हरियाणा विधानसभा सत्र का आखिरी दिन:केंद्र ने लौटाए 2 बिल वापस लिए; जॉब सिक्योरिटी बिल पर विपक्ष भड़का, CM ने संभाला मोर्चा

हरियाणा विधानसभा सत्र का आखिरी दिन:केंद्र ने लौटाए 2 बिल वापस लिए; जॉब सिक्योरिटी बिल पर विपक्ष भड़का, CM ने संभाला मोर्चा

हरियाणा विधानसभा सत्र का आज आखिरी दिन है। विपक्ष के कई विधायकों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए हैं, जिन पर सदन में चर्चा होगी। तीसरे दिन जॉब सिक्योरिटी बिल पास हुआ। इस पर विपक्षी विधायकों ने सवाल उठाए। हालांकि सेशन की बढ़ाई गई अवधि में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने खुद मोर्चा संभालते हुए विपक्ष के सवालों के जवाब दिए। वहीं, पिछले साल विधानसभा में पारित 2 बिलों को केंद्र सरकार ने मंजूरी नहीं दी। ये दोनों बिल पूर्व मनोहर सरकार के कार्यकाल में पारित कर मंजूरी के लिए भेजे गए थे। सोमवार को दोनों बिलों को सरकार ने वापस ले लिया। इन दोनों विधेयकों को वापस लेने के बाद अब राज्य सरकार इनमें आवश्यक बदलाव करेगी। यह भी संभव है कि इन बिलों को दोबारा पेश ही न किया जाए, क्योंकि अभी तक सरकार ने इन बिलों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है दोनों बिल के बारे में पढ़िए…
हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 में राज्य में होने वाले संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने के कड़े प्रावधान किए गए थे। कांग्रेस इस कानून के विरोध में थी। दूसरा कानून हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल ऑफ डेड बॉडी बिल था। जिसमें किसी भी शव के साथ प्रदर्शन, धरना या रोड जाम करने पर छह माह से पांच साल तक कैद व एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया था। हरियाणा विधानसभा में हुआ था हंगामा
हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 जब पास हुआ था, तब मनोहर लाल मुख्यमंत्री थे। इस बिल के पेश होने के दौरान विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन जबरदस्त हंगामा हुआ था। सीएम सैनी ने विधानसभा में कहीं ये 4 बड़ी बातें… 1.नौकरी की सुरक्षा दे रहे हैं सरकार
हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा का आश्वासन) विधेयक 2024 विधानसभा में पारित हो गया। विधेयक पारित करने से पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में कहा कि हमने 1,20,000 युवाओं से जो वादा किया था, उसे आज पूरा किया जा रहा है। वादे के मुताबिक हम अस्थाई कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा दे रहे हैं। 50,000 से अधिक मासिक आय वाले कर्मचारियों के लिए भी हम विधेयक लाएंगे और उन्हें सेवा सुरक्षा प्रदान करेंगे। 2. सकारात्मक परिणाम सामने लाएगी सरकार
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की जा रही है, सरकार जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने लाएगी। एचकेआरएन को 1 अप्रैल 2022 को लागू किया गया, पहले युवा ठेकेदारों के लिए मेहनत करके 3000-5000 रुपए पाते थे। हमने चयन मानदंड के लिए पारिवारिक आय, युवाओं की आयु और कौशल योग्यता के अंक रखकर पारदर्शिता लाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जहां अंधेरा है, वहां दीया जलाना कब मना है। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन घरों में दीया जलाया। 3. खतरे में रहता था भविष्य
विपक्ष ने कहा कि अगर वे सत्ता में आए तो एचकेआरएन को बंद कर देंगे। जनता ने उन्हें इसका परिणाम दे दिया है। 2 लाख नौकरियां इनसे अलग हैं। हम वो नौकरियां भी बिना किसी पर्ची या खर्चे के देंगे। पहले अगर ठेकेदार के माध्यम से युवाओं की नौकरी लगती थी तो उनका भविष्य खतरे में रहता था। ठेकेदार बदल दिया तो भी भविष्य खतरे में रहता था। 4. 28 प्रतिशत कर्मचारी अनुसूचित जाति से
