हरियाणा में BPL के लिए 12000 ने फर्जी तलाक दी:पुलिस जांच में खुलासा; 100 करोड़ की चपत लगाई, नूंह सहित 3 जिलों में फैला नेटवर्क

हरियाणा में BPL के लिए 12000 ने फर्जी तलाक दी:पुलिस जांच में खुलासा; 100 करोड़ की चपत लगाई, नूंह सहित 3 जिलों में फैला नेटवर्क

हरियाणा में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) का दर्जा पाने के लिए 12,000 से अधिक जोड़ों ने फर्जी तलाक दे डाली। इसका खुलासा हरियाणा पुलिस की जांच में हुआ है। जांच में पता चला है कि बीपीएल वर्गीकरण के लिए जरूरी वार्षिक आय सीमा को पूरा करने के लिए परिवार पहचान पत्र (PPP) के इनकम रिकॉर्ड में हेरफेर करने के लिए फर्जी तलाक के डॉक्यूमेंट लगा दिए। पुलिस जांच में ये बात सामने आई है कि इसका नेटवर्क नूंह सहित सूबे के दूसरे जिलों में भी फैला हुआ है। एक मामले में झज्जर साइबर थाना पुलिस ने नागरिक संसाधन सूचना विभाग (CRID) के जिला प्रबंधक योगेश कुमार के अलावा झज्जर में सर्विस प्रोवाइडर अमित कुमार, सिकंदर, विकास और गीता रानी और नूंह निवासी नीरज कुमार और मोहम्मद सैफ समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर ये 3 बड़े आरोप… 1. PPP रिकॉर्ड में हेराफेरी का आरोप उन पर जिला कोड के साथ छेड़छाड़ करने और फर्जी पीपीपी दस्तावेज बनाने के लिए परिवार पहचान रिकॉर्ड में हेराफेरी करने का आरोप है। साइबर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने पुष्टि की कि पुलिस ने बीएनएस और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि जांच चल रही है और घोटाले के अंतर-जिला प्रभाव हैं। 2. झज्जर, रोहतक और सिरसा के फर्जी लाभार्थी जांच के अनुसार, हज़ारों परिवारों की आय को गलत तरीके से कम करके उन्हें विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का पात्र बनाने के लिए हेरफेर किया गया। लगभग 12,600 जोड़ों ने अपनी घोषित आय को कम करने की तरकीब के तौर पर फर्जी तलाक हासिल किया। इस धोखाधड़ी से लाभ उठाने वाले लोग झज्जर, रोहतक और सिरसा के हैं। 3. 2 अलग-अलग परिवार आईडी बनाई गईं जोड़ों ने कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन सिस्टम में तलाक के दस्तावेजों के रूप में खाली कागजात जमा किए। CRID के जिला प्रबंधक ने इन्हें वैध तलाक के दस्तावेजों के रूप में प्रमाणित किया। इस प्रकार, दो अलग-अलग पारिवारिक पहचान पत्र बनाए गए, जिससे दंपती की आय 1.80 लाख रुपए प्रति वर्ष से कम हो गई, जिससे दोनों बीपीएल स्थिति के लिए योग्य हो गए। 100 करोड़ रुपए का नुकसान सूत्रों ने खुलासा किया कि इस धोखाधड़ी से सरकार को 100 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है, क्योंकि लाभार्थियों को बीपीएल योजनाओं के तहत कई विभागों से लाभ मिला था। आरोपियों ने धोखाधड़ी करने और परिवारों को बीपीएल का दर्जा दिलाने के लिए मोटी फीस वसूली। राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा की लगभग 70% आबादी बीपीएल श्रेणी में आती है, ऐसा जाहिर तौर पर बड़ी संख्या में परिवारों द्वारा अपनी आय कम बताने के कारण हुआ है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के आधार-सक्षम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि राज्य में 1,97,20,071 लोग गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं। हरियाणा की आबादी करीब 2.8 करोड़ है। बीपीएल में आने में क्या-क्या मिलते हैं लाभ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (गेहूं या बाजरा) मुफ्त, 40 रुपए में 2 लीटर सरसों का तेल और 13.5 रुपए प्रति बीपीएल कार्ड पर 1 किलो चीनी मिलती है। इसके अलावा, बीपीएल परिवारों के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। हाल ही में, सीएम ने बीपीएल परिवारों को 100 वर्ग गज के प्लॉट आवंटित करने की घोषणा की। श्रम विभाग और समाज