हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की 24 नवंबर को जींद में हुई रैली का विवाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। मोहाली के एक वकील ने इसको लेकर एक याचिका डाली है। याचिका में कहा गया है कि 1194 सरकारी बसों का जींद रैली में इस्तेमाल किया है। ये पूरी तरह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट का दुरुपयोग किया है। याचिका में अपनी राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए पब्लिक मनी दुरुपयोग किए जाने का भी आरोप लगाया है। याचिका में दलील दी गई है कि रिप्रेसेंटशन ऑफ पीपल एक्ट 1951 के तहत दी गई शक्ति का कोई भी सरकार ऐसा नहीं कर सकती है। इस रैली में नेशनल हाई-वे और स्टेट हाई-वे का भी दुरुपयोग किया है। पैसे वसूलने का याचिका में किया गया आग्रह याचिका में आरोप लगाया गया कि सीएम के इस आयोजन के लिए लोगों को निशुल्क लाने के लिए राज्य परिवहन की बसों का प्रयोग किया गया। याचिका में इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए जींद रैली पर हुए व्यय को वसूलने का निर्देश देने के लिए हाई कोर्ट से आग्रह किया गया है। याचिका के अनुसार राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी खजाने का दुरुपयोग करके राज्य, सार्वजनिक खजाने की कीमत पर रैली के लिए राज्य परिवहन की बसों की मांग की गई थी। न्याय के हित में यह राशि सीएम और मंत्रियों से से वसूल किए जाने योग्य है। सीएम सैनी की कैबिनेट को भी दे चुके हैं चुनौती एडवोकेट जगमोहन भट्टी ने याचिका इससे पहले हरियाणा मंत्रिमंडल के गठन को भी चुनौती दी हुई है। उसके अनुसार संविधान के 91वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है। हरियाणा विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 90 है। ऐसे में संविधान के संशोधन के अनुसार कैबिनेट में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं। लेकिन हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, जो कि संविधान के संशोधन का उल्लंघन है। किस जिले से कितनी बसें गई याचिका में यह भी कहा गया है कि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर रैली में भीड़ जुटाने के लिए 1194 बसें लगाई गई थीं। इनमें से 103 बसें करनाल जिले से, 75 कैथल से, 25 सिरसा से, 10 गुरुग्राम से, 24 पंचकूला से, 250 रोहतक से, 25 फतेहाबाद से, 20 नूंह से, 250 जींद से, 60 भिवानी से, 50 हिसार से, 30 चरखी दादरी से, 50 पानीपत से, 25 सोनीपत जिले से, 20 रेवाड़ी से, 42 यमुनानगर से, 50 अंबाला से, 65 कुरुक्षेत्र से, 10 झज्जर से और 10 पलवल से रैली में आई थी। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी की 24 नवंबर को जींद में हुई रैली का विवाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। मोहाली के एक वकील ने इसको लेकर एक याचिका डाली है। याचिका में कहा गया है कि 1194 सरकारी बसों का जींद रैली में इस्तेमाल किया है। ये पूरी तरह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट का दुरुपयोग किया है। याचिका में अपनी राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए पब्लिक मनी दुरुपयोग किए जाने का भी आरोप लगाया है। याचिका में दलील दी गई है कि रिप्रेसेंटशन ऑफ पीपल एक्ट 1951 के तहत दी गई शक्ति का कोई भी सरकार ऐसा