हिमाचल प्रदेश की वॉलीबॉल टीम के चयन पर विवाद हो गया है। वॉलीबॉल के युवा खिलाड़ी ने टीम के सिलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए है। इंडिया टीम का हिस्सा रहे प्लेयर और दो से तीन-तीन सीनियर नैशनल खेल चुके खिलाड़ी टीम से बाहर किए गए है। हालांकि खेल विभाग टीम चयन में पूरी पारदर्शिता बरतने के दावे रहा है। मगर जिस प्रकार से आरोप मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास पहुंचे युवा खिलाड़ियों ने लगाए है। वह बेहद गंभीर है। वहीं जिला खेल अधिकारी (DSO) अनुराग वर्मा ने बताया कि खिलाड़ियों ने जो आरोप लगाए हैं, उन्हें देख रहे हैं। इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि दोबारा ट्रायल करना है या पहले चुनी जा चुकी टीम ही नेशनल खेलेगी। इसे लेकर कुछ देर में फैसला हो जाएगा।उन्होंने बताया कि कोच सतीश की ड्यूटी कॉर्डिनेशन में लगाई गई थी। उन्होंने आरोप गंभीर है। जरूरी हुआ तो सिलेक्शन को कैंसल कर देंगे, लेकिन इसे लेकर अभी फैसला होना है। वीडियो बनाकर खिलाड़ी ने लगाए गंभीर आरोप विदित नाम के युवा खिलाड़ी ने हिम्मत जुटाकर एक वीडियो बनाया और टीम के चयन में धांधलियों का भंडाफोड़ किया। विदित ने कहता है कि गरीब परिवार के बच्चों को कोई भी खेल नहीं खेलना चाहिए। खासकर वॉलीबॉल तो बिल्कुल भी नहीं। यहां टैलेंट के लिए जगह नहीं है। आखिर में विदित ने कहा, गरीबी हार गई और सिफारिश जीत गई है। चयनकर्ताओं ने टीम में सिर्फ अपने चहेतों को चुना है। इसके बाद सात-आठ अन्य खिलाड़ी खुलकर तो सामने नहीं आए। मगर मुख्यमंत्री से दो बार मिल कर धांधली की शिकायत कर चुके हैं। सीएम ने खिलाड़ियों के साथ न्याय करने का भरोसा दिया है। इस वजह से खेल विभाग अब तक यह तय नहीं कर पाया कि ट्रॉयल दोबारा होंगे या पहले चुनी हुई टीम नैशनल के लिए भेजी जाएगी। 7 जनवरी को जयपुर में वॉलीबॉल का नैशनल खेला जाना है और 4 जनवरी को हिमाचल से टीम जयपुर जाएगी। मगर अब तक चुनी हुई टीम का कैंप तक शुरू नहीं हो सका। क्या बोले कोच सतीश? इसे लेकर जब कोच सतीश से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोच ने टीम का चयन किया है। इनमें अर्जुन अवार्डी संजय फोगाट, अंतरराष्ट्रीय कोच मोहम्मद तारीख, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी एवं इंडियन रेलवे प्लेयर रणधीर चयन समिति में थे। उन्होंने बताया कि वह चयन समिति में नहीं थे। यह जरूर है कि इंदिरा गांधी कॉम्पलेक्स में उनकी पोस्टिंग है। वह व्यवस्था देख रहे थे। उनका कहा उनका बेटा दो जूनियर यूथ नैशनल (खेलो इंडिया), दो ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम खेला हुआ है। इसलिए उठ रहे सवाल हिमाचल की वॉलीबॉल टीम के चयन पर इसलिए सवाल उठ रहे हैं कि क्योंकि चयनकर्ताओं ने इंडिया टीम खेल चुके अक्षय काप्टा को भी टीम से बाहर किया है। अक्षय ऐसे इकलौते खिलाड़ी बताए जा रहे हैं, जिन्होंने हिमाचल की तरफ से प्रो-वॉलीबॉल लीग खेली है। वह 4 सीनियर नैशनल भी खेल चुके हैं। इसी तरह दूसरे खिलाड़ी भी कई कई नैशनल खेल चुके है। 2022 और 2023 में हिमाचल टीम के कैप्टन को भी टीम से बाहर किया गया। हिमाचल प्रदेश की वॉलीबॉल टीम के चयन पर विवाद हो गया है। वॉलीबॉल के युवा खिलाड़ी ने टीम के सिलेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए है। इंडिया टीम का हिस्सा रहे प्लेयर और दो से तीन-तीन सीनियर नैशनल खेल चुके खिलाड़ी टीम से बाहर किए गए है। हालांकि खेल विभाग टीम चयन में पूरी पारदर्शिता बरतने के दावे रहा है। मगर जिस प्रकार से आरोप मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास पहुंचे युवा खिलाड़ियों ने लगाए है। वह बेहद गंभीर है। वहीं जिला खेल अधिकारी (DSO) अनुराग वर्मा ने बताया कि खिलाड़ियों ने जो आरोप लगाए हैं, उन्हें देख रहे हैं। इसके बाद फैसला लिया जाएगा कि दोबारा ट्रायल करना है या पहले चुनी जा चुकी टीम ही नेशनल खेलेगी। इसे लेकर कुछ देर में फैसला हो जाएगा।उन्होंने बताया कि कोच सतीश की ड्यूटी कॉर्डिनेशन में लगाई गई थी। उन्होंने आरोप गंभीर है। जरूरी हुआ तो सिलेक्शन को कैंसल कर देंगे, लेकिन इसे लेकर अभी फैसला होना है। वीडियो बनाकर खिलाड़ी ने लगाए गंभीर आरोप विदित नाम के युवा खिलाड़ी ने हिम्मत जुटाकर एक वीडियो बनाया और टीम के चयन में धांधलियों का भंडाफोड़ किया। विदित ने कहता है कि गरीब परिवार के बच्चों को कोई भी खेल नहीं खेलना चाहिए। खासकर वॉलीबॉल तो बिल्कुल भी नहीं। यहां टैलेंट के लिए जगह नहीं है। आखिर में विदित ने कहा, गरीबी हार गई और सिफारिश जीत गई है। चयनकर्ताओं ने टीम में सिर्फ अपने चहेतों को चुना है। इसके बाद सात-आठ अन्य खिलाड़ी खुलकर तो सामने नहीं आए। मगर मुख्यमंत्री से दो बार मिल कर धांधली की शिकायत कर चुके हैं। सीएम ने खिलाड़ियों के साथ न्याय करने का भरोसा दिया है। इस वजह से खेल विभाग अब तक यह तय नहीं कर पाया कि ट्रॉयल दोबारा होंगे या पहले चुनी हुई टीम नैशनल के लिए भेजी जाएगी। 7 जनवरी को जयपुर में वॉलीबॉल का नैशनल खेला जाना है और 4 जनवरी को हिमाचल से टीम जयपुर जाएगी। मगर अब तक चुनी हुई टीम का कैंप तक शुरू नहीं हो सका। क्या बोले कोच सतीश? इसे लेकर जब कोच सतीश से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोच ने टीम का चयन किया है। इनमें अर्जुन अवार्डी संजय फोगाट, अंतरराष्ट्रीय कोच मोहम्मद तारीख, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी एवं इंडियन रेलवे प्लेयर रणधीर चयन समिति में थे। उन्होंने बताया कि वह चयन समिति में नहीं थे। यह जरूर है कि इंदिरा गांधी कॉम्पलेक्स में उनकी पोस्टिंग है। वह व्यवस्था देख रहे थे। उनका कहा उनका बेटा दो जूनियर यूथ नैशनल (खेलो इंडिया), दो ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम खेला हुआ है। इसलिए उठ रहे सवाल हिमाचल की वॉलीबॉल टीम के चयन पर इसलिए सवाल उठ रहे हैं कि क्योंकि चयनकर्ताओं ने इंडिया टीम खेल चुके अक्षय काप्टा को भी टीम से बाहर किया है। अक्षय ऐसे इकलौते खिलाड़ी बताए जा रहे हैं, जिन्होंने हिमाचल की तरफ से प्रो-वॉलीबॉल लीग खेली है। वह 4 सीनियर नैशनल भी खेल चुके हैं। इसी तरह दूसरे खिलाड़ी भी कई कई नैशनल खेल चुके है। 2022 और 2023 में हिमाचल टीम के कैप्टन को भी टीम से बाहर किया गया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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पेंशनरों ने दी हिमाचल विधानसभा घेराव की चेतावनी:मंडी में बोले- सब्र का बांध टूटा, कई साल से नहीं मिला मेडिकल भत्ता-एरियर भारतीय राज्य पेंशनर्ज महासंघ हिमाचल प्रदेश ने सुक्खू सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंडी में हुई राज्यस्तरीय बैठक में प्रदेश के