कल्याण विभाग के तहत विभिन्न योजनाएं भी बीपीएल परिवारों को सीधे वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं। हरियाणा में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) का दर्जा पाने के लिए 12,000 से अधिक जोड़ों ने फर्जी तलाक दे डाली। इसका खुलासा हरियाणा पुलिस की जांच में हुआ है। जांच में पता चला है कि बीपीएल वर्गीकरण के लिए जरूरी वार्षिक आय सीमा को पूरा करने के लिए परिवार पहचान पत्र (PPP) के इनकम रिकॉर्ड में हेरफेर करने के लिए फर्जी तलाक के डॉक्यूमेंट लगा दिए। पुलिस जांच में ये बात सामने आई है कि इसका नेटवर्क नूंह सहित सूबे के दूसरे जिलों में भी फैला हुआ है। एक मामले में झज्जर साइबर थाना पुलिस ने नागरिक संसाधन सूचना विभाग (CRID) के जिला प्रबंधक योगेश कुमार के अलावा झज्जर में सर्विस प्रोवाइडर अमित कुमार, सिकंदर, विकास और गीता रानी और नूंह निवासी नीरज कुमार और मोहम्मद सैफ समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर ये 3 बड़े आरोप… 1. PPP रिकॉर्ड में हेराफेरी का आरोप उन पर जिला कोड के साथ छेड़छाड़ करने और फर्जी पीपीपी दस्तावेज बनाने के लिए परिवार पहचान रिकॉर्ड में हेराफेरी करने का आरोप है। साइबर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों ने पुष्टि की कि पुलिस ने बीएनएस और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि जांच चल रही है और घोटाले के अंतर-जिला प्रभाव हैं। 2. झज्जर, रोहतक और सिरसा के फर्जी लाभार्थी जांच के अनुसार, हज़ारों परिवारों की आय को गलत तरीके से कम करके उन्हें विभिन्न सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का पात्र बनाने के लिए हेरफेर किया गया। लगभग 12,600 जोड़ों ने अपनी घोषित आय को कम करने की तरकीब के तौर पर फर्जी तलाक हासिल किया। इस धोखाधड़ी से लाभ उठाने वाले लोग झज्जर, रोहतक और सिरसा के हैं। 3. 2 अलग-अलग परिवार आईडी बनाई गईं जोड़ों ने कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन सिस्टम में तलाक के दस्तावेजों के रूप में खाली कागजात जमा किए। CRID के जिला प्रबंधक ने इन्हें वैध तलाक के दस्तावेजों के रूप में प्रमाणित किया। इस प्रकार, दो अलग-अलग पारिवारिक पहचान पत्र बनाए गए, जिससे दंपती की आय 1.80 लाख रुपए प्रति वर्ष से कम हो गई, जिससे दोनों बीपीएल स्थिति के लिए योग्य हो गए। 100 करोड़ रुपए का नुकसान सूत्रों ने खुलासा किया कि इस धोखाधड़ी से सरकार को 100 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है, क्योंकि लाभार्थियों को बीपीएल योजनाओं के तहत कई विभागों से लाभ मिला था। आरोपियों ने धोखाधड़ी करने और परिवारों को बीपीएल का दर्जा दिलाने के लिए मोटी फीस वसूली। राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा की लगभग 70% आबादी बीपीएल श्रेणी में आती है, ऐसा जाहिर तौर पर बड़ी संख्या में परिवारों द्वारा अपनी आय कम बताने के कारण हुआ है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के आधार-सक्षम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के नवीनतम आंकड़ों से पता चला है कि राज्य में 1,97,20,071 लोग गरीबी रेखा से नीचे रह रहे हैं। हरियाणा की आबादी करीब 2.8 करोड़ है। बीपीएल में आने में क्या-क्या मिलते हैं लाभ लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (गेहूं या बाजरा) मुफ्त, 40 रुपए में 2 लीटर सरसों का तेल और 13.5 रुपए प्रति बीपीएल कार्ड पर 1 किलो चीनी मिलती है। इसके अलावा, बीपीएल परिवारों के लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं। हाल ही में, सीएम ने बीपीएल परिवारों को 100 वर्ग गज के प्लॉट आवंटित करने की घोषणा की। श्रम विभाग और समाज कल्याण विभाग के तहत विभिन्न योजनाएं भी बीपीएल परिवारों को सीधे वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर