हिसार जिले के गांव भाटला के पास ट्रैक्टर को एक कार ने पीछे से टक्कर मार दी। जिसमें ट्रैक्टर में सवार एक 58 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। हांसी के नागरिक अस्पताल में उसके शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया है। हांसी सदर थाना पुलिस ने अज्ञात कार ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हांसी सदर थाना पुलिस को दिए बयान में नसीब ने बताया कि वह दलाय सिहं कालोनी हांसी का रहने वाला है। मै दुकानदारी का काम करता हूं। मेरा पिता 58 वर्षीय बजीर जो चिनाई का काम करता था। 30 अक्टूबर को सुबह चिनाई के काम के लिए गांव भाटला निवासी जसबीर के पास गया हुआ था। वह शाम करीब 7 बजे पर मेरे पास मेरे ताऊ के लड़के मजीद का फोन आया की आप के पापा का गांव भाटला बस अड्डा के पास एक्सीडेंट हो गया है। उसने बताया कि वह सूचना के बाद नागरिक अस्पताल हांसी पहुंचा। जहां पर डॉक्टरों ने उसके पिता को चैक करके मृत घोषित कर दिया। उसने अपने तौर पर पता किया तो पता चला की मेरा पिता चिनाई का काम करके घर आने के लिए जसबीर के ट्रैक्टर में बैठ कर बस अड्डा गांव भाटला की तरफ जा रहे थे। ट्रैक्टर को जसबीर चला रहा था। जब भाटला स्कूल के सामने बने ब्रेकर के पास पहुंचे तो हासी की तरफ से एक वैगनआर कार के ड्राइवर ने कार को तेज रफ्तार व गफलत लापरवाही से चलाता हुआ आया और अपनी कार की सिधी टक्कर ट्रेक्टर ट्राली में मार दी। टक्कर लगने से ट्रैक्टर में बैठा मेरा पिता बजीर निचे गिर गया और कार की टक्कर मेरे पिता को लगी जिसमें मेरे पिता गंभीर रूप से घायल हो गए। जिसको इलाज के लिए हांसी के नागरिक अस्पताल में लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उसके पिता को मृत घोषित कर दिया। हांसी सदर थाना पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने 100 को कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने अज्ञात कर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हिसार जिले के गांव भाटला के पास ट्रैक्टर को एक कार ने पीछे से टक्कर मार दी। जिसमें ट्रैक्टर में सवार एक 58 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। हांसी के नागरिक अस्पताल में उसके शव का पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया है। हांसी सदर थाना पुलिस ने अज्ञात कार ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हांसी सदर थाना पुलिस को दिए बयान में नसीब ने बताया कि वह दलाय सिहं कालोनी हांसी का रहने वाला है। मै दुकानदारी का काम करता हूं। मेरा पिता 58 वर्षीय बजीर जो चिनाई का काम करता था। 30 अक्टूबर को सुबह चिनाई के काम के लिए गांव भाटला निवासी जसबीर के पास गया हुआ था। वह शाम करीब 7 बजे पर मेरे पास मेरे ताऊ के लड़के मजीद का फोन आया की आप के पापा का गांव भाटला बस अड्डा के पास एक्सीडेंट हो गया है। उसने बताया कि वह सूचना के बाद नागरिक अस्पताल हांसी पहुंचा। जहां पर डॉक्टरों ने उसके पिता को चैक करके मृत घोषित कर दिया। उसने अपने तौर पर पता किया तो पता चला की मेरा पिता चिनाई का काम करके घर आने के लिए जसबीर के ट्रैक्टर में बैठ कर बस अड्डा गांव भाटला की तरफ जा रहे थे। ट्रैक्टर को जसबीर चला रहा था। जब भाटला स्कूल के सामने बने ब्रेकर