हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) युवाओं को बड़ी राहत देने जा रहा है। अभ्यर्थियों की आपत्तियों और उनके निपटारे के लिए शिकायत प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। साथ ही अभ्यर्थियों के आवेदन के लिए समय निर्धारित कर दिया गया है। आवेदन पत्र जमा करने का समय किसी भी कार्य दिवस में सुबह 9:30 से दोपहर 1:30 बजे तक और दोपहर 2:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक है। आयोग कार्यालय में स्वागत कक्ष में 2-3 कर्मचारियों की विशेष रूप से ड्यूटी लगाई गई है। 50 हजार भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी आयोग अध्यक्ष हिम्मत सिंह ने कहा कि निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ आयोग सभी सरकारी भर्ती प्रक्रिया में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग कर अभ्यर्थियों को सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। जल्द ही करीब 50 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। 7416 टीजीटी पदों का परिणाम 27 जुलाई को जारी कर दिया गया है। जैसे ही सरकार द्वारा विभागों में रिक्त पदों की जानकारी आयोग को दी जाएगी, उसके अनुसार पदों की भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर दिया जाएगा। कंप्यूटर में रिकॉर्ड हो रही डिटेल आईटी के उपयोग से अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। सरकारी विभागों की मांग के अनुसार पदों की जानकारी वेबसाइट पर डाल दी जाएगी और इन्हीं पास उम्मीदवारों को श्रेणी का विकल्प देना होगा। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा अभ्यर्थियों की ओर से दिए जाने वाले प्रतिवेदनों पर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। संपूर्ण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हुए अब अभ्यर्थियों के प्रतिवेदनों को स्वागत कक्ष में स्थित कंप्यूटरों में दर्ज किया जा रहा है और उन पर सीरियल नंबर अंकित करके इसकी जानकारी अभ्यर्थी को दी जा रही है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) युवाओं को बड़ी राहत देने जा रहा है। अभ्यर्थियों की आपत्तियों और उनके निपटारे के लिए शिकायत प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। साथ ही अभ्यर्थियों के आवेदन के लिए समय निर्धारित कर दिया गया है। आवेदन पत्र जमा करने का समय किसी भी कार्य दिवस में सुबह 9:30 से दोपहर 1:30 बजे तक और दोपहर 2:00 बजे से शाम 4:30 बजे तक है। आयोग कार्यालय में स्वागत कक्ष में 2-3 कर्मचारियों की विशेष रूप से ड्यूटी लगाई गई है। 50 हजार भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी आयोग अध्यक्ष हिम्मत सिंह ने कहा कि निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ आयोग सभी सरकारी भर्ती प्रक्रिया में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग कर अभ्यर्थियों को सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। जल्द ही करीब 50 हजार पदों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। 7416 टीजीटी पदों का परिणाम 27 जुलाई को जारी कर दिया गया है। जैसे ही सरकार द्वारा विभागों में रिक्त पदों की जानकारी आयोग को दी जाएगी, उसके अनुसार पदों की भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर दिया जाएगा। कंप्यूटर में रिकॉर्ड हो रही डिटेल आईटी के उपयोग से अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। सरकारी विभागों की मांग के अनुसार पदों की जानकारी वेबसाइट पर डाल दी जाएगी और इन्हीं पास उम्मीदवारों को श्रेणी का विकल्प देना होगा। उन्होंने बताया कि आयोग द्वारा अभ्यर्थियों की ओर से दिए जाने वाले प्रतिवेदनों पर त्वरित कार्यवाही की जा रही है। संपूर्ण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करते हुए अब अभ्यर्थियों के प्रतिवेदनों को स्वागत कक्ष में स्थित कंप्यूटरों में दर्ज किया जा रहा है और उन पर सीरियल नंबर अंकित करके इसकी जानकारी अभ्यर्थी को दी जा रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के 20 जिलों में हीटवेव का अलर्ट:47 के पार पहुंचा पारा; नूंह दूसरे दिन सबसे गर्म, 15 जून से धान रोपाई शुरू
