हिमाचल प्रदेश में एंटी डिफैक्शन लॉ के तहत अयोग्य घोषित पूर्व विधायकों की पेंशन बंद करने वाला विधेयक राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सरकार को कुछ आपत्तियां लगाकर वापस भेजा है। राज्य सचिवालय में इस पर पांच दिन से मंथन चल रहा है। सूत्रों की माने तो बीती शाम को इस पर अफसरशाही ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से चर्चा कर दी है। अब राजभवन को विस्तृत जवाब भेजा जा रहा है। बता दें कि बीते 4 सितंबर को दल बदल कनून के तहत अयोग्य घोषित पूर्व विधायकों की पेंशन रोकने वाला संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित किया गया था। इसमें 2 पूर्व विधायक गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो की पेंशन बंद करने का प्रावधान किया गया। इसी तरह चार अन्य पूर्व विधायकों धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर की इस टर्म (14वीं विधानसभा) की पेंशन रोकने का प्रावधान किया। गवर्नर ने लगाई ये आपत्तियां राज्यपाल ने पूछा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) संशोधन विधेयक, 2024 को विधानसभा द्वारा पारित कर मेरी अनुमति के लिए भेजा गया है। इसे देखने पर पाया गया कि संशोधन विधेयक की धारा 6 (ख) में लागू होने की तिथि नहीं बताई गई। विधेयक में पेंशन की रिकवरी का भी प्रावधान किया गया। मगर यह स्पष्ट नहीं किया कि इस प्रावधान के अनुसार विधानसभा का फिर से सदस्य बनने के लिए व्यक्ति को दी जा रही अतिरिक्त पेंशन की भी वसूली की जानी है या नहीं? 6 कांग्रेस विधायकों ने किया था क्रॉस वोट बता दें कि मार्च 2024 में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोट किया था। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इनके खिलाफ एंटी डिफैक्शन लॉ के तहत कार्रवाई की और अयोग्य घोषित किया। इनमें से सुधीर शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल दोबारा चुनाव जीत कर आए। बाकी चार पूर्व विधायक BJP के टिकट पर चुनाव हार गए। चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो पहली बार विधायक बने थे। इसलिए कांग्रेस सरकार ने अयोग्य घोषित इन दोनों विधायकों की पेंशन बंद करने के लिए विधायक को विधानसभा में पारित किया। राज्यपाल इसे मंजूरी दे देते हैं तो इनकी पेंशन बंद हो जाएगी, जबकि जबकि सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल और रवि ठाकुर की एक टर्म (14वीं विधानसभा के कार्यकाल) की पेंशन रुक जाएगी। इन्होंने पार्टी व्हिप का किया था उलंघन बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों ने क्रॉस वोट किया था। इससे सत्तारूढ़ कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी राज्यसभा चुनाव हार गए और बीजेपी के हर्ष महाजन चुनाव जीते। क्रॉस वोट के बाद इन पर पार्टी व्हिप के उलंघन के आरोप लगे। इसकी सुनवाई के बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें संविधान के शेड्यूल-10 के तहत अयोग्य घोषित किया। एक बार जीते MLA को 93 हजार पेंशन प्रदेश में जो नेता एक बार विधायक बन जाता है, उसे लगभग 93000 रुपए पेंशन मिलती है। इसी तरह जो नेता जितनी बार विधायक चुना जाता है, उसकी पेंशन में पांच-पांच हजार रुपए अतिरिक्त जुड़ता जाता है। यानी जो नेता 6 बार विधायक बन चुका है। उसकी पेंशन में 30 हजार अतिरिक्त यानी 1,23,240 रुपए हो जाती है। हिमाचल प्रदेश में एंटी डिफैक्शन लॉ के तहत अयोग्य घोषित पूर्व विधायकों की पेंशन बंद करने वाला विधेयक राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सरकार को कुछ आपत्तियां लगाकर वापस भेजा है। राज्य सचिवालय में इस पर पांच दिन से मंथन चल रहा है। सूत्रों की माने तो बीती शाम को इस पर अफसरशाही ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से चर्चा कर दी है। अब राजभवन को विस्तृत जवाब भेजा जा रहा है। बता दें कि बीते 4 सितंबर को दल बदल कनून के तहत अयोग्य घोषित पूर्व विधायकों की पेंशन रोकने वाला संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित किया गया था। इसमें 2 पूर्व विधायक गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो की पेंशन बंद करने का प्रावधान किया गया। इसी तरह चार अन्य पूर्व विधायकों धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर की इस टर्म (14वीं विधानसभा) की पेंशन रोकने का प्रावधान किया। गवर्नर ने लगाई ये आपत्तियां राज्यपाल ने पूछा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा (सदस्यों के भत्ते और पेंशन) संशोधन विधेयक, 2024 को विधानसभा द्वारा पारित कर मेरी अनुमति के लिए भेजा गया है। इसे देखने पर पाया गया कि संशोधन विधेयक की धारा 6 (ख) में लागू होने की तिथि नहीं बताई गई। विधेयक में पेंशन की रिकवरी का भी प्रावधान किया गया। मगर यह स्पष्ट नहीं किया कि इस प्रावधान के अनुसार विधानसभा का फिर से सदस्य बनने के लिए व्यक्ति को दी जा रही अतिरिक्त पेंशन की भी वसूली की जानी है या नहीं? 