के पास पहुंचे तो हासी की तरफ से एक वैगनआर कार के ड्राइवर ने कार को तेज रफ्तार व गफलत लापरवाही से चलाता हुआ आया और अपनी कार की सिधी टक्कर ट्रेक्टर ट्राली में मार दी। टक्कर लगने से ट्रैक्टर में बैठा मेरा पिता बजीर निचे गिर गया और कार की टक्कर मेरे पिता को लगी जिसमें मेरे पिता गंभीर रूप से घायल हो गए। जिसको इलाज के लिए हांसी के नागरिक अस्पताल में लाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उसके पिता को मृत घोषित कर दिया। हांसी सदर थाना पुलिस को सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने 100 को कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने अज्ञात कर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में भूकंप के झटके:सहमे लोग घरों-दुकानों से बाहर निकले, तिगरा गांव रहा केंद्र; 3.0 रही तीव्रता
हरियाणा में भूकंप के झटके:सहमे लोग घरों-दुकानों से बाहर निकले, तिगरा गांव रहा केंद्र; 3.0 रही तीव्रता हरियाणा के महेंद्रगढ़ में शुक्रवार को भूकंप आया। शुक्रवार सुबह 9.16 बजे आए भूकंप का केंद्र नारनौल का तिगरा गांव था। इस भूकंप की तीव्रता 3.0 तीव्रता थी। लोग अपने घरों, दुकानों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। हालांकि अभी तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सुचना नहीं मिली है। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के मौसम विज्ञानी और भूगोलवेत्ता डॉ. चंद्र मोहन ने बताया कि भूकंप का केंद्र नारनौल के पास तिगरा गांव 28.12 अक्षांश और 76.21 देशांतर पर है। इस भूकंप की तीव्रता 3.0 तीव्रता थी और धरती के अंदर गहराई 10 किलोमीटर थी। नेशनल सिस्मोलॉजी सेंटर ने की तरफ से सोशल मीडिया पर दी भूकंप की जानकारी भूकंप को 4 जोन में बांटा
भारत में भूकंप को 4 जोन में बांटा गया है। जिसमें जोन 2, 3, 4 और 5 शामिल हैं। इसको खतरों के हिसाब से आंका जाता है। जोन 2 में सबसे कम खतरा और जोन 5 में सबसे अधिक खतरा होता है। मैप में जोन 2 को आसमानी रंग, जोन 3 को पीला रंग, जोन 4 को संतरी रंग और जोन 5 को लाल रंग दिया गया है। इसमें रोहतक जिले का दिल्ली साइड का क्षेत्र जोन 4 व हिसार साइड का क्षेत्र जोन 3 में आता है। क्या है हरियाणा में बार-बार भूकंप का कारण है?
उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले तक जमीन के नीचे एक फॉल्ट लाइन है। जिसमें अनगिनत दरारें होने की वजह से इसमें गतिविधियां चल रही हैं। इसमें जब प्लेट मूवमेंट होती है तो इसके आपस में टकराने से कंपन पैदा होता है। जिससे भूकंप के झटके महसूस होते है। भूकंप से बचने के लिए क्या करें?
घरों में भूकंप से बचने के लिए भूकंप रोधी पदार्थ से मकान बनाने चाहिए। 2-3 मंजिल से ज्यादा ऊंचा मकान भी नहीं बनाना चाहिए। इसके अलावा मकान बनाने से पहले मिट्टी की जांच के अलावा अन्य बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।
हरियाणा में गंगाजल देख नायब तहसीलदार ने दी रजिस्ट्री:डीड राइटर के जरिए रिश्वत मांगी; सीधे शिकायत की तो बोला- मैं कसम खाता हूं
