हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी इलेक्शन मोड में आ गए हैं। इसी को लेकर चंडीगढ़ स्थित सीएम हाउस में बंपर ज्वाइनिंग प्रोग्राम रखा गया। इस प्रोग्राम में कांग्रेस सहित दूसरे दलों के 1000 नेताओं को भाजपा ज्वाइनिंग कराई गई। कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में आई MLA किरण चौधरी के नेतृत्व में सरपंच, पूर्व सरपंच, ब्लॉक समिति चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, नंबरदार, गांव के मौजिज लोग बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता ली। इसके अलावा हरियाणा यूथ कांग्रेस के लीडर एवं कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ चुके कई नेता भी भाजपा में शामिल हुए। इस मौके पर सीएम नायब सैनी ने पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल को विकास पुरुष बताया। उन्होंने कहा कि बंसीलाल प्रदेश के विकास को एक नई दिशा दी। मैं बंसीलाल से कई बार मिला: सीएम सीएम सैनी ने कहा कि हमारा हरियाणा कैसे आगे बढ़े उन्होंने इसी को लेकर लगातार काम किया। मेरा चौधरी बंसीलाल से किसी न किसी काम को मिलना हुआ करता था। चौधरी सुरेंद्र सिंह से भी कई बार मेरा मिलना हुआ। क्योंकि गठबंधन में सरकार थी, चौधरी बंसीलाल से सीखने को मिलता था। सीएम ने किरण चौधरी के समर्थकों को बीजेपी ज्वाइन कराते हुए कहा कि आज इतनी भारी संख्या में आप सब कांग्रेस को छोड़कर आए हैं, यह बहुत बड़ी बात है। किरण बोलीं- मैं मुख्यमंत्री नायब सैनी की कायल कांग्रेस छोड़कर आई तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने कहा कि मैं सीएम नायब सैनी की कायल हूं। हरियाणा में अबकी बार नायब सिंह सैनी की सरकार आना तय है। ये सीएम ही हैं कि इन्होंने सरपंचों की मौज करवा दी। आने वाले समय में सूबे में एक बहुत बड़ी मीटिंग की जाएगी। कांग्रेस पर हमला करते हुए किरण चौधरी ने कहा कि कांग्रेस केवल झूठ बोलती है, कांग्रेस के लोग झूठ बोलने का काम करते हैं। कांग्रेस षड्यंत्र करती है। श्रुति बोली- मैं आज बहुत खुश सीएम हाउस में ज्वाइनिंग से पहले पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने कहा कि आज बहुत खुशी का दिन है। आज हम सब इकट्ठा होकर आए हैं। हम बीजेपी को मजबूत करने के लिए आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई विकास कार्य किए हैं, यही कारण है कि तीसरी बार सत्ता में भाजपा आई है। कांग्रेस के मुकाबले भाजपा कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान देती है। मुख्यमंत्री नायब सैनी लोगों के हितों में काम कर रहे हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी इलेक्शन मोड में आ गए हैं। इसी को लेकर चंडीगढ़ स्थित सीएम हाउस में बंपर ज्वाइनिंग प्रोग्राम रखा गया। इस प्रोग्राम में कांग्रेस सहित दूसरे दलों के 1000 नेताओं को भाजपा ज्वाइनिंग कराई गई। कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में आई MLA किरण चौधरी के नेतृत्व में सरपंच, पूर्व सरपंच, ब्लॉक समिति चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, नंबरदार, गांव के मौजिज लोग बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता ली। इसके अलावा हरियाणा यूथ कांग्रेस के लीडर एवं कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ चुके कई नेता भी भाजपा में शामिल हुए। इस मौके पर सीएम नायब सैनी ने पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल को विकास पुरुष बताया। उन्होंने कहा कि बंसीलाल प्रदेश के विकास को एक नई दिशा दी। मैं बंसीलाल से कई बार मिला: सीएम सीएम सैनी ने कहा कि हमारा हरियाणा कैसे आगे बढ़े उन्होंने इसी को लेकर लगातार काम किया। मेरा चौधरी बंसीलाल से किसी न किसी काम को मिलना हुआ करता था। चौधरी सुरेंद्र सिंह से भी कई बार मेरा मिलना हुआ। क्योंकि गठबंधन में सरकार थी, चौधरी बंसीलाल से सीखने को मिलता था। सीएम ने किरण चौधरी के समर्थकों को बीजेपी ज्वाइन कराते हुए कहा कि आज इतनी भारी संख्या में आप सब कांग्रेस को छोड़कर आए हैं, यह बहुत बड़ी बात है। किरण बोलीं- मैं मुख्यमंत्री नायब सैनी की कायल कांग्रेस छोड़कर आई तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने कहा कि मैं सीएम नायब सैनी की कायल हूं। हरियाणा में अबकी बार नायब सिंह सैनी की सरकार आना तय है। ये सीएम ही हैं कि इन्होंने सरपंचों की मौज करवा दी। आने वाले समय में सूबे में एक बहुत बड़ी मीटिंग की जाएगी। कांग्रेस पर हमला करते हुए किरण चौधरी ने कहा कि कांग्रेस केवल झूठ बोलती है, कांग्रेस के लोग झूठ बोलने का काम करते हैं। कांग्रेस षड्यंत्र करती है। श्रुति बोली- मैं आज बहुत खुश सीएम हाउस में ज्वाइनिंग से पहले पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने कहा कि आज बहुत खुशी का दिन है। आज हम सब इकट्ठा होकर आए हैं। हम बीजेपी को मजबूत करने के लिए आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई विकास कार्य किए हैं, यही कारण है कि तीसरी बार सत्ता में भाजपा आई है। कांग्रेस के मुकाबले भाजपा कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान देती है। मुख्यमंत्री नायब सैनी लोगों के हितों में काम कर रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार में बस स्टैंड शिफ्ट करने का विरोध:स्वास्थ्य मंत्री सावित्री जिंदल के ड्रीम प्रोजेक्ट को रोकेंगे व्यापारी, सीएम से मिलेंगी पूर्व विधायक हरियाणा में हिसार बस स्टैंड को शिफ्ट करने का विरोध शुरू हो गया है। हिसार के विधायक और कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता हिसार बस स्टैंड को शहर से बाहर शिफ्ट करना चाहते हैं। इसके लिए प्रस्ताव तैयार हो चुका है और जमीन भी फाइनल हो चुकी है। दूसरी ओर, हिसार के व्यापारी इसके विरोध में उतर आए हैं। 25 से ज्यादा मार्केट एसोसिएशन के एक समूह ने हिसार की पूर्व विधायक सावित्री जिंदल से मुलाकात की और कहा कि अगर यह बस स्टैंड शिफ्ट किया गया तो उनका कारोबार ठप हो जाएगा। खास बात यह है कि भाजपा पार्षद भी इसके खिलाफ हैं और वे व्यापारियों के साथ सावित्री जिंदल से मिलने भी गए। सावित्री जिंदल ने आश्वासन दिया कि अगर सभी दस्तावेज तैयार करके उन्हें दिए जाएं तो वे मुख्यमंत्री नायब सैनी से मिलकर इस प्रोजेक्ट को रद्द करवाएंगी। दूसरी ओर, हिसार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता इस प्रोजेक्ट पर दिन-रात काम कर रहे हैं और इसे शहर के लिए जरूरी बता रहे हैं। आपको बता दें कि हिसार बस स्टैंड 11 अगस्त 1969 को बना था और यह 21 एकड़ में फैला हुआ है। हिसार डिपो में करीब 279 रोडवेज बसें हैं और करीब 300 निजी बसें ग्रामीण व लंबे रूटों पर चलती हैं। हिसार बस स्टैंड को शिफ्ट करने के विरोध का कारण हिसार बस स्टैंड शहर में ऐसी जगह पर है जो सभी के लिए सुविधाजनक है। लोग आसानी से बाजार से खरीदारी कर वापस जा सकते हैं। दूसरा एजुकेशन और मेडिकल हब नजदीक है और बाजार से जुड़ा हुआ है। इसको लेकर एसोसिएशन ने रविवार को बैठक की। एसोसिएशन 24 जुलाई को फिर से बैठक करेगी। बस स्टैंड को शिफ्ट न करने की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री डॉ. कमल गुप्ता और मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेगी। शहरवासियों का कहना है कि अगर बस स्टैंड पहले से ही सही जगह पर है तो नए बस स्टैंड पर बेवजह करोड़ों रुपये क्यों खर्च किए जा रहे हैं। अगर बस स्टैंड को शिफ्ट किया गया तो लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। व्यापारियों ने कहा- इससे बेहतर स्थान नहीं हो सकता व्यापारियों ने कहा कि हिसार बस स्टैंड प्रदेश के सबसे अच्छे बस स्टैंड में से एक है और यहां पर्याप्त जगह भी है। मंत्री का कहना है कि इससे यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा। वहीं व्यापारियों का कहना है कि अगर बस स्टैंड के पास से अतिक्रमण हटा दिया जाए और रेहड़ी-पटरी वालों को कहीं और जगह दी जाए तो यातायात आसानी से चलेगा। नया बस स्टैंड एयरपोर्ट के पास 30 एकड़ जमीन पर बनेगा। यहां से शहर में आने पर लोगों का अनावश्यक खर्च बढ़ेगा और रात में आना मुश्किल होगा। अभी सभी कॉलेज, यूनिवर्सिटी, कोचिंग सेंटर और मेडिकल हब नजदीक हैं। इसके अलावा नागोरी गेट, तलाकी गेट और अन्य बाजारों से कनेक्टिविटी है। शहर में स्कूल-कॉलेजों के करीब 20 हजार विद्यार्थी आते हैं। बसों में रोजाना 30 हजार से ज्यादा यात्री सफर करते हैं। सभी बाईपास बस स्टैंड से जुड़े हुए हैं भाजपा पार्षद अनिल जैन, पार्षद अमित ग्रोवर और आशीष लावट का कहना है कि हिसार बस स्टैंड बाहरी स्थान पर है। बस स्टैंड से सिविल अस्पताल और अनाज मंडी 500 मीटर की दूरी पर है। सिरसा बाईपास का बाकी हिस्सा खुला रास्ता है। इसके लिए करोड़ों खर्च किए जाएंगे। आज भी ऋषिनगर निवासी पिछले गेट का स्वागत करते हैं। पहले भी पिछला गेट खोला गया था। एलिवेटेड रोड बनाई जानी चाहिए। जिसकी लागत 40 करोड़ आई है। सभी बाईपास इस बस स्टैंड से जुड़े हुए हैं। अगर कोई यात्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास उतरता है तो उसे दूर आना पड़ेगा।
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रेवाड़ी में दूषित पानी से परेशान लोगों ने लगाया जाम:साल्हावास रोड 1 घंटे तक जाम रहा, पुलिस ने सख्ती दिखाई तो लोगों ने रोड खाली किया हरियाणा में रेवाड़ी जिले के कोसली कस्बा में शुक्रवार को सीवर ओवरफ्लो की समस्या से परेशान लोगों ने मेन रोड पर जाम लगा दिया। जाम की वजह से सड़क के दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी लाइनें लग गई। सूचना के बाद कोसली थाना पुलिस मौके पर पहुंची। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने सख्ती दिखाई तो जाम लगाने वाले लोगों ने सड़क को खोल दिया। दरअसल, कोसली कस्बा के साल्हावास रोड पर संगम सिनेमा के सामने कॉलोनी के लोग पिछले काफी समय से सीवर ओवरफ्लो की समस्या से परेशान है। सीवर का गंदा पानी लोगों को घरों तक पहुंच रहा है। इतना ही नहीं वाटर सप्लाई तक में दूषित पानी पहुंचने का खतरा बना हुआ है। दूषित पानी की वजह से पनपने वाले मच्छरों के कारण बीमारी फैलने का भी लोगों को डर है। स्थानीय लोगों की माने तो इसको लेकर कई बार अधिकारियों को शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। देखिए रोड़ जाम की फोटोज…। एक घंट जाम रहा रोड परेशान होकर काफी संख्या में स्थानीय लोगों ने शुक्रवार सुबह साल्हावास रोड को जाम कर दिया। सूचना के बाद कोसली थाना प्रभारी इंस्पेक्टर राजेंद्र कुमार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस टीम ने जाम लगाने वाले लोगों को काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन जब लोग सड़क से नहीं उठे तो पुलिस ने कार्रवाई करने की चेतावनी दी। इसके बाद स्थानीय लोगों ने जाम खोल दिया। करीब एक घंटे तक लगे जाम की वजह से सड़क से गुजरने वाले वाहन चालक भीषण गर्मी में परेशान रहे।
हरियाणा में BJP की हैट्रिक के पीछे की स्ट्रैटजी:विधायकों-मंत्रियों के टिकट काटकर एंटी इनकम्बेंसी से निपटा; 23 सीटों पर चेहरे बदलने समेत 5 वजहें
हरियाणा में BJP की हैट्रिक के पीछे की स्ट्रैटजी:विधायकों-मंत्रियों के टिकट काटकर एंटी इनकम्बेंसी से निपटा; 23 सीटों पर चेहरे बदलने समेत 5 वजहें भाजपा हरियाणा के इतिहास में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने वाली पार्टी बन गई है। पार्टी ने 2014 के 10 साल बाद, इस बार फिर से अपने बूते पूर्ण बहुमत हासिल किया है। मंगलवार को आए चुनावी नतीजों में वह राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 48 पर जीत दर्ज कर चुकी है। भाजपा के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी और सत्ता विरोधी लहर का दम भरने वाली कांग्रेस की हवा चुनावी नतीजों में निकल गई। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुआई में कांग्रेस की 2019 के मुकाबले 5 सीटें बढ़ीं, लेकिन वह बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई और 37 सीटों पर सिमट गई। भाजपा की इस हैट्रिक के पीछे कई फैक्टर रहे। पार्टी ने लोगों के गुस्से से निपटने के लिए 4 मंत्रियों समेत अपने एक तिहाई MLA के टिकट काट दिए थे। 2019 में उसके जो 23 चेहरे जीत नहीं पाए थे, इस बार उनकी जगह नए लोगों को मौका दिया गया और उनमें से 12 विजयी रहे। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पक्ष में एकजुट रहे दलित वोटों के अंदर सेंध लगाने में भी भाजपा के रणनीतिकार कामयाब रहे। पूरे चुनाव प्रचार के दौरान उसके नेताओं ने जिस तरह कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के प्रति सहानुभूति दिखाई और उनकी उपेक्षा का मुद्दा लगातार उठाया, उसका फायदा पार्टी को मिला। सिलसिलेवार ढंग से समझिए BJP की लगातार तीसरी जीत के 5 कारण 1. 14 विधायकों के टिकट काटे, 12 सीटें फिर से जीत लीं
BJP ने एंट्री इनकम्बेंसी से निपटने के लिए अपने 4 मंत्रियों समेत 14 विधायकों के टिकट काटकर उनकी सीट से नए चेहरों को मौका दिया था। यह दांव सटीक बैठा और पार्टी इनमें से 12 सीटें जीतने में कामयाब रही। दरअसल, हाईकमान यह भांप चुका था कि लोग पार्टी की नीतियों से नहीं बल्कि लोकल विधायकों-मंत्रियों से खफा हैं। जिन सीटों पर पार्टी ने चेहरे बदले, उनमें पलवल, फरीदाबाद व गुरुग्राम जैसी शहरी और बवानी खेड़ा, रानियां, अटेली, पिहोवा, सोहना व राई जैसी ग्रामीण सीट शामिल रही। पिहोवा और रतिया में पार्टी की यह रणनीति कामयाब नहीं रही। 2. सीएम समेत 3 MLA की सीट बदली, दो जीते
भाजपा हाईकमान ने सीएम नायब सिंह सैनी समेत तीन विधायकों की सीटें भी इस बार बदल दी थीं। इनमें लक्ष्मण यादव को कोसली की जगह रेवाड़ी और संजय सिंह को सोहना की जगह नूंह शिफ्ट किया गया। लक्ष्मण यादव रेवाड़ी में विजयी रहे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी करनाल की जगह लाडवा शिफ्ट किया गया। उन्होंने खट्टर के इस्तीफे के बाद करनाल से उपचुनाव लड़ा था और विधायक चुने गए थे। उन्होंने लाडवा में कांग्रेस के सिटिंग MLA मेवा सिंह को हराया। नूंह सीट से संजय सिंह हार गए। 3. बीजेपी ने 23 सीटों पर चेहरे बदले, 12 पर जीत मिली
भाजपा ने 15 विधायकों के अलावा राज्य की 90 में से 23 सीटों पर नए चेहरों को मौका दिया। 2019 में यहां उसके जो नेता चुनाव हार चुके थे, उन्हें फिर से मैदान में नहीं उतारा गया। इन 23 में से 12 चेहरे विजयी रहे। इनमें करनाल से जगमोहन आनंद, समालखा से मनमोहन भड़ाना, खरखौदा (SC) से पवन खरखौदा, सोनीपत से निखिल मदान और नलवा से रणधीर सिंह पनिहार शामिल हैं। बाढड़ा से उमेद सिंह पातुवास, दादरी से सुनील सतपाल सांगवान, कोसली से अनिल यादव डहीना, फरीदाबाद NIT से सतीश फागना, तोशाम में श्रुति चौधरी, कालका से शक्तिरानी शर्मा और उचाना से देवेंद्र अत्री भी जीत गए। भाजपा चेहरे बदलने के बावजूद जिन 11 सीटों पर नहीं जीत पाई, उनमें शाहाबाद (SC), पिहोवा, रतिया (SC), कालांवली (SC), रानियां, महम, गढ़ी-सांपला-किलोई, कलानौर (SC), बहादुरगढ़, झज्जर (SC) और बेरी शामिल रही। 4. 17 SC सीटों में से 8 सीटें जीतीं
हरियाणा में 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं। इनमें अंबाला जिले की मुलाना, यमुनानगर की साढौरा, कुरुक्षेत्र की शाहाबाद, कैथल की गुहला, करनाल की नीलोखेड़ी, पानीपत की इसराना, सोनीपत की खरखौदा, जींद की नरवाना, सिरसा की कालांवाली, फतेहाबाद की रतिया, हिसार की उकलाना, भिवानी की बवानीखेड़ा, झज्जर की झज्जर, रोहतक की कलानौर, रेवाड़ी की बावल, गुरुग्राम की पटौदी और पलवल जिले की होडल सीट शामिल हैं। इनमें से बवानी-खेड़ा, पटौदी, खरखौदा, नरवाना, नीलोखड़ी, बावल, इसराना और होडल पार्टी ने जीत ली। बाकी 7 सीटें कांग्रेस ने जीतीं। 5. हुड्डा को सबसे बड़ा झटका जाटलैंड के सोनीपत में