6 कांग्रेस विधायकों ने किया था क्रॉस वोट बता दें कि मार्च 2024 में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोट किया था। स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इनके खिलाफ एंटी डिफैक्शन लॉ के तहत कार्रवाई की और अयोग्य घोषित किया। इनमें से सुधीर शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल दोबारा चुनाव जीत कर आए। बाकी चार पूर्व विधायक BJP के टिकट पर चुनाव हार गए। चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो पहली बार विधायक बने थे। इसलिए कांग्रेस सरकार ने अयोग्य घोषित इन दोनों विधायकों की पेंशन बंद करने के लिए विधायक को विधानसभा में पारित किया। राज्यपाल इसे मंजूरी दे देते हैं तो इनकी पेंशन बंद हो जाएगी, जबकि जबकि सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजेंद्र राणा, बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल और रवि ठाकुर की एक टर्म (14वीं विधानसभा के कार्यकाल) की पेंशन रुक जाएगी। इन्होंने पार्टी व्हिप का किया था उलंघन बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों ने क्रॉस वोट किया था। इससे सत्तारूढ़ कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी राज्यसभा चुनाव हार गए और बीजेपी के हर्ष महाजन चुनाव जीते। क्रॉस वोट के बाद इन पर पार्टी व्हिप के उलंघन के आरोप लगे। इसकी सुनवाई के बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें संविधान के शेड्यूल-10 के तहत अयोग्य घोषित किया। एक बार जीते MLA को 93 हजार पेंशन प्रदेश में जो नेता एक बार विधायक बन जाता है, उसे लगभग 93000 रुपए पेंशन मिलती है। इसी तरह जो नेता जितनी बार विधायक चुना जाता है, उसकी पेंशन में पांच-पांच हजार रुपए अतिरिक्त जुड़ता जाता है। यानी जो नेता 6 बार विधायक बन चुका है। उसकी पेंशन में 30 हजार अतिरिक्त यानी 1,23,240 रुपए हो जाती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल CM की अमित शाह के साथ मीटिंग:आपदा से तबाही की भरपाई को मांगेगे आर्थिक मदद; कांग्रेस हाईकमान से भी करेंगे मुलाकात हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में होने वाली पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (PDNA) मीटिंग में शामिल होंगे। इस दौरान वह मानसून की बारिश से हिमाचल में हुई तबाही की भरपाई के लिए राहत राशि देने की मांग उठाएंगे। हिमाचल में इस साल 1613 करोड़ रुपए की सरकारी व निजी संपत्ति को बरसात से नुकसान हुआ है, जबकि बीते साल 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति नष्ट हुई थी। राज्य सरकार ने बीते साल विधानसभा में विस्तृत चर्चा के बाद प्रस्ताव पास कर केंद्र को स्पेशल पैकेज देने के लिए भेजा था। राज्य सरकार के अनुसार, सदी की सबसे भीषण तबाही के बावजूद केंद्र ने एक रुपए की भी अतिरिक्त मदद हिमाचल को नहीं की। लिहाजा आज की मीटिंग में सीएम सुक्खू इस साल और बीते साल बरसात से हुई तबाही का मुद्दा उठाएंगे और हिमाचल की मदद के लिए आर्थिक सहयोग मांगेगे। राहुल-प्रियंका और खड़गे को देंगे न्योता दिल्ली दौरे के दौरान सीएम सुक्खू कांग्रेस हाईकमान से भी मुलाकात करेंगे। इसकी दो वजह है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और सांसद प्रियंका गांधी को हिमाचल आने का न्योता देना है। दूसरी हिमाचल कैबिनेट में संभावित फेरबदल और कांग्रेस का संगठन है। राज्य सरकार 11 दिसंबर को बिलासपुर में 2 साल पूरा करने पर जश्न मनाने जा रही है। इस कार्यक्रम में 25 हजार की भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए कांग्रेस के आला नेताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। कैबिनेट विस्तार को लेकर करेंगे बात शीर्ष नेताओं से मिलकर सीएम सुक्खू कुछ मंत्रियों को ड्रॉप कर नए की ताजपोशी और एक खाली पद भरने को लेकर चर्चा कर सकते है। इसी तरह प्रदेश में कांग्रेस के नया संगठन खड़ा किया जाना है। राज्य, जिला व ब्लाक कार्यकारिणी भंग कर दी गई है। अब पूरे प्रदेश में इकलौती पदाधिकारी कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह बची है। इसे लेकर भी सीएम हाईकमान से चर्चा कर सकते हैं। एडवोकेट से कर सकते हैं चर्चा दिल्ली में सीएम सुक्खू मुख्य संसदीय सचिव (CPS) केस में एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा से भी मुलाकात कर सकते हैं, क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इसे लेकर अगली रणनीति पर एडवोकेट से सीएम चर्चा कर सकते है।
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