लभगभ 800 के करीब पेंशनरों ने भाग लिया। उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने पर सरकार को विधान सभा घेराव की चेतावनी दी है। भारतीय महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ब्रह्मानंद ने कहा कि अगर जल्द ही प्रदेश की सुक्खू सरकार पेंशनरों के वित्तीय भत्ते जारी नहीं करती है, तो वह विधानसभा सत्र का घेराव करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि आज पेंशनरों को समय पर पेंशन नहीं मिल रही है, मेडिकल भत्ते सहित एरियर कई वर्षों से लंबित पड़े हैं। सुक्खू सरकार ने किया विश्वासघात- ब्रह्मानंद उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने ओपीएस के नाम पर भी कर्मचारियों को पेंशनरों के साथ सिर्फ विश्वासघात किया है। पेंशनरों के सब्र का बांध टूट चुका है और अब सभी पेंशनर्ज विधानसभा का घेराव करेंगे। उन्होंने कहा कि पेंशनर्ज चाहते हैं कि उन्हें महीने की पहली तारीख में पेंशन मिले पर आधा महीना गुज़र जाता है। तब उन्हें पेंशन मिल रही है। जिसको लेकर पेंशनरों में काफी रोष है। उम्र के इस पड़ाव में वह इस तरह से आंदोलन करने पर मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार जल्द पेंशनरों की मांगों पर गौर नहीं करती है, तो फिर आंदोलन और तेज होगा।
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हिमाचल में पोस्ट-मानसून सीजन में रिकॉर्डतोड़ सूखा:58 दिन से नहीं बरसे बादल; 63% जमीन पर गेंहू की बुवाई नहीं, पर्यटन पर पड़ने लगी मार हिमाचल प्रदेश में पोस्ट-मानसून सीजन में इस बार रिकॉर्ड तोड़ सूखा है। पोस्ट मानसून सीजन में एक अक्टूबर से 28 नवंबर के बीच 42.2 मिलीमीटर नॉर्मल बारिश होती है। मगर इस बार 58 दिन में मात्र 0.9 मिलीमीटर बादल बरसे है। चिंता इस बात की है कि अगले दो सप्ताह तक भी अच्छी बारिश के आसार नहीं है। बीते 58 दिन से 6 जिले सोलन, सिरमौर, कुल्लू, चंबा, हमीरपुर और बिलासपुर में पानी की एक भी बूंद तक नहीं बरसी। अन्य जिलों में भी नाम मात्र की बारिश हुई है। वहीं नवंबर में चार दिन पहले लाहौल स्पीति की ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात जरूर हुआ है। मगर 11 जिलों में नवंबर में एक बूंद भी गिरी। मौसम विभाग के अनुसार, इससे पहले भी दो बार ऐसा हुआ है जब अक्टूबर या फिर नवंबर में पानी की एक बूंद भी न गिरी हो। मगर अक्टूबर और नवंबर लगातार 58 दिन तक ऐसा सूखा नहीं पड़ा। इससे पहले अक्टूबर 2000 और नवंबर 2016 में पूरा महीने पानी की बूंद नहीं बरसी थी। इस साल अक्टूबर में 0.7 मिलीमीटर और नवंबर में लाहौल स्पीति में 0.2 मिलीमीटर बादल बरसे है। प्रदेश में इससे सूखे जैसे हालात पनप गए है। इसकी सबसे ज्यादा मार किसानों-बागवानों के बाद अब पर्यटन कारोबार और पेयजल स्त्रोतो पर भी पड़ने लगी है। परसो बारिश-बर्फबारी के आसार मौसम विज्ञानी शोभित कटियार ने बताया कि मानसून के बाद वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) सक्रिय होने से ही हिमाचल में बारिश होती है। दो महीने में जो WD एक्टिव हुए है, वह कमजोर पड़े है और हिमाचल में बिन बरसे लेह-लद्दाख की ओर गए है। उन्होंने बताया कि 30 नवंबर और एक व 2 दिसंबर को भी अधिक ऊंचे पहाड़ों पर ही बारिश-बर्फबारी का पूर्वानुमान है। अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा। 