हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद के बाद बिगड़े माहौल की वजह से पर्यटन कारोबारी चिंतित है। खासकर शिमला, नारकंडा, कुफरी के पर्यटन स्थलों पर इस वजह से पर्यटक नहीं पहुंच पा रहे। जिन पर्यटकों ने 10 से 15 दिन पहले ऑनलाइन होटल की एडवांस बुकिंग करवा रखी थी, वह मौजूदा माहौल को देखते हुए अपनी बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं। शिमला के बाद अब प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी आए दिन मस्जिद विवाद में प्रदर्शन हो रहे हैं। इसका असर मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, कसौली इत्यादि पर्यटन स्थलों पर भी देखने को मिल सकता है। इसे देखते हुए पर्यटन व्यवसायी ने सरकार ने प्रदेश का आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। एडवांस बुकिंग कैंसिल: एमके सेठ शिमला होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहेंद्र कुमार सेठ ने बताया कि जो प्रोटेस्ट पिछले दिनों किया गया, इसका सीधा असर पर्यटन पर पड़ा है। होटल में लंबे वीकेंड पर एडवांस बुकिंग कैंसिल हुई है। होटल में पहले ही जुलाई से अभी तक न के बराबर ऑक्यूपेंसी थी। इस वीकेंड पर अच्छे टूरिस्ट आने की उम्मीद थी। मगर प्रोटेस्ट के चलते टूरिस्ट नहीं पहुंच रहा। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इसका समाधान जल्द करेगी, क्योंकि शिमला एक पर्यटन नगरी के साथ साथ सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी का इंतजाम करता है। यदि इस माहौल को जल्द शांत नहीं किया गया तो इसका असर नए साल तक नजर आएगा। नेशनल TV पर लाठीचार्ज, वाटर कैनन देख घबराए पर्यटक: अश्वनी शिमला के होटेलियर अश्वनी सूद ने बताया कि जिस तरह से नेशनल टीवी में वाटर कैनन और लाठीचार्च दिखाया जा रहा है। उससे पर्यटक डरे व सहमे हुए है और शिमला आने से कतरा रहा है। इसकी मार सीधे तौर पर टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ रही है। उन्होंने बताया कि 15 सितंबर तक 40 प्रतिशत से भी ज्यादा ऑक्युपेंसी हो जाती थी, लेकिन इस बार 20 प्रतिशत भी नहीं हो पाई। पूरे प्रदेश में होगा नुकसान : अनूप मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर ने बताया कि यदि मस्जिद विवाद जल्द शांत नहीं किया गया तो इसका असर पूरे प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर देखने को मिलेगा और पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस विवाद के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग प्रदेश आने से कतरा रहे हैं। 12 हजार करोड़ से ज्यादा का उद्योग बता दें कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का पर्यटन उद्योग का योगदान रहता है। राज्य में 4 लाख से ज्यादा परिवारों की रोजी-रोटी पर्यटन उद्योग पर निर्भर रहती है। प्रदेश की समृद्धि में सेब और टूरिज्म का सबसे बड़ा योगदान है। पर्यटकों के लिए पूरी तरह सेफ हिमाचल: CM मस्जिद विवाद में माहौल बिगड़ने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सर्वदलीय मीटिंग करके एक प्रस्ताव पास किया, जिसमें सभी दलों ने कहा, हिमाचल शांतिपूर्वक राज्य है। यहां हमेशा आपसी सद्भाव रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि आपसी भाईचारा बना रहे। प्रदेश टूरिज्म स्टेट है। हम यहां देश-विदेश के सभी पर्यटकों का स्वागत करते हैं। हिमाचल प्रदेश में मस्जिद विवाद के बाद बिगड़े माहौल की वजह से