हरियाणा में गंगाजल देख नायब तहसीलदार ने दी रजिस्ट्री:डीड राइटर के जरिए रिश्वत मांगी; सीधे शिकायत की तो बोला- मैं कसम खाता हूं हरियाणा के सिरसा में जमीन की रजिस्ट्री के लिए डीड राइटर के जरिए रिश्वत मांग रहा नायब तहसीलदार गंगाजल सामने देखकर डर गया। जमीन के मालिक के सामने अधिकारी रिश्वत मांगने की बात से मुकर रहा था, इसलिए व्यक्ति ने अधिकारी की टेबल पर गंगाजल लाकर रख दिया और कसम खाने के लिए कहा। इसके बाद अधिकारी ने तुरंत व्यक्ति को जमीन की रजिस्ट्री निकालकर दे दी। यह मामला सिरसा के डबवाली एरिया का है। पीड़ित का आरोप है कि उससे रिश्वत मांगी जा रही थी। जबकि, आरोपी का कहना है कि उसने कोई रिश्वत नहीं मांगी। डीड राइटर ने नायब तहसीलदार के नाम पर मांगी रिश्वत
डबवाली निवासी दर्शन मोंगा ने बताया है कि वह सब्जी बेचते हैं। उनके आवासीय प्लॉट की रजिस्ट्री 7 जून को हुई। वह रजिस्ट्री की कॉपी पाने के लिए तहसील के चक्कर काट रहे थे। जब वह जमीन के डीड राइटर के पास गए तो उसने कहा कि साहब को 10 हजार रुपए देने पड़ेंगे। इसके बाद ही रजिस्ट्री मिलेगी। साहब ने रजिस्ट्री अपने पास रख ली है। इसके बाद दर्शन नायब तहसीलदार रणबीर सिंह के पास पहुंच गए। उन्होंने तहसीलदार से कहा कि वह रजिस्ट्री के लिए 10 हजार रुपए नहीं देंगे। इस पर नायब तहसीलदार ने कहा कि वह रिश्वत नहीं मांग रहे। यह भी कहा कि उन्होंने किसी से सुविधा शुल्क नहीं मांगा। वह गंगाजल की कसम खा सकते हैं। गंगाजल देखकर अधिकारी ने कर दिया काम
जब उनसे कहा गया कि जब रिश्वत नहीं मांगी तो रजिस्ट्री दे दें। इस पर अधिकारी आनाकानी कर रहा था। इसके बाद 19 जून को दर्शन गंगाजल लेकर तहसील कार्यालय पहुंच गए। उन्होंने गंगाजल नायब तहसीलदार की टेबल पर रख दिया और कसम खाने को कहा। इससे नायब तहसीलदार के होश उड़ गए। उन्होंने संबंधित डीड राइटर और प्रॉपर्टी डीलर को बुलाया। नायब तहसीलदार की बुलाने पर सामने आए प्रॉपर्टी डीलर ने कहा कि डीड राइटर ने कहा था कि साहब 10 हजार रुपए मांगते हैं। वहीं, डीड राइटर ने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद नायब तहसीलदार ने गंगाजल से कसम नहीं खाई, लेकिन प्लॉट की रजिस्ट्री दे दी। SDM बोले- मामले को देखा जाएगा
इस प्रकरण पर डबवाली के SDM अभय सिंह जांगड़ा ने कहा कि डीड रायटर के पास जाने की कोई जरूरत नहीं थी। ऑनलाइन आवेदन भरकर रजिस्ट्री करवाई जा सकती है। मैं इस व्यवस्था को दोबारा चेक करवा रहा हूं। मामला क्या है, इसे भी देखता हूं। वहीं, नायब तहसीलदार रणबीर सिंह ने कहा कि मैंने किसी से सुविधा शुल्क नहीं मांगा। मैं तो खुद कहता हूं कि दलालों से बचकर रहो। जो व्यक्ति काम करवाने आता है, उसका काम बिना रुकावट किया जाता है। रजिस्ट्री कराने में किसी तरह की कोई परेशानी या देरी नहीं हो रही।
करनाल में कांग्रेस का हारे हुए उम्मीदवारों पर दांव:वीरेंद्र राठौर लगातार तीन बार, राकेश कंबोज 3, सुमिता 1 ने एक बार हारा चुनाव
करनाल में कांग्रेस का हारे हुए उम्मीदवारों पर दांव:वीरेंद्र राठौर लगातार तीन बार, राकेश कंबोज 3, सुमिता 1 ने एक बार हारा चुनाव हरियाणा में कांग्रेस ने 40 उम्मीदवारों वाली तीसरी लिस्ट जारी कर दी। बहुप्रतीक्षित लिस्ट के बाद कांग्रेस नेताओं और समर्थकों का इंतजार खत्म हो गया। करनाल विधानसभा में पूर्व विधायक सुमिता सिंह पर कांग्रेस ने विश्वास जताया है। इंद्री में पूर्व विधायक राकेश कुमार कंबोज को टिकट दिया गया है। घरौंडा विधानसभा में कांग्रेस की टिकट पर तीन बार हारने वाले कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र सिंह राठौर पर एक बार फिर कांग्रेस ने दांव खेला है। क्यों मिला टिकट करनाल में सुमिता सिंह ने 2005 में करीब 34 हजार के मार्जिन से चुनाव जीता। 