37% जमीन पर गेंहू की बुवाई कर पाए किसान कृषि विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इस बार मुश्किल से 37 प्रतिशत जमीन पर गेंहू की बुवाई हो गई है। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में गेंहू की बुवाई का उचित समय 1 नवंबर और मैदानी इलाकों में 15 नवंबर को बीत गया है। जाहिर है कि इससे गेंहू के उत्पादन में कमी आएगी। पर्यटन कारोबार पर मौसम की मार बर्फबारी नहीं होने से पर्यटन कारोबार पर भी मार पड़ने लगी है। अमूमन 15 अक्टूबर के बाद ऊंचे पहाड़ों पर बर्फबारी शुरू हो जाती थी। इससे देशभर से पर्यटक बर्फ को देखने की चाहत में पहाड़ों पर पहुंचता था। मगर इस बार अब तक पहाड़ सूखे पड़े है। इससे पर्यटन कारोबारी चिंता में है और बर्फबारी के इंतजार में टकटकी लगाए बैठे हैं। पेयजल योजनाओं पर पड़ रहा असर: अंजू जल शक्ति विभाग की प्रमुख अभियंता अंजू शर्मा ने बताया कि पेयजल योजनाओं पर असर पड़ने लगा है। उन्होंने फील्ड से इसकी रिपोर्ट मांग ली है।
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पंजाब-हिमाचल में उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा:जालंधर में प्रचार करने जाएंगे हरियाणा CM, 38 स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी पंजाब के जालंधर में उपचुनाव के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) के बाद BJP ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। BJP ने AAP छोड़कर आए शीतल अंगुराल को ही टिकट दी है। उन्हीं के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई। वहीं AAP ने इस बार भाजपा को छोड़कर आए मोहिंदर भगत को टिकट दी है। मोहिंदर भगत BJP के पूर्व मंत्री चुन्नी लाल भगत के बेटे हैं। उनकी जालंधर वेस्ट हलके में मजबूत पकड़ है। भाजपा की तरफ से उन्हें टिकट नहीं मिली थी। वहीं, बीजेपी ने उम्मीदवार घोषित करते ही करीब 38 स्टार प्रचारकों की लिस्ट भी जारी की है। जिसमें हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी सहित कई केंद्रीय मंत्रियों के नाम शामिल हैं। BJP स्टार प्रचारकों की लिस्ट… उधर, हिमाचल में भी 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने उम्मीदवारों की घोषणा की है। पार्टी ने हमीरपुर से डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा और नालागढ़ से बावा हरदीप सिंह को प्रत्याशी बनाया है। जबकि देहरा सीट पर टिकट को अभी होल्ड रखा गया है। हमीरपुर में डॉ. पुष्पेंद्र और BJP के आशीष शर्मा में मुकाबला होगा। वहीं, नालागढ़ सीट पर बावा हरदीप सिंह और BJP के केएल ठाकुर में मुकाबला होगा। भगत बोले- शीतल ने लोगों से विश्वासघात किया
टिकट मिलने के बाद AAP उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने कहा- मैं पार्टी का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने मुझ पर यकीन जताया है। शीतल अंगुराल ने लोगों के साथ विश्वासघात किया है, क्योंकि आप के कामों को देखते हुए अंगुराल को लोगों ने वोटें डाली थी। मगर शीतल ने लोगों की सेवा करने के बजाए बीजेपी जॉइन कर ली। अंगुराल बोले- मैं वेस्ट का बच्चा, लोगों को मुझ पर विश्वास
