप में काफी समय से पानी और गंदगी जमा थी। इसकी साफ-सफाई और रख रखाव का जिम्मा LT कंपनी का है। हादसे के PHOTOS… हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं…