<div id=”:oo” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:1cb” aria-controls=”:1cb” aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>Madhya Pradesh News:</strong> ठंड की दस्तक से पहले ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रवासी पक्षियों की चहचहाट सुनाई देने लगी है, लेकिन इस साल विदेश से आने वाले पक्षी भोपाल में कम दिखाई दे रहे हैं. बड़ी संख्या में आने वाली विदेशी पक्षियों की संख्या इस साल भोपाल में बेहद कम दिखाई दे रही है. अभी तक हजारों की संख्या में दिखाई देने वाली विदेशी पक्षियों की प्रजातियों में इस बार केवल कार्बोनेट ब्लैक और रेड प्रजाति ही देखने को मिली है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रवासी पक्षियों ने भोपाल से नाता तोड़ा</strong><br />कुछ समय पहले सर्दी आने तक विदेशी पक्षियों की 2000 प्रजाति भोपाल पहुंच जाती थी, जिनमें रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, कॉमन कूट, नॉर्थर्न शोवलर, कॉमन टील, ब्लैक हेडेड बंटिंग, रेड हेडेड बंटिंग, ब्रह्मिनी शेल्डक, लैसर वाइट थ्रोट, ग्रीन सैंडपेपर, पेंटेड स्टोर्क, ब्राउन हेडेड गल्ल, ब्लैक हेडेड गल्ल, पर्पल हेरॉन, लार्ज कार्मोरेंट, साइबेरियन स्टोन चैट, कॉमन चिफचैफ, यूरेशियन कूट, स्पॉट बिल डक, लैसर व्हिस्टलिंग डक, ब्लैक हेडेड आइबिस, ग्लॉसी आइबिस, रेड स्टार्ट, कॉमन स्निप, ब्लैक बिटर्न, स्पॉटेड ईगल पक्षी विशेष तौर पर भोपाल की ओर आते थे. लेकिन धीरे धीरे इनकी संख्या भी कम हो गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पीछे का कारण? </strong><br />इस मौसम तक लगभग 2000 से ज्यादा प्रजाति के विदेशी पक्षी भोपाल पंहुचते थे और अब केवल दो से तीन प्रजाति के पक्षी ही दिखाई दे रहे हैं, जिसमें कार्बोंनेट ब्लैक और रेड है. वेटलैंड और रामसर साइट्स जैसे विदेशी पक्षियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. इस मामले को लेकर पक्षी विशेषज्ञों का कहना है कि इसका सबसे बड़ा कारण लगातार बढ़ते जा रहे निर्माण कार्य और रूस यूक्रेन युद्ध के चलते भी पक्षी बीच में ही कही माइग्रेट हो रहे हैं. पक्षी विशेषज्ञों का कहना है कि, इस बार भोपाल के मौसम में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. इस बार प्रदेश में तापमान बढ़ने से गर्मी ज्यादा हो गई है. उम्मीद है कि ठंड बढ़ने से पक्षी फिर से भोपाल की ओर रुख करेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(अंबुज कुमार पांडेय की रिपोर्ट)</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mp-bjp-narendra-saluja-attack-on-congress-kamal-nath-assembly-by-elections-2824433″>उपचुनाव खत्म होते ही कमलनाथ ने भोपाल में…’, BJP ने कांग्रेस को घेरा</a></strong></p>
</div> <div id=”:oo” class=”Am aiL Al editable LW-avf tS-tW tS-tY” tabindex=”1″ role=”textbox” spellcheck=”false” aria-label=”Message Body” aria-multiline=”true” aria-owns=”:1cb” aria-controls=”:1cb” aria-expanded=”false”>
<p style=”text-align: justify;”><strong>Madhya Pradesh News:</strong> ठंड की दस्तक से पहले ही मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रवासी पक्षियों की चहचहाट सुनाई देने लगी है, लेकिन इस साल विदेश से आने वाले पक्षी भोपाल में कम दिखाई दे रहे हैं. बड़ी संख्या में आने वाली विदेशी पक्षियों की संख्या इस साल भोपाल में बेहद कम दिखाई दे रही है. अभी तक हजारों की संख्या में दिखाई देने वाली विदेशी पक्षियों की प्रजातियों में इस बार केवल कार्बोनेट ब्लैक और रेड प्रजाति ही देखने को मिली है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्रवासी पक्षियों ने भोपाल से नाता तोड़ा</strong><br />कुछ समय पहले सर्दी आने तक विदेशी पक्षियों की 2000 प्रजाति भोपाल पहुंच जाती थी, जिनमें रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, कॉमन कूट, नॉर्थर्न शोवलर, कॉमन टील, ब्लैक हेडेड बंटिंग, रेड हेडेड बंटिंग, ब्रह्मिनी शेल्डक, लैसर वाइट थ्रोट, ग्रीन सैंडपेपर, पेंटेड स्टोर्क, ब्राउन हेडेड गल्ल, ब्लैक हेडेड गल्ल, पर्पल हेरॉन, लार्ज कार्मोरेंट, साइबेरियन स्टोन चैट, कॉमन चिफचैफ, यूरेशियन कूट, स्पॉट बिल डक, लैसर व्हिस्टलिंग डक, ब्लैक हेडेड आइबिस, ग्लॉसी आइबिस, रेड स्टार्ट, कॉमन स्निप, ब्लैक बिटर्न, स्पॉटेड ईगल पक्षी विशेष तौर पर भोपाल की ओर आते थे. लेकिन धीरे धीरे इनकी संख्या भी कम हो गई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पीछे का कारण? </strong><br />इस मौसम तक लगभग 2000 से ज्यादा प्रजाति के विदेशी पक्षी भोपाल पंहुचते थे और अब केवल दो से तीन प्रजाति के पक्षी ही दिखाई दे रहे हैं, जिसमें कार्बोंनेट ब्लैक और रेड है. वेटलैंड और रामसर साइट्स जैसे विदेशी पक्षियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. इस मामले को लेकर पक्षी विशेषज्ञों का कहना है कि इसका सबसे बड़ा कारण लगातार बढ़ते जा रहे निर्माण कार्य और रूस यूक्रेन युद्ध के चलते भी पक्षी बीच में ही कही माइग्रेट हो रहे हैं. पक्षी विशेषज्ञों का कहना है कि, इस बार भोपाल के मौसम में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. इस बार प्रदेश में तापमान बढ़ने से गर्मी ज्यादा हो गई है. उम्मीद है कि ठंड बढ़ने से पक्षी फिर से भोपाल की ओर रुख करेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>(अंबुज कुमार पांडेय की रिपोर्ट)</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mp-bjp-narendra-saluja-attack-on-congress-kamal-nath-assembly-by-elections-2824433″>उपचुनाव खत्म होते ही कमलनाथ ने भोपाल में…’, BJP ने कांग्रेस को घेरा</a></strong></p>
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