वहीं शीतल अंगुराल ने कहा- मैं वेस्ट का बच्चा हूं और वेस्ट हलका ही मेरा घर है। आम आदमी पार्टी तो कह रही थी कि पार्टी इलाके में आम वर्कर को चुनाव के लिए खड़ा करेगी, मगर उन्होंने मोहिंदर भगत को खड़ा दिया है। भगत तो एक करोड़पति उम्मीदवार हैं। शुक्र है, सीएम ने कोठी किराए पर ले ली है, वर्ना करोड़ों रुपए होटलों में खर्च करने पड़ते। बीजेपी ने उपचुनाव में अपना उम्मीदवार घोषित करते ही स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी कर दी है। 38 प्रचारक जालंधर वेस्ट हलके में चुनाव को लेकर प्रचार करेंगे। जिसमें कई केंद्रीय मंत्री और सीएम शामिल हैं। BJP छोड़ AAP में शामिल हुए थे मोहिंदर भगत
2023 में हुए लोकसभा उपचुनाव के दौरान मोहिंदर भगत BJP छोड़कर AAP में शामिल हुए थे। मोहिंदर भगत ने चंडीगढ़ में AAP का झाड़ू थामा। मोहिंदर के पिता चुन्नी लाल भगत पंजाब BJP का बड़ा चेहरा थे। वह राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। फरवरी 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में BJP ने उन्हें मैदान में उतारा था, जहां उनकी करारी हार हुई। मोहिंदर भगत ने उपचुनाव के दौरान अचानक BJP छोड़ी और आप जॉइन कर ली। वेस्ट हलके की सीट के लिए BJP छोड़ AAP में शामिल हुए रॉबिन सांपला और कोऑर्डिनेटर स्टीवन क्लेयर और जिला योजना कमेटी के चेयरमैन अमृतपाल सिंह के नाम पर भी चर्चा थी, लेकिन AAP ने भगत पर यकीन जताया। शीतल अंगुराल के इस्तीफे के बाद हो रहा उपचुनाव
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 27 मार्च को शीतल अंगुराल भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, लेकिन 29 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने का मन बनाया था। 30 मई को अंगुराल ने अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए स्पीकर को पत्र लिखा था। 3 जून को स्पीकर ने अंगुराल को इस्तीफे पर बातचीत को लेकर बुलाया था। मगर 30 मई को अंगुराल का इस्तीफा मंजूर कर दिया गया। इस पर अंगुराल ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की बात कही थी। दिलचस्प बात यह है कि भगत और अंगुराल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी मैदान में थे। तब मोहिंदर भगत बीजेपी के उम्मीदवार थे और अंगुराल AAP की तरफ से कैंडिडेट थे। इस बार उलट हो गया है। भगत AAP के तो अंगुराल भाजपा के कैंडिडेट हैं। उपचुनाव को लेकर CM मान जालंधर में रहेंगे
जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव के लिए CM भगवंत मान ने जालंधर कैंट इलाके में एक मकान किराए पर लिया है। इसमें CM मान परिवार के साथ शिफ्ट होंगे। आज उनके पार्टी उम्मीदवार की घोषणा हो गई है तो जल्द ही मान नए घर में रहने जा सकते हैं। यह सीट पहले AAP की झोली में ही थी, इसलिए अब पार्टी किसी भी सूरत में इस सीट पर हारने की तैयारी नहीं है। इसी कारण CM मान ने जालंधर में ही रहने का ऐलान किया है। क्योंकि, उक्त सीट पर अब AAP की साख टिकी हुई है। जानकारी के अनुसार CM मान सप्ताह में 3 दिन इसी घर में रहेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि इससे वह दोआबा और मांझा क्षेत्र के नेताओं और लोगों के साथ नजदीकी संपर्क में रहेंगे। पंजाब में विधानसभा की 117 में से 92 सीटें जीती AAP
पंजाब विधानसभा में कुल 117 विधानसभा क्षेत्र हैं। इसका पिछला चुनाव मार्च 2022 में हुआ था। उक्त चुनाव में पार्टी को 92 और कांग्रेस को 18 सीटें मिली थीं। जबकि 7 सीटें अन्य दलों के खाते में गई थीं। आम आदमी पार्टी की तरफ से की घोषणा…