हरियाणा के 20 जिलों में हीटवेव का अलर्ट:47 के पार पहुंचा पारा; नूंह दूसरे दिन सबसे गर्म, 15 जून से धान रोपाई शुरू हरियाणा में भीषण गर्मी का सेकेंड फेज चल रहा है। इस फेज के तीसरे दिन ही प्रदेश का पारा 47 डिग्री के पार हो गया है। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने 20 जिलों में हीटवेव को लेकर ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। 24 घंटे में सूबे का नूंह जिला सबसे गर्म रहा। यहां का तापमान 46.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग का कहना है कि 14 जून तक प्रदेश में हालात ऐसे ही बने रहेंगे। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी जिलों में पारा 48 डिग्री तक जा सकता है। इन जिलों में लू का अलर्ट मौसम विभाग ने 13 जून को 20 जिलों को अलर्ट पर रखा गया है। जिन जिलों को ऑरेंज अलर्ट पर रखा गया है, उनमें सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी, रोहतक, चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह, पलवल शामिल हैं। जबकि पानीपत, सोनीपत, कैथल, पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र में हीटवेव का यलो अलर्ट जारी किया गया है। 14 जून की रात से गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन दिन में हालात ऐसे ही बने रहेंगे। 27 जून के बाद मानसून आने के आसार मौसम विभाग का कहना है कि अबकी बार मानसून सामान्य है। 27 जून के बाद हरियाणा में मानसून आने के आसार लग रहे हैं। चिंताजनक बात यह है कि 15 जून से प्रदेश में धान रोपाई शुरू होगी, इससे करीब डेढ़ करोड़ यूनिट बिजली की और खपत बढ़ जाएगी। अबकी बार 12 लाख हेक्टेयर में धान रोपाई का लक्ष्य है, किसान मोटे धान की रोपाई जून में ही करते हैं। किसानों को फिलहाल दो ग्रुपों में बिजली दिए जाने की योजना है। जरूरत के अनुसार इसे तीन ग्रुपों में भी चलाया जा सकता है। नूंह दूसरे दिन भी सबसे गर्म हरियाणा में दो दिनों से नूंह सबसे गर्म रहा है। यहां का पारा 45.9 डिग्री से बढ़कर 46.8 तक पहुंच गया है। वहीं सिरसा का पारा 46.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा हिसार 45.5, जींद 46.5, रेवाड़ी 45.2, सोनीपत 45.9, कुरुक्षेत्र 44.1, रोहतक 46.1, अंबाला 44.8, करनाल 43.5, दादरी 45.7, पानीपत 44.5, महेंद्रगढ़ 45.8, यमुनानगर 44.7, गुरुग्राम 44.9, पंचकूला 43.2, पलवल 44.5 दर्ज किया गया है। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में दिन के तापमान में औसतन 5 डिग्री तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह सामान्य से 6.0 डिग्री तक ज्यादा हो गया है।
सिवानी में विवाहिता की करंट से मौत:पिता बोला- ससुरालवालों ने जानबुझ कर छोड़ा था नंगा तार; पुलिस ने किया केस दर्ज
सिवानी में विवाहिता की करंट से मौत:पिता बोला- ससुरालवालों ने जानबुझ कर छोड़ा था नंगा तार; पुलिस ने किया केस दर्ज हरियाणा के भिवानी के सिवानी क्षेत्र में एक विवाहित महिला की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उसके मायके के लोगों ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी की बिजली का करंट लगाकर हत्या की गई है। 15 दिन पहले ही बेटी ने उनके सामने अपनी हत्या की आशंका जताई थी। पुलिस ने उसके पति, सास, ससुर व पति की चाची के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस छानबीन कर रही है। गांव ढाणी मोहबतपुर निवासी धर्मपाल ने बताया है कि उसकी लड़की सुशीला की शादी बड़वा गांव के सतीश के साथ साल 2007 में की थी। वह 16 वर्ष के बेटे ओर 14 साल की बेटी की मां थी। सुशीला 80 प्रतिशत तक बहरी थी। इस वजह से उसके ससुर साधुराम व इसका पति सतीश इसको बहुत प्रताड़ित करते थे। उसने बताया कि सुशीला करीब 10/15 दिन पहले उनके घर आई थी। तब भी उसने बतलाया था कि उसके सास ससुर व पति और काकी सास सुमन उससे नफरत करते हैं और उसे किसी भी समय मार सकते हैं। शिकायत में बताया है कि 9 जुलाई को समय करीब 9 बजे उनके दामाद सतीश ने सूचना दी कि सुशीला को करंट लग गया है। उसको हम जिंदल अस्पताल हिसार लेकर आ रहे हैं। सूचना पर वह अपने परिवार के साथ अस्पताल हिसार पहुंचे। जिंदल अस्पताल के डॉक्टरों ने सुशीला को मृत घोषित कर दिया। उन्होंने पूरी तसल्ली कर ली है कि उसके दामाद सतीश, ससुर साधुराम, सास बिमला देवी व इसकी चाची सुमन ने प्लानिंग के तहत पानी की मोटर के तार जान बुझ कर नंगे करके मोटर को चला दिया। सुशीला को इनके प्लान के बारे में ज्ञान नही था। वह शाम को खाना बनाकर उठी थी। सुशीला ने मोटर को साइड में हटाना चाहा तो करंट लग गया। उसकी मौत हो गई।
हरियाणा में डेरा प्रमुख के निधन पर माहौल तनावपूर्ण:आज अंतिम संस्कार; गद्दी को लेकर 2 पक्षों में विवाद, एक दिन पहले चली थी गोलियां
हरियाणा में डेरा प्रमुख के निधन पर माहौल तनावपूर्ण:आज अंतिम संस्कार; गद्दी को लेकर 2 पक्षों में विवाद, एक दिन पहले चली थी गोलियां हरियाणा के सिरसा में डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब का आज दोपहर 2 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिवार के मुताबिक डेरा प्रमुख की पार्थिव देह मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली में दफनाई जाएगी। डेरा प्रमुख का निधन एक दिन पहले (1 अगस्त) हुआ था। इसके बाद गद्दी को लेकर डेरे में दो पक्ष आमने-सामने हो गए थे। इस दौरान गोलियां भी चली थी। तनावपूर्ण माहौल के चलते डेरे में पुलिस का पहरा है। इसमें एक पक्ष डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह व उनसे जुड़े लोगों का है। वहीं दूसरे पक्ष में महात्मा बिरेंद्र सिंह और उनसे जुड़े लोग हैं। परिवार के सदस्य करेंगे अंतिम संस्कार
डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह बिश्नोई ने बताया कि बिश्नोई समाज की परंपरा के अनुसार देह को समाधि देकर दफन किया जाता है। इसी के अनुसार जगमालवाली के प्रमुख बहादुर चंद वकील साहब को उनके पारिवारिक सदस्यों द्वारा दफन किया जाएगा। बेटे ओम प्रकाश, पोते मुकेश कुमार प्रवीण बिश्नोई, भाई बुधराम बिश्नोई द्वारा डेरा जगमालवाली में अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं, श्रद्धालु गुरुवार से ही डेरा प्रमुख के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। निधन के बाद अब गद्दी की लड़ाई
बहादुर चंद वकील के निधन के बाद ही डेरे में गद्दी को लेकर विवाद छिड़ गया था। बीते गुरुवार को यहां डेरामुखी की वसीयत पढ़ने के दौरान दो पक्ष आमने सामने हो गए। महात्मा बिरेंद्र सिंह से जुड़े लोगों ने दावा किया कि डेरा प्रमुख ने एक वसीयत बनाई थी, जो उनके पक्ष में हैं। गुरुवार को जब यह वसीयत सबके सामने पढ़कर सुनाई जा रही थी उसी समय अमर सिंह व उनसे जुड़े लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। वीडियो हो गए थे वायरल
इस हंगामे से जुड़े वीडियो भी सामने आए थे। जिनमें कुछ लोग एक व्यक्ति से मारपीट करते दिख रहे हैं। उस शख्स के कपड़े फटे हैं। वीडियो में पुलिस वाले उसे बचाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। इस मामले में देर रात तक कोई एफआईआर दर्ज होने की बात सामने नहीं आई। हालांकि कहा जा रहा है अमर सिंह की ओर से एक शिकायत पुलिस में दी गई है। मगर पुष्टि नहीं हो पाई है। अब पढ़िए दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर क्या आरोप लगाए पहला पक्ष : डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह का कहना कि ” वीरेंद्र सिंह, बलकौर सिंह, शमशेर लहरी और नंदलाल ग्रोवर डेरे की गद्दी हथियाने के चक्कर में महाराज बहादुर चंद वकील का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करना चाहते थे। मगर हम इससे सहमत नहीं हुए। महाराज जी की मौत संदिग्ध है और इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए। अमर सिंह का कहना कि पुलिस में भी लिखित शिकायत की गई है। दूसरा पक्ष : महात्मा बिरेंद्र सिंह से जुड़े लोगों का कहना है कि डेरा प्रमुख के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को डेरे में लगाया गया था। यहां डेरा प्रमुख की वसीयत पढ़ी जा रही थी तभी यहां दूसरे पक्ष के लोगों ने हंगामा कर दिया। दूसरे पक्ष की ओर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह बेबुनियाद हैं। महाराज जी ने पूरे होश में वसीयत तैयार करवाई है जिसकी बकायदा वीडियोग्राफी करवाई गई है। लॉ कर संत बहादुर चंद बने मस्ताना शाह बलूचिस्तानी डेरा जगमालवाली के प्रमुख
संत बहादुर चंद मूल रूप से चौटाला गांव के रहने वाले थे। उनका जन्म 10 दिसंबर 1944 को चौटाला में ही हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने हिसार के दयानंद कॉलेज से आगे की पढ़ाई की। यहां वे आर्य समाज प्रचारणी सभा के अध्यक्ष बने। इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ के लॉ कॉलेज से स्नातक किया। 1968 में लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे डेरा जगमालवाली में शामिल हो गए। 9 अगस्त 1998 को संत बहादुर चंद को डेरे की गद्दी सौंपी गई और तब से वे मस्ताना शाह बलूचिस्तानी डेरा जगमालवाली के प्रमुख हैं। जगमालवाली 300 साल पहले बसा था, जो मंडी से 8 किलोमीटर की दूरी पर है। 60 साल पहले बना था बलूचिस्तानी आश्रम
डेरा की शुरुआत 1964-65 में हुई। यहां बाबा सज्जन सिंह रूहल ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को अपनी कई एकड़ जमीन दान में दी और डेरा बनाने का अनुरोध किया। जिस पर संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने यहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। पहले छोटा सा आश्रम था। अब करीब 100-100 फीट का सचखंड बनाया गया है। इसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना है।