हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला से ताल्लुक रखने वाले सिपाही अरविंद सिंह (27) जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ से 45 किलोमीटर दूर छात्रु इलाके में शहीद हो गए हैं। आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में अरविंद के अलावा एक अन्य सिपाही भी शहीद हुआ है। अरविंद हमीरपुर के हथोल (घनेटा) गांव का निवासी था। अरविंद के बलिदान होने की सूचना मिलते ही पैतृक गांव में मातम छा गया है। छात्रू इलाके में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के कुल दो जवान शहीद हो गए। इसके अलावा मुठभेड़ में दो अन्य गंभीर घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर उधमपुर के कमान अस्पताल पहुंचाया गया है। बलिदानी जवानों की पहचान व्हाइट नाइट कोर के नायब सूबेदार विपिन कुमार व सिपाही अरविंद सिंह के रूप में हुई है। अरविंद हमीरपुर जिला के हथोल गांव का निवासी है। धनेटा के साथ लगने वाले इस इलाके में यह सूचना मिलते ही शोक की लहर छा गई है। शहीद का पार्थिव शरीर आज शाम तक पालमपुर पहुंचेगा और राजकीय सम्मान के साथ रविवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। डीसी अमरजीत सिंह ने कहा कि दुःख की इस घड़ी में प्रशासन और सरकार अरविंद के परिवार के साथ है। अंतिम संस्कार में पूरा जिला प्रशासन शिरकत करेगा। कल तक पहुंचे पार्थिव शरीर उधर, एसपी राजेश कुमार ने बताया कि पार्थिव शरीर कल सुबह ही घर पर पहुंचेगा। बेटे की शहादत की सूचना पाकर माता बेसुध हैं। पत्नी पर दुःखों का पहाड़ टूट गया है। 15 महीने का बेटा है, जिसने अभी तक अपने पिता का मुंह तक ढंग से नहीं देखा था। अब उसके सिर से पिता का साया उठ गया है। अरविंद के पिता राजेंद्र सिंह भी सेना से रिटायर हैं। अरविंद 2017 में सेना में भर्ती हुआ था और काफी समय पहले घर आया था। उसकी शहादत की खबर मिलने के बाद घर में चूल्हा तक नहीं जला है। आसपास के लोग भी परिजनों को सांत्वना देने के लिए इकट्ठा हो गए हैं। परिजन नम आंखों से बलिदानी जवान की पार्थिक देह का इंतजार कर रहे हैं। अरविंद का छोटा भाई भी भारतीय सेना में ही सेवाएं दे रहा है। जैसे ही भाई के बलिदान की खबर मिली, वह तुरंत घर आ गया। शहीद के दादा भी भारतीय सेना में ही थे। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला से ताल्लुक रखने वाले सिपाही अरविंद सिंह (27) जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ से 45 किलोमीटर दूर छात्रु इलाके में शहीद हो गए हैं। आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में अरविंद के अलावा एक अन्य सिपाही भी शहीद हुआ है। अरविंद हमीरपुर के हथोल (घनेटा) गांव का निवासी था। अरविंद के बलिदान होने की सूचना मिलते ही पैतृक गांव में मातम छा गया है। छात्रू इलाके में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में सेना के कुल दो जवान शहीद हो गए। इसके अलावा मुठभेड़ में दो अन्य गंभीर घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर उधमपुर के कमान अस्पताल पहुंचाया गया है। बलिदानी जवानों की पहचान व्हाइट नाइट कोर के नायब सूबेदार विपिन कुमार व सिपाही अरविंद सिंह के रूप में हुई है। अरविंद हमीरपुर जिला के हथोल गांव का निवासी है। धनेटा के साथ लगने वाले इस इलाके में यह सूचना मिलते ही शोक की लहर छा गई है। शहीद का पार्थिव शरीर आज शाम तक पालमपुर पहुंचेगा और राजकीय सम्मान के साथ रविवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। डीसी अमरजीत सिंह ने कहा कि दुःख की इस घड़ी में प्रशासन और सरकार अरविंद के परिवार के साथ है। अंतिम संस्कार में पूरा जिला प्रशासन शिरकत करेगा। कल तक पहुंचे पार्थिव शरीर उधर, एसपी राजेश कुमार ने बताया कि पार्थिव शरीर कल सुबह ही घर पर पहुंचेगा। बेटे की शहादत की सूचना पाकर माता बेसुध हैं। पत्नी पर दुःखों का पहाड़ टूट गया है। 15 महीने का बेटा है, जिसने अभी तक अपने पिता का मुंह तक ढंग से नहीं देखा था। अब उसके सिर से पिता का साया उठ गया है। अरविंद के पिता राजेंद्र सिंह भी सेना से रिटायर हैं। अरविंद 2017 में सेना में भर्ती हुआ था और काफी समय पहले घर आया था। उसकी शहादत की खबर मिलने के बाद घर में चूल्हा तक नहीं जला है। आसपास के लोग भी परिजनों को सांत्वना देने के लिए इकट्ठा हो गए हैं। परिजन नम आंखों से बलिदानी जवान की पार्थिक देह का इंतजार कर रहे हैं। अरविंद का छोटा भाई भी भारतीय सेना में ही सेवाएं दे रहा है। जैसे ही भाई के बलिदान की खबर मिली, वह तुरंत घर आ गया। शहीद के दादा भी भारतीय सेना में ही थे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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