नहीं कर सकती है। इस रैली में नेशनल हाई-वे और स्टेट हाई-वे का भी दुरुपयोग किया है। पैसे वसूलने का याचिका में किया गया आग्रह याचिका में आरोप लगाया गया कि सीएम के इस आयोजन के लिए लोगों को निशुल्क लाने के लिए राज्य परिवहन की बसों का प्रयोग किया गया। याचिका में इसे नियमों के खिलाफ बताते हुए जींद रैली पर हुए व्यय को वसूलने का निर्देश देने के लिए हाई कोर्ट से आग्रह किया गया है। याचिका के अनुसार राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी खजाने का दुरुपयोग करके राज्य, सार्वजनिक खजाने की कीमत पर रैली के लिए राज्य परिवहन की बसों की मांग की गई थी। न्याय के हित में यह राशि सीएम और मंत्रियों से से वसूल किए जाने योग्य है। सीएम सैनी की कैबिनेट को भी दे चुके हैं चुनौती एडवोकेट जगमोहन भट्टी ने याचिका इससे पहले हरियाणा मंत्रिमंडल के गठन को भी चुनौती दी हुई है। उसके अनुसार संविधान के 91वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है। हरियाणा विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 90 है। ऐसे में संविधान के संशोधन के अनुसार कैबिनेट में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं। लेकिन हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, जो कि संविधान के संशोधन का उल्लंघन है। किस जिले से कितनी बसें गई याचिका में यह भी कहा गया है कि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर रैली में भीड़ जुटाने के लिए 1194 बसें लगाई गई थीं। इनमें से 103 बसें करनाल जिले से, 75 कैथल से, 25 सिरसा से, 10 गुरुग्राम से, 24 पंचकूला से, 250 रोहतक से, 25 फतेहाबाद से, 20 नूंह से, 250 जींद से, 60 भिवानी से, 50 हिसार से, 30 चरखी दादरी से, 50 पानीपत से, 25 सोनीपत जिले से, 20 रेवाड़ी से, 42 यमुनानगर से, 50 अंबाला से, 65 कुरुक्षेत्र से, 10 झज्जर से और 10 पलवल से रैली में आई थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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4 मिनट में ज्वेलर की हत्या,गहने लूटकर हरियाणा भागे थे:दो भाइयों के सीने में गोली मारी, हत्यारों से भिड़ गया था शोरूम का स्टाफ
4 मिनट में ज्वेलर की हत्या,गहने लूटकर हरियाणा भागे थे:दो भाइयों के सीने में गोली मारी, हत्यारों से भिड़ गया था शोरूम का स्टाफ राजस्थान के भिवाड़ी में ज्वेलर की गोली मारकर हत्या करने वाले बदमाशों का 15 घंटे बाद भी सुराग नहीं लगा है। आरोपियों के एनकाउंटर की मांग को लेकर आज व्यापारियों ने स्टेट हाईवे-919 बंद किया। नाराज व्यापारियों ने मौके पर पहुंचे भाजपा विधायक बाबा बालकनाथ का भी घेराव किया। करीब 6 घंटे बाद दोपहर 3 बजे व्यापारियों ने धरना खत्म कर दिया। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए 72 घंटे का समय मांगा, जिस पर सहमति बन गई। दरअसल, शुक्रवार शाम को शहर के समतल चौक में कमलेश ज्वेलर्स में 5 बदमाशों ने लूट के बाद फायरिंग की थी। घटना में शोरूम मालिक जयसिंह (48) की मौत हो गई। वहीं, उनके भाई और गार्ड के भी गोली लगी थी। आरोपी करीब चार-पांच मिनट में पूरी वारदात कर हरियाणा की ओर भाग गए। पहले देखिए कहां हुई घटना 5 तस्वीरों में देखें लूट की पूरी वारदात… शोरूम में घुसते ही मालिक पर किए ताबड़तोड़ वार शुक्रवार शाम करीब 7 बजे स्विफ्ट कार से पांच