एचकेआरएन में 37404 यानी 28 प्रतिशत कर्मचारी अनुसूचित जाति से हैं। 41376 यानी 32 प्रतिशत कर्मचारी पिछड़े वर्ग से हैं। पहले चौकीदार को 500 रुपए दिए जाते थे, उनकी हालत भी हमारी सरकार ने सुधारी। भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय के मामले में जांच चल रही है। इसमें किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। हमारी सरकार ने कर्मचारियों को 14000 न्यूनतम वेतन देना सुनिश्चित किया है हरियाणा विधानसभा सत्र का आज आखिरी दिन है। विपक्ष के कई विधायकों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए हैं, जिन पर सदन में चर्चा होगी। तीसरे दिन जॉब सिक्योरिटी बिल पास हुआ। इस पर विपक्षी विधायकों ने सवाल उठाए। हालांकि सेशन की बढ़ाई गई अवधि में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने खुद मोर्चा संभालते हुए विपक्ष के सवालों के जवाब दिए। वहीं, पिछले साल विधानसभा में पारित 2 बिलों को केंद्र सरकार ने मंजूरी नहीं दी। ये दोनों बिल पूर्व मनोहर सरकार के कार्यकाल में पारित कर मंजूरी के लिए भेजे गए थे। सोमवार को दोनों बिलों को सरकार ने वापस ले लिया। इन दोनों विधेयकों को वापस लेने के बाद अब राज्य सरकार इनमें आवश्यक बदलाव करेगी। यह भी संभव है कि इन बिलों को दोबारा पेश ही न किया जाए, क्योंकि अभी तक सरकार ने इन बिलों को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है दोनों बिल के बारे में पढ़िए…
हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 में राज्य में होने वाले संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने के कड़े प्रावधान किए गए थे। कांग्रेस इस कानून के विरोध में थी। दूसरा कानून हरियाणा ऑनरेबल डिस्पोजल ऑफ डेड बॉडी बिल था। जिसमें किसी भी शव के साथ प्रदर्शन, धरना या रोड जाम करने पर छह माह से पांच साल तक कैद व एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया गया था। हरियाणा विधानसभा में हुआ था हंगामा
हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक 2023 जब पास हुआ था, तब मनोहर लाल मुख्यमंत्री थे। इस बिल के पेश होने के दौरान विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन जबरदस्त हंगामा हुआ था। सीएम सैनी ने विधानसभा में कहीं ये 4 बड़ी बातें… 1.नौकरी की सुरक्षा दे रहे हैं सरकार
हरियाणा संविदा कर्मचारी (सेवा का आश्वासन) विधेयक 2024 विधानसभा में पारित हो गया। विधेयक पारित करने से पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में कहा कि हमने 1,20,000 युवाओं से जो वादा किया था, उसे आज पूरा किया जा रहा है। वादे के मुताबिक हम अस्थाई कर्मचारियों को नौकरी की सुरक्षा दे रहे हैं। 50,000 से अधिक मासिक आय वाले कर्मचारियों के लिए भी हम विधेयक लाएंगे और उन्हें सेवा सुरक्षा प्रदान करेंगे। 2. सकारात्मक परिणाम सामने लाएगी सरकार
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की जा रही है, सरकार जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने लाएगी। एचकेआरएन को 1 अप्रैल 2022 को लागू किया गया, पहले युवा ठेकेदारों के लिए मेहनत करके 3000-5000 रुपए पाते थे। हमने चयन मानदंड के लिए पारिवारिक आय, युवाओं की आयु और कौशल योग्यता के अंक रखकर पारदर्शिता लाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जहां अंधेरा है, वहां दीया जलाना कब मना है। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन घरों में दीया जलाया। 3. खतरे में रहता था भविष्य
विपक्ष ने कहा कि अगर वे सत्ता में आए तो एचकेआरएन को बंद कर देंगे। जनता ने उन्हें इसका परिणाम दे दिया है। 2 लाख नौकरियां इनसे अलग हैं। हम वो नौकरियां भी बिना किसी पर्ची या खर्चे के देंगे। पहले अगर ठेकेदार के माध्यम से युवाओं की नौकरी लगती थी तो उनका भविष्य खतरे में रहता था। ठेकेदार बदल दिया तो भी भविष्य खतरे में रहता था। 4. 28 प्रतिशत कर्मचारी अनुसूचित जाति से
एचकेआरएन में 37404 यानी 28 प्रतिशत कर्मचारी अनुसूचित जाति से हैं। 41376 यानी 32 प्रतिशत कर्मचारी पिछड़े वर्ग से हैं। पहले चौकीदार को 500 रुपए दिए जाते थे, उनकी हालत भी हमारी सरकार ने सुधारी। भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय के मामले में जांच चल रही है। इसमें किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। हमारी सरकार ने कर्मचारियों को 14000 न्यूनतम वेतन देना सुनिश्चित किया है   हरियाणा | दैनिक भास्कर