हरियाणा में कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका जाटलैंड में आने वाले रोहतक, झज्जर व सोनीपत जिले में लगा। यह इलाका भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ कहा जाता है। भाजपा ने इस बार सोनीपत की 6 में से 4 सीटें जीत लीं। इनमें गोहाना, खरखौदा, राई व सोनीपत शामिल हैं। गोहाना और खरखौदा सीटें तो पार्टी ने पहली बार जीतीं। 2014 व 2019 की मोदी वेव में भी कांग्रेस ने इन सीटों पर कब्जा बरकरार रखा था, लेकिन इस बार हुड्डा का यह गढ़ ढह गया। सोनीपत जिले की गन्नौर सीट पर भाजपा के बागी देवेंद्र कादियान बतौर निर्दलीय कैंडिडेट विजयी रहे। कांग्रेस सोनीपत जिले में सिर्फ बरौदा सीट जीत पाई। 5. अहीरवाल में 2014 जैसा प्रदर्शन
भाजपा ने अपने गढ़ अहीरवाल में इस बार 10 साल पुराना प्रदर्शन दोहराया। 2014 की मोदी वेव में BJP ने अहीरवाल में आने वाले रेवाड़ी, गुरुग्राम व महेंद्रगढ़ जिले की सभी 11 सीटें जीती थीं। 2019 में वह यहां 8 सीटें जीती। इस बार पार्टी 11 में से 9 सीटों पर विजयी रही। हालांकि लगातार दो बार से जीती नांगल चौधरी सीट इस बार भाजपा के हाथ से निकल गई। युवाओं से जुड़े 2 बड़े मुद्दों पर फोकस किया अग्निवीर को पेंशन वाली सरकारी नौकरी
हरियाणा ऐसा राज्य है जहां से बड़ी संख्या में युवा सेना में जाते हैं। यहां अग्निवीर के 4 साल में रिटायर होने को कांग्रेस ने मुद्दा बना लिया। BJP ने इसी मुद्दे को अपने फायदे में बदल दिया। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में वादा कर दिया कि हर अग्निवीर को पेंशन वाली सरकारी नौकरी दी जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी रैलियों में इसका भरोसा दिलाया। कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में ऐसा कोई ठोस वादा नहीं कर पाई। बिना पची-खर्ची सरकारी नौकरी
बीजेपी लगातार कहती रही कि पिछले 10 सालों में उन्होंने सरकारी नौकरी में पर्ची-खर्ची यानी सिफारिश और रिश्वत का सिस्टम खत्म किया है। इसके उलट कांग्रेस के उम्मीदवारों ने चुनाव के बीच ही सरकारी नौकरियों को लेकर सिफारिशी बातें कहनी शुरू कर दीं। कांग्रेस के कई कैंडिडेट्स ने तो कोटा तक फिक्स कर दिया। ऐसा वादा करने वाले नीरज शर्मा, कुलदीप शर्मा समेत कई नेता चुनाव ही हार गए। राज्य में करीब 18 से 39 साल के 94 लाख से ज्यादा वोटर हैं, जिनके बीच इसको लेकर कांग्रेस के खिलाफ गलत मैसेज गया। कांग्रेस के 28 में से 14 विधायक हारे
कांग्रेस ने अपने सभी 28 विधायकों को टिकट दिया था, लेकिन इनमें से 15 जीत नहीं पाए। हारने वालों में फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नीरज शर्मा भी शामिल रहे। नीरज शर्मा भाजपा सरकार के खिलाफ अपने परिधान को लेकर विशेष रूप से सुर्खियों में रहे। उनके अलावा बहादुरगढ़ से राजिंदर सिंह जून, सफीदों से सुभाष गंगोली, लाडवा से मेवा सिंह, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह, कालका से प्रदीप चौधरी, इसराना से बलबीर वाल्मीकि, समालखा से धर्मसिंह छौक्कर, रेवाड़ी से चिरंजीव राव, गोहाना से जगबीर सिंह मलिक, खरखौदा से जयवीर सिंह, सोनीपत से सुरेंद्र पंवार और रादौर के विधायक बिशनलाल सैनी भी हार गए।