नकाबपोश ज्वलेरी शोरूम पहुंचे। उन्होंने शोरूम में एंट्री के साथ ही मालिक जयसिंह पर डंडे से ताबड़तोड़ वार किए। इसके बाद उसके बेटे वैभव और स्टाफ को भी मारपीट कर बंधक बना लिया। इससे पहले एक बदमाश ने बाहर खड़े गार्ड से मारपीट कर उसकी राइफल छीन ली। सभी को बंधक बनाकर दो बदमाशों ने तीन मिनट के भीतर लाखों की ज्वेलरी दो बैगों में भर ली। अचानक हुए हमले से घबराए आरोपी ज्वेलरी भरकर भागने की तैयारी कर रहे आरोपियों पर अचानक बाहर से जयसिंह के भाई मधुसूदन ने हमला कर दिया। इस बीच जयसिंह और स्टाफ के लोग भी बदमाशों पर टूट पड़े। अचानक हमले से घबराए पांचों बदमाश भागने लगे तो सभी ने उनका पीछा किया। छीना झपटी में जवेलरी से भरा एक बैग शोरूम में ही गिर गया। जबकि एक बैग लेकर वो बाहर की ओर भागे। कार में बैठने के दौरान एक आरोपी ने जयसिंह के सीने और कंधे पर गोली मार दी। उनके भाई मधुसुदन के भी सीने पर बदमाशों ने गोली मारी। वहीं, गार्ड पर भी फायरिंग की गई। पुलिस के अनुसार कुल 7 राउंड फायरिंग हुई थी। रास्ते में मौत, रीढ़ की हड्डी में फंसी गोली घायल जयसिंह को आसपास के दुकानदारों ने कार से हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई। वहीं, गार्ड सुजान सिंह को मारी गोली उनके कंधे से होती हुई रीढ़ की हड्डी में फंस गई। उन्हें गुरुग्राम रेफर किया गया है। जयसिंह के भाई मधुसुदन का भिवाड़ी में ही इलाज किया जा रहा है। उनके सीने से गोली निकाली गई है। हमले में जयसिंह के बेटे वैभव के सिर पर भी चोट आई है। हमले और लूट के बाद भिवाड़ी के सेंट्रल मार्केट में शुक्रवार शाम हंगामा हो गया। देर रात तक सभी व्यापारी बाजार में जमा रहे। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बदमाशों को पकड़ने के लिए दूसरे राज्यों में टीमें भेजी गई हैं। वारदात के बाद हरियाणा भागे बदमाश स्टेट हाईवे 919 सोना-तावडू से भिवाड़ी होते हुए NH-48 मिल जाता है। घटना स्थल से 400 मीटर दूर ही हरियाणा की बॉर्डर पर रेवाड़ी जिले का धारूहेड़ा कस्बा शुरू हो जाता है। बॉर्डर पर ही भिवाड़ी मोड पुलिस चौकी बनी हुई है, जिस पर करीब 10 पुलिसकर्मियों का स्टाफ तैनात रहता है। बताया जा रहा है कि वारदात को अंजाम देने के बाद बदमाश चौकी के सामने ही हरियाणा भागे हैं। घटना स्थल से करीब डेढ़ किलोमीटर भिवाड़ी पुलिस थाना और दो किलोमीटर एसपी ऑफिस है। इसके बाद शहर के बीचोबीच लूट की वारदात से व्यापारियों में नाराजगी है। महिला कॉन्स्टेबल ने की घायलों की मदद वारदात स्थल के पास की दुकान में शॉपिंग कर रही यूआईटी थाने की महिला हेड कॉन्स्टेबल ने घायलों की मदद की। शाेर-शराबा सुनकर मौके पर पहुंची कविता की कार से घायल जयसिंह और मधुसुदन को गोपीनाथ हॉस्पिटल पहुंचाया गया। वहीं, अन्य घायलों को कॉन्स्टेबल ने लोगों की मदद से टेंपो के जरिए हॉस्पिटल भेजा। लोग वीडियो बनाते रहे, नहीं की मदद हमले के दौरान शोरूम के बाहर खड़े लोग वीडियो बनाते रहे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। परिवार से जुड़े लोगों का कहना है कि पूरा घटनाक्रम करीब 5 मिनट तक चला, सड़क पर भीड़ भी जमा थी, लेकिन फिर भी बदमाश फरार हो गए। मृतक जयसिंह का घर शोरूम की ऊपरी मंजिल पर ही है। वहीं, उनके एक और भाई की भी ज्वेलरी शॉप है जो कुछ दूरी पर ही है। भिवाड़ी का बाजार बंद, हाईवे जाम शनिवार सुबह से भिवाड़ी के मुख्य बाजार घटना के विरोध में बंद रहा। व्यापारी सोना-तावडू हाईवे के बीच में बैठ गए। जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी उनको समझाने पहुंचे, लेकिन वे आरोपियों के एनकाउंटर की मांग पर अड़े रहे। हाईवे से निकलने वाले ट्रैफिक को दूसरे रास्तों से डायवर्ट किया गया। व्यापारियों का कहना था कि उनका धरना कार्रवाई पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा। हालांकि करीब 6 घंटे बाद दोपहर 3 बजे व्यापारियों ने धरना खत्म कर दिया। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए 72 घंटे का समय मांगा, जिस पर सहमति बन गई। पूर्व सीएम गहलोत ने कहा- यह घटना बेहद गंभीर
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भूपेंद्र हुड्डा ने खाली नहीं की सरकारी कोठी:15 दिन का टाइम मांगा था, ढाई महीने बीते; सरकार ने 2 लाख पीनल रेंट ठोका
भूपेंद्र हुड्डा ने खाली नहीं की सरकारी कोठी:15 दिन का टाइम मांगा था, ढाई महीने बीते; सरकार ने 2 लाख पीनल रेंट ठोका हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा ने चंडीगढ़ में स्थित सरकारी कोठी खाली नहीं की है। जिस वजह से सरकार ने उन पर पीनल रेंट की कार्रवाई शुरू कर दी है। सरकार अब तक हुड्डा पर 2 लाख से ज्यादा का पीनल रेंट लगा चुकी है। सरकार का तर्क है कि नियमों के अनुसार नई सरकार बनने के बाद हुड्डा को 15 दिन के भीतर यह कोठी नंबर 70 खाली करनी थी। मगर ढाई महीने से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी उन्होंने कोठी नहीं छोड़ी। 15 दिन का टाइम मांगा, लेकिन कब्जा नहीं छोड़ा
हरियाणा में विधानसभा चुनाव का रिजल्ट 8 अक्टूबर 2024 को आया था। जिसमें भाजपा ने 90 में से 48 सीटें जीतकर सरकार बनाई। इसके बाद CM नायब सैनी और उनके मंत्रियों ने 17 अक्टूबर 2024 को शपथ ली थी। सरकार ने हुड्डा को दिसंबर 2024 में कोठी खाली करने कहा था। हुड्डा ने इसके लिए 15 दिन का टाइम मांगा था, लेकिन अब करीब 2 महीने से ज्यादा समय हो चुका है। मंत्री गोयल ने मांगी थी कोठी, अब दूसरी के लिए आवेदन किया
हुड्डा जिस कोठी नंबर 70 पर कब्जा किए बैठे हैं, वह सैनी सरकार के मंत्री विपुल गोयल को पसंद आ गई थी। इसी वजह से सरकार ने भी इसे खाली कराने के लिए तेजी दिखाई। हालांकि हुड्डा के कोठी खाली न करने पर अब मंत्री गोयल ने दूसरी कोठी के लिए आवेदन कर दिया है। उन्होंने सरकार से चंडीगढ़ के सेक्टर 7 की कोठी नंबर 71 मांगी है। ये कोठी अभी चंडीगढ़ के कोटे की है, इसलिए सरकार यूटी की इस कोठी को अपनी 68 नंबर कोठी से बदलने की तैयारी कर रही है। इसके बाद गोयल को मनचाही कोठी मिल जाएगी। अभी वह MLA फ्लैट में अपना कामकाज चला रहे हैं। हुड्डा पर लगाए जा रहे पीनल रेंट का नियम क्या…
हरियाणा लोक निर्माण विभाग के नियमानुसार सरकार के किसी भी मंत्री या विधायक को नई सरकार बनने के 15 दिन में सरकारी आवास खाली करना होता है। यदि वह तय समय पर नहीं खाली करता है तो उसके खिलाफ पीनल रेंट की कार्रवाई होती है। पहले महीने मकान खाली नहीं होने पर 50 गुना किराया वसूल किया जाता है। दूसरे महीने में 100 गुना और तीसरे महीने 200 गुना पीनल रेंट वसूला जाता है। इसके बाद भी कोई कोठी खाली नहीं करता है तो फिर चौथे महीने से 400 गुना पीनल रेंट वसूल किया जाता है। कांग्रेस हाईकमान की वजह से हुड्डा का दावा कमजोर पड़ा
अगर भूपेंद्र हुड्डा को कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष बना देती तो कैबिनेट रैंक का दर्जा मिलने से उन्हें न तो कोठी खाली करनी पड़ती और न ही पीनल रेंट वसूलने की नौबत आती। हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने अभी नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा नहीं की है। इस बारे में सारे विधायक पहले ही कांग्रेस हाईकमान को अधिकार दे चुके हैं। 2019 में हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था। इसके बाद ही कैबिनेट मंत्री के बराबर रैंक दिए जाने की वजह से उन्हें सेक्टर 7 की यह कोठी नंबर 70 अलॉट की गई थी। इससे पहले 2014 से 2019 तक हुड्डा चंडीगढ़ के सेक्टर 3 स्थित MLA फ्लैट में रहते थे। हुड्डा की घोषणा भी उनके काम नहीं आई
भूपेंद्र हुड्डा जब हरियाणा के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने घोषणा की थी कि पूर्व मुख्यमंत्री को भी प्रदेश में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। उन्हें मंत्रियों को मिलने वाली तमाम सुविधाएं भी मिलेंगी। जब साल 2014 में घोषणा की गई तो इसके दायरे में तब दो ही पूर्व मुख्यमंत्री आते थे। इनमें एक चौधरी ओमप्रकाश चौटाला और दूसरे चौधरी हुकम सिंह थे। ओम प्रकाश चौटाला उस वक्त जेल में थे, इसलिए वह यह सुविधाएं नहीं ले पाए। हुकम सिंह को तब सरकार ने कैबिनेट मंत्री वाली सभी सुविधाएं प्रदान की थीं। हुड्डा ने जब यह नियम लागू किया, तब विपक्षी दलों और नेताओं का कहना था कि भूपेंद्र हुड्डा भविष्य में खुद का जुगाड़ कर रहे हैं। हुआ भी ऐसा ही, जब 2014 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हार गई और भाजपा सत्ता में आ गई तो हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री हो गए। मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में बनी पहली सरकार ने कुछ दिन बाद ही हुड्डा का फैसला पलट दिया। नए नेता प्रतिपक्ष को मिलेगा नया आवास
सरकार को भी अभी कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष का इंतजार है। जो भी नया नेता प्रतिपक्ष होगा, उसे सरकार नई कोठी दे सकती है। हुड्डा वाली कोठी को सरकार खाली कराना चाहती है। कैबिनेट रैंक के तहत चंडीगढ़ के सेक्टर 3, सेक्टर 7, सेक्टर 16 और पंचकूला में सेक्टर 12A में मंत्रियों के लिए आवास बनाए गए हैं। इनमें से किसी भी सेक्टर में नए नेता प्रतिपक्ष को आवास मिल सकता है। हालांकि, अधिकांश मंत्रियों को सेक्टर 3 व सेक्टर 7 की कोठियां ज्यादा पसंद आती हैं। मगर मौजूदा समय में सेक्टर 7 की 70 नंबर कोठी को छोड़कर अन्य सभी कोठियां अलॉट हो चुकी हैं। हारे मंत्री भी खाली कर चुके कोठी
विधानसभा चुनाव में भाजपा के 8 मंत्री चुनाव हार गए थे। इनमें कंवरपाल गुर्जर, सुभाष सुधा, जयप्रकाश दलाल, अभय यादव, संजय सिंह, कमल गुप्ता, असीम गोयल और रणजीत चौटाला शामिल हैं। इसके अलावा दुष्यंत चौटाला, देवेंद्र बबली जैसे नेता भी हार गए थे। चुनाव नतीजे आते ही उन्होंने 15 दिन के भीतर सरकारी कोठियां खाली कर दी थीं। जिसके बाद यह कोठियां मंत्रियों को अलॉट कर दी गईं। फिलहाल इन कोठियों में मरम्मत का काम चल रहा है। अनिल विज ने कोठी नहीं ली
