हिमाचल प्रदेश के अर्की के कहडोग गांव की बेटी प्रगति ठाकुर ने भारतीय सेना में शानदार शुरुआत की है। उन्होंने ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी (OTA) चेन्नई में पूरे बैच में पहला स्थान हासिल किया है। प्रगति को 8 मार्च 2025 को आयोजित पासिंग आउट परेड में गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। वह अकादमी में सर्वोच्च पद अकादमी अंडर ऑफिसर (AUO) भी रहीं। प्रशिक्षण के बाद उन्हें 332 आर्टिलरी रेजिमेंट में नियुक्ति मिली है। पासिंग आउट परेड में कुल 157 कैडेट्स शामिल हुए। इनमें 133 पुरुष और 24 महिला कैडेट्स थे। लेफ्टिनेंट जनरल जॉनसन पी. मैथ्यू ने परेड की समीक्षा की। उन्होंने नए अधिकारियों को राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा का संकल्प दिलाया। पिता सेना से ऑनरेरी कैप्टन के पद से रिटार्डेड
प्रगति के पिता बालक राम भारतीय सेना से ऑनरेरी कैप्टन के पद से रिटार्डेड हैं। उनकी माता मीना ठाकुर गृहिणी हैं। प्रगति ने केंद्रीय स्कूल जतोग से 12वीं की पढ़ाई की। फिर संजौली कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा और एसएसबी साक्षात्कार पास किया। बचपन से मेधावी प्रगति अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और चाचा भुवनेश्वर और ताया हीरासिंह ठाकुर को देती हैं। उनकी यह उपलब्धि हिमाचल की युवा महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है। क्षेत्र में उनकी इस सफलता से खुशी की लहर है। हिमाचल प्रदेश के अर्की के कहडोग गांव की बेटी प्रगति ठाकुर ने भारतीय सेना में शानदार शुरुआत की है। उन्होंने ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी (OTA) चेन्नई में पूरे बैच में पहला स्थान हासिल किया है। प्रगति को 8 मार्च 2025 को आयोजित पासिंग आउट परेड में गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। वह अकादमी में सर्वोच्च पद अकादमी अंडर ऑफिसर (AUO) भी रहीं। प्रशिक्षण के बाद उन्हें 332 आर्टिलरी रेजिमेंट में नियुक्ति मिली है। पासिंग आउट परेड में कुल 157 कैडेट्स शामिल हुए। इनमें 133 पुरुष और 24 महिला कैडेट्स थे। लेफ्टिनेंट जनरल जॉनसन पी. मैथ्यू ने परेड की समीक्षा की। उन्होंने नए अधिकारियों को राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा का संकल्प दिलाया। पिता सेना से ऑनरेरी कैप्टन के पद से रिटार्डेड
प्रगति के पिता बालक राम भारतीय सेना से ऑनरेरी कैप्टन के पद से रिटार्डेड हैं। उनकी माता मीना ठाकुर गृहिणी हैं। प्रगति ने केंद्रीय स्कूल जतोग से 12वीं की पढ़ाई की। फिर संजौली कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा और एसएसबी साक्षात्कार पास किया। बचपन से मेधावी प्रगति अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और चाचा भुवनेश्वर और ताया हीरासिंह ठाकुर को देती हैं। उनकी यह उपलब्धि हिमाचल की युवा महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई है। क्षेत्र में उनकी इस सफलता से खुशी की लहर है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