पर्यटन कारोबारी चिंतित है। खासकर शिमला, नारकंडा, कुफरी के पर्यटन स्थलों पर इस वजह से पर्यटक नहीं पहुंच पा रहे। जिन पर्यटकों ने 10 से 15 दिन पहले ऑनलाइन होटल की एडवांस बुकिंग करवा रखी थी, वह मौजूदा माहौल को देखते हुए अपनी बुकिंग कैंसिल करवा रहे हैं। शिमला के बाद अब प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी आए दिन मस्जिद विवाद में प्रदर्शन हो रहे हैं। इसका असर मनाली, धर्मशाला, डलहौजी, कसौली इत्यादि पर्यटन स्थलों पर भी देखने को मिल सकता है। इसे देखते हुए पर्यटन व्यवसायी ने सरकार ने प्रदेश का आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। एडवांस बुकिंग कैंसिल: एमके सेठ शिमला होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहेंद्र कुमार सेठ ने बताया कि जो प्रोटेस्ट पिछले दिनों किया गया, इसका सीधा असर पर्यटन पर पड़ा है। होटल में लंबे वीकेंड पर एडवांस बुकिंग कैंसिल हुई है। होटल में पहले ही जुलाई से अभी तक न के बराबर ऑक्यूपेंसी थी। इस वीकेंड पर अच्छे टूरिस्ट आने की उम्मीद थी। मगर प्रोटेस्ट के चलते टूरिस्ट नहीं पहुंच रहा। हम उम्मीद करते हैं कि सरकार इसका समाधान जल्द करेगी, क्योंकि शिमला एक पर्यटन नगरी के साथ साथ सैकड़ों लोगों की रोजी-रोटी का इंतजाम करता है। यदि इस माहौल को जल्द शांत नहीं किया गया तो इसका असर नए साल तक नजर आएगा। नेशनल TV पर लाठीचार्ज, वाटर कैनन देख घबराए पर्यटक: अश्वनी शिमला के होटेलियर अश्वनी सूद ने बताया कि जिस तरह से नेशनल टीवी में वाटर कैनन और लाठीचार्च दिखाया जा रहा है। उससे पर्यटक डरे व सहमे हुए है और शिमला आने से कतरा रहा है। इसकी मार सीधे तौर पर टूरिज्म इंडस्ट्री पर पड़ रही है। उन्होंने बताया कि 15 सितंबर तक 40 प्रतिशत से भी ज्यादा ऑक्युपेंसी हो जाती थी, लेकिन इस बार 20 प्रतिशत भी नहीं हो पाई। पूरे प्रदेश में होगा नुकसान : अनूप मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर ने बताया कि यदि मस्जिद विवाद जल्द शांत नहीं किया गया तो इसका असर पूरे प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर देखने को मिलेगा और पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस विवाद के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग प्रदेश आने से कतरा रहे हैं। 12 हजार करोड़ से ज्यादा का उद्योग बता दें कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का पर्यटन उद्योग का योगदान रहता है। राज्य में 4 लाख से ज्यादा परिवारों की रोजी-रोटी पर्यटन उद्योग पर निर्भर रहती है। प्रदेश की समृद्धि में सेब और टूरिज्म का सबसे बड़ा योगदान है। पर्यटकों के लिए पूरी तरह सेफ हिमाचल: CM मस्जिद विवाद में माहौल बिगड़ने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सर्वदलीय मीटिंग करके एक प्रस्ताव पास किया, जिसमें सभी दलों ने कहा, हिमाचल शांतिपूर्वक राज्य है। यहां हमेशा आपसी सद्भाव रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि आपसी भाईचारा बना रहे। प्रदेश टूरिज्म स्टेट है। हम यहां देश-विदेश के सभी पर्यटकों का स्वागत करते हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल की फजीहत करवा रही अफसरशाही:CM को बार-बार देनी पड़ रही सफाई; HRTC लगेज किराया, पद समाप्त करने के नोटिफिकेशन से घिरी सरकार
हिमाचल की फजीहत करवा रही अफसरशाही:CM को बार-बार देनी पड़ रही सफाई; HRTC लगेज किराया, पद समाप्त करने के नोटिफिकेशन से घिरी सरकार हिमाचल की अफसरशाही के कारण कांग्रेस सरकार हंसी का पात्र बनी है। ब्यूरोक्रेट्स पहले नोटिफिकेशन करते हैं, फिर अगले दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू को सफाई देनी पड़ती है। बीते एक महीने में 3 ऐसी नोटिफिकेशन के कारण कांग्रेस सरकार ने पूरे देश में छवि खराब हुई है। इससे सियासी गलियारों में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई। चर्चा है कि क्या अफसरशाही जानबूझकर ऐसा कर रही है या संबंधित मंत्री अपने विभागों की कोई अधिसूचना करने से पहले उस पर ध्यान नहीं दे रहे। अब विस्तार से पढ़िए कि किस नोटिफिकेशन की वजह से सरकार की किरकिरी हुई। टॉयलेट टैक्स की नोटिफिकेशन ने पूरे देश में सरकार की छवि को दागदार बनाया पहली नोटिफिकेशन बीते 21 सितंबर को जल शक्ति विभाग ने की। इसमें टॉयलेट शीट पर टैक्स का जिक्र किया गया। हालांकि यह नया टैक्स नहीं था। पूर्व की जयराम सरकार के कार्यकाल में भी 2018 में लगाया था। मगर, हिमाचल की अफसरशाही ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की बेला में जिस तरह यह नोटिफिकेशन कर दी, उससे हिमाचल सरकार का यह नोटिफिकेशन पूरे प्रदेश में चर्चा का कारण बना। इसके बाद CM सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी नेताओं ने हिमाचल के टॉयलेट टैक्स को बड़ा मुद्दा बनाया। HRTC की नोटिफिकेशन से भी किरकिरी इसके बाद हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम (HRTC) ने बीते सप्ताह लगेज पॉलिसी को लेकर नोटिफिकेशन की। इस अधिसूचना के कारण पूरे देश में हिमाचल फिर से चर्चा में आया। इसमें यात्रियों के सामान घरेलू इस्तेमाल के सामान पर किराया लेने की बात कही गई। नोटिफिकेशन मीडिया में आने से पहले विपक्ष के हाथ में लग गई और भाजपा नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। फिर 16 अक्टूबर को रात 9 बजे HRTC प्रबंधन ने एक स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह किराया घरेलू इस्तेमाल की वस्तुओं पर नहीं लिया जाएगा। यात्री अपने साथ 30 किलो तक के बैग को मुफ्त में ले जा सकेंगे। प्रबंधन ने जो चीज कोरिजेंडम में स्पष्ट की, यदि यही उल्लेख पहले नोटिफिकेशन में होता तो सरकार की किरकिरी न होती। मगर स्पष्टीकरण आने तक सोशल मीडिया में सरकार बुरी तरह घिर चुकी थी। अब पद समाप्त पर पटली सरकार अब फाइनेंस डिपार्टमेंट की नोटिफिकेशन से सरकार कि किरकिरी हुई है। इस अधिसूचना के 12 घंटे के भीतर ही सीएम सुक्खू को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी। हालांकि उन्होंने एक दूसरी चिट्टी का जिक्र करते हुए सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का आरोप लगाया। मगर, दूसरी नोटिफिकेशन यदि सरकार ने 23 अक्टूबर को की थी तो उसे भी फजीहत कराने वाली नोटिफिकेशन के साथ मीडिया के साथ साझा क्यों नहीं किया गया। जिस तरह सीएम सुक्खू ने कहा कि, पद समाप्त नहीं किए जा रहे बल्कि कन्वर्ट किए जा रहे हैं। यदि ऐसा है तो इसका जिक्र उस नोटिफिकेशन में नहीं किया गया, जो मीडिया से शेयर की गई। पूर्व मुख्यमंत्री ने सुक्खू सरकार को पलटूराम बताया पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा नोटिफिकेशन की सीरिज हो गई है, जिसे सरकार ने अगले दिन जारी किया, दूसरे दिन वापस लिया। सरकार का कोई भी निर्णय सोच-समझकर नहीं लिया जा रहा है। इससे हास्यस्पद स्थिति प्रदेश में बनी है। उन्होंने सुक्खू सरकार को पलटूराम बताया।