सेक्टर 3 में मुख्यमंत्री आवास के साथ की कोठी सबसे वरिष्ठ मंत्री को अलॉट की जाती है। इस लिहाज से यह कोठी परिवहन मंत्री अनिल विज को मिलनी थी। हालांकि उन्होंने सरकारी आवास लेने से इनकार कर दिया। वह अंबाला से ही सचिवालय में अपडाउन करते हैं। ऐसे में यह कोठी पंचायत मंत्री कृष्णलाल पंवार को मिल गई।
लालू यादव के दामाद ने डिप्टी CM का दावा ठोका:चिरंजीव बोले-कांग्रेस सरकार बनी तो मेरा नाम तय, टिकट घोषणा से पहले नामांकन दिन तय
लालू यादव के दामाद ने डिप्टी CM का दावा ठोका:चिरंजीव बोले-कांग्रेस सरकार बनी तो मेरा नाम तय, टिकट घोषणा से पहले नामांकन दिन तय हरियाणा कांग्रेस में विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद हलचल तेज हो गई है। रेवाड़ी से विधायक व बिहार के पूर्व CM लालू यादव के दामाद चिरंजीव राव ने डिप्टी CM के लिए दावा ठोका है। इसके साथ उन्होंने टिकट फाइनल न होने से पहले ही नामांकन की तारीख भी तय कर दी। इसका ऐलान उन्होंने पिता कैप्टन अजय सिंह यादव के साथ रविवार को किया। उन्होंने रेवाड़ी स्थित कोठी पर चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं की बैठक ली। इस दौरान विधायक चिरंजीव राव ने अपने 5 साल का रिपोर्ट कार्ड भी कार्यकर्ताओं के बीच रखा। इसके बाद 9 तारीख को नामांकन दाखिल करने के पीछे कैप्टन ने खुद से जुड़े कुछ किस्से भी सुनाएं। कैप्टन बोले- 9 सितंबर पर्चा दाखिल करने की तारीख इसलिए रखी गई है, क्योंकि मेरी खुद की गाड़ी का नंबर 9 है और विधायक बेटे चिरंजीव की गाड़ी का नंबर भी 9 है। 9 शुभ व साहस का प्रतीक है। इसलिए 9 तारीख को पर्चा दाखिल किया जाएगा। चिरंजीव राव ने खुद को डिप्टी सीएम घोषित किया
कार्यकर्ता मीटिंग के दौरान चिरंजीव राव ने कहा कि अगर रेवाड़ी की जनता उन्हें इस बार विधायक चुनती है तो वह सरकार बनने पर डिप्टी सीएम के दावेदार होंगे। मीडिया कर्मियों ने जब इसको लेकर चिरंजीव राव से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि महत्वकांक्षा सभी की होती है और महत्वकांक्षा रखना गलत भी नहीं है। ऐसे ही मेरी भी है। क्योंकि 2019 के चुनाव में बीजेपी की लहर के बावजूद रेवाड़ी की जनता ने उन्हें जिताया था। उस बार बीजेपी का 75 पार का नारा चल रहा था, लेकिन इस बार जनता खुद कांग्रेस के पक्ष में 75 पार का नारा दे रही है। दक्षिणी हरियाणा में चौधर का फैसला विधायक करेंगे
इस दौरान कैप्टन अजय यादव ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए दक्षिणी हरियाणा में चौधर लाने के सवाल का भी जवाब दिया। कैप्टन बोले- इस बार चौधर लाने का फैसला जीतने वाले विधायक करेंगे। इस बार मेरे हाथ में कुछ नहीं है। हाईकमान तय करेगा। कैप्टन ने भाजपा को हर मोर्चे पर फेल बताया। उन्होंने कहा कि ट्रिपल इंजन की सरकार होने के बावजूद रेवाड़ी के लोग मूलभूत सुविधाओं को तरस गए। रेवाड़ी से कांग्रेस के कई दावेदार
रेवाड़ी विधानसभा सीट से कैप्टन अजय यादव 6 बार MLA बने। हालांकि 2014 में वह चुनाव हार गए। इसके बाद 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने कैप्टन के बेटे चिरंजीव राव को उतारा और उन्होंने अपने पहले ही चुनाव में जीत दर्ज की, लेकिन इस बार पिता-पुत्र के सामने कई चुनौतियां है। कांग्रेस की टिकट के दावेदारों की संख्या भी बढ़ गई है। चिरंजीव राव के अलावा उनके रिश्तेदार मनोज यादव, महाबीर मसानी, मंजीत जैलदार सहित कई अन्य नेता टिकट मांग रहे हैं।