2009 में सुमिता सिंह 3700 वोटों से जीती। 2014 में पार्टी ने उन्हें असंध विधानसभा से मैदान में उतारा लेकिन वहां से भाजपा उम्मीदवार से हार गई। सुमित सिंह पिछले काफी लंबे समय से लोगों के बीच में एक्टिव रही। उनके पास अच्छा और लंबा राजनीतिक अनुभव है, और पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के नजदीक है। जनता के बीच इनकी अच्छी पकड़ है और मजबूत स्थिति में है। आजाद प्रत्याशी रहते दूसरे नंबर रहे राकेश कुमार कंबोज इंद्री से 2005 में कांग्रेस की टिकट पर विधायक रह चुके हैं। 2009 में हरियाणा जनहित कांग्रेस से चुनाव लड़ा। तीसरे स्थान पर रहे। फिर 2014 में जनहित कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और फिर भी तीसरे स्थान पर रहे। 2019 में आजाद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और दूसरे स्थान पर रहे। कंबोज लगातार तीन बार हार चुके है। अब फिर से कांग्रेस ने उन पर विश्वास जताया है, उनकी जनता के बीच अच्छी पकड़ है और पिछला मार्जन महज सात हजार का था। राकेश हुड्डा के नजदीकी है और राकेश को राजनीति का लंबा अनुभव है। राहुल गांधी के करीबी वीरेंद्र सिंह राठौर घरौंडा की राजनीति में बड़ा चेहरा है। जिनके सीधे संबंध राहुल गांधी से है। कांग्रेस में राष्ट्रीय सचिव है और विरेंद्र राठौर ने 2005, 2009 और 2014 में विधानसभा का चुनाव लड़ा। किसी में भी चुनाव में वे जीत नहीं पाए। 2009 के चुनाव में ही वे दूसरे स्थान पर रहे थे, लेकिन अन्य चुनावों में वे तीसरे स्थान पर रहे। फिर भी कांग्रेस ने राठौर को टिकट दिया है। क्यों कटा टिकट करनाल में सुमित सिंह के साथ मनोज वाधवा भी टिकट मांग रहे थे। अशोक खुराना भी टिकट के दावेदारों में थे। मनोज वाधवा पंजाबी चेहरा तो थे, लेकिन वे कुछ ही महीने पहले बीजेपी से कांग्रेस में आए थे। वहीं, अशोक खुराना का राजनीति अनुभव सुमिता सिंह से कम आंकना उनके टिकट कटने का कारण माना जा रहा है। इसके अलावा दूसरा कारण यह भी है कि भाजपा पहले ही पंजाबी कैंडिडेट को उतार चुकी है। ऐसे में अशोक खुराना पंजाबी समाज से है और ज्यादा अनुभव नहीं है। 2019 में सांगवान की थी कांग्रेस जॉइन घरौंडा में नरेंद्र सांगवान इनेलो से विधायक रहे है और 2019 में कांग्रेस जॉइन की थी। उनको कांग्रेस में ज्यादा समय नहीं हुआ। सतीश राणा भी बीजेपी से कांग्रेस में आए थे और कोई चुनाव का अनुभव नहीं है। भूपेंद्र लाठर सूरजेवाला गुट से संबंध रखते है और नया चेहरा है। इनकी टिकट कटने के ये कारण माने जा रहे हैं। इंद्री में भीमसेन मेहता और नवज्योत कश्यप को झटका वहीं, इंद्री राकेश कंबोज के साथ नवजोत कश्यप और भीम सेन मेहता प्रबल दावेदारों में से एक थे। नवजोत कश्यप का टिकट इसलिए कटा क्योंकि पिछले चुनाव में राकेश कंबोज जो आजाद प्रत्याशी से उससे बहुत ज्यादा वोटो से हारी थी। वहीं भीमसेन मेहता पंजाबी समाज से आते इस सीट पर कश्यप व कांबोज समुदाय का दबाबा मना जाता है। जातीय समीकरणों को देखते हुए भीमसेन मेहता की टिकट कटने का मुख्